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प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना (PMGSY) – 25 वर्षों में ग्रामीण विकास का एक स्तंभ

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मुख्य तथ्य

  • PMGSY के तहत अब तक 8,25,114 किमी ग्रामीण सड़कें स्वीकृत की गईं, जिनमें से 7,87,520 किमी पूर्ण हो चुकी हैं।

  • PMGSY–III के तहत 1,22,393 किमी सड़कें स्वीकृत हुईं, और 1,01,623 किमी (83%) निर्माणाधीन और पूर्ण हो चुकी हैं।

  • PMGSY–IV (2024–29) के दौरान 25,000 गांवों को जोड़ने के लिए 62,500 किमी सड़कें बनाई जाएंगी, जिसके लिए 70,125 करोड़ रुपये का प्रावधान है।

  • OMMAS, e-MARG, GPS ट्रैकिंग और तीन-स्तरीय गुणवत्ता प्रणाली के माध्यम से वास्तविक समय में निगरानी की जाती है, जो जिम्मेदारी और सड़क की टिकाऊपन सुनिश्चित करती है।

परिचय

सड़क बुनियादी ढांचा ग्रामीण विकास का एक महत्वपूर्ण स्तंभ है। यह आर्थिक और सामाजिक सेवाओं तक पहुंच को आसान बनाता है, कृषि आय बढ़ाता है, उत्पादक रोजगार के अवसर प्रदान करता है और गरीबी में कमी लाने में योगदान करता है। 2025 में प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना (PMGSY) अपने 25 वर्ष पूरे कर रही है।

25 दिसंबर 2000 को शुरू की गई यह योजना पहले से अनकनेक्टेड ग्रामीण गांवों को सालभर चालू रहने वाली सड़कें प्रदान करने के उद्देश्य से शुरू की गई थी। PMGSY ने समय के साथ कृषि विकास, रोजगार सृजन, शिक्षा और स्वास्थ्य सेवाओं तक पहुंच, तथा गरीबी उन्मूलन में महत्वपूर्ण योगदान दिया है।

PMGSY के विभिन्न चरण

  1. Phase I (2000): 1,63,339 ग्रामीण गांवों को सभी मौसम में चलने योग्य सड़क कनेक्टिविटी उपलब्ध कराई गई।

  2. Phase II (2013): मौजूदा ग्रामीण सड़क नेटवर्क को मजबूत करना और आर्थिक रूप से महत्वपूर्ण मार्गों का उन्नयन।

  3. RCPLWEA (2016): 44 लेफ्ट विंग एक्सट्रीमिज्म प्रभावित जिलों में सड़क कनेक्टिविटी बढ़ाकर सुरक्षा और सामाजिक-आर्थिक विकास सुनिश्चित करना।

  4. Phase III (2019): 1,25,000 किमी के माध्यमिक मार्ग और प्रमुख ग्रामीण लिंक का उन्नयन। अब तक 1,22,393 किमी स्वीकृत और 1,01,623 किमी पूर्ण।

  5. Phase IV (2024–29): 25,000 ग्रामीण गांवों को जोड़ने के लिए 62,500 किमी सड़कें बनाई जाएंगी, जिसमें विशेष श्रेणी के क्षेत्र, ट्राइबल क्षेत्र और आकांक्षी जिले शामिल हैं।

उन्नत तकनीक का उपयोग

  • OMMAS (Online Management, Monitoring, and Accounting System): वास्तविक समय में निर्माण और वित्तीय प्रगति की निगरानी।

  • e-MARG (Electronic Maintenance of Rural Roads): सड़क निर्माण के पांच वर्षों के लिए रखरखाव और प्रदर्शन आधारित भुगतान।

  • GPS ट्रैकिंग: सभी निर्माण मशीनरी और वाहनों पर निगरानी, गुणवत्ता सुनिश्चित करना।

तकनीकी मानक और नवाचार

  • इको-फ्रेंडली सामग्री: फ्लाई ऐश, स्लैग, कचरा, प्लास्टिक, क्रंब रबर बिटुमेन, जियोसिंथेटिक्स आदि।

  • नवीन निर्माण तकनीक: कोल्ड मिक्स तकनीक, फुल डेप्थ रीक्लेमेशन, प्लास्टिक का पुन: उपयोग।

  • तीन-स्तरीय गुणवत्ता प्रणाली:

    1. क्षेत्रीय स्तर पर गुणवत्ता जांच।

    2. राज्य गुणवत्ता निरीक्षण (SQMs)।

    3. राष्ट्रीय गुणवत्ता निरीक्षण (NQMs) द्वारा अचानक ऑडिट।

निष्कर्ष

2025 में PMGSY ने 25 साल पूरे किए, और यह ग्रामीण विकास की दिशा में एक मजबूत स्तंभ बन चुका है। लगभग 96 प्रतिशत सड़कें पूर्ण होने के साथ, योजना ने ग्रामीण पहुंच, बाजार कनेक्टिविटी, शिक्षा और स्वास्थ्य सेवाओं तक पहुंच और समावेशी आर्थिक विकास में महत्वपूर्ण योगदान दिया है।

PMGSY ने डिजिटल निगरानी प्रणालियों, उन्नत तकनीकों और तीन-स्तरीय गुणवत्ता प्रणाली के माध्यम से पारदर्शिता, जवाबदेही, टिकाऊपन और जलवायु प्रतिरोधक क्षमता सुनिश्चित की है। यह योजना सतत विकास लक्ष्यों के अनुरूप न केवल सड़क निर्माण बल्कि पर्यावरणीय स्थिरता, गरीबी उन्मूलन और समावेशी ग्रामीण परिवर्तन को भी बढ़ावा देती है।

किम्बर्ली प्रक्रिया की अध्यक्षता के लिए भारत का चयन, 1 जनवरी 2026 से संभालेगा नेतृत्व

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नई दिल्ली- किम्बर्ली प्रक्रिया (KP) की आम सभा ने भारत को 1 जनवरी 2026 से किम्बर्ली प्रक्रिया की अध्यक्षता संभालने के लिए चुना है। किम्बर्ली प्रक्रिया एक त्रिपक्षीय पहल है जिसमें सरकारें, अंतरराष्ट्रीय हीरे का उद्योग और नागरिक समाज शामिल हैं। इसका उद्देश्य “संघर्ष हीरों” (Conflict Diamonds) के व्यापार को रोकना है—ये वे हीरे हैं जिनका उपयोग विद्रोही समूह या उनके सहयोगी संघर्षों को वित्तपोषित करने के लिए करते हैं, जो वैध सरकारों को कमजोर करते हैं, जैसा कि संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के प्रस्तावों में परिभाषित है।

भारत 25 दिसंबर 2025 से KP के उपाध्यक्ष के रूप में कार्यभार ग्रहण करेगा, इसके बाद नए साल में अध्यक्षता संभालेगा। यह तीसरी बार है जब भारत को किम्बर्ली प्रक्रिया की अध्यक्षता के लिए जिम्मेदारी सौंपी गई है।

वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पियूष गोयल ने इस निर्णय का स्वागत करते हुए कहा कि भारत का चयन मोदी सरकार की अंतरराष्ट्रीय व्यापार में ईमानदारी और पारदर्शिता सुनिश्चित करने की प्रतिबद्धता पर वैश्विक विश्वास को दर्शाता है।

