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निरंतर सेवा, निरंतर विकास का सशक्त मॉडल है छत्तीसगढ़ - मुख्यमंत्री

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 रायपुर : मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के नेतृत्व में छत्तीसगढ़ सरकार के सफल दो वर्ष पूर्ण होने के उपलक्ष्य में जांजगीर-चांपा जिले के खोखराभाठा पुलिस लाइन मैदान में आयोजित जनादेश परब में केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री जगत प्रकाश नड्डा ने मंच से प्रदेश की उपलब्धियों, जनकल्याण और भविष्य की दिशा पर स्पष्ट संदेश दिया। वंदे मातरम और राज्यगीत के साथ आरंभ हुए कार्यक्रम में जनविश्वास, गौरव और निर्माण के संकल्प को दोहराया गया।


केंद्रीय मंत्री नड्डा ने कहा कि “जो कहा था, वह किया - और जो नहीं कहा था, वह भी करके दिखाया।” उन्होंने दो वर्षों के रिपोर्ट-कार्ड को रेखांकित करते हुए बताया कि सरकार ने किसानों, महिलाओं, युवाओं और श्रमिकों के हित में संवेदनशील और परिणामकारी निर्णय लिए हैं, जिनका असर जमीनी स्तर पर दिख रहा है। उन्होंने कहा कि सरकार बनने के पहले महीने में किसानों को 3700 करोड़ रुपये से अधिक का भुगतान और बीते दो वर्षों में 1.25 लाख करोड़ रुपये का प्रत्यक्ष अंतरण अन्नदाताओं के सम्मान का प्रमाण है। भूमिहीन कृषि मजदूरों के लिए 5 लाख से अधिक हितग्राहियों को 10-10 हजार रुपये की सहायता दी गई, जिससे उनकी सामाजिक-आर्थिक सुरक्षा मजबूत हुई।


केंद्रीय मंत्री नड्डा ने कहा कि युवाओं के लिए पारदर्शी भर्ती तंत्र, 32 हजार पदों पर भर्ती की प्रक्रिया, लोक सेवा आयोग में पारदर्शिता, नालंदा लाइब्रेरी की स्थापना और आईटीआई के आधुनिकीकरण जैसे कदमों को उन्होंने “भविष्य-निर्माण की नींव” बताया। महिलाओं के स्वावलंबन हेतु महतारी वंदन योजना और महतारी सदन, पीएम जनमन के तहत 70 लाख परिवारों को लाभ तथा धरती आबा जनजाति ग्राम उत्कर्ष योजना के माध्यम से आदिवासी समाज के सशक्तिकरण को उन्होंने सरकार की संवेदनशीलता का उदाहरण बताया। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि छत्तीसगढ़ का रेलवे बजट 22 गुना बढ़ा है, 32 अमृत स्टेशन वर्ल्ड-क्लास मानकों पर विकसित हो रहे हैं और आयुष्मान भारत, उज्ज्वला, जल जीवन मिशन, पीएम-किसान जैसी योजनाओं का व्यापक लाभ आमजन तक पहुंचा है।

मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने प्रदेशवासियों को छत्तीसगढ़ की वर्तमान सरकार के दो वर्ष पूर्ण होने पर बधाई देते हुए कहा कि सरकार आम जनता के विश्वास पर खरा उतरने के लिए निरंतर कार्य कर रही है। प्रधानमंत्री आवास, महतारी वंदन, भूमिहीन कृषि मजदूर कल्याण योजना, चरण पादुका सहित अनेक योजनाओं से विकास को गति मिली है।

मुख्यमंत्री साय ने स्पष्ट किया कि नक्सलवाद की कमर तोड़ने और नक्सल-मुक्त छत्तीसगढ़ के लक्ष्य की दिशा में ठोस प्रगति हुई है। सुरक्षा, पुनर्वास और विकास - तीनों मोर्चों पर समन्वित रणनीति से शांति और समृद्धि का मार्ग प्रशस्त हुआ है। उन्होंने कहा कि विजन डॉक्यूमेंट 2047 के माध्यम से संसाधन-समृद्ध छत्तीसगढ़ को सशक्त, आत्मनिर्भर और विकसित राज्य बनाने का रोडमैप तय किया गया है, ताकि आने वाली पीढ़ियों को अवसरों का राज्य मिल सके।

