रायपुर. दंतेवाड़ा के बैलाडीला स्थित लौह अयस्क खदान डिपाजिट-13(Bailadila Iron ore Deposit-13) को लेकर सरकार ने एनसीएल कंपनी से जवाब तलब किया है। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने बैलाडीला लौह अयस्क खदान डिपाजिट-13 के संचालन को लेकर स्थानीय लोगों द्वारा किए जा रहे विरोध के मद्देनजर खनिज विभाग को इस संबंध में भविष्य की योजना तय करने के संबंध में आवश्यक कार्रवाई के निर्देश दिए हैं। इस संबंध में राज्य शासन के खनिज साधन विभाग द्वारा बैलाडीला लौह अयस्क खदान के सुचारू रूप से संचालन के संबंध में (दंतेवाड़ा स्थित फारेस्ट डिवीजन बैलाडीला फारेस्ट रेंज में स्थित लौह अयस्क डिपाजिट-13) एनएमडीसी-सीएमडीसी लिमिटेड (मेसर्स एनसीएल) के मुख्यकार्यपालन अधिकारी को इस प्रकरण को एनसीएल के संचालक मण्डल के समक्ष रखने तथा संचालक मण्डल द्वारा लिए गए निर्णय की जानकारी से राज्य सरकार अवगत कराने को कहा है।
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गौरतलब है कि दंतेवाड़ा स्थित फारेस्ट डिवीजन बैलाडीला फारेस्ट रेंज में स्थित लौह अयस्क डिपाजिट-13(Bailadila Iron ore Deposit-13) के खनिज पट्टा निष्पादन की तिथि से दो वर्ष की अवधि के भीतर कार्य प्रारंभ नहीं होने के कारण खनिज रियायत नियम 2016 के नियम 20(3) के तहत व्यपगत की श्रेणी में आ चुका है।
सीईओ के खिलाफ मामला दर्ज
गौरतलब है कि बिना अनुमति खदान इलाकों में पेड़ों की कटाई के कारण एनसीएल के सीईओ के विरूद्ध वन विभाग द्वारा वन्य प्राणी अधिनियम के तहत मामला भी दर्ज हो चुका है। कलेक्टर दंतेवाड़ा द्वारा भी एनएमडीसी द्वारा वन स्वीकृति के लिए कराए गए ग्राम सभा को शून्य घोषित किया जा चुका है। बैलाडीला लौह अयस्क निक्षेप कमांक-13 राज्य शासन के लिए महत्वपूर्ण परियोजना है। इसके संचालन केलिए त्वरित कार्यवाही नहीं होने से राज्य शासन को बहुत बड़ी राजस्व की हानि हो रही है तथा राज्य के अंतर्गत स्थापित उद्योगों को लौह अयस्क की कमी से जूझना पड़ रहा है।