रायपुर। छत्तीसगढ़ लोकसेवा आयोग द्वारा ली जा रही सहायक प्राध्यापक परीक्षा(Assistant Professor Exam) पर फिर से विवादों में घिर गई है। फरवरी में सहायक प्राध्यापक परीक्षा के अभ्यर्थियों का साक्षात्कार है। साक्षात्कार से पूर्व एक अभ्यर्थी ने राज्य लोकसेवा आयोग के अध्यक्ष को पत्र लिखकर जिम्मेदारों की शिकायत की है। अभ्यर्थी ने पत्र लिखकर आरोप लगाया है कि अनुपस्थित अभ्यर्थी को साक्षात्कार में शामिल होने के लिए बुलाया गया है। अभ्यर्थी ने पूरे मामले की निष्पक्ष जांच की मांग की है। अभ्यर्थी का यह पत्र सोशल मीडिया में जमकर वायरल हो रहा है। इस पत्र को बीजेपी नेताओं ने ट्वीट करके राज्य सरकार की चुटकी ली है एवं मामले में निष्पक्ष जांच करने की मांग की है।
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पूर्व मंत्री चंद्राकर ने सीएम को घेरा
पूरे मामले का खुलासा करने वाले अभ्यर्थी का पत्र पूर्व मंत्री अजय चंद्राकर ने सोशल मीडिया में ट्वीट किया है। ट्वीट करते हुए पूर्व मंत्री ने सीएम पर तंज कसा है। पूर्व मंत्री ने ट्वीट में लिखा कि माननीय मुख्यमंत्री जी, छत्तीसगढ़ पीएससी में ये सब किसके मार्गदर्शन और संरक्षण में हो रहा है? इस पर आप कुछ प्रतिक्रिया देना चाहेंगे। पूर्व मंत्री के ट्वीट को बीजेपी नेता रिट्वीट कर रहे हैं।
पीएससी के जिम्मेदारों ने साधी चुप्पी
छात्र के वायरल पत्र को लेकर सीजी पीएससी के जिम्मेदारों ने चुप्पी (Assistant Professor Exam)साध रखी है। पूरे मामले में वे बयानबाजी करने से बच रहे है। पत्रिका टीम ने पीएससी सचिव से मामले में विभाग का पक्ष जानने के लिए फोन किया, लेकिन उन्होंने फोन नहीं उठाया। पीएससी के अन्य जिम्मेदारों ने मामले में वरिष्ठ अधिकारियों से बात करने की बात कही और फोन काट दिया।