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Rule Change: एटीएम ही नहीं, UPI से भी निकाल सकेंगे PF का पैसा, इमरजेंसी के समय तुरंत पैसा मिलेगा

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नई दिल्ली. EPFO मेंबर्स जल्द ही UPI और ATM से PF का पैसा निकाल सकेंगे। इसकी लिमिट एक लाख रुपए तक रहेगी। इस साल मई के आखिरी या जून की शुरुआत तक यह सुविधा शुरू होने की उम्मीद है। श्रम एवं रोजगार मंत्रालय की सचिव सुमिता डावरा ने बुधवार को यह जानकारी दी।


उन्होंने बताया कि इसके लिए कर्मचारियों को डेबिट कार्ड की तरह EPFO विड्रॉल कार्ड दिया जाएगा। इससे वे ATM से तुरंत पैसे निकाल सकेंगे। UPI के जरिए यूजर्स अपना PF बैलेंस भी चेक कर पाएंगे। अभी EPFO मेंबर्स को ऑनलाइन क्लेम की प्रोसेस में 2 हफ्ते तक लगते हैं।

इसका मकसद प्रोसेस को आसान बनाना है

सुमिता डावरा के अनुसार इस विस्तार का मकसद देश के वर्कफोर्स को ज्यादा से ज्यादा फाइनेंशियल फ्लेक्सिबिलिटी देना है।
EPFO ने निकासी को आसान बनाने के लिए 120 से ज्यादा डेटाबेस को इंटीग्रेट करके अपने डिजिटल इंफ्रास्ट्रक्चर में सुधार किया है।
क्लेम की प्रक्रिया का समय घटाकर केवल तीन दिन कर दिया गया है। अब 95% दावे ऑटोमेटेड हैं और आगे भी सुधार किए जाने की योजना है।

EPFO ने देशभर में लागू की केंद्रीकृत पेंशन भुगतान प्रणाली

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 EPFO : श्रम मंत्रालय के अनुसार, ईपीएफओ ने देशभर में अपने सभी क्षेत्रीय कार्यालयों में सेंट्रलाइज्ड पेंशन पेमेंट्स सिस्टम (सीपीपीएस) का रोलआउट पूरा कर लिया है, जिससे 68 लाख से अधिक पेंशन पाने वालों को लाभ मिलेगा। मंत्रालय द्वारा हाल ही में दी गई जानकारी के अनुसार, सेंट्रलाइज्ड पेंशन पेमेंट्स सिस्टम पुराने पेंशन वितरण सिस्टम से अलग एक विकेंद्रीकृत सिस्टम है। इस नए सिस्टम के तहत ईपीएफओ का प्रत्येक क्षेत्रीय/क्षेत्रीय कार्यलय केवल 3 से 4 बैंक के साथ अलग-अलग समझौतों को बनाए रखेगा।


किसी भी बैंक से पेंशन निकाल सकेंगे

इस नए सिस्टम के साथ लाभार्थियों को सुविधा मिलेगी कि वे किसी भी बैंक से पेंशन निकाल सकेंगे। साथ ही पेंशन शुरू होने के समय वेरिफिकेशन के लिए लाभार्थी को बैंक जाने की जरूरत नहीं होगी और राशि जारी होने के तुरंत बाद जमा कर दिया जाएगा।

पेंशनभोगियों के लिए राहत

मंत्रालय द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार, जनवरी 2025 से सीपीपीएस पूरे भारत में पेंशन का वितरण सुनिश्चित करेगा और पेंशन पेमेंट ऑर्डर (पीपीओ) को एक कार्यालय से दूसरे कार्यालय में ट्रांसफर करने की जरूरत नहीं होगी। सरकार द्वारा उठाया जा रहा यह कदम उन पेंशनभोगियों के लिए राहत भरा होगा, जो रिटायरमेंट के बाद अपने होमटाउन चले जाते हैं और वहीं, आगे का जीवन गुजर-बसर करते हैं।

सफल क्रियान्वयन की घोषणा करते हुए केंद्रीय मंत्री मनसुख मांडविया ने कहा, “ईपीएफओ के सभी क्षेत्रीय कार्यालयों में सीपीपीएस का पूर्ण पैमाने पर कार्यान्वयन एक ऐतिहासिक मील का पत्थर है। यह परिवर्तनकारी पहल पेंशनभोगियों को देश में कहीं भी, किसी भी बैंक, किसी भी शाखा से अपनी पेंशन को सहजता से प्राप्त करने में सक्षम बनाती है।”

