रायपुर : प्रदेश के 7 डिप्टी कलेक्टरों को IAS अवार्ड (IAS Award to 7 Deputy Collectors) के लिए चुना गया है । इसमें 5 महिला अफसर भी शामिल हैं । केंद्र सरकार के कार्मिक मंत्रालय ने गुरुवार को इसकी अधिसूचना जारी कर दी है । बता दें कि जिन अधिकारियों का नाम आईएस अवार्ड के लिए चुना गया है, उनमें जयश्री जैन, प्रियंका महोबिया, डॉक्टर फरिहा आलम, चंदन संजय त्रिपाठी, रोक्तिमा यादव, तुलिका प्रजापति और दीपक कुमार अग्रवाल का नाम शामिल है। लेकिन अब सरकार के इस फैसले पर सवाल उठने लगे हैं, क्योंकि जिन अफसरों की राज्य सेवा में नियुक्ति की गई है, उनसे जुड़ा मामला कोर्ट में विचाराधीन है ।
दरअसल, छत्तीसगढ़ सरकार ने 21 अफसरों के नाम को केंद्र सरकार को भेजा था। राज्य सरकार ने जिन नामों के पैनल को भेजा था, उनमें 2003 बैच के अधिकारियों के नाम भी शामिल थे ।
कोर्ट में दी गई थी चुनौती
बता दें कि यह वही बैच है जिनकी मैं सूची को कोर्ट में चुनौती दी गई थी । वर्षा डोंगरे ने नियुक्ति को कोर्ट में चुनौती दी थी । जिसके बाद हाईकोर्ट ने भी मेरिट सूची में सुधार किए जाने का आदेश भी दिया था ।
वहीं डिप्टी कलेक्टर संजय चंदन त्रिपाठी व अन्य ने 2016 में हाईकोर्ट के आदेश को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी । तत्पश्चात सुप्रीम कोर्ट ने हाइकोर्ट के आदेश पर स्टे दिया था । फिलहाल यह मामला सुप्रीम कोर्ट में चल ही रहा था । ऐसे में इनके नामों पर मुहर लग जाना प्रशासनिक नियुक्ति पर ही सवाल खड़े कर रहा है ।
नियुक्ति पर हो रहा विवाद
प्रशासनिक हलके में यह सवाल उठ रहा है कि जिन अफसरों की राज्य सेवा में नियुक्ति ही विवादित है, उन्हें IAS कैसे बना दिया गया। तकनीकी पक्ष के जानकार अफसरों का कहना है कि इस मामले में प्रभावित 46 अफसर सर्वोच्च न्यायालय गए थे। सर्वोच्च न्यायालय ने हाईकोर्ट के आदेश पर रोक लगा दिया। इसकी वजह से उनकी अयोग्यता (IAS Award to 7 Deputy Collectors) का कोई मामला नहीं है। अगर सर्वोच्च न्यायालय का अंतिम फैसला इनके खिलाफ आता है तो बात दूसरी होगी।