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कोरोना वैक्सीन की बर्बादी रोकने के लिए बनाए जा रहे सख्त नियम


कोरोना वैक्सीन के आते ही इसकी बर्बादी का भी बातें सामने आने लगी है। वैक्सीनेशन के साथ अब इसके दुर्पयोग को रोकना भी प्रशासन के लिए चुनौती बन गया है। दुर्ग जिले की अगर बात करें तो पिछले 5 दिनों में 53 डोज खराब(Corona Vaccine waste) हुए थे। फिलहाल औसतन 5 डोज वैक्सीन खराब हो रही है। जिले में रोज 1100 लोगों को वैक्सीन लगाने का लक्ष्य रखा गया है। पहले 5 वैक्सीनेशन सेंटर में शुरुआत हुई थी, अब 11 केंद्रों में कोरोना की वैक्सीन लगाई जा रही है। हाल ही में प्रशासन ने इसे रोकने के लिए कई नियम बनाए हैं।





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वैक्सीन की बर्बादी को रोकने के लिए नियम बनाए जा रहे हैं। अब 10 लोगों की उपस्थिति में ही वैक्सीन खोली जाएगी। जानकारों का कहना है कि वैक्सीनेशन के नियम और सख्त करने चाहिए। दुर्ग में मल्टीडोज वैक्सीन की सप्लाई की गई है। हर पैक में 5 एमएल वैक्सीन होती है। प्रत्येक व्यक्ति को 0.5 एमएल डोज के हिसाब से लगाया जाता है।





1100 लोगों को लग चुका है वैक्सीन(Corona Vaccine waste)





एक वैक्सीन से 10 डोज 10 लोगों को लगाया जाता है। फिलहाल दुर्ग जिले में 41 हजार 20 वैक्सीन की आवश्यकता है। जिसमें से 10 हजार 260 डोज जिले को मिले हैं। 6 दिनों में 1100 हितग्राहियों को वैक्सीन लगाया जा चुका है। कोविन सॉफ्टवेयर के माध्यम से वैक्सीन लगने वाले हितग्राही तक मैसेज एक दिन पहले ही पहुंच रहा है, जिससे वैक्सीन सेंटरों में भीड़ नहीं हो रही है।


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