किम्बर्ली प्रक्रिया प्रमाणन योजना (KPCS), जिसे एक संयुक्त राष्ट्र प्रस्ताव के तहत स्थापित किया गया था, 1 जनवरी 2003 से प्रभावी है और तब से यह संघर्ष हीरों के व्यापार को रोकने का एक प्रभावी तंत्र बन चुकी है। वर्तमान में किम्बर्ली प्रक्रिया के 60 प्रतिभागी हैं, जिसमें यूरोपीय संघ और उसके सदस्य राज्य को एक ही प्रतिभागी के रूप में गिना जाता है। KP प्रतिभागी विश्व के लगभग 99 प्रतिशत कच्चे हीरों के व्यापार को नियंत्रित करते हैं, जिससे यह इस क्षेत्र का सबसे व्यापक अंतरराष्ट्रीय तंत्र बन गया है।

हीरे के निर्माण और व्यापार में एक प्रमुख वैश्विक केंद्र होने के नाते, भारत की अध्यक्षता ऐसे समय में आ रही है जब भू-राजनीति बदल रही है और सतत और जिम्मेदार स्रोतों से हीरों की आपूर्ति पर अधिक जोर दिया जा रहा है। भारत अपने कार्यकाल के दौरान संचालन और अनुपालन को मजबूत करने, डिजिटल प्रमाणन और ट्रेसबिलिटी को बढ़ावा देने, डेटा-आधारित निगरानी के माध्यम से पारदर्शिता बढ़ाने, और संघर्ष-रहित हीरों में उपभोक्ता विश्वास मजबूत करने पर ध्यान केंद्रित करेगा।

2025 में उपाध्यक्ष और 2026 में अध्यक्ष के रूप में, भारत सभी प्रतिभागियों और पर्यवेक्षकों के साथ मिलकर किम्बर्ली प्रक्रिया में विश्वास को मजबूत करने, नियम-आधारित अनुपालन सुनिश्चित करने और इसकी विश्वसनीयता बढ़ाने के लिए काम करेगा। इसके साथ ही भारत KP को एक अधिक समावेशी और प्रभावी बहुपक्षीय तंत्र बनाने की दिशा में भी प्रयास करेगा।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दिल्ली के ‘कैथेड्रल चर्च ऑफ द रिडेम्पशन’ में क्रिसमस प्रार्थना सभा में की शिरकत

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नई दिल्ली- प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज क्रिसमस के पावन अवसर पर दिल्ली स्थित ‘द कैथेड्रल चर्च ऑफ द रिडेम्पशन’ में आयोजित प्रातःकालीन प्रार्थना सभा में भाग लिया। इस अवसर पर उन्होंने देशवासियों को क्रिसमस की शुभकामनाएँ देते हुए प्रेम, शांति और करुणा के संदेश को आत्मसात करने का आह्वान किया।

प्रधानमंत्री ने कहा कि क्रिसमस प्रार्थना सभा में प्रेम, शांति और करुणा का शाश्वत संदेश परिलक्षित हुआ। उन्होंने कामना की कि क्रिसमस की भावना समाज में सद्भाव, सौहार्द और परस्पर सद्भावना को और अधिक सुदृढ़ करे।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस अवसर पर ईसाई समुदाय के धर्मगुरुओं और श्रद्धालुओं से संवाद भी किया और देश की एकता, भाईचारे तथा सांस्कृतिक विविधता को भारत की सबसे बड़ी शक्ति बताया।

प्रधानमंत्री ने सोशल मीडिया मंच एक्स (X) पर अपने संदेश में कहा:

“आज दिल्ली के ‘द कैथेड्रल चर्च ऑफ द रिडेम्पशन’ में क्रिसमस की प्रातःकालीन प्रार्थना सभा में सम्मिलित हुआ। इस सेवा में प्रेम, शांति और करुणा का शाश्वत संदेश झलका। क्रिसमस की भावना हमारे समाज में सद्भाव और सद्भावना को प्रेरित करे।”

प्रधानमंत्री की इस उपस्थिति को देश की विविध धार्मिक परंपराओं के प्रति सम्मान और आपसी सौहार्द को बढ़ावा देने के रूप में देखा जा रहा है।




महिला एवं बाल विकास मंत्रालय द्वारा 26 दिसंबर 2025 को राष्ट्रीय स्तर पर ‘वीर बाल दिवस’ का आयोजन

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नई दिल्ली- महिला एवं बाल विकास मंत्रालय, भारत सरकार, कल 26 दिसंबर 2025 को राष्ट्रीय स्तर पर वीर बाल दिवस का आयोजन करेगा। इस अवसर पर भारत के युवा नायकों के साहस, बलिदान और प्रेरणादायी मूल्यों को स्मरण किया जाएगा। इसी दिन विभिन्न क्षेत्रों में असाधारण उपलब्धियाँ हासिल करने वाले बच्चों को प्रधानमंत्री राष्ट्रीय बाल पुरस्कार (PMRBP) से सम्मानित किया जाएगा।

प्रधानमंत्री राष्ट्रीय बाल पुरस्कार भारत सरकार द्वारा प्रतिवर्ष प्रदान किया जाने वाला एक प्रतिष्ठित राष्ट्रीय सम्मान है, जो बच्चों को वीरता, कला एवं संस्कृति, पर्यावरण, सामाजिक सेवा, विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी तथा खेल के क्षेत्रों में उत्कृष्ट प्रदर्शन के लिए दिया जाता है। वर्ष 2025 में देश के 18 राज्यों एवं केंद्र शासित प्रदेशों से चयनित 20 बच्चों को यह सम्मान प्रदान किया जाएगा। ये पुरस्कार राष्ट्रपति  द्रौपदी मुर्मू द्वारा 26 दिसंबर 2025 को प्रातः 10:00 बजे नई दिल्ली के विज्ञान भवन में आयोजित विशेष समारोह में प्रदान किए जाएंगे।

वीर बाल दिवस 2025 का राष्ट्रीय कार्यक्रम 26 दिसंबर 2025 को भारत मंडपम, नई दिल्ली में आयोजित किया जाएगा। इस अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कार्यक्रम को संबोधित करेंगे और देश के बच्चों एवं युवाओं को राष्ट्र निर्माण में उनकी भूमिका के प्रति प्रेरित करेंगे। कार्यक्रम में वीरता, साहस, दृढ़ संकल्प और निःस्वार्थ सेवा की प्रेरक गाथाओं को प्रस्तुत किया जाएगा, जो विकसित भारत@2047 के लक्ष्य के अनुरूप सशक्त और जिम्मेदार नागरिकों के निर्माण के प्रति सरकार की प्रतिबद्धता को दोहराएगा। कार्यक्रम में महिला एवं बाल विकास मंत्री अन्नपूर्णा देवी स्वागत भाषण देंगी।

इस राष्ट्रीय आयोजन में देशभर से विद्यालयी छात्र, प्रधानमंत्री राष्ट्रीय बाल पुरस्कार विजेता और अन्य गणमान्य अतिथि भाग लेंगे। कार्यक्रम के दौरान भारत की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत और वीरता की भावना को दर्शाने वाली सांस्कृतिक प्रस्तुतियाँ भी आयोजित की जाएंगी।