उपमुख्यमंत्री अरुण साव ने कहा कि जांजगीर-चांपा में जनादेश परब का आयोजन जिले के लिए ऐतिहासिक क्षण है। छत्तीसगढ़ में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की गारंटियों को एक-एक कर पूरा किया जा रहा है। उपमुख्यमंत्री विजय शर्मा ने कहा कि सरकार बनने के बाद 18 लाख आवास स्वीकृत किए गए हैं और विकास के सभी कार्यों को तेज़ी से आगे बढ़ाया जा रहा है, जिससे आमजन को प्रत्यक्ष लाभ मिल रहा है।

वित्त मंत्री और जिले के प्रभारी मंत्री ओ.पी. चौधरी ने स्वागत उद्बोधन में कहा कि सरकार ने लोकतंत्र, जनविश्वास और सुशासन को सुदृढ़ किया है। विजन डॉक्यूमेंट के माध्यम से छत्तीसगढ़ विकास के नए मानक गढ़ रहा है। जगदलपुर विधायक किरण सिंह देव ने सरकार के दो वर्ष पूर्ण होने पर जनता को बधाई देते हुए कहा कि इस अवधि में विकास के नए आयाम स्थापित हुए हैं और योजनाओं का लाभ अंतिम व्यक्ति तक पहुंचा है।

कार्यक्रम में केंद्रीय मंत्री जे पी नड्डा ने छत्तीसगढ़ में मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के नेतृत्व में 2 वर्षों के कार्यकाल की उपलब्धियों के रिपोर्ट-कार्ड और “सेवा के 2 साल” पुस्तक का विमोचन किया, जिसमें सरकार की दो वर्ष की उपलब्धियों को प्रस्तुत किया गया है। कार्यक्रम के दौरान जांजगीर-चांपा की विशिष्ट पहचान को रेखांकित करते हुए कोसा और कांसा भेंटकर अतिथियों का पारंपरिक स्वागत-अभिनंदन किया गया।कार्यक्रम में बीते दो वर्षों की उपलब्धियों पर आधारित वीडियो का प्रदर्शन हुआ।

केंद्रीय मंत्री जे पी नड्डा और मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने विभिन्न विभागों की विकासमूलक प्रदर्शनी का अवलोकन किया। कृषि, उद्यानिकी, मत्स्य, शिक्षा, महिला-बाल विकास, जल संसाधन, ऊर्जा, सहकारिता सहित कई स्टॉलों पर योजनाओं की जानकारी ली गई। मुख्यमंत्री साय ने हितग्राहियों से सीधे संवाद कर योजनाओं से जीवन में आए सकारात्मक बदलावों को सुना। कार्यक्रम में पीएम आवास योजनांतर्गत लाभार्थियों को चाबियां सौंपी गईं। इस अवसर पर जनप्रतिनिधियों ने अधिकारियों से योजनाओं के प्रभावी क्रियान्वयन और अंतिम व्यक्ति तक लाभ पहुंचाने का आह्वान किया।

इस दौरान कृषि मंत्री राम विचार नेताम, कौशल विकास, तकनीकी शिक्षा एवं रोजगार मंत्री गुरु खुशवंत साहेब, लोकसभा क्षेत्र जांजगीर-चांपा सांसद कमलेश जांगड़े ने जनादेश परब को संबोधित करते हुए विगत 02 वर्ष में मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के नेतृत्व में राज्य निरंतर विकास होने की बात कही।

इस अवसर पर केंद्रीय राज्य मंत्री तोखन साहू, मंत्रीगण दयालदास बघेल, केदार कश्यप, लखन लाल देवांगन, श्याम बिहारी जायसवाल, लक्ष्मी राजवाड़े, टंकराम वर्मा, गजेन्द्र यादव, गुरु खुशवंत साहेब, राजेश अग्रवाल अन्य सांसद-विधायकगण जनप्रतिनिधिगण, अधिकारी-कर्मचारी एवं बड़ी संख्या में गणमान्य नागरिक उपस्थित थे।

छत्तीसगढ़ में SIR का पहला चरण पूरा, कल से ऑनलाइन देख सकेंगे मतदाता अपनी नाम सूची

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 रायपुर। छत्तीसगढ़ राज्य में मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) का पहला चरण सफलतापूर्वक पूरा हो गया है। इस चरण में गणना और सत्यापन कार्य संपन्न होने के साथ ही उन मतदाताओं की सूची तैयार कर ली गई है, जो गैरमौजूद पाए गए, स्थानांतरण हो चुके या जिनकी मृत्यु हो चुकी है।


यह सूची अब सर्चेबल मोड में ऑनलाइन अपलोड की जा रही है, ताकि कोई भी मतदाता अपने नाम की आसानी से जांच कर सके।

मुख्य जानकारी

  • आधार तिथि: 1 जनवरी 2026
  • जिन मतदाताओं से गणना प्रपत्र प्राप्त नहीं हुए, उसके कारण:
  • अन्य राज्य या केंद्र शासित प्रदेश में पंजीकरण
  • मतदाता का अस्तित्व न होना
  • 18 दिसंबर 2025 तक फॉर्म जमा न करना
  • मतदाता पंजीकरण में रुचि न होना

सूची ऑनलाइन उपलब्ध: 23 दिसंबर 2025 से मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी, छत्तीसगढ़ की वेबसाइट पर

राज्य निर्वाचन आयोग का निर्देश

सभी जिलों द्वारा तैयार प्रारूप मतदाता सूची की दो प्रतियां राजनीतिक दलों को उपलब्ध कराई जाएंगी:

  • फोटो सहित हार्ड कॉपी
  • फोटो रहित सॉफ्ट कॉपी

जिन मतदाताओं से गणना प्रपत्र नहीं मिले, उनकी अलग सूची भी सत्यापन के लिए राजनीतिक दलों को उपलब्ध कराई जाएगी।

दावा-आपत्ति प्रक्रिया

मतदाता फॉर्म-6, फॉर्म-7 और फॉर्म-8 के माध्यम से ऑनलाइन या ऑफलाइन आवेदन कर सकते हैं।

प्रक्रिया पूरी होने के बाद 21 फरवरी 2026 को अंतिम मतदाता सूची प्रकाशित की जाएगी।

CEO ने राजनीतिक दलों और मतदाताओं से अपील की है कि वे 23 दिसंबर 2025 से 22 जनवरी 2026 तक दावा-आपत्ति प्रक्रिया में सक्रिय सहयोग दें।

ऑनलाइन टोकन से आसान हुई धान खरीदी, CM साय के सुशासन में किसानों को सीधा लाभ

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 रायपुर : मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के सुशासन में छत्तीसगढ़ राज्य में धान खरीदी व्यवस्था को लगातार अधिक सरल, पारदर्शी और किसान-हितैषी बनाया जा रहा है। किसानों की सुविधा को प्राथमिकता देते हुए शासन द्वारा ‘टोकन तुहर हाथ’ ऐप के माध्यम से 24×7 ऑनलाइन टोकन की सुविधा उपलब्ध कराई गई है, जिससे किसान घर बैठे अपनी सुविधा अनुसार टोकन प्राप्त कर पा रहे हैं।


इस डिजिटल पहल से धान खरीदी की प्रक्रिया समयबद्ध होने के साथ-साथ खरीदी केंद्रों पर भीड़ नियंत्रण में भी प्रभावी सिद्ध हो रही है। ऑनलाइन टोकन व्यवस्था के कारण किसानों को निर्धारित तिथि एवं समय पर धान विक्रय का अवसर मिल रहा है।

इसी सुव्यवस्थित और डिजिटल व्यवस्था का लाभ कबीरधाम जिले के ग्राम खैरबाना कला के किसान निरंजन साहू को मिला। उन्होंने ‘टोकन तुहर हाथ’ ऐप के माध्यम से ऑनलाइन टोकन प्राप्त कर निर्धारित तिथि एवं समय पर उपार्जन केंद्र पहुँचकर 36 क्विंटल धान का सफलतापूर्वक विक्रय किया। टोकन प्राप्त करने से लेकर धान तौल और विक्रय तक की प्रक्रिया पूरी तरह व्यवस्थित रही, जिससे उन्हें किसी प्रकार की असुविधा का सामना नहीं करना पड़ा।

निरंजन साहू ने बताया कि पूर्व में धान बेचने के लिए लंबे समय तक प्रतीक्षा करनी पड़ती थी, जबकि अब ऑनलाइन टोकन व्यवस्था से समय की बचत हो रही है। खरीदी केंद्र में पहुँचते ही निर्धारित समय पर धान की तौल एवं खरीदी की प्रक्रिया पूर्ण हो जाती है। धान विक्रय के पश्चात भुगतान भी शीघ्रता से सीधे बैंक खाते में प्राप्त हो जाता है, जिससे किसानों को आर्थिक रूप से बड़ी राहत मिल रही है।

निरंजन साहू ने शासन की इस पहल की सराहना करते हुए कहा कि ