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गायत्री मंत्र मानव जीवन को ऊर्जावान और संस्कारित बनाते हैं: मुख्यमंत्री विष्णु देव साय

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मुख्यमंत्री हसौद में 251 कुण्डीय गायत्री महायज्ञ में हुए शामिल

मुख्यमंत्री कन्या विवाह योजना के अंतर्गत 140 नवविवाहित जोड़ों को दिया आशीर्वाद

रायपुर- मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय आज सक्ती जिले के ग्राम हसौद में आयोजित भव्य 251 कुण्डीय गायत्री महायज्ञ में शामिल हुए। मुख्यमंत्री ने इस आयोजन को आध्यात्मिक एकता, सामाजिक सद्भाव और सांस्कृतिक गौरव का अद्भुत संगम बताया। उन्होंने कहा कि “मां महामाया की पावन भूमि हसौद में 251 कुंडों में एक साथ सम्पन्न हो रहा यह महायज्ञ छत्तीसगढ़ की आध्यात्मिक परंपरा को नई ऊंचाई देता है।”

मुख्यमंत्री  साय ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में सनातन संस्कृति को विश्व पटल पर नई पहचान मिली है। उन्होंने कहा—“500 वर्षों के बाद अयोध्या में भव्य श्रीराम मंदिर का निर्माण हुआ, काशी विश्वनाथ धाम का कायाकल्प हुआ। छत्तीसगढ़ तो स्वयं भगवान श्रीराम का ननिहाल है—माता कौशल्या की पावन भूमि है।” उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार द्वारा सभी वर्गों की उन्नति और कल्याण के लिए अनेक जनकल्याणकारी योजनाएँ संचालित की जा रही हैं। रामलला दर्शन योजना का उल्लेख करते हुए उन्होंने बताया कि इसके माध्यम से अब तक 38 हजार से अधिक श्रद्धालुओं ने अयोध्या में प्रभु श्रीरामलला का दर्शन किया है।

मुख्यमंत्री साय ने कहा कि गायत्री मंत्र के 24 अक्षर 24 सिद्धियों और शक्तियों के प्रतीक हैं, जो मानव जीवन को ऊर्जा, सदाचार और आध्यात्मिक शक्ति प्रदान करते हैं। कार्यक्रम के दौरान देव संस्कृति विश्वविद्यालय, शांतिकुंज हरिद्वार के कुलपति डॉ. चिन्मय पण्डया ने मुख्यमंत्री का सम्मान करते हुए उन्हें अभिनंदन पत्र भेंट किया।

इस अवसर पर कौशल विकास एवं तकनीकी शिक्षा मंत्री गुरु खुशवंत साहेब सहित अनेक जनप्रतिनिधि उपस्थित थे। साथ ही देशभर से आए अखिल विश्व गायत्री परिवार के प्रतिनिधि और बड़ी संख्या में श्रद्धालु उपस्थित थे।

140 नवविवाहित जोड़ों को दिया आशीर्वाद – कन्या विवाह योजना के अंतर्गत प्रोत्साहन राशि प्रदान

मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने मुख्यमंत्री कन्या विवाह योजना के अंतर्गत हसौद में परिणय-सूत्र में बंधने वाले 140 नवविवाहित जोड़ों को शुभकामनाएँ और आशीर्वाद दिया। 

जैतखाम में पूजा-अर्चना कर प्रदेशवासियों की सुख-समृद्धि की कामना

मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने हसौद प्रवास के दौरान जैतखाम पहुँचकर विधि-विधानपूर्वक पूजा-अर्चना की। उन्होंने प्रदेशवासियों की सुख-समृद्धि, शांति, कल्याण एवं निरंतर प्रगति की कामना की।

मुख्यमंत्री साय ने कहा कि बाबा गुरु घासीदास जी के सत्य, अहिंसा, समानता, सामाजिक समरसता तथा ‘मनखे-मनखे एक समान’ के संदेश हमें समाज में सद्भाव और एकता का मार्ग दिखाते हैं। उन्होंने जनसमूह से आह्वान किया कि इन आदर्शों को आत्मसात कर विकसित छत्तीसगढ़ के निर्माण में सक्रिय योगदान दें।

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आज संयुक्त राज्य अमेरिका के राष्ट्रपति महामहिम डोनाल्ड ट्रम्प से बातचीत की।

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दोनों नेताओं ने भारत–अमेरिका द्विपक्षीय संबंधों में हो रही सतत प्रगति की समीक्षा की और क्षेत्रीय तथा वैश्विक मुद्दों पर विचारों का आदान-प्रदान किया।

प्रधानमंत्री मोदी और राष्ट्रपति ट्रम्प ने पुनः पुष्टि की कि भारत और अमेरिका वैश्विक शांति, स्थिरता और समृद्धि को आगे बढ़ाने के लिए निकटता से साथ काम करना जारी रखेंगे।

पोस्ट में, मोदी ने लिखा:

“राष्ट्रपति ट्रम्प के साथ बहुत ही गर्मजोशीपूर्ण और सार्थक बातचीत हुई। हमने अपने द्विपक्षीय संबंधों की प्रगति की समीक्षा की और क्षेत्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय विकासों पर चर्चा की। भारत और अमेरिका वैश्विक शांति, स्थिरता और समृद्धि के लिए मिलकर कार्य करते रहेंगे।”


“राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु का मणिपुर में नागरिक अभिनंदन, विकास परियोजनाओं का शिलान्यास और उद्घाटन”

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भारत की राष्ट्रपति,द्रौपदी मुर्मु ने आज (11 दिसंबर, 2025) इम्फाल स्थित सिटी कन्वेंशन सेंटर में मणिपुर सरकार द्वारा उनके सम्मान में आयोजित नागरिक अभिनंदन समारोह में भाग लिया। इस अवसर पर उन्होंने कई विकासात्मक परियोजनाओं का शिलान्यास और उद्घाटन भी किया।

सभा को संबोधित करते हुए राष्ट्रपति ने कहा कि मणिपुर दृढ़ता, साहस और अद्वितीय सांस्कृतिक समृद्धि की भूमि है। यहां के लोगों ने पीढ़ियों से खेल, सशस्त्र बल, कला और संस्कृति तथा लोक-सेवा सहित विभिन्न क्षेत्रों में महत्वपूर्ण योगदान देकर राष्ट्र को समृद्ध किया है।

राष्ट्रपति ने कहा कि वह मणिपुर के लोगों द्वारा हाल की दुर्भाग्यपूर्ण हिंसा के कारण झेले गए दर्द से भली-भांति अवगत हैं। उन्होंने आश्वस्त किया कि मणिपुर के लोगों की चिंताओं का समाधान करना सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार सामंजस्य को मजबूत करने, सुरक्षा सुनिश्चित करने और मणिपुर को स्थिरता और समृद्धि की दिशा में आगे बढ़ाने के लिए पूर्णतः प्रतिबद्ध है। सरकार राज्य में समान रूप से विकास को बढ़ावा देने के लिए भी दृढ़ संकल्पित है और यह सुनिश्चित करेगी कि विकास और प्रगति के लाभ राज्य के हर कोने तक पहुँचें।

राष्ट्रपति ने कहा कि मणिपुर दक्षिण-पूर्व एशिया के साथ भारत की जीवंत सहभागिता का प्रवेश द्वार है। यहां के युवाओं, संस्कृति और प्राकृतिक सुंदरता के कारण यह राज्य असीम संभावनाओं से भरा हुआ है। मणिपुर अपनी स्वावलंबी और सशक्त महिलाओं के लिए भी जाना जाता है। ऐतिहासिक नूपी लाल या महिलाओं के युद्ध 20वीं शताब्दी के शुरुआती दशकों में मणिपुर की वीर महिलाओं द्वारा लड़े गए थे। उन्होंने औपनिवेशिक और सामंती शक्तियों को अपनी उचित मांगें मानने पर मजबूर कर दिया था। वह हर भारतीय के लिए प्रेरणा हैं।

राष्ट्रपति ने कहा कि मणिपुर के लोग प्रतिभाशाली और मेहनती हैं। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि घाटी और पहाड़ दोनों के लोग नए सामंजस्य के साथ एकजुट रहेंगे और राज्य को समृद्धि व खुशहाली की नई ऊँचाइयों पर ले जाएंगे।

राष्ट्रपति ने मणिपुर के लोगों से सामंजस्य और विकास के प्रयासों का निरंतर समर्थन करने का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि हमें मिलकर ऐसा मणिपुर बनाना है जहाँ हर बच्चा सुरक्षित महसूस करे, हर महिला सशक्त हो, हर समुदाय शामिल महसूस करे, और हर नागरिक उज्ज्वल भविष्य की ओर आगे बढ़े।

इससे पहले राष्ट्रपति ने ऐतिहासिक मपाल कंग्जेइबुंग में आयोजित पोलो प्रदर्शनी मैच भी देखा।



धमतरी में रिकॉर्ड रफ्तार से धान खरीदी,किसानों को 409 करोड़ का हुआ भुगतान

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खरीफ विपणन वर्ष 2025-26 के अंतर्गत धमतरी जिले में समर्थन मूल्य पर धान उपार्जन एवं कस्टम मिलिंग कार्य तेजी और पारदर्शिता के साथ जारी है। प्रशासन की सतत मॉनिटरिंग और व्यवस्थित व्यवस्था के कारण किसानों को सुगम, पारदर्शी और त्वरित सेवाएँ मिल रही हैं।

जिले में 10 दिसंबर तक 1,72,568.60 मी.टन धान खरीदा गया है, जिसके एवज में किसानों को 409.32 करोड़ रुपये का त्वरित भुगतान किया गया है। कुल 37,084 किसानों द्वारा धान विक्रय किए जाने से कृषि समुदाय को मजबूत आर्थिक संबल मिला है।

कस्टम मिलिंग में भी तेज प्रगति

कस्टम मिलिंग हेतु 5,52,336 मी.टन धान की अनुमति प्रदान की गई है, जिनमें से 4,54,272 मी.टन का अनुबंध मिलर्स से किया जा चुका है। अब तक 19,611 मी.टन धान का डी.ओ. जारी होने के साथ समितियों से 7,966 मी.टन धान का उठाव भी पूर्ण किया गया है। समितियों में 1,64,602.60 मी.टन धान शेष है, जिसके त्वरित उठाव के निर्देश दिए गए हैं।

टोकन सिस्टम से पारदर्शी खरीदी

टोकन आधारित व्यवस्था ने खरीदी प्रक्रिया को अधिक सुचारू बनाया है। 10 दिसंबर तक 17,134 टोकन जारी किए गए, जिनसे 1,34,59.92 क्विंटल धान का उपार्जन दर्ज हुआ। इसी अवधि में 3,133 कृषकों ने 86.53 हेक्टेयर रकबे से धान बेचा है। लंबित आवेदन केवल 7 हैं, जिनका शीघ्र निराकरण किया जा रहा है।

अवैध परिवहन पर सख्ती

प्रशासन द्वारा अवैध धान परिवहन के खिलाफ भी कड़ी कार्रवाई की जा रही है। अब तक 3,652.40 क्विंटल धान एवं 02 वाहन जप्त किए गए हैं, जिनकी कुल कीमत लगभग 28 लाख रुपये आँकी गई है।

फोटो अपलोड एवं सत्यापन 99.68% पूर्ण

धान बेचने वाले 3,133 किसानों में से 3,123 किसानों ने फोटो अपलोड कर दिया है, जो 99.68 प्रतिशत उपलब्धि दर्शाता है।

कृषक श्रेणीवार प्रगति

जिले में सीमांत, लघु और दीर्घ श्रेणी सहित 37,084 किसानों ने धान बेचा है। पंजीकृत 74,611 किसानों में से 18,768 किसानों ने अब तक विक्रय किया है। शेष किसानों को निर्धारित तारीखों के अनुसार टोकन के माध्यम से बुलाया जाएगा।

कमांड सेंटर से की जा रही है सतत निगरानी

कलेक्टर के निर्देशन में कमांड सेंटर द्वारा धान उपार्जन, रकबा समर्पण, शिकायत निवारण और फोटो सत्यापन की निरंतर समीक्षा की जा रही है। प्रशासन का लक्ष्य है कि प्रत्येक पात्र किसान को समय पर टोकन उपलब्ध कराया जाए, खरीदी बिना किसी बाधा के हो और भुगतान शीघ्र किसानों के खातों में पहुँचे। धमतरी जिले में धान खरीदी कार्य पूरी तरह पारदर्शी, व्यवस्थित और किसानहित में निर्बाध रूप से प्रगति पर है।

राष्ट्रीय बागवानी मिशन योजना ने दी नई दिशा, कम लागत में लाखों की आय का रास्ता खुला

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 ग्राफ्टेड बैंगन से बदली खेती की तस्वीर - खरसिया के किसान मुरलीधर साहू 

आधुनिक तकनीक व उद्यानिकी विभाग के मार्गदर्शन से 80 क्विंटल से बढ़कर 170 क्विंटल तक पहुँची उपज

रायपुर- ग्राफ्टेड बैंगन एक ऐसा पौधा है जो दो अलग-अलग पौधों के हिस्सों को जोड़कर बनाया जाता है, एक मजबूत जड़ वाला पौधा (रूटस्टॉक) और एक उच्च गुणवत्ता वाला फल देने वाला पौधा (स्कायन)। इस तकनीक से बैंगन की पैदावार बढ़ती है, रोग प्रतिरोधक क्षमता बेहतर होती है, और मिट्टी से जुड़ी समस्याएं कम होती हैं।

रायगढ़ जिले के विकासखण्ड खरसिया के ग्राम करूमौहा के किसान मुरलीधर साहू आज आसपास के किसानों के लिए प्रेरणा बने हुए हैं। कभी परंपरागत धान की खेती करने वाले  मुरलीधर साहू को लागत अधिक और लाभ कम होने के कारण खेती में संतुष्टि नहीं थी। इसी बीच उन्होंने उद्यानिकी विभाग के अधिकारियों से संपर्क कर उनका मार्गदर्शन प्राप्त किया। यही मार्गदर्शन उनके कृषि जीवन में बड़ा बदलाव साबित हुआ।

कम लागत में उत्पादन में बड़ा इजाफा

उद्यानिकी विभाग द्वारा समय-समय पर दी गई तकनीकी सलाह, प्रशिक्षण एवं प्रेरणा से उनका रूझान पारंपरिक खेती से बदलकर उद्यानिकी फसलों की ओर बढ़ा। विभाग की अनुशंसा पर उन्होंने अपनी एक हेक्टेयर भूमि में ग्राफ्टेड बैंगन फसल का रोपण किया। जैविक खाद और जैविक दवाओं के प्रयोग से लागत भी कम रही और उत्पादन क्षमता में बड़ा इजाफा देखने को मिला।

  आधुनिक तकनीक से तीन गुना लाभ 

राष्ट्रीय बागवानी मिशन योजना के तहत उन्हें 20 हजार रुपए का अनुदान भी मिला। इससे आवश्यक संसाधनों की व्यवस्था हुई और खेती की दिशा व दशा दोनों बदली। पहले जहां उपज 80 से 85 क्विटंल उत्पादन होता था वहीं आधुनिक तकनीक अपनाने के बाद उपज बढ़कर 150 से 70 क्विंटल तक पहुँच गई। बाजार भाव अच्छा मिलने पर कुल आय 4.5 लाख रुपए और कुल लाभ लगभग 3 लाख रुपए तक पहुँच गया, जो पहले की तुलना में तीन गुना है।

जैविक पद्धति और कम लागत में अधिक उत्पादन

मुरलीधर साहू की सफलता को देखकर आसपास के ग्रामीण एवं वनांचल क्षेत्रों के किसान भी उद्यानिकी फसलों की ओर आकर्षित हो रहे हैं। आधुनिक कृषि तकनीक, जैविक पद्धति और कम लागत में अधिक उत्पादन का संदेश दूर-दूर तक फैल रहा है। उनकी यह सफलता कहानी बताती है कि सही मार्गदर्शन, आधुनिक तकनीक और योजनाओं का लाभ लेकर किसान आज आर्थिक रूप से मजबूती की दिशा में बड़े कदम उठा सकते हैं।

एक हेक्टेयर से बनी मिसाल”, ग्राफ्टेड बैंगन ने बदली आर्थिक स्थिति

खरसिया के किसान मुरलीधर साहू ने एक हेक्टेयर में ग्राफ्टेड बैंगन की आधुनिक खेती अपनाकर उत्पादन को लगभग दोगुना कर दिया। जैविक विधियों, विभागीय मार्गदर्शन और बागवानी मिशन से प्राप्त अनुदान के सहारे उन्हें इस सीजन में करीब 3 लाख रुपये का शुद्ध लाभ हुआ। इस उपलब्धि ने क्षेत्र के किसानों में नई ऊर्जा और उम्मीद जगाई है।

Kisaan School : किसान स्कूल में राज्य स्तरीय भाजी महोत्सव आयोजित, भाजी दीदियों का हुआ सम्मान, कलेक्टर, एसपी और जनप्रतिनिधि हुए शामिल

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जांजगीर-चाम्पा- बहेराडीह स्थित वरिष्ठ पत्रकार कुंजबिहारी साहू किसान स्कूल में राज्य स्तरीय भाजी महोत्सव आयोजित किया गया. छ्ग में भाजी की बड़ी पहचान है और इसे संजोने का कार्य किसान स्कूल बहेराडीह ने किया है. भाजी महोत्सव के दौरान भाजी प्रतियोगिता भी हुई और 10 महिलाओं को भाजी दीदी के रूप में सम्मान भी किया गया. भाजी महोत्सव के दौरान 60 से ज्यादा तरह की भाजियों की जीवंत प्रदर्शनी लगी और इसे लेकर महिलाओं में गजब का उत्साह रहा. किसान स्कूल में द्वितीय बरस आयोजित इस भाजी महोत्सव में ओड़िसा, झारखंड के साथ ही छग के कई जिलों के किसानों ने शिरकत की. 

किसान स्कूल के राज्य स्तरीय भाजी महोत्सव में कलेक्टर जन्मेजय महोबे, एसपी विजय पांडेय, सक्ती जिला पंचायत की अध्यक्ष द्रौपदी चंद्रा और पामगढ़ की पूर्व विधायक इंदु बंजारे, मोनू कश्यप, वरिष्ठ पत्रकार उपेंद्र तिवारी, जांजगीर सीएसपी योगिताबाली खपर्डे, अजाक्स डीएसपी सतरूपा तारम, जनपद सदस्य चुड़ामणि राठौर, सरपंच चंदा कश्यप समेत अन्य अतिथि शामिल हुए. यहां सभी अतिथियों ने किसान स्कूल की अनोखी पहल की तारीफ की, क्योंकि छग में ऐसा आयोजन और कहीं नहीं होता, इसलिए इस अनोखे आयोजन की खूब चर्चा रही. अतिथियों ने कहा कि छग में यह पहली जगह है, जहां बड़ी संख्या में भाजी को संरक्षित किया गया है. इस तरह भाजी महोत्सव, मील का पत्थर हो गया है. कार्यक्रम का संचालन जया अग्रवाल, श्रीया अग्रवाल और आभार प्रदर्शन उद्यान विभाग की अधिकारी प्रियंका सेंगर ने किया.

इस अवसर पर संचालक दीनदयाल यादव, बलौदा जनपद की पूर्व उपाध्यक्ष नम्रता राघवेंद्र नामदेव, विधायक प्रतिनिधि राघवेंद्र नामदेव, नवाचारी कृषक रामाधार देवांगन, पत्रकार मनोज थवाईत, चोरिया स्कूल के प्राचार्य अमृतलाल साहू, पामगढ़ की शिक्षिका रामशिला कश्यप, जांजगीर के शिक्षक दिलीप साहू, अकलतरा के समाजसेवी छोटू कश्यप, पारस साहू, अविनाश साहू, डॉ. कैलाश बरेठ, अविनाश धीवर, गिरवर पटेल, रेवती यादव, पुष्पा यादव, श्रवण, अविनाश, आरसेटी से अरुण पाण्डेय, विक्टर कोसरिया, धनेश्वरी साहू, गनेशी लहरे, गायत्री साहू, गीता बाई कुर्रे, गुंजिया जाटवर, कामेश्वरी शायर, कुमारी बाई, लक्ष्मीन तेंदुलकर, नीलम दिब्य, प्रमिला बर्मन, रेवती बाई पटेल, रिंकी महंत, रोहिणी बरेठ, रुखमणि साहू, संजू साहू, सालनी साहू सुक्रिता भारद्वाज, सुप्रिया खूंटे, सुलोचनी बर्मन, सुशीला देवी, उषा चंद्रा, अनिता चंद्रा, पवन कुमारी, अनिता रात्रे, मंजू बर्मन, रौशनी भारद्वाज, दिलकुमारी, रामकुमारी यादव, तरुणी लता गबेल, सुनिता नवरंग, नीलम सिदार, सुनिता यादव, सुशीला लहरे, मुंगेश निराला, राधा यादव समेत अन्य लोग उपस्थित थे. 

'भाजी दीदी' के में रूप में हुआ सम्मान

भाजी प्रतियोगिता में बड़ी संख्या में महिलाओं ने सहभागिता निभाई. इनमें 10 महिलाओं को 'भाजी दीदी सम्मान' से सम्मानित किया गया.

प्रथम - शर्मीला गोस्वामी सिवनी, 37 प्रकार की भाजी और मिक्स भाजी की सब्जी,

द्वितीय - रमशीला मानिकपुरी खोखसा, 15 प्रकार की भाजी व भाजी का गुलदस्ता, माला,

तृतीय - शैल कुमारी महंत उदयभाठा, 5 प्रकार की भाजी के साथ आकर्षक भाजी का बड़ा गुलदस्ता के साथ शामिल हुई. दुर्गा अनंत डोंगरी, ललिता बैष्णव जर्वे, रामबाई यादव पहरिया,समेत सात प्रतिभागियो को सांत्वना पुरस्कार प्रदान किया गया. इन्हें भाजी दीदी का सम्मान दिया गया. इसी तरह बहेराडीह के पुष्पा यादव, ललिता यादव, दीप्ती झरना कश्यप, सुमित्रा यादव बहेराडीह, बीना यादव, अंजू साहू, गीता यादव, उषा करियारे, दुरपति रत्नाकर कोसमंदा, गौरी नामदेव, राधिका श्रीवास, रुखमणि पाण्डेय, शर्मीला गोस्वामी, सावित्री राठौर, सुभद्रा देवांगन, शैल कुमारी महंत उदय भाठा, सिवनी, रामबाई यादव,देवकुमारी खूंटे पहरिया, नीरा यादव, पार्वती यादव बसंतपुर, हेम बाई चंद्रा सरहर, धनबाई राजन धुरकोट, मंजू वर्मा फगुरम, विमला चौहान कूदरी, दुर्गा अनंत, धनेश्वरी, कविता, माहेश्वरी डोंगरी, रमशीला मानिकपुरी, खोखसा, मानमती मानिकपुरी खैरा नैला, भगवती लाठिया ठठारी, सरोज श्रीवास, ललिता वैष्णव जर्वे सक्ती, देविता यादव, उर्मिला यादव परसापाली रेड़ा समेत अन्य 98 प्रतिभागियों को सहभागिता पत्र वितरण किया गया.

रायगढ़ जिले के कुड़केल गांव के गेन्दाबाबा विद्याधर पटेल और उनके सहयोगी जय पटेल, नारायण गबेल उद्यानिकी महाविद्यालय रायगढ़ के प्रोफेसर अखिलेस्वर साहू ने मिलकर गेंदा का विशाल फूल माला से मंचस्थ अतिथियों का स्वागत किया.

आपका मुख्यमंत्री आपके समाज के बीच का है, आपका भाई है....आप आगे बढ़ें, सरकार हर कदम पर आपके साथ खड़ी है - मुख्यमंत्री साय

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मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने संभाग स्तरीय बस्तर ओलम्पिक का किया विधिवत शुभारंभ

बस्तर संभाग के सातों जिलों और नुवाबाट के खिलाड़ियों ने आकर्षक मार्चपास्ट प्रस्तुत कर दर्शकों को किया मंत्रमुग्ध

बस्तर अब शांति, समरसता और समृद्धि की ओर अग्रसर-मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय

रायपुर- आपका मुख्यमंत्री आपके समाज के बीच का है, आपका भाई है....आप आगे बढ़ें, सरकार हर कदम पर आपके साथ खड़ी है। मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने आज बस्तर ओलिंपिक 2025 के तहत संभाग स्तरीय प्रतियोगिता के शुभारंभ के अवसर पर संबोधित करते हुए यह बात कही। मुख्यमंत्री साय ने आज जगदलपुर के स्थानीय इंदिरा प्रियदर्शिनी स्टेडियम में संभाग स्तरीय बस्तर ओलिंपिक का विधिवत शुभारंभ किया। उन्होंने समूचे बस्तर संभाग के खिलाड़ियों का उत्साहवर्धन किया। इस दौरान बस्तर संभाग के सभी सातों जिलों के खिलाड़ियों ने आकर्षक मार्चपास्ट प्रस्तुत कर दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया।

मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने शुभारंभ समारोह को संबोधित करते हुए कहा कि सरकार बस्तर के गांव-गांव तक विकास की धारा पहुंचाने के लिए हर संभव प्रयास कर रही है, जिसके परिणामस्वरूप बस्तर अब शांति, समरसता और समृद्धि की ओर निरंतर अग्रसर हो रहा है और प्रदेश तथा देश के विकास में महत्वपूर्ण योगदान दे रहा है।

मुख्यमंत्री साय ने कहा कि बस्तर के युवाओं ने बड़ी संख्या में इस महती आयोजन में भाग लेकर इसे सफल और ऐतिहासिक बनाया है। सबसे अधिक हर्ष की बात यह है कि बस्तर ओलम्पिक में नुवाबाट के प्रतिभागियों ने भी उत्साहपूर्वक शामिल होकर इसे एक विशेष आयाम प्रदान किया है। बड़ी संख्या में बेटियों और बहनों की सहभागिता यह प्रमाणित करती है कि बस्तर में महिला सशक्तिकरण नई दिशा ले रहा है।

मुख्यमंत्री साय ने कहा कि सरकार बस्तर के युवाओं को समाज की मुख्यधारा से जोड़कर उन्हें विकास में सहभागी बनाने के लिए कटिबद्ध है। यही कारण है कि बस्तर के युवा लोकतंत्र में आस्था एवं विश्वास के साथ आगे आ रहे हैं और विकास यात्रा में सक्रिय भूमिका निभा रहे हैं। मुख्यमंत्री साय ने कहा कि बस्तर ओलम्पिक खेल प्रतियोगिता के विजेता आने वाले समय में खिलाड़ियों के लिए रोल मॉडल बनेंगे। सरकार बस्तर के युवाओं को बेहतर अवसर एवं प्रशिक्षण उपलब्ध कराकर उन्हें अंतरराष्ट्रीय स्तर की प्रतियोगिताओं के लिए तैयार करेगी। उन्होंने बताया कि अंतरराष्ट्रीय ओलम्पिक स्पर्धाओं में गोल्ड, सिल्वर और ब्रॉन्ज मेडल जीतकर आने वाले खिलाड़ियों को क्रमशः तीन-तीन करोड़, दो करोड़ तथा एक करोड़ रुपए की सम्मान निधि प्रदान की जाएगी।

कार्यक्रम को संबोधित करते हुए उप मुख्यमंत्री अरुण साव ने कहा कि बस्तर ओलम्पिक न केवल युवाओं को खेल के माध्यम से आगे बढ़ाने की पहल है, बल्कि उन्हें विकास की मुख्यधारा में सम्मिलित करने का माध्यम भी है। उन्होंने कहा कि बस्तर में खेल अधोसंरचना को और मजबूत किया जाएगा, जिससे खिलाड़ियों को उचित मंच मिल सके। उन्होंने खिलाड़ियों को प्रेरित करते हुए कहा कि खेल जितना सिखाता है, उतना ही हार से सीखकर आगे बढ़ने की प्रेरणा भी देता है।

उप मुख्यमंत्री विजय शर्मा ने भी खिलाड़ियों का उत्साहवर्धन करते हुए कहा कि बस्तर ओलम्पिक युवाओं को विकास की मुख्यधारा से जोड़ने का सकारात्मक प्रयास है। उन्होंने कहा कि सरकार बस्तर के अंदरूनी इलाकों के युवाओं को अधिक अवसर देकर उन्हें प्रोत्साहित कर रही है और भविष्य में यह पहल और अधिक सशक्त रूप में जारी रहेगी।

इस अवसर पर वन मंत्री केदार कश्यप और ओलम्पिक में ब्रॉन्ज मेडल सहित अन्य अंतरराष्ट्रीय स्पर्धाओं में पदक विजेता खिलाड़ी पद्मश्री एम.सी. मेरीकॉम ने भी उपस्थित होकर खिलाड़ियों का उत्साहवर्धन किया और शुभकामनाएँ दीं।

संचालक, खेल एवं युवा कल्याण,तनुजा सलाम ने स्वागत उद्बोधन में अवगत कराया कि बस्तर ओलम्पिक की संभाग स्तरीय प्रतियोगिता में बीजापुर, दंतेवाड़ा, कांकेर, कोंडागांव, नारायणपुर और बस्तर जिले के साथ ही नुवा बाट के करीब तीन हजार पाँच सौ खिलाड़ी हिस्सा ले रहे हैं। उन्होंने बताया कि यह बस्तर के लिए गौरव का क्षण है और बस्तर के उज्ज्वल भविष्य के लिए राज्य सरकार द्वारा लिया गया यह निर्णय अत्यंत सराहनीय है। बस्तर ओलम्पिक में तीन स्तर की प्रतियोगिताओं के माध्यम से प्रतिभाओं को मंच प्रदान किया जा रहा है। उन्होंने यह भी बताया कि गत वर्ष के 1,65,000 प्रतिभागियों की तुलना में इस वर्ष 3,92,000 से अधिक प्रतिभागियों ने पंजीयन कराया है, जिनमें 2,27,000 से अधिक महिला प्रतिभागी शामिल हैं - यह बस्तर में परिवर्तन की नई बयार है।

कार्यक्रम की शुरुआत खिलाड़ियों द्वारा मशाल प्रज्ज्वलन और आतिशबाजी के साथ हुई। इसके बाद रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रमों के तहत माता रूकमणी कन्या आश्रम तथा अन्य विद्यालयों की छात्राओं द्वारा मनमोहक प्रस्तुतियाँ दी गईं। इस अवसर पर विधायक चित्रकोट विनायक गोयल, विधायक दंतेवाड़ा चैतराम अटामी, राष्ट्रीय खिलाड़ी किरण पिस्दा एवं खुशबू नाग, वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी, जिलों के नोडल अधिकारी, खेल अधिकारी, प्रशिक्षक एवं बड़ी संख्या में खेलप्रेमी व गणमान्य नागरिक उपस्थित थे।