ईपीएस पेंशनभोगियों को लगभग 11 करोड़ रुपये का पेंशन वितरित किया गया

मंत्रालय के एक बयान के अनुसार, “सीपीपीएस का पहला पायलट प्रोजेक्ट पिछले साल अक्टूबर में करनाल, जम्मू और श्रीनगर क्षेत्रीय कार्यालयों में पूरा हो गया था, जिसमें 49,000 से अधिक ईपीएस पेंशनभोगियों को लगभग 11 करोड़ रुपये का पेंशन वितरित किया गया था।”

दूसरा पायलट प्रोजेक्ट नवंबर में 24 क्षेत्रीय कार्यालयों में शुरू किया गया, जहां 9.3 लाख से अधिक पेंशनभोगियों को लगभग 213 करोड़ रुपये पेंशन वितरित की गई।

आधिकारिक जानकारी के अनुसार, दिसंबर 2024 के लिए ईपीएफओ के सभी 122 पेंशन वितरण क्षेत्रीय कार्यालयों से जुड़े 68 लाख से अधिक पेंशन प्राप्तकर्ताओं को लगभग 1,570 करोड़ रुपये की पेंशन बांटी गई है।

EPFO का बड़ा कदम, GIS स्‍कीम कटौती बंद, बढ़ जाएगी हर महीने हाथ आने वाली सैलरी

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 EPFO: कर्मचारियों के लिए बड़ी खबर है। कर्मचारियों के हाथ आने वाली हर महीने की सैलरी बढ़ सकती है। ये फायदा सिर्फ उन कर्मचारियों को होगा जिन्होंने 1 सितंबर 2013 के बाद ज्वाइन किया है। कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) ने 1 सितंबर 2013 के बाद जॉब में शामिल होने वाले सरकारी कर्मचारियों के लिए समूह बीमा योजना (GIS) के तहत कटौती को तत्काल प्रभाव से बंद करने का फैसला किया है। ईपीएफओ ने 21 जून 2024 को एक सर्कूलर में कहा कि 1 सितंबर 2013 के बाद ईपीएफओ में शामिल होने वाले सभी कर्मचारियों के वेतन से GIS के तहत कटौती को तुरंत बंद करने का निर्देश दिया गया है।


सिर्फ ऐसे कर्मचारियों पर पड़ेगा असर

इस निर्णय से सभी सरकारी कर्मचारी प्रभावित नहीं होंगे। इस सर्कुलर का प्रभाव उन सरकारी कर्मचारियों तक सीमित है जो 1 सितंबर 2013 के बाद सेवा में शामिल हुए हैं। अगर एक्सपर्ट के माने तो 1 सितंबर 2013 के बाद ईपीएफओ में शामिल होने वाले कर्मचारी अब GIS के तहत कवर नहीं होंगे और उनके वेतन से पहले से की गई कोई भी कटौती उन्हें वापस कर दी जाएगी। प्रभावित होने वाले सरकारी कर्मचारियों को फायदा होगा क्योंकि उनकी सैलरी बढ़ जाएगी। विशेषज्ञों का कहना है कि जिन सरकारी कर्मचारियों के लिए GIS बंद कर दिया गया है, उनकी नेट इन-हैंड सैलरी बढ़ सकती है।

बढ़ जाएगी हाथ आने वाली सैलरी

GIS के तहत कटौती बंद करने से वास्तव में टेक-होम वेतन में बढ़ोतरी हो जाएगी। पहले GIS को निधि देने के लिए कर्मचारियों के वेतन के अनुसार उनके मासिक वेतन से कटौती की जाती थी। यह योजना अभी सिर्फ 1 सितंबर 2013 के बाद ज्वाइन करने वाले कर्मचारियों पर ही लागू है। इससे ऐसे कर्मचारियों की नेट-इन-हैंड सैलरी बढ़ जाएगी।

EPF ने बदल दिया पैसे निकालने को लेकर नियम, अब इतने रुपये निकाल पाएंगे आप

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 नई दिल्ली : अगर कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPF ) के कर्मचारी हैं तो ये खबर आपके काम की है। दरअसल, ईपीएफओ ने फॉर्म 31 के पैरा 68J के तहत निकासी की मौजूदा लिमिट को ₹50000 से बढ़ाकर अब ₹1 लाख कर दिया है। इस संबंध में 16 अप्रैल को ईपीएफओ ने एक सर्कुलर जारी किया था।


पेंशन फंड निकाय ने 10 अप्रैल, 2024 को एप्लिकेशन सॉफ्टवेयर में भी बदलाव किए हैं। ईपीएफओ सर्कुलर में बताया गया है कि इसे केंद्रीय भविष्य निधि आयुक्त (सीपीएफसी) से पहले ही हरी झंडी मिल चुकी है।

