बिलासपुर जिले (Bilaspur district) से एक बार फिर शर्मनाक घटना सामने आई है। जानकारी के मुताबिक जिले के सिटी कोतवाली थाना क्षेत्र के इमलीपारा इलाके (Imlipara area) में रिक्शे से घर लौट रही एक दिव्यांग युवती के साथ दो युवकों ने दुष्कर्म की वारदात (rape with physically disabled woman in bilaspur) को अंजाम दिया है।

पीड़िता के मुताबिक युवकों ने उसे जबरदस्ती पकड़कर बाइक पर बैठाया और शनिचरी नदी के रपटे की तरफ ले गए। जहां उन्होंने उसके साथ दुष्कर्म की वारदात को अंजाम (rape with physically disabled woman ) दिया। फिलहाल शिकायत के बाद पुलिस ने दोनों आरोपियों के खिलाफ केस दर्ज कर लिया है। वहीं आरोपियों की तलाश अभी जारी है।
पुलिस के मुताबिक युवती दिव्यांग है और आजीविका चलाने के लिए एक कपड़ा दुकान में काम करती है। 13 दिसंबर की रात लगभग 8 बजे वो ड्यूटी से वापस अपने घर जा रही थी। इसी दौरान इमलीपारा मोड़ पर दो युवकों ने रिक्शे को रोककर पहले तो चालक से मारपीट की और फिर जबरदस्ती युवती को बाइक में बिठाकर शनिचरी रपटा ले गए। जहां दुष्कर्म की घटना को अंजाम देने के बाद दोनों युवक मौके से फरार हो गए।

सरगुजा संभाग में फिर एक 13 साल की नाबालिग हुई दुष्कर्म की शिकार, 2 लड़कों ने अपहरण कर किया गैंगरेप
युवती ने बताया कि वारदात को अंजाम देने के बाद युवकों ने उसे अपना मुंह बंद रखने और पुलिस से शिकायत करने पर जान से मारने की धमकी दी थी। फिलहाल पुलिस ने अज्ञात आरोपियों के खिलाफ केस दर्ज कर लिया है। साथ ही आरोपियों की तलाश जारी है।

छत्तीसगढ़ में लगातार दुष्कर्म की वारदात बढ़ती जा रही है। प्रदेश में रोजाना दुष्कर्म के मामले सामने आ रहे हैं। छत्तीसगढ़ पुलिस (Chhattisgarh Police) के ताजा आंकड़ों के मुताबिक प्रदेश में हर रोज रेप की 6 से ज्यादा घटनाएं हो रही है। बीते दिनों ही राजधानी रायपुर में पिता पर 7 साल की मासूम बच्ची से रेप का आरोप लगा है।
तमंचे के बल पर राष्ट्रीय एथलीट से दुष्कर्म, अश्लील फोटो वायरल करने की दी धमकी
पीड़िता की मां ने शिकायत दर्ज कराई है। फिलहाल पुलिस ने आरोपी पिता को गिरफ्तार कर लिया है। वहीं सरगुजा जिले के सीतापुर में एक 13 साल की नाबालिग का किडनैप (Minor’s kidnap) कर 2 नाबालिगों आरोपियों ने गैंगरेप की वारदात (Gang rape incident) को अंजाम दिया था।
पुलिस और कोर्ट तक नहीं पहुंच पाते कई केस
नेशनल क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो के मुताबिक भारत में महिलाओं के साथ होने वाली हिंसा और रेप के मामले बहुत बार पुलिस और कोर्ट तक पहुंच ही नहीं पाते हैं। कोर्ट में मामला जाने के बाद भी पीड़िताओं को इंसाफ के लिए लम्बी लड़ाई लड़नी पड़ती है।NCRB के आंकड़ों के मुताबिक साल 2018 के अंत तक छत्तीसगढ़ में महिलाओं के उत्पीड़न से संबंधित 23 हजार 317 केस लंबित थे।