वीर बाल दिवस 2025 का यह राष्ट्रीय कार्यक्रम 26 दिसंबर 2025 को दोपहर 12:30 बजे से एनआईसी वेबकास्ट, डीडी न्यूज़ तथा महिला एवं बाल विकास मंत्रालय के यूट्यूब चैनल पर सीधा प्रसारित किया जाएगा, जिससे देशभर के नागरिक इस कार्यक्रम से जुड़ सकेंगे।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने महामना पंडित मदन मोहन मालवीय की जयंती पर दी श्रद्धांजलि, शिक्षा और राष्ट्रजागरण में उनके योगदान को किया नमन

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नई दिल्ली- प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज भारत रत्न महामना पंडित मदन मोहन मालवीय जी की जयंती के अवसर पर उन्हें श्रद्धापूर्वक नमन किया। प्रधानमंत्री ने कहा कि महामना मालवीय जी ने अपना संपूर्ण जीवन मातृभूमि की सेवा, सामाजिक सुधार और राष्ट्रीय चेतना के जागरण को समर्पित कर दिया। उनका जीवन भारत की स्वतंत्रता संग्राम और शैक्षिक पुनर्जागरण का उज्ज्वल अध्याय है।

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि पंडित मदन मोहन मालवीय जी ने गुलामी की जंजीरों को तोड़ने के लिए समाज सुधार के साथ-साथ देशवासियों में राष्ट्रप्रेम और आत्मसम्मान की भावना को जागृत करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। वे स्वतंत्रता आंदोलन के अग्रणी नेताओं में से एक थे और उन्होंने भारतीय समाज को संगठित करने के लिए शिक्षा को सबसे प्रभावी माध्यम माना।

महामना मालवीय जी का सबसे अविस्मरणीय योगदान देश के शिक्षा जगत में रहा। उन्होंने 1916 में काशी हिंदू विश्वविद्यालय (बीएचयू) की स्थापना कर भारत में आधुनिक और राष्ट्रीय शिक्षा की मजबूत नींव रखी। बीएचयू आज भी देश के प्रमुख शैक्षणिक संस्थानों में गिना जाता है और उनके दूरदर्शी विचारों का जीवंत उदाहरण है।

प्रधानमंत्री ने कहा कि महामना मालवीय जी न केवल महान शिक्षाविद और समाज सुधारक थे, बल्कि वे एक प्रभावशाली वक्ता, लेखक और निर्भीक पत्रकार भी थे। उन्होंने भारतीय संस्कृति, मूल्यों और स्वदेशी विचारधारा को जन-जन तक पहुंचाने का कार्य किया। उनका आदर्श जीवन आने वाली पीढ़ियों के लिए प्रेरणास्रोत बना रहेगा।

प्रधानमंत्री ने सोशल मीडिया मंच एक्स (X) पर अपने संदेश में कहा:

“मातृभूमि की सेवा में आजीवन समर्पित रहे भारत रत्न महामना पंडित मदन मोहन मालवीय जी को उनकी जयंती पर आदरपूर्ण श्रद्धांजलि। उन्होंने गुलामी की जंजीरों को तोड़ने के लिए समाज सुधार के साथ राष्ट्रीय चेतना को जागृत करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। देश के शिक्षा जगत में उनका अतुलनीय योगदान कभी भुलाया नहीं जा सकता।”

प्रधानमंत्री ने कहा कि महामना मालवीय जी के विचार और कार्य आज भी आत्मनिर्भर, शिक्षित और सशक्त भारत के निर्माण के लिए मार्गदर्शक बने हुए हैं।


प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अटल बिहारी वाजपेयी की जयंती पर दी श्रद्धांजलि, कहा—सुशासन और राष्ट्रनिर्माण के प्रतीक थे अटल जी

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नई दिल्ली- प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज भारत रत्न, पूर्व प्रधानमंत्री श्रद्धेय अटल बिहारी वाजपेयी जी की जयंती के अवसर पर उन्हें भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित की। प्रधानमंत्री ने कहा कि अटल बिहारी वाजपेयी जी ने अपना संपूर्ण जीवन सुशासन, लोकतांत्रिक मूल्यों और राष्ट्र निर्माण को समर्पित कर दिया। उनका व्यक्तित्व और विचार आज भी देश को दिशा देने का कार्य कर रहे हैं।

प्रधानमंत्री मोदी ने सोशल मीडिया मंच एक्स (X) पर अपने संदेश में कहा कि अटल जी न केवल एक प्रखर वक्ता और दूरदर्शी नेता थे, बल्कि वे एक ओजस्वी कवि भी थे, जिनकी रचनाओं में राष्ट्रप्रेम, संवेदना और मानवीय मूल्यों की गहरी झलक मिलती है। उनका नेतृत्व देश के चहुंमुखी विकास के लिए सदैव प्रेरणास्रोत बना रहेगा।

अटल बिहारी वाजपेयी जी भारतीय राजनीति के उन विरले नेताओं में से थे, जिन्हें पक्ष और विपक्ष—दोनों में समान सम्मान प्राप्त था। वे तीन बार देश के प्रधानमंत्री रहे और उनके कार्यकाल में भारत ने सुशासन, आर्थिक सुधार, बुनियादी ढांचे के विकास और वैश्विक मंच पर सशक्त पहचान की दिशा में ऐतिहासिक प्रगति की। पोखरण परमाणु परीक्षण, स्वर्णिम चतुर्भुज परियोजना और ग्राम सड़क योजना जैसे निर्णय उनके दूरदर्शी नेतृत्व के उदाहरण हैं।

प्रधानमंत्री ने कहा कि अटल जी का जीवन और विचार आने वाली पीढ़ियों के लिए प्रेरणा का स्रोत बने रहेंगे और उनका योगदान भारत के लोकतांत्रिक इतिहास में स्वर्ण अक्षरों में अंकित रहेगा।

प्रधानमंत्री का संदेश:

“देशवासियों के हृदय में बसे पूर्व प्रधानमंत्री भारत रत्न अटल बिहारी वाजपेयी जी को उनकी जयंती पर सादर नमन। उन्होंने अपना संपूर्ण जीवन सुशासन और राष्ट्र निर्माण को समर्पित कर दिया। वे एक प्रखर वक्ता के साथ-साथ ओजस्वी कवि के रूप में भी सदैव स्मरणीय रहेंगे। उनका व्यक्तित्व, कृतित्व और नेतृत्व देश के चहुंमुखी विकास के लिए पथ-प्रदर्शक बना रहेगा।”


कर्नाटक के चित्रदुर्ग में दुर्घटना पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जताया शोक, मृतकों के परिजनों और घायलों के लिए अनुग्रह राशि की घोषणा

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कर्नाटक के चित्रदुर्ग जिले में हुई दुर्घटना में लोगों की जान जाने पर गहरा शोक व्यक्त किया है। मोदी ने दुर्घटना में घायल लोगों के शीघ्र स्वस्थ होने की कामना भी की है।

प्रधानमंत्री ने प्रधानमंत्री राष्ट्रीय राहत कोष (PMNRF) से प्रत्येक मृतक के निकटतम परिजन को 2 लाख रुपये तथा घायलों को 50,000 रुपये की अनुग्रह राशि देने की घोषणा की है।

प्रधानमंत्री ने एक्स (X) पर पोस्ट किया:

“कर्नाटक के चित्रदुर्ग जिले में हुई दुर्घटना में लोगों की जान जाने से अत्यंत दुखी हूँ। जिन लोगों ने अपने प्रियजनों को खोया है, उनके प्रति मेरी गहरी संवेदनाएँ। घायल लोग शीघ्र स्वस्थ हों, यही कामना है।

प्रधानमंत्री राष्ट्रीय राहत कोष (PMNRF) से प्रत्येक मृतक के निकटतम परिजन को 2 लाख रुपये की अनुग्रह राशि दी जाएगी। घायलों को 50,000 रुपये दिए जाएंगे

पुलिस vs गैंगस्टर! रिमांड में मयंक सिंह- निशाने पर बिश्नोई गैंग का नेटवर्क

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 रायपुर। झारखंड का कुख्यात गैंगस्टर मयंक सिंह अब रायपुर पुलिस की गिरफ्त में है। मंगलवार को उसे रायपुर कोर्ट में पेश किया गया, जहां अदालत ने 27 दिसंबर तक पुलिस रिमांड पर भेज दिया। चार दिनों तक की गहन पूछताछ में अंडरवर्ल्ड के बड़े राज़ खुलने के संकेत मिल रहे हैं।


मयंक के खिलाफ रायपुर और झारखंड दोनों जगह कई आपराधिक केस दर्ज हैं। आज ही ACCU क्राइम ब्रांच की टीम उसे ट्रांजिट रिमांड पर रायपुर लेकर पहुंची है।

 पुलिस की पूछताछ के प्रमुख बिंदु

  • कारोबारी ठिकानों पर गोलीकांड
  • लॉरेंस बिश्नोई गैंग से कनेक्शन
  • हथियार सप्लाई नेटवर्क
  • गिरोह के फाइनेंसिंग रूट्स

रायपुर एसएसपी डॉ. लाल उमेद सिंह खुद ACCU दफ्तर पहुंचकर पूछताछ की मॉनिटरिंग कर रहे हैं। माना जा रहा है कि मयंक से कई छिपे नेटवर्क और सप्लायर के नाम सामने आ सकते हैं।

 रायपुर फायरिंग केस का मुख्य आरोपी

जुलाई 2024 में रायपुर के कोयला व कंस्ट्रक्शन कारोबारी प्रहलाद राय और PRA ग्रुप के कार्यालय पर फायरिंग की वारदात हुई थी।
 सीसीटीवी फुटेज में बाइक सवार बदमाश को

दो राउंड फायर करते देखा गया

  • एक गोली हवा में
  • दूसरी कारोबारी की कार पर

जांच में इस सनसनीखेज वारदात का मास्टरमाइंड मयंक सिंह मिला। अदालत ने प्रोडक्शन वारंट जारी किया और पुलिस उसे रायपुर लाई।

 अब क्या?

पुलिस को उम्मीद है कि रिमांड अवधि में—
🔹 गिरोह की गतिविधियों
🔹 सुपारी वसूली नेटवर्क
🔹 रायपुर में क्राइम मॉड्यूल
पर बड़े खुलासे होंगे।

सगे बेटों ने की रीढ़ कंपा देने वाली वारदात- दो बार सांप से डसवाकर की हत्या

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 तमिलनाडु के तिरुवल्लुवर जिले से एक रोंगटे खड़े कर देने वाली घटना सामने आई है। पोथत्तुरपेट के नल्लथिनिरकुलम स्ट्रीट में रहने वाले गणेशन (56) की सांप के काटने से मौत हो गई थी। गणेशन सरकारी हायर सेकेंडरी स्कूल में लैब असिस्टेंट थे। 22 अक्टूबर की सुबह घर में सोते समय सांप के डसने से उनकी मौत हुई—ऐसा परिवार का दावा था। उनके बेटों ने इसकी सूचना पोथत्तुरपेट पुलिस को दी।


इसी दौरान परिवार ने गणेशन के नाम पर कराई गई बीमा पॉलिसियों का क्लेम करने के लिए 3 करोड़ रुपये की मांग की। क्लेम प्रक्रिया में परिवार के बयान एक-दूसरे से मेल नहीं खाए, जिससे इंश्योरेंस कंपनी को शक हुआ। मामले की शिकायत नॉर्दर्न जोन के आईजी असरा गर्ग के पास पहुंची। 6 दिसंबर को विशेष जांच टीम बनी और जांच आगे बढ़ते ही चौंकाने वाली सच्चाई सामने आ गई।

पैसे के लालच ने बेटों को बना दिया हैवान

जांच में खुलासा हुआ कि गणेशन के नाम पर कई महंगी बीमा पॉलिसियां थीं। इन्हें हड़पने के लिए उनके बेटों -
मोहनराज और हरिहरन ने
अपने साथियों बालाजी (28), प्रशांत (35), नवीन कुमार (28) और दिनकरन (28) के साथ मिलकर यह खतरनाक साजिश रची।

सबसे बड़ा सुराग यह मिला कि मौत से ठीक एक हफ्ता पहले भी गणेशन को कोबरा ने काटा था। उस वक्त पड़ोसियों ने समय रहते अस्पताल पहुंचा दिया था और उनकी जान बच गई थी।
लेकिन दूसरी बार परिवार ने जानबूझकर इलाज में देरी की, जिससे उनकी मौत हो गई।

कॉल रिकॉर्ड्स में मिला हत्या का सबूत

पुलिस जांच में कॉल रिकॉर्ड्स और अन्य तकनीकी सबूतों से पता चला कि
👉 आरोपी बेटों ने सांप का इंतजाम किया
👉 पिता को दो बार कटवाया
👉 ताकि बीमा का पैसा हासिल किया जा सके

पुलिस ने दोनों बेटों सहित कुल 6 आरोपियों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है।

सहकारिता के माध्यम से किसानों की समृद्धि: केंद्रीय गृह और सहकारिता मंत्री अमित शाह ने पैनचकूला में KRIBHCO सम्मेलन को संबोधित किया

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केंद्रीय गृह और सहकारिता मंत्री अमित शाह ने आज पैनचकूला, हरियाणा में कृषक भारती कोऑपरेटिव लिमिटेड (KRIBHCO) द्वारा ‘सतत कृषि में सहकारिता की भूमिका’ विषय पर आयोजित सहकारी सम्मेलन को संबोधित किया। इस अवसर पर हरियाणा के मुख्यमंत्री नयाब सिंह सैनी, केंद्रीय राज्य मंत्री, सहकारिता कृष्ण पाल गुरजर, सहकारिता मंत्रालय के सचिव डॉ. अशिष कुमार भुतानी सहित अन्य गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।

सहकारिता से किसान समृद्धि:

अमित शाह ने कहा कि हरियाणा, जो इतिहास, धर्म, आध्यात्म और परंपराओं से जुड़ा हुआ है, आज सहकारिता और कृषि के सहयोग से किसानों की समृद्धि के नए आयाम रच रहा है। अंतरराष्ट्रीय सहकारिता वर्ष के अवसर पर सम्मेलन में दूध शीतलन केंद्र, HAFED फ्लोर मिल, RuPay Platinum कार्ड और मॉडल PACS के पंजीकरण प्रमाण पत्र, और अंतरराष्ट्रीय सहकारिता वर्ष पोर्टल का भी उद्घाटन किया गया।

कृषि और पशुपालन में रोजगार और समृद्धि:

मंत्री ने कहा कि देश की लगभग 70% जनसंख्या ग्रामीण क्षेत्रों में रहती है और बड़ी संख्या में लोग सीधे या अप्रत्यक्ष रूप से कृषि और पशुपालन पर निर्भर हैं। जब कृषि और पशुपालन को सहकारिता के माध्यम से जोड़ा जाता है, तो यह न केवल 125 करोड़ लोगों को रोजगार प्रदान करता है, बल्कि उन्हें समृद्ध भी बनाता है। उन्होंने उदाहरण देते हुए बताया कि गुजरात में अमूल हर साल लगभग ₹90,000 करोड़ 36 लाख महिला दूध उत्पादकों को वितरित करता है, जबकि बाजार मूल्य पर यही राशि केवल ₹12,000 करोड़ होती।

सहकारिता के माध्यम से समृद्धि:

शाह ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने केंद्रीय स्तर पर सहकारिता मंत्रालय की स्थापना कर ‘Prosperity through Cooperation’ का नया मंत्र दिया। अब सहकारिता केवल रोजगार के लिए नहीं, बल्कि किसानों की समृद्धि के लिए भी जुड़ी हुई है।

कृषि और ग्रामीण विकास में सरकार की पहल:

  • 2014 में प्रधानमंत्री बनने के समय कृषि बजट ₹22,000 करोड़ था, जिसे अब ₹1,27,000 करोड़ किया गया।

  • ग्रामीण विकास बजट ₹80,000 करोड़ से बढ़कर ₹1,87,000 करोड़।

  • किसानों को प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि के तहत सालाना ₹6,000।

  • कृषि अवसंरचना निधि के तहत ₹1 लाख करोड़ का प्रावधान।

  • e-NAM, श्री अन्ना मिशन, दाल और तेलहन मिशन, डेयरी क्षेत्र की परिपत्र प्रणाली जैसी योजनाओं को लागू किया गया।

PACS और सहकारी संस्थाओं का सशक्तिकरण:

शाह ने बताया कि प्राथमिक कृषि ऋण समितियों (PACS) के लिए मॉडल उपनियम तैयार किए गए और मल्टीपर्पज PACS प्रमाण पत्र जारी किए गए। 30 से अधिक क्षेत्रों को PACS से जोड़ा गया, जैसे उर्वरक वितरण, कृषि उत्पाद की सफाई, ग्रेडिंग, विपणन, दवा दुकानें, पेट्रोल पंप, गैस एजेंसियां और जल वितरण।

राष्ट्रीय स्तर पर सहकारी संस्थाएं:

  • National Cooperative Exports Limited (NCEL) – किसानों के उत्पाद के निर्यात के लिए

  • National Cooperative Organics Limited (NCOL) – ऑर्गेनिक उत्पादों के विपणन और प्रमाणन के लिए

  • Bharatiya Beej Sahkari Samiti Limited (BBSSL) – बीज उत्पादन, खरीद और वितरण के लिए

अमूल का उदाहरण और भविष्य की योजना:

अमूल आज लगभग 3 करोड़ लीटर दूध प्रतिदिन एकत्र करता है और ₹1,23,000 करोड़ का टर्नओवर है। शाह ने कहा कि अगले 15 वर्षों में देश में कम से कम 20 ऐसे संस्थान होंगे जो किसानों के लिए मजबूत सहकारी संस्थाएं बनेंगी।

सहकारिता के अन्य पहल:

  • ‘भारत टैक्सी’ योजना जल्द लॉन्च की जाएगी, जिसमें पूरी आय ड्राइवरों को मिलेगी।

  • हरियाणा के किसानों को गन्ने के उच्चतम मूल्य और समृद्धि उपलब्ध कराई गई।

हरियाणा का योगदान:

शाह ने कहा कि हरियाणा ने देश की खाद्य सुरक्षा, दूध उत्पादन और खेलों में सफलता में महत्वपूर्ण योगदान दिया है। यह राज्य केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल और तीनों सशस्त्र सेनाओं में सबसे अधिक प्रतिशत में योगदान देता है और इसके खिलाड़ियों ने देश को हर खेल में शीर्ष पदक सूची में पहुँचाया है।

इस प्रकार, सहकारिता, कृषि और ग्रामीण समृद्धि के क्षेत्र में केंद्र और राज्य सरकार की संयुक्त पहल किसानों की आय, रोजगार और सतत विकास की दिशा में मील का पत्थर साबित हो रही है।

उपभोक्ता संरक्षण और गुणवत्ता परीक्षण सेवाओं की पहुंच मजबूत करने के लिए NTH और डाक विभाग ने समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए

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उपभोक्ता मामलों, खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण मंत्रालय के अधीन नेशनल टेस्ट हाउस (NTH) और डाक विभाग, संचार मंत्रालय, भारत सरकार ने देशभर में नमूनों के संग्रहण और उन्हें सुरक्षित, विश्वसनीय एवं समय पर NTH प्रयोगशालाओं तक पहुँचाने के लिए मेमोरेंडम ऑफ अंडरस्टैंडिंग (MoU) पर हस्ताक्षर किए हैं।


इस MoU के तहत, डाक विभाग ग्राहकों से उनके दरवाजे पर नमूने उठाने और उन्हें कोलकाता, गाजियाबाद, मुंबई, जयपुर, गुवाहाटी, वाराणसी और चेन्नई में स्थित NTH प्रयोगशालाओं तक पहुँचाने की सुविधा प्रदान करेगा। यह सुविधा डाक विभाग के व्यापक और भरोसेमंद नेटवर्क का उपयोग करेगी, जो भारत के शहरी, ग्रामीण और दूरदराज क्षेत्रों तक फैला हुआ है।

MoU पर 24 दिसंबर 2025 को राष्ट्रीय उपभोक्ता दिवस के अवसर पर भारत मंडपम, नई दिल्ली में हस्ताक्षर किए गए। इस अवसर पर प्रल्हाद जोशी, माननीय केंद्रीय मंत्री, उपभोक्ता मामले, खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण और बी. एल. वर्मा, राज्य मंत्री, उपभोक्ता मामले, खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण उपस्थित थे।

इस रणनीतिक सहयोग से NTH की परीक्षण सेवाओं की सुलभता, किफायती और दक्षता में काफी वृद्धि होगी। यह पहल लॉजिस्टिक चुनौतियों को हल करेगी और परीक्षण की प्रक्रिया का समय कम करेगी। इसका लाभ उपभोक्ता, निर्माता, MSME, स्टार्टअप और व्यवसायों, विशेषकर दूर-दराज और पिछड़े क्षेत्रों में स्थित लोगों को मिलेगा। यह पहल व्यवसाय करने में आसानी, उपभोक्ता संरक्षण तंत्र को मजबूत करने और मानक और गुणवत्ता संस्कृति को बढ़ावा देने में भी सहायक होगी।

यह साझेदारी आत्मनिर्भर भारत के विजन के अनुरूप है, जो उपभोक्ता विश्वास बढ़ाने, वैश्विक प्रतिस्पर्धा में सुधार और एक मजबूत, आत्मनिर्भर भारत बनाने में गुणवत्ता और मानकीकरण की महत्वपूर्ण भूमिका को रेखांकित करती है। यह पहल जन-केंद्रित सेवा और मंत्रालयों के बीच प्रभावी सहयोग को भी दर्शाती है, जिसमें सार्वजनिक अवसंरचना का सर्वोत्तम उपयोग किया गया है।

इस सहयोग के माध्यम से भारत के हर नागरिक तक गुणवत्ता परीक्षण सेवाओं की पहुंच सुनिश्चित होगी, जिससे बाजार में विश्वास, पारदर्शिता और जवाबदेही मजबूत होगी।

झरिया कोयला क्षेत्र में पुनर्वास और विकास को नई दिशा: केंद्रीय मंत्री G. किशन रेड्डी का धनबाद दौरा

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केंद्रीय कोयला एवं खनिज मंत्री G. किशन रेड्डी ने अपने धनबाद दौरे के दूसरे दिन झरिया कोयला क्षेत्र में पुनर्वास कार्यों की प्रगति की समीक्षा की और रिवाइज्ड झरिया मास्टर प्लान (RJMP) के तहत बेलगाड़िया और कर्मतांड पुनर्वास स्थलों पर कई जनता-केंद्रित परियोजनाओं का उद्घाटन और भूमि-पूजन किया। मंत्री का बीसीसीएल गेस्ट हाउस में सीआईएसएफ के जवानों द्वारा सम्मानपूर्वक स्वागत किया गया।

रिवाइज्ड झरिया मास्टर प्लान (RJMP):

25 जून 2025 को कैबिनेट कमिटी ऑन इकोनॉमिक अफेयर्स द्वारा अनुमोदित RJMP का उद्देश्य लंबे समय से चले आ रहे खदान आग, भूमि धंसाव और पुनर्वास संबंधी मुद्दों का समाधान करना है। इसके अंतर्गत जोखिम वाले क्षेत्रों से गैर-BCCL परिवारों के पुनर्वास का कार्य झरिया पुनर्वास और विकास प्राधिकरण (JRDA) द्वारा किया जा रहा है, जबकि Bharat Coking Coal Limited (BCCL) अपने संचालन क्षेत्रों में परिवारों के पुनर्वास के लिए जिम्मेदार है।

बेलगाड़िया पुनर्वास नगर:

बेलगाड़िया पुनर्वास नगर में मंत्री ने JRDA प्रशासनिक भवन और पब्लिक डिस्ट्रिब्यूशन सिस्टम (PDS) शॉप का उद्घाटन किया। इसके अलावा उन्होंने कई महत्वपूर्ण बुनियादी ढांचे की परियोजनाओं का भूमि-पूजन किया, जिनमें शामिल हैं:

  • सड़क चौड़ीकरण कार्य (Phase II और III)

  • 500 LED सोलर स्ट्रीट लाइट्स की स्थापना

  • Phase IV, VI, VII और VIII के संतुलित विकास कार्य

  • प्राथमिक स्कूल का मॉडर्न क्लासरूम, डिजिटल शिक्षा सुविधाएं, स्वच्छता, पावर बैकअप के साथ मॉडल स्कूल में उन्नयन

बेलगाड़िया, JRDA द्वारा विकसित सबसे बड़ा पुनर्वास नगर है, जिसमें 8 चरणों में 1,191 ब्लॉक्स और कुल 18,272 मकान शामिल हैं। BCCL के CSR कार्यक्रम के तहत 11 ई-रिक्शा वितरित किए गए, जिससे पुनर्वासित परिवारों को स्थायी आय और स्वरोजगार के अवसर मिले।

कर्मतांड पुनर्वास स्थल:

BCCL द्वारा विकसित कर्मतांड पुनर्वास स्थल पर 4,008 घर बनाए गए हैं, जिनमें जल और बिजली की आपूर्ति, चौड़ी आंतरिक सड़कें, स्ट्रीट लाइटिंग और सुरक्षा व्यवस्थाएं शामिल हैं।

मंत्री ने कर्मतांड में मिडल/हाई स्कूल का उद्घाटन किया, जिसे लोडना क्षेत्र से स्थानांतरित कर नवीनीकृत भवन में स्थापित किया गया है। स्कूल 1 नवंबर 2025 से संचालन में है और बच्चों को आधुनिक सुविधाओं के साथ गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान कर रहा है।

साथ ही मंत्री ने मल्टी-स्किल डेवलपमेंट इंस्टिट्यूट (MSDI-IV) का उद्घाटन किया, जो 27 नवंबर 2025 से राष्ट्रीय कौशल विकास परिषद (NSDC) के सहयोग से विभिन्न ट्रेड्स में प्रशिक्षण प्रदान कर रहा है, जैसे कस्टमर केयर एग्जीक्यूटिव, ब्यूटिशियन और असिस्टेंट फिट्टर।

मंत्री ने बताया कि कर्मतांड में फ्री ई-बस सेवाएं, मार्केट कॉम्प्लेक्स और शिकायत निवारण तंत्र भी उपलब्ध हैं। स्वास्थ्य सेवाओं, PDS सुविधाओं, सामुदायिक संरचना और आंगनवाड़ी केंद्रों को मजबूत करने के प्रयास जारी हैं।

इसके अतिरिक्त, मंत्री ने Bharat Coking Coal Limited का Integrated Command and Control Centre (ICCC) और दूग्धा सोलर पावर प्लांट का उद्घाटन किया, जो उन्नत डिजिटल सिस्टम, स्वच्छ ऊर्जा और सतत विकास के प्रति BCCL की प्रतिबद्धता को दर्शाते हैं।

ये सभी पहलें सरकार, JRDA और BCCL की ओर से सुनिश्चित करती हैं कि झरिया कोयला क्षेत्र में प्रभावित परिवारों के लिए सुरक्षित पुनर्वास, बेहतर जीवन स्तर, स्वरोजगार और सतत विकास सुनिश्चित हो। आवास, शिक्षा, स्वास्थ्य, कौशल विकास, स्वच्छ ऊर्जा और स्मार्ट इंफ्रास्ट्रक्चर को एकीकृत दृष्टिकोण में लाकर पुनर्वास प्रक्रिया को तेजी से और प्रभावी ढंग से आगे बढ़ाया जा रहा है।

दिल्ली मेट्रो Phase-V(A) परियोजना के तहत तीन नई कॉरिडोर मंजूर: केंद्रीय राजधानी में बेहतर कनेक्टिविटी

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता वाली केंद्रीय कैबिनेट ने दिल्ली मेट्रो के Phase-V(A) परियोजना के तहत तीन नई कॉरिडोर को मंजूरी दी है। ये कॉरिडोर निम्नलिखित हैं:

  1. आर.के. आश्रम मार्ग – इंद्रप्रस्थ (9.913 किमी)

  2. एरोसिटी – IGD एयरपोर्ट टर्मिनल-1 (2.263 किमी)

  3. तुगलकाबाद – कालिंदी कुंज (3.9 किमी)

इस परियोजना की कुल लंबाई 16.076 किमी होगी और इसका कुल अनुमानित लागत ₹12,014.91 करोड़ है, जो भारत सरकार, दिल्ली सरकार और अंतर्राष्ट्रीय वित्तीय एजेंसियों द्वारा वित्त पोषित किया जाएगा।

मुख्य विशेषताएं और लाभ:

  • सेंट्रल विस्टा कॉरिडोर से सभी कर्तव्य भवनों से सीधी कनेक्टिविटी मिलेगी, जिससे लगभग 60,000 ऑफिस जाने वाले और 2 लाख दैनिक आगंतुकों को लाभ मिलेगा।

  • ये कॉरिडोर प्रदूषण और जीवाश्म ईंधन के उपयोग को कम करने में मदद करेंगे, जिससे नागरिकों की जीवन गुणवत्ता में सुधार होगा।

कॉरिडोर विवरण:

  • आर.के. आश्रम मार्ग – इंद्रप्रस्थ: यह बोटैनिकल गार्डन–आर.के. आश्रम मार्ग कॉरिडोर का विस्तार होगा और सेंट्रल विस्टा क्षेत्र को मेट्रो कनेक्टिविटी प्रदान करेगा।

  • एरोसिटी – IGD एयरपोर्ट टर्मिनल-1 और तुगलकाबाद – कालिंदी कुंज: ये एरोसिटी–तुगलकाबाद कॉरिडोर के विस्तार हैं और एयरपोर्ट को दक्षिणी दिल्ली के क्षेत्रों जैसे तुगलकाबाद, साकेत, कालिंदी कुंज आदि से जोड़ेंगे।

  • इन तीन कॉरिडोर में कुल 13 स्टेशन होंगे, जिनमें से 10 भूमिगत और 3 उन्नत (elevated) स्टेशन होंगे।

स्टेशन विवरण:

  • आर.के. आश्रम मार्ग – इंद्रप्रस्थ कॉरिडोर: आर.के. आश्रम मार्ग, शिवाजी स्टेडियम, सेंट्रल सेक्रेटेरियट, कर्तव्य भवन, इंडिया गेट, वॉर मेमोरियल–हाई कोर्ट, बरौदा हाउस, भारत मंडपम, इंद्रप्रस्थ।

  • तुगलकाबाद – कालिंदी कुंज कॉरिडोर: सरिता विहार डिपो, मदनपुर खादर, कालिंदी कुंज।

  • एरोसिटी – IGD एयरपोर्ट T-1: एरोसिटी स्टेशन IGD T-1 स्टेशन से जुड़ा होगा।

अन्य जानकारियाँ:

  • Phase-IV परियोजना की 111 किमी लंबाई और 83 स्टेशनों का निर्माण जारी है, और लगभग 80.43% सिविल निर्माण पूरा हो चुका है।

  • Phase-IV के प्राथमिक तीन कॉरिडोर दिसंबर 2026 तक चरणबद्ध तरीके से पूरे होने की संभावना है।

  • दिल्ली मेट्रो वर्तमान में 65 लाख यात्रियों प्रति दिन परिवहन कर रही है, जबकि अब तक का अधिकतम रिकॉर्ड 81.87 लाख यात्रियों का है।

  • DMRC वर्तमान में 12 मेट्रो लाइनों, लगभग 395 किमी लंबाई और 289 स्टेशनों के साथ दिल्ली और एनसीआर में संचालन कर रही है। दिल्ली मेट्रो भारत की सबसे बड़ी मेट्रो नेटवर्क और विश्व की बड़ी मेट्रो प्रणालियों में से एक बन चुकी है।

इन नई मेट्रो एक्सटेंशन से सेंट्रल दिल्ली और घरेलू एयरपोर्ट के क्षेत्रों में बेहतर कनेक्टिविटी सुनिश्चित होगी, सड़क पर ट्रैफिक कम होगा और प्रदूषण में भी कमी आएगी।

उपराष्ट्रपति ने “Economic Empowerment of Bharat in the Modi Era” पुस्तक का विमोचन किया

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भारत के उपराष्ट्रपति सी. पी. राधाकृष्णन ने आज उपराष्ट्रपति भवन में सांसद प्रो. (डॉ.) सिकंदर कुमार द्वारा लिखित पुस्तक “Economic Empowerment of Bharat in the Modi Era” का विमोचन किया।

इस अवसर पर उपस्थित जनसमूह को संबोधित करते हुए उपराष्ट्रपति ने कहा कि यह पुस्तक प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दूरदर्शी नेतृत्व, सशक्त सोच और परिवर्तनकारी आर्थिक नीतियों की सशक्त अभिव्यक्ति है।

उपराष्ट्रपति ने कहा कि बीते एक दशक में भारत ने उल्लेखनीय आर्थिक परिवर्तन और नई राष्ट्रीय आत्मविश्वास की भावना का अनुभव किया है। आज भारत विश्व की चौथी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन चुका है और साथ ही प्रमुख अर्थव्यवस्थाओं में सबसे तेज़ी से बढ़ने वाली अर्थव्यवस्था भी है।

उन्होंने कहा कि यह पुस्तक दिवाला कानून, डिजिटल शासन और पारदर्शी बैंकिंग व्यवस्था जैसे प्रमुख संरचनात्मक सुधारों को रेखांकित करती है। ये सुधार केवल नीतिगत पहल नहीं थे, बल्कि दशकों पुरानी अक्षमताओं और भ्रष्टाचार को समाप्त करने के लिए उठाए गए साहसिक कदम थे। प्रधानमंत्री का “न्यूनतम सरकार, अधिकतम शासन” का विजन आज दक्षता और अनुशासन के एक प्रभावी मॉडल के रूप में सामने आया है।

उपराष्ट्रपति ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी यह सुनिश्चित करने पर विशेष बल देते हैं कि सरकारी योजनाओं का 100 प्रतिशत लाभ वास्तविक लाभार्थियों तक पहुंचे। उन्होंने कहा कि जनधन–आधार–मोबाइल (JAM) त्रयी के माध्यम से प्रत्यक्ष लाभ अंतरण (DBT) संभव हुआ है, जिससे लीकेज कम हुए हैं और शासन में पारदर्शिता व दक्षता बढ़ी है। अब तक ₹47 लाख करोड़ से अधिक की राशि सीधे लाभार्थियों के बैंक खातों में अंतरित की जा चुकी है।

उपराष्ट्रपति ने वस्तु एवं सेवा कर (GST) को इस दौर की एक और ऐतिहासिक उपलब्धि बताया। उन्होंने कहा कि जीएसटी ने कर ढांचे को सरल बनाकर, अनुपालन बढ़ाकर और सहकारी संघवाद को मजबूत करते हुए भारत को एकीकृत राष्ट्रीय बाजार में परिवर्तित किया। अंतरराज्यीय चेक पोस्ट हटने से वस्तुओं की आवाजाही सुगम हुई, लाखों मानव-घंटों और ईंधन की बचत हुई। उन्होंने कहा कि जीएसटी को स्वतंत्र भारत के सबसे बड़े सुधारों में से एक माना जाता है।

उपराष्ट्रपति ने कहा कि भारत का आर्थिक सशक्तिकरण समावेशी विकास पर आधारित रहा है। डिजिटल इंडिया, मेक इन इंडिया, स्टार्टअप इंडिया जैसी पहलें और यूपीआई का तीव्र विस्तार नागरिकों, उद्यमियों और छोटे व्यवसायों को सशक्त बना रहा है।

उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री का आत्मनिर्भर भारत का विजन निर्भरता से आत्मनिर्भरता की ओर एक निर्णायक बदलाव है, जो भारत को वैश्विक आपूर्ति श्रृंखलाओं में एक भरोसेमंद भागीदार के रूप में स्थापित करता है। यह यात्रा विकसित भारत की व्यापक परिकल्पना से जुड़ी है, जहां आर्थिक विकास के साथ सामाजिक न्याय, पर्यावरणीय सततता और तकनीकी प्रगति का संतुलन बना रहता है।

उपराष्ट्रपति ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारत ने नीति पक्षाघात से उद्देश्यपूर्ण शासन की ओर, गरीबी की मानसिकता से समृद्धि के संकल्प की ओर और निर्भरता से आत्मनिर्भरता की ओर कदम बढ़ाया है। उन्होंने नागरिकों से एक नए भारत—आत्मविश्वासी, सक्षम और करुणामय—का उत्सव मनाने का आह्वान किया, जो विकसित भारत @2047 की ओर अग्रसर है।

छत्तीसगढ़ में तकनीकी शिक्षा, कौशल विकास और रोजगार को नई दिशा: मंत्री गुरु खुशवंत साहेब

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रायपुर- छत्तीसगढ़ शासन के तकनीकी शिक्षा, रोजगार एवं कौशल विकास मंत्री गुरु खुशवंत साहेब ने आज आयोजित प्रेस वार्ता में विभाग की उपलब्धियों, योजनाओं और भविष्य की कार्ययोजनाओं की विस्तृत जानकारी दी। उन्होंने कहा कि प्रदेश में तकनीकी, व्यावसायिक शिक्षा और कौशल विकास के समुचित विकास एवं आपसी समन्वय के लिए विभाग निरंतर प्रयासरत है।

मंत्री ने बताया कि वर्तमान में तकनीकी शिक्षा विभाग के अंतर्गत 29 इंजीनियरिंग महाविद्यालय, 53 पॉलिटेक्निक संस्थान और 101 फार्मेसी संस्थान संचालित हैं। इनमें इंजीनियरिंग स्तर पर 30 स्नातक, 36 स्नातकोत्तर तथा पॉलिटेक्निक में 21 डिप्लोमा पाठ्यक्रम संचालित हैं, जिनमें लगभग 60 हजार छात्र-छात्राएं अध्ययनरत हैं। इस वर्ष इंजीनियरिंग और पॉलिटेक्निक संस्थानों में प्रवेश में लगभग 20 प्रतिशत की उल्लेखनीय वृद्धि हुई है।

उन्होंने बताया कि सत्र 2025-26 से आईआईटी की तर्ज पर शासकीय पॉलिटेक्निक एवं इंजीनियरिंग महाविद्यालयों के उन्नयन के साथ रोबोटिक्स, इंटरनेट ऑफ थिंग्स जैसी उभरती शाखाओं में चार छत्तीसगढ़ इंस्टिट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (CIT) की स्थापना की गई है। जल्द ही रायपुर, बिलासपुर और दुर्ग में भी CIT स्थापित किए जाएंगे।

नवाचार और उद्यमिता को बढ़ावा देने के लिए राज्य शासन ने i-Hub गुजरात के साथ एमओयू कर शासकीय इंजीनियरिंग महाविद्यालय, रायपुर में i-Hub की स्थापना की है, जहां विद्यार्थियों को स्टार्टअप और इनोवेशन से जुड़ा मार्गदर्शन दिया जा रहा है। इसके अलावा, Apanatech Pvt. Ltd., CSRBOX Pvt. Ltd., CII एवं YI समूह के साथ एमओयू के माध्यम से छात्रों को रोजगारोन्मुख प्रशिक्षण, स्टार्टअप सहयोग और उद्योग से जोड़ने की पहल की गई है।

मंत्री ने बताया कि सत्र 2025-26 से छत्तीसगढ़ स्वामी विवेकानंद तकनीकी विश्वविद्यालय में राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 लागू की गई है। साथ ही आर्थिक रूप से कमजोर परिवारों के विद्यार्थियों के लिए मुख्यमंत्री उच्च शिक्षा ऋण ब्याज अनुदान योजना के तहत अब तक 11,643 विद्यार्थियों को 22.53 करोड़ रुपये का ब्याज अनुदान प्रदान किया गया है।

मानव संसाधन सशक्तिकरण की दिशा में 204 प्रथम श्रेणी शिक्षकों को पदोन्नति, 116 तृतीय श्रेणी कर्मचारियों को पदोन्नति तथा 205 को समयमान वेतनमान दिया गया है। इसके साथ ही चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों को भी पदोन्नति और वेतनमान का लाभ दिया गया।

कौशल विकास योजनाओं की जानकारी देते हुए मंत्री ने बताया कि प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना 4.0, पीएम विश्वकर्मा, पीएम जनमन, नल-जल मित्र कार्यक्रम तथा मुख्यमंत्री कौशल विकास योजना के तहत हजारों युवाओं को प्रशिक्षण देकर बड़ी संख्या में रोजगार से जोड़ा गया है। विशेष रूप से बस्तर संभाग और वामपंथी उग्रवाद प्रभावित क्षेत्रों में स्किल डेवलपमेंट सेंटर, आवासीय प्रशिक्षण, छात्रावास निर्माण और पुनर्वास केंद्रों के माध्यम से युवाओं को मुख्यधारा से जोड़ने के लिए ठोस कदम उठाए गए हैं।

आईटीआई सुदृढ़ीकरण के क्षेत्र में भी छत्तीसगढ़ ने उल्लेखनीय प्रगति की है। पिछले दो वर्षों में 100 से अधिक नए ट्रेड चिन्हित किए गए, 4 नए आईटीआई स्थापित हुए और आधुनिक तकनीकों जैसे ड्रोन, 5जी नेटवर्क, 3डी प्रिंटिंग, ईवी टेक्नोलॉजी में प्रशिक्षण प्रारंभ किया गया।

मंत्री गुरु खुशवंत साहेब ने कहा कि छत्तीसगढ़ सरकार का लक्ष्य युवाओं को आधुनिक तकनीक, कौशल और रोजगार से जोड़कर उन्हें आत्मनिर्भर बनाना है। विभाग द्वारा किए जा रहे ये प्रयास प्रदेश को तकनीकी शिक्षा और कौशल विकास के क्षेत्र में एक नई पहचान दिलाएंगे।

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