पूवर्ती के खिलाड़ी विजय डोडी और ओरछा सलोनी बनीं मशालवाहक

बस्तर ओलम्पिक 2025 की संभाग स्तरीय प्रतियोगिता का शुभारंभ आज अत्यंत गरिमामय एवं उत्साहपूर्ण माहौल में हुआ। कार्यक्रम का औपचारिक उद्घाटन मुख्यमंत्री विष्णु देव साय, मंत्रीगण तथा बॉक्सर पद्मश्री मेरी कॉम द्वारा किया गया। हजारों दर्शकों की उपस्थिति में मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने बस्तर ओलम्पिक की मशाल प्रज्ज्वलित की।

इसके बाद यह गौरवशाली मशाल सुकमा जिले के सुदूर अंचल पूवर्ती के प्रतिभावान खिलाड़ी विजय डोडी और नारायणपुर जिले के ओरछा ब्लॉक की निवासी सलोनी कवाची को सौंपा गया। कबड्डी खिलाड़ी विजय डोडी और खो-खो खिलाड़ी सलोनी कवाची ने पूरे उत्साह, ऊर्जा और गौरव के साथ ग्राउंड की परिक्रमा करते हुए मशाल को मुख्य प्रज्वलन स्थल तक पहुंचाया। यह क्षण सुकमा और नारायणपुर जिलों के लिए अत्यंत गौरवपूर्ण और भावनात्मक था - जब माओवाद-प्रभावित एवं दूरस्थ क्षेत्रों के खिलाड़ी आत्मविश्वास के साथ हजारों दर्शकों के सामने दौड़ रहे थे। दर्शकों का उत्साह भी इस दौरान चरम पर पहुंच गया।

संभागभर से पहुंचे हजारों खिलाड़ियों और दर्शकों ने इस ऐतिहासिक क्षण का उत्साहपूर्वक स्वागत किया। बस्तर ओलम्पिक के इस भव्य उद्घाटन ने एक बार फिर सिद्ध किया कि बस्तर की माटी में असीम खेल प्रतिभाएं जन्म ले रही हैं और राज्य सरकार तथा प्रशासन के संयुक्त प्रयासों से इन प्रतिभाओं को राष्ट्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहचान दिलाने की दिशा में ठोस कदम उठाए जा रहे हैं।

रायपुर साहित्य उत्सव 2026,आयोजन के लिए नौ सदस्यीय सलाहकार समिति गठित

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नवा रायपुर में 23 से 25 जनवरी तक होगा साहित्य उत्सव

रायपुर- अगले वर्ष 23 दिसंबर से नवा रायपुर में होने वाले रायपुर साहित्य उत्सव के लिए राज्य शासन ने सलाहकार समिति का गठन कर दिया है। इस समिति में नौ सदस्य बनाए गए हैं। समिति में सदस्य के रूप में अनंत विजय, डॉ. सुशील त्रिवेदी, सतीश कुमार पंडा, जयमति कश्यप,  संजीव कुमार सिन्हा,  शंशाक शर्मा,पंकज कुमार झा और विवेक आचार्य को भी शामिल किया गया है। समिति रायपुर साहित्य उत्सव के सफल और प्रभावी आयोजन के लिए विशेष सलाह देगी। इसके साथ ही साहित्यकारों के चयन और आयोजन के विषयों पर भी आयोजकों को सहयोग करेगी। जनसंपर्क संचालनालय के आयुक्त डॉ. रवि मित्तल समिति के सदस्य सचिव होंगे।

उल्लेखनीय है कि नए वर्ष की शुरुआत के साथ आगामी महीने रायपुर साहित्य उत्सव का आयोजन नवा रायपुर में 23 से 25 जनवरी तक होगा, जिसमें देश भर से 100 से अधिक प्रतिष्ठित साहित्यकार शामिल होंगे। राज्य स्थापना के रजत वर्ष पर मुख्यमंत्री विष्णु देव साय द्वारा इस आयोजन की परिकल्पना की गई थी। मुख्यमंत्री विष्णु देव साय की संकल्पना पर आधारित इस आयोजन की व्यापक कार्ययोजना मात्र दो माह में तैयार की गई है। यह तीन दिवसीय महोत्सव 23, 24 एवं 25 जनवरी 2026 को जनजातीय संग्रहालय के समीप आयोजित होगा। इस उत्सव में कुल 11 सत्र शामिल होंगे। इनमें 5 समानांतर सत्र, 4 सामूहिक सत्र, और 3 संवाद सत्र आयोजित किए जाएंगे, जिनमें साहित्यकारों एवं प्रतिभागियों के बीच सीधा संवाद और विचार-विमर्श होगा।

“भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (ASI) की खुदाई शाखाओं में स्टाफिंग और आधुनिक तकनीकों का उपयोग”

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ASI (Archaeological Survey of India) की खुदाई शाखाओं में स्टाफिंग नियमित भर्ती नियमों (UPSC, SSC) और फीडर ग्रेड अधिकारियों के प्रमोशन के माध्यम से पूरी की जाती है। पिछले एक वर्ष में खुदाई शाखाओं में स्टाफ़ की संख्या 86 से बढ़कर 102 हो गई है। उपलब्ध कर्मचारियों को चल रहे खुदाई प्रोजेक्ट्स की आवश्यकताओं के अनुसार तैनात किया जाता है।

फील्ड स्टाफ की क्षमता बढ़ाने के लिए समय-समय पर आंतरिक प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं। वित्तीय वर्ष 2025-26 तक 24 खुदाई/अन्वेषण की अनुमति दी गई है और हर खुदाई के बाद तकनीकी रिपोर्ट तैयार करना अनिवार्य है।

अकादमिक और पुरातात्त्विक सहयोगों की समयावधि और प्रकार संबंधित शाखाओं द्वारा समीक्षा की जाती है। LiDAR, GIS, ड्रोन जैसी आधुनिक तकनीकों का उपयोग प्राचीन स्मारकों और पुरातात्त्विक स्थलों के अध्ययन और दस्तावेजीकरण के लिए किया जा रहा है।

संरक्षित स्मारकों और क्षेत्रों में अतिक्रमण हटाने के लिए Ancient Monuments and Archaeological Sites and Remains Act, 1958 और Public Premises (Eviction of Unauthorised Occupants) Act, 1971 के तहत कदम उठाए जाते हैं। सुपरिंटेंडिंग आर्कियोलॉजिस्ट को एस्टेट ऑफिसर के अधिकार दिए गए हैं, और आवश्यकतानुसार राज्य सरकार/पुलिस की मदद भी ली जाती है। सुरक्षा के लिए नियमित वॉच और वार्ड स्टाफ के अलावा CISF और निजी सुरक्षा कर्मी तैनात किए गए हैं।

Key Points:

  • खुदाई शाखाओं में स्टाफ़ बढ़कर 102 हुआ।

  • 24 खुदाई/अन्वेषण परियोजनाओं की अनुमति।

  • LiDAR, GIS, ड्रोन जैसी आधुनिक तकनीक का इस्तेमाल।

  • अतिक्रमण रोकने और स्मारकों की सुरक्षा के लिए कानूनी और फिजिकल उपाय।

  • फील्ड स्टाफ के लिए नियमित प्रशिक्षण कार्यक्रम।

काशी तमिल संगम 4.0: काशी और तमिलनाडु की सांस्कृतिक एकता का भव्य उत्सव

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केंद्रीय कौशल विकास और उद्यमिता राज्य मंत्री एवं शिक्षा राज्य मंत्री, जयंत चौधरी ने काशी तमिल संगम (KTS) 4.0 का दौरा करते हुए कहा कि, “काशी तमिल संगम दो प्राचीन परंपराओं को और करीब लाता है और ‘एक भारत श्रेष्ठ भारत’ की भावना को प्रतिबिंबित करता है, जहाँ भारत की समृद्ध विविधता एक एकीकृत शक्ति बनती है।” यह संगम 2 दिसंबर से जारी है और काशी तथा तमिलनाडु के बीच गहरे सांस्कृतिक और सभ्यतागत संबंधों का उत्सव मनाता है।

चौधरी ने कहा, “प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में, काशी एक जीवंत सांस्कृतिक केंद्र बनकर उभरी है, जो भारत की विविध विरासत को संरक्षित करने, मनाने और एकजुट करने के प्रति प्रतिबद्धता को दर्शाता है। तमिलनाडु के साथ यह नया संबंध यह दर्शाता है कि भारत की सांस्कृतिक एकता इसकी विविधता में गहराई से निहित है। यह पहल समझ और एकता की नई ज्वाला को प्रज्वलित कर रही है। भारत की समृद्ध विरासत गर्व के साथ प्रदर्शित हो रही है और इसकी परंपराओं को आत्मविश्वास और गौरव के साथ आगे बढ़ाया जा रहा है।”

उन्होंने इस वर्ष के विषय “Learn Tamil – Tamil Karkalam” की सराहना करते हुए कहा कि भारत की विविध भाषाएँ लोगों को जोड़ती हैं, और इस प्रकार की पहल युवाओं में सम्मान, संवाद और सहयोग की नई भावना को प्रेरित करती हैं। अपने दौरे के दौरान, उन्होंने सांस्कृतिक प्रस्तुतियों, प्रदर्शनियों, भाषा कार्यशालाओं और छात्र आदान-प्रदान कार्यक्रमों का अवलोकन किया। उन्होंने विशेष रूप से युवा द्वारा प्रस्तुत पारंपरिक कला, हस्तशिल्प और लोक नृत्यों की सराहना की।

शिक्षा मंत्रालय द्वारा आयोजित और IIT मद्रास एवं BHU द्वारा समन्वित KTS 4.0 में प्रमुख पहलें शामिल हैं—तेनकसी से काशी तक ऋषि अगस्त्य वाहन अभियान, काशी के स्कूलों में 50 तमिल शिक्षकों की तैनाती, और उत्तर प्रदेश के छात्रों के लिए तमिल भाषा अध्ययन यात्राएँ। कार्यक्रम में काशी के ऐतिहासिक तमिल सांस्कृतिक स्थलों के दौरे भी शामिल हैं। KTS 4.0 में सात विभिन्न समूहों—छात्र, शिक्षक, महिलाएँ, कारीगर, मीडिया पेशेवर, आध्यात्मिक विद्वान और अन्य पेशेवरों—के 1,400 से अधिक प्रतिनिधि शामिल हुए हैं।

सांस्कृतिक अनुभव, शैक्षणिक आदान-प्रदान और व्यापक जन भागीदारी के साथ, काशी तमिल संगम 4.0 भारत की सांस्कृतिक एकता का भव्य उत्सव है—जो काशी और तमिलनाडु की समृद्ध परंपराओं के बीच शाश्वत आध्यात्मिक और सांस्कृतिक संबंधों को मजबूत करता है।


“हमारा शौचालय, हमारा भविष्य” अभियान: स्वच्छता, स्वास्थ्य और गरिमा के लिए सामूहिक पहल

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19 नवंबर को शुरू हुआ “हमारा शौचालय, हमारा भविष्य” अभियान 10 दिसंबर – मानवाधिकार दिवस पर सफलतापूर्वक समाप्त हुआ। यह तीन सप्ताह का अभियान केवल स्वास्थ्य, गरिमा और समाजिक समृद्धि के लिए स्वच्छता और सफाई के महत्व पर केंद्रित नहीं था, बल्कि ग्रामीण शौचालयों (IHHLs) और सामुदायिक शौचालय परिसरों (CSCs) के कार्यात्मक मूल्यांकन, मरम्मत, सौंदर्यीकरण और स्वीकृति पर भी जोर देता था। अभियान ने संचालन एवं रखरखाव (O&M) को मजबूत करने और मल अपशिष्ट के सुरक्षित प्रबंधन एवं रेट्रोफिटिंग के प्रति जागरूकता बढ़ाने पर भी ध्यान दिया।

अभियान की प्रमुख उपलब्धियां

  • 1 लाख से अधिक व्यक्तिगत घरेलू शौचालय (IHHLs) और 5,500 से अधिक सामुदायिक शौचालय परिसरों (CSCs) की मरम्मत और सौंदर्यीकरण किया गया।

  • 49,000 से अधिक IEC/BCC कार्यक्रमों में 32.70 लाख से अधिक लोगों ने भाग लिया। सबसे अधिक भागीदारी तमिलनाडु (4.86 लाख) और गुजरात (4.50 लाख) में रही।

  • फिकल स्लज प्रबंधन (FSM) और रेट्रोफिटिंग पर 10,800 से अधिक जागरूकता सत्रों में 6.43 लाख लोग शामिल हुए।

  • स्कूलों में 9,800 से अधिक सत्र आयोजित किए गए, जिनमें 6.8 लाख लोग शामिल हुए।

  • 5,600 से अधिक चौपालें आयोजित की गईं।

  • 3,800 से अधिक वॉल पेंटिंग/वॉल आर्ट की गई।

समुदाय और भागीदारी

अभियान ने जन भागीदारी (Jan Bhagidari) के माध्यम से समुदायों, स्कूलों, स्वयं सहायता समूहों (SHGs) और संस्थाओं में स्वच्छता को साझा जिम्मेदारी बनाने पर जोर दिया। अभियान ने ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में शौचालय निर्माण, रखरखाव और सामुदायिक जागरूकता को सुदृढ़ किया।

संचालन और प्रभाव

  • अभियान को स्वच्छ भारत मिशन (ग्रामीण), जल शक्ति मंत्रालय, जलापूर्ति और स्वच्छता विभाग (DDWS) ने आयोजित किया।

  • सोशल मीडिया पर #HumaraShauchalayHumaraBhavishaya ने 3.2K उल्लेख, 35K इंप्रेशन और 1 करोड़ से अधिक लोगों तक पहुंच बनाई।

अभियान ने एक मजबूत आधार तैयार किया है और यह दर्शाता है कि भारत की संपूर्ण स्वच्छता (Sampoorna Swachhata) की यात्रा जारी है। सामूहिक प्रयास और जन भागीदारी आगे भी मिशन को आगे बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे।

पीएम विश्वकर्मा योजना 2025: कौशल प्रशिक्षण, ऋण सुविधा और विपणन समर्थन से लाभार्थियों को सशक्त बनाने की पहल

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राष्ट्रीय संचालन समिति (NSC) पीएम विश्वकर्मा योजना के कार्यान्वयन की सर्वोच्च संस्था है। इस समिति की बैठकें कौशल विकास एवं उद्यमिता मंत्रालय (MSDE), सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम मंत्रालय (MSME) और वित्तीय सेवा विभाग (DFS) के सचिव द्वारा सह-अध्यक्षता में आयोजित की जाती हैं।

10 अक्टूबर 2025 को हुई पिछली NSC बैठक में कई प्रस्ताव और नीतिगत उपाय स्वीकृत किए गए। इनमें शामिल हैं:

  • उन्नत कौशल प्रशिक्षण के लिए पात्रता मानदंड का निर्धारण

  • ऋण स्वीकृति और वितरण में सुधार जैसे लंबित आवेदन पुनः देखना, छोटे ऋण (₹50,000–₹1,00,000) उपलब्ध कराना ताकि EMI बोझ कम हो, 716 जिलों में जागरूकता शिविरों में बैंक अधिकारियों की भागीदारी सुनिश्चित करना, और कौशल प्रशिक्षण केंद्रों में वित्तीय सलाह हेतु एक दिन बैंक अधिकारियों की उपस्थिति

ऋण आवेदनों की समीक्षा और पुनर्विचार

  • शाखा स्तर पर अस्वीकृत आवेदनों के लिए अपील और पुनः समीक्षा की व्यवस्था है

  • DFS ने बैंकों को निर्देश दिया है कि वे उन लाभार्थियों से लिखित पुष्टि लें जो ऋण लेने से इंकार करते हैं

  • बैंकों को जिला/राज्य स्तर पर समितियाँ बनाने का निर्देश भी दिया गया है, ताकि असंपर्क या अस्वीकृति वाले मामलों को पुनः सम्पर्क किया जा सके

  • लाभार्थियों तक संदेश 12 क्षेत्रीय भाषाओं में भेजे जा रहे हैं और कॉल सेंटर के माध्यम से संपर्क किया जा रहा है

  • जो लाभार्थी प्रारंभ में ऋण विकल्प नहीं चुनते, वे PM Vishwakarma पोर्टल या नजदीकी CSC के माध्यम से ऋण ले सकते हैं

तीन-स्तरीय सत्यापन प्रक्रिया

  1. ग्राम पंचायत/शहरी स्थानीय निकाय स्तर पर सत्यापन

  2. जिला कार्यान्वयन समिति (DIC) द्वारा सत्यापन और सिफारिश, जिसका अध्यक्ष जिला कलेक्टर

  3. MSME DFO, SLBC सदस्य और MSDE सदस्य की अध्यक्षता में स्क्रीनिंग समिति द्वारा अनुमोदन

योजना के तहत 30 लाख लाभार्थियों को 5 वर्षों (FY 2023-24 से FY 2027-28) के लिए कवर करने का लक्ष्य रखा गया था, जिसे सफलतापूर्वक पूरा किया गया है। इसके माध्यम से लाभार्थियों को कौशल प्रशिक्षण, ऋण, टूलकिट, प्रोत्साहन और विपणन सहायता प्रदान की जा रही है।

बाजार एवं विपणन समर्थन

  • राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों के लाभार्थियों के लिए ट्रेड फेयर्स और राज्य स्तर के प्रदर्शनियों में भागीदारी

  • ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म्स (ONDC, Fabindia, Meesho, GeM) के माध्यम से ऑनलाइन विपणन सहायता

  • दिल्ली हाट में राष्ट्रीय स्तर की ट्रेड फेयर/प्रदर्शनी आयोजित

  • उत्पादों के डिज़ाइन, विविधीकरण, ब्रांडिंग और पैकेजिंग के लिए NID, IIP, IRMA जैसी संस्थाओं के माध्यम से मूल्य संवर्धन

  • प्रमुख शहरों में PM Vishwakarma एम्पोरियम/हाट स्थापित करने की योजना

यह जानकारी सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम मंत्री राज्य मंत्री (सुश्री शोभा करंदलाजे) ने लोकसभा में लिखित उत्तर में दी।

छत्तीसगढ़ में नई गाइडलाइन दरें लागू : संपत्तियों के वास्तविक मूल्यांकन के लिए सरल, पारदर्शी और जनहितैषी सुधार

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रायपुर। राज्य सरकार ने अचल संपत्तियों के बाजार मूल्य निर्धारण को अधिक वैज्ञानिक और स्पष्ट बनाने के लिए छत्तीसगढ़ गाइडलाइन दरों का निर्धारण नियम, 2000 के तहत वर्ष 2025-26 की नई गाइडलाइन दरें 20 नवंबर 2025 से पूरे प्रदेश में लागू कर दी हैं। कार्यालय महानिरीक्षक पंजीयन एवं अधीक्षक मुद्रांक द्वारा जारी आदेश के अनुसार यह संशोधन पिछले 7-8 वर्षों से लंबित था, जिसके कारण वास्तविक बाजार मूल्य और गाइडलाइन मूल्य के बीच असंतुलन बढ़ता जा रहा था।   


इन विसंगतियों को दूर करने और किसानों तथा आम जनता को उनकी संपत्ति का वास्तविक मूल्य सुनिश्चित कराने के उद्देश्य से व्यापक सुधार किए गए हैं। नई गाइडलाइन दरें शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में एकसमान, सुव्यवस्थित और वैज्ञानिक पद्धति पर आधारित हैं।

शहरी क्षेत्रों में लंबे समय से एक ही मार्ग पर स्थित भूखंडों के लिए अलग-अलग दरें निर्धारित थीं, जिससे नागरिकों में असंतोष और पंजीयन प्रक्रिया में भ्रम उत्पन्न होता था। नई गाइडलाइन में मुख्य मार्ग और अन्य मार्ग के आमने-सामने स्थित क्षेत्रों की दरों को एक समान कर दिया गया है। नगरीय निकाय क्षेत्रों में अनावश्यक कंडिकाओं को समाप्त करते हुए वार्डवार संरचना को सरल बनाया गया है, जिससे आमजन अब आसानी से अपनी संपत्ति का वास्तविक बाजार मूल्य समझ सकेंगे।

जांजगीर-नैला में मुख्य मार्ग चांपा रोड पर वार्ड 8 में दर 26,000 रुपये प्रति वर्गमीटर और इसी मार्ग पर वार्ड 17 में 22,800 रुपये प्रति वर्गमीटर दर निर्धारित थी, जबकि दोनों स्थान भौगोलिक और व्यावसायिक दृष्टि से समान थे। नई गाइडलाइन में इस विसंगति को समाप्त करते हुए दोनों क्षेत्रों में एक समान दर लागू कर दी गई है।

इसी तरह, नगर पालिका परिषद चांपा के महादेव वार्ड में 20 मीटर भीतर स्थित संपत्ति के लिए दो अलग-अलग दरें 12,480 तथा 7,880 रुपये निर्धारित थीं, जिससे पंजीयन के समय Rate Overlapping की समस्या आती थी। अब इन कंडिकाओं को एकीकृत कर एक समान दर निर्धारित कर दी गई है।

ग्रामीण क्षेत्रों में भी मार्गों के आमने-सामने स्थित भूमि के दरों में असमानता एक बड़ी समस्या थी। नई गाइडलाइन में ग्रामों का समूहीकरण कर समान महत्व वाले ग्रामों के लिए समान दरें लागू की गई हैं। मुख्य मार्ग से लगते दोनों ओर के गांवों को एक जैसा दर प्रदान करने से किसानों को अधिग्रहण या विक्रय के समय वास्तविक मूल्य का लाभ मिलेगा। ग्रामीण क्षेत्रों में वर्गमीटर दर समाप्त कर अभिविन्यास आधारित दर लागू की गई है, जिससे मूल्यांकन अधिक सरल और पारदर्शी होगा।

नई गाइडलाइन दरों को लागू करने का प्रमुख उद्देश्य किसानों और आम जनता को उनका वास्तविक अधिकार देना है। पुरानी दरों के कारण कई मामलों में किसानों को भूमि अधिग्रहण में कम मुआवजा मिलता था और खरीदारों को भी हाउसिंग लोन कम राशि में स्वीकृत होता था। नई दरें इन समस्याओं का समाधान प्रस्तुत करती हैं।

राज्य सरकार का मानना है कि दरों का यह संतुलित और तर्कसंगत पुनरीक्षण रियल एस्टेट क्षेत्र में पारदर्शिता बढ़ाएगा, काले धन पर रोक लगाएगा और पंजीयन प्रक्रिया को विवाद रहित बनाएगा। नई गाइडलाइन दरें न केवल संपत्ति बाजार को व्यवस्थित करेंगी, बल्कि पूरे प्रदेश में विकास की गति को भी बढ़ावा देंगी।


भारत में हाइड्रोजन मोबिलिटी का आगाज़: टोयोटा मिराई के साथ ग्रीन हाइड्रोजन पायलट परियोजना लॉन्च

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केंद्रीय नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्री प्रह्लाद जोशी ने आज मोबिलिटी सेक्टर में हाइड्रोजन के उपयोग पर फील्ड ट्रायल्स के लिए पायलट प्रोजेक्ट लॉन्च किया। उन्होंने इसे भारत की स्वच्छ ऊर्जा प्रगति में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर बताया।

भारत की ऊर्जा व्यवस्था में ग्रीन हाइड्रोजन—भविष्य का ईंधन

मंत्री ने कहा कि ग्रीन हाइड्रोजन विश्व भर में भविष्य की ऊर्जा प्रणालियों की रीढ़ बनकर उभर रहा है। उन्होंने टोयोटा की ‘मिराई’ हाइड्रोजन फ्यूल-सेल इलेक्ट्रिक व्हीकल (FCEV) को NISE को सौंपे जाने को महत्वपूर्ण कदम बताया, जिससे भारत के स्वच्छ ऊर्जा संक्रमण को बढ़ावा मिलेगा।

उन्होंने कहा कि ऐसे सहयोग ऊर्जा आत्मनिर्भरता, कम-उत्सर्जन वाले नवाचारपूर्ण परिवहन समाधानों और भारत की पंचामृत जलवायु प्रतिबद्धताओं को मजबूत करते हैं।

‘मिराई’—भारत के सतत परिवहन के भविष्य का प्रतीक

जोशी ने कहा कि टोयोटा की ‘मिराई’ (जापानी में फ्यूचर) भारत की स्वच्छ और हरित मोबिलिटी की दिशा में एक नया अध्याय है।

भारतीय परिस्थितियों में होगी 2 वर्ष की व्यापक जांच

MOU के तहत NISE अगले दो वर्षों में मिराई हाइड्रोजन वाहन का परीक्षण भारत की गर्मी, धूल, ट्रैफिक और विविध भौगोलिक परिस्थितियों में करेगा।
यह अध्ययन देशभर में हाइड्रोजन मोबिलिटी को स्केल-अप करने के लिए महत्वपूर्ण डेटा प्रदान करेगा।

मंत्री ने बताया कि:

  • हाइड्रोजन फ्यूल सेल वाहन पूरी तरह स्वच्छ, शांत, शून्य-उत्सर्जन होते हैं

  • इनके उत्सर्जन में केवल शुद्ध पानी निकलता है

  • ये विश्वभर में कारों, बसों, ट्रकों, ट्रेन, जहाजों और पावर सिस्टम्स में इस्तेमाल हो रहे हैं

उन्होंने निजी तौर पर वाहन चलाकर यह संदेश दिया कि हाइड्रोजन मोबिलिटी भारत की परिस्थितियों के लिए पूरी तरह उपयुक्त है।

हाइड्रोजन तकनीक—नीति से प्रयोग और वाणिज्यिक उपयोग की ओर तेज़ी से अग्रसर

कार्यक्रम में उपस्थित नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा राज्य मंत्री श्रीपाद नाइक ने कहा कि यह पहल भारत के स्वच्छ, हरित और आत्मनिर्भर ऊर्जा भविष्य की दिशा में बड़ा कदम है।

उन्होंने बताया कि:

  • जनवरी 2023 में नेशनल ग्रीन हाइड्रोजन मिशन शुरू होने के बाद
    भारत नीतियों से वास्तविक प्रयोग और अब वाणिज्यिक उपयोग की ओर बढ़ रहा है

  • मिराई वाहन का वास्तविक परिस्थितियों में परीक्षण भविष्य में बड़े पैमाने पर हाइड्रोजन-आधारित परिवहन को बढ़ावा देगा

टोयोटा का भारत के स्वच्छ ऊर्जा इकोसिस्टम पर विश्वास

टोयोटा किर्लोस्कर मोटर के देश प्रमुख विक्रम गुलाटी ने कहा कि यह साझेदारी भारत के ग्रीन हाइड्रोजन मिशन को मजबूत करती है और देश को नेट-ज़ीरो लक्ष्य प्राप्त करने में मदद करेगी।

मंत्री ने संसद भवन तक चलाया वाहन

कार्यक्रम के बाद जोशी ने स्वयं मिराई चलाकर नए संसद भवन तक पहुँचाया। उन्होंने कहा कि हाइड्रोजन-आधारित इस ग्रीन टेक्नोलॉजी को प्रदर्शित करने के लिए नया संसद भवन उपयुक्त स्थल है, क्योंकि यह स्वयं ग्रीन बिल्डिंग के रूप में विकसित किया गया है।

टोयोटा मिराई क्या है?

  • दूसरी पीढ़ी की हाइड्रोजन फ्यूल-सेल इलेक्ट्रिक कार

  • हाइड्रोजन + ऑक्सीजन की रासायनिक प्रतिक्रिया से बिजली उत्पन्न करती है

  • उत्सर्जन: केवल जलवाष्प

  • रेंज: लगभग 650 किमी

  • रिफ्यूलिंग समय: 5 मिनट से कम

  • दुनिया की सबसे उन्नत शून्य-उत्सर्जन मोबिलिटी तकनीकों में से एक


प्रशासन गाँव की ओर 2025 : जन शिकायत निवारण और सेवा वितरण को सुदृढ़ बनाने वाला राष्ट्रव्यापी अभियान

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“प्रशासन गाँव की ओर” – जन शिकायत निवारण और सेवा प्रदायगी में सुधार हेतु राष्ट्रव्यापी अभियान 19 से 25 दिसंबर 2025 तक देश के सभी जिलों, राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में आयोजित किया जाएगा।

इस अभियान के प्रमुख उद्देश्य निम्नलिखित हैं:

  • सुशासन के सर्वोत्तम तरीकों, नवाचारों और उनके पुनरुत्पादन को बढ़ावा देना।

  • सर्वोत्तम प्रथाओं की पहचान, प्रोत्साहन और दस्तावेजीकरण।

  • जन शिकायतों के निवारण को नागरिकों के दरवाज़े तक पहुँचाना।

  • ‘प्रशासन गाँव की ओर’ अभियान के माध्यम से प्रशासन को जमीनी स्तर तक ले जाना।

विशेष अभियान 5.0 के तहत केंद्र सरकार के मंत्रालयों/विभागों द्वारा कार्यालयों को स्वच्छ बनाने, सार्वजनिक शिकायतों का लंबित भार कम करने, ई-वेस्ट व कबाड़ निपटान और रिकॉर्ड प्रबंधन सुधारने जैसे उपाय किए गए थे। इसी क्रम में गुड गवर्नेंस वीक 2025 के हिस्से के रूप में 19 दिसंबर 2025 से “प्रशासन गाँव की ओर 2025” अभियान शुरू किया जा रहा है।

इस पहल के लिए एक समर्पित पोर्टल https://darpgapps.nic.in/GGW25 10 दिसंबर 2025 से शुरू किया गया है।
अभियान का तैयारी चरण 11 से 18 दिसंबर तक चलेगा, जिसमें राज्य/केंद्र शासित प्रदेश एवं जिले तहसील और जिला स्तर के कार्यक्रमों की योजना बनाएंगे और हितधारकों को जागरूक करेंगे।

कार्यान्वयन चरण (19–25 दिसंबर 2025) में राज्य/UT निम्नलिखित गतिविधियाँ करेंगे:

  • CPGRAMS में जन शिकायतों का निवारण

  • राज्य पोर्टलों में प्राप्त जन शिकायतों का निवारण

  • विशेष शिविरों में जन शिकायत निवारण

  • विशेष शिविरों में सेवा प्रदायगी आवेदनों का समाधान

  • सुशासन की सर्वोत्तम प्रथाओं का संकलन एवं पोर्टल पर फोटो सहित अपलोड

  • जन शिकायत समाधान की सफलता कहानियाँ

  • ऑनलाइन सेवा प्रदायगी में नई सेवाओं को जोड़ना

  • Vision Document – District@100 तैयार करना

तैयारी बैठक में सभी राज्यों के प्रशासनिक सुधार सचिवों और सभी जिलों के डीसी/डीएम को संवेदनशील किया गया। इस अभियान का मुख्य उद्देश्य लंबित जन शिकायतों और सेवा आवेदनों का तीव्र समाधान करना और सुशासन की सर्वोत्तम प्रथाओं का दस्तावेजीकरण करना है।
राज्यों और जिलों के अधिकारियों ने सभी जिलों से सक्रिय भागीदारी का आश्वासन दिया।

इस तैयारी बैठक में 700 से अधिक DC/DM और फील्ड अधिकारी तथा देशभर के 1200 से अधिक स्थानों से वरिष्ठ अधिकारी शामिल हुए।


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