बता दें कि कई मकसद के लिए फॉर्म 31 के जरिए ईपीएफ आंशिक निकासी की अनुमति है। इन मकसद में शादी से लेकर ऋण चुकाना और फ्लैट खरीदने से लेकर घर का निर्माण तक शामिल हैं।

पैरा 68J की बात करें तो इसके तहत ग्राहक या परिवार के सदस्य की बीमारी के इलाज के लिए कर्मचारी भविष्य निधि (ईपीएफ) खाते से एडवांस का दावा किया जा सकता है। इसके तहत पहले 50,000 रुपये की निकासी होती थी, जो अब बढ़कर 1 लाख रुपये हो गई है।

इस सुविधा के लाभ के लिए फॉर्म 31 सब्मिट करना होगा। इस फॉर्म के साथ सर्टिफिकेट C जमा करना होगा जिसमें कर्मचारी और डॉक्टर दोनों के हस्ताक्षर अनिवार्य है। हाल ही में ईपीएफओ ने एक नौकरी से दूसरी नौकरी में ईपीएफ खाते की शेष राशि के ऑटोमैटिक ट्रांसफर को सक्षम किया है।

इस कदम से स्वास्थ्य देखभाल खर्चों के बोझ से जूझ रहे ईपीएफ सब्सक्राइबर्स को राहत मिलने की उम्मीद है। बता दें कि मेडिकल ट्रीटमेंट के लिए आम लोगों के खर्च को देखते हुए कई बैंक और फिनटेक कंपनियां भी तरह-तरह के कदम उठा रही हैं।


EPFO ने उच्च वेतन पर पेंशन के संबंध में आवेदन जमा करने की तारीख बढ़ाई

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नई दिल्ली : कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) ने कर्मचारी पेंशन योजना (EPS) सदस्यों को अधिक पेंशन के लिए आवेदन करने की समयसीमा को आगे बढ़ा दिया है. अब योग्य ईपीएस सदस्य हायर पेंशन के लिए 26 जून 2023 तक आवेदन कर सकेंगे. इससे आवेदन के मोर्चे पर कई समस्याओं और स्पष्टीकरण न मिलने से परेशान थे, लेकिन अब उन्हें राहत मिली है. बता दें कि बीते दिन ईपीएस सदस्यों की मांग पर ईपीएफ बोर्ड में पब्लिक सेक्टर के प्रतिनिधि अतुल सोबती ने सेंट्रल पीएफ कमिश्नर को चिट्ठी लिखकर डेडलाइन आगे बढ़ाने को कहा था.


ईपीएफओ ने हायर पेंशन आवेदन के लिए दूसरी बार डेडलाइन बढ़ाई है. इससे पहले आवेदन की तिथि 3 मार्च थी, जिसे बढ़ाकर 3 मई 2023 किया गया था और अब इसे 26 जून 2023 तक के लिए बढ़ा दिया गया है. बता दें कि सबसे पहले मामले में सुप्रीम कोर्ट ने फैसले की तारीख 4 नवंबर 2022 से चार महीने की समयसीमा तय की थी जो 3 मार्च 2023 थी. हालांकि, ईपीएफओ द्वारा सुप्रीम कोर्ट के आदेश को लागू करने में देरी हुई. क्योंकि, पात्र सदस्यों को ऑनलाइन आवेदन की सुविधा 20 फरवरी को डेडलाइन खत्म होने से कुछ दिन पहले आई थी.

ईवाई इंडिया की पीपुल एडवाइजरी सर्विसेज के के पार्टनर पुनीत गुप्ता कहते हैं कि यह बहुत ही स्वागत योग्य कदम है. ईपीएफओ ने हायर पेंशन आवेदन दाखिल करने के लिए समयसीमा को 26 जून 2023 तक बढ़ा दिया है. हालांकि, यह अब भी मुद्दा बना हुआ है कि क्या होगा यदि नियोक्ता के पास कर्मचारी के पिछले रोजगार की पूरी अवधि के लिए वेतन डिटेल्स नहीं हैं? वहीं, ईपीएफओ को यह भी स्पष्ट करना होगा कि बढ़ी हुई समयसीमा केवल कर्मचारी को आवेदन दाखिल करने के लिए है या नियोक्ता के अनुमोदन के लिए भी लागू होगी.


इससे पहले स्टैंडिंग कांफ्रेंस ऑफ पब्लिक एंटरप्राइजेज (SCOPE) के महानिदेशक और ईपीएफओ के केंद्रीय न्यासी बोर्ड में पब्लिक सेक्टर इंटरप्राइजेज के प्रतिनिधि अतुल सोबती ने केंद्रीय भविष्य निधि आयुक्त नीलम शमी राव को पत्र लिखकर पेंशन फंड मैनेजर से हायर पेंशन के लिए ऑनलाइन ज्वाइंट ऑप्शन फॉर्म की अंतिम तिथि कम से कम एक महीने के लिए बढ़ाने को कहा था. चिट्ठी में सोबती ने ईपीएस सदस्यों की समस्याओं का जिक्र करते हुए कहा था कि ईपीएफओ ने डॉक्यूमेंट को लेकर विवादास्पद क्लॉज के बारे में कोई स्पष्टीकरण जारी नहीं किया है, न ही इसे ऑनलाइन फॉर्म से हटाया है, भले ही केरल हाईकोर्ट ने 12 अप्रैल को 10 दिनों के भीतर क्लॉज हटाने के निर्देश दिए हों. इस संबंध में सोबती ने ईपीएफओ से पैरा 26(6) के तहत पूर्व अनुमति देने की आवश्यकता पर स्पष्टीकरण मांगा था.


EPFO ने खाताधारकों को दी खुशखबरी, PF पर बढ़ा दिया ब्याज, जानें कितना मिलेगा फायदा?

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पिछले साल ईपीएफओ ने 2021-22 के लिए ब्याज दर 8.1 फीसदी घोषित की थी, जो 40 साल में सबसे कम थी। पिछली बार 1977-78 में ब्याज दर गिरकर 8 फीसदी पर आ गई थी।

नई दिल्ली। कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) ने मंगलवार को अपनी बैठक में कर्मचारी भविष्य निधि (EPF) पर 2022-23 के लिए 8.15 प्रतिशत की ब्याज दर तय की है। मार्च 2022 में ईपीएफओ ने अपने करीब पांच करोड़ अंशधारकों के लिए 2021-22 के लिए ईपीएफ पर ब्याज दर को घटाकर चार दशक के निचले स्तर 8.1 प्रतिशत कर दिया था। यह 2020-21 में 8.5 प्रतिशत था। यह 1977-78, के बाद सबसे कम था, जब ईपीएफ ब्याज दर 8 प्रतिशत थी।

EPFO के केंद्रीय न्यासी बोर्ड ने लिया ब्याज दरों में बढ़ोतरी का फैसला

कर्मचारी भविष्य निधि संगठन के निर्णय लेने वाले शीर्ष निकाय केंद्रीय न्यासी बोर्ड (CBT) ने मंगलवार को अपनी बैठक में 2022-23 के लिए ईपीएफ पर 8.15 प्रतिशत ब्याज देने का फैसला किया है। सीबीटी ने 2020-21 के लिए ईपीएफ जमा पर 8.5 प्रतिशत ब्याज दर का फैसला मार्च 2021 में किया था।

पिछले वर्षों में ईपीएफओ ने अंशधारकों को कितना ब्याज दिया?

ईपीएफओ ने मार्च 2020 में 2019-20 के लिए भविष्य निधि जमा पर ब्याज दर को घटाकर सात साल के निचले स्तर 8.5 प्रतिशत कर दिया था, जो 2018-19 के लिए 8.65 प्रतिशत था। ईपीएफओ ने 2016-17 में अपने अंशधारकों को 8.65 प्रतिशत और 2017-18 में 8.55 प्रतिशत ब्याज दिया था। 2015-16 में ब्याज दर 8.8 प्रतिशत थी। ईपीएफओ ने 2013-14 और 2014-15 में 8.75 प्रतिशत ब्याज दिया था जो 2012-13 के 8.5 प्रतिशत से अधिक थी। 2011-12 में ब्याज दर 8.25 प्रतिशत थी।

सरकार से अनुमोदन मिलने के बाद खातों में जमा किया जाएगा ब्याज

सीबीटी के निर्णय के बाद ईपीएफ जमा सीबीटी के फैसले के बाद 2022-23 के लिए ईपीएफ जमा पर ब्याज दर को सहमति के लिए वित्त मंत्रालय के पास भेजा जाएगा। सरकार से अनुमोदन मिलने के बाद वर्ष 2022-23 के लिए ईपीएफओ में जमा राशि पर ब्याज पांच करोड़ से अधिक उपभोक्ताओं के खातों में जमा कर दिया जाएगा।

कैसे निर्धारित किया जाता है ईपीएफओ का ब्याज?

कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) प्रोविडेंट फंड खातों में जमा होने वाले पैसों का कई जगह पर निवेश करता है। इस निवेश से होने वाली कमाई का एक हिस्सा वह ब्याज के रूप में उपभोक्ता को देता है। ईपीएफओ अपने कुल निवेश का 85% हिस्सा डेट ऑप्शंस में निवेश करता है। इसके तहत सरकारी सिक्योरिटीज और बॉन्ड्स आते हैं। इस मद में करीब 36,000 करोड़ रुपए का निवेश होता है। वही बचे हुए 15% हिस्से को इक्विटी शेयरों में निवेश किया जाता है। इन्हीं निवेश पर हुई कमाई के आधार पर PF का ब्याज निर्धारित किया जाता है।

खुशखबरी ! EPFO ने उच्च वेतन पर पेंशन से संबंधित आवेदन की तारीख बढ़ाई

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नई दिल्ली। सर्वोच्च न्यायालय ने यह निर्णय दिया था कि जो कर्मचारी 1 सितंबर 2014 से पहले सेवानिवृत्त हुए हैं और जिन्होंने अपनी सेवानिवृत्ति से पहले पैरा 11(3) के तहत विकल्प का चयन किया था, वे उच्च वेतन पर पेंशन के पात्र होंगे। इस संदर्भ में दिनांक 29 दिसम्बर 2022 एवं 5 जनवरी 2023 के परिपत्र के जरिए फील्ड कार्यालयों को निर्देश जारी किए गए थे।


दिनांक 1 सितंबर 2014 से पहले सेवानिवृत्त होने वाले और अपनी सेवानिवृत्ति से पहले संयुक्त विकल्प का चयन वाले कर्मचारियों को दिनांक 3 मार्च 2023 तक ईपीएफओ की वेबसाइट पर संयुक्त विकल्पों के सत्यापन हेतु आवेदन जमा करने की ऑनलाइन सुविधा उपलब्ध कराई गई थी।

अब कर्मचारियों/नियोक्ताओं से जुड़े संगठनों की मांग पर, केन्द्रीय न्यासी बोर्ड के अध्यक्ष ने ऐसे कर्मचारियों द्वारा संयुक्त विकल्पों के सत्यापन हेतु आवेदन जमा करने की तारीख 3 मई 2023 तक बढ़ा दी है।

ईपीएफओ दिसंबर तक PF खाते में एकमुश्त जमा करेगा ब्याज की राशि

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कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) निजी क्षेत्र में का करने वाले कर्मचारियों के लिए तोहफा लेकर आया है। जल्द ही या इस दिसंबर माह तक ही ईपीएफओ करीब 19 करोड़ कर्मचारियों को PF खाते में ब्याज की रकम एक साथ जमा कर सकता है।





पीएम मोदी सहित सीएम बघेल ने सोनिया गांधी को दी जन्मदिन की बधाई





ईपीएफओ ने दिवाली के पहले वित्त वर्ष 2019-20 के लिए 8.5 फीसदी की दर से ब्याज देने का फैसला किया था। कर्मचारियों के पीएफ खाते में ब्याज का यह पैसा दो किस्तों में डाला जाना था। ब्याज की 8.15 फीसदी रकम दिवाली के समय ही कर्मचारियों के खातों में भेजे जाने थे, जो अभी तक नहीं डाले जा सके हैं और दूसरी किस्त के रूप 0.35 फीसदी रकम दिसंबर के आखिर तक भेजा जाना था। जिसे अब एक साथ डाले जाने की तैयारी की जा रही है। ईपीएफओ के केंद्रीय न्यासी बोर्ड (CBT) ने सितंबर में कोविड 19 की वजह से पीएफ खाते में जमा रकम पर अर्जित ब्याज दो किस्तों में डालने की घोषणा की थी।





मंत्रालय से मंजूरी मिलने का इंतजार





ईपीएफओ वित्त मंत्रालय की ओर से मंजूरी मिलने का इंतजार कर रहा है। मिली जानकारी के अनुसार बाजार में तेजी की वजह से तीन महीने पहले लगाए अनुमान के मुकाबले ईपीएफओ के पास दोगुनी अधिशेष रकम जमा हो गई है।





वित्त मंत्रालय को भेजी चिट्ठी





कर्मचारियों को ब्याज की रकम का भुगतान करने के संबंध में केंद्रीय श्रम एवं रोजगार मंत्रालय ने वित्त मंत्रालय को चिट्ठी लिखी है। इसमें 19 करोड़ खाताधारकों को 8.5 फीसदी ब्याज भुगतान करने की बात कही गई है। हालांकि, मंत्रालय की ओर से फिलहाल कोई जवाब नहीं आया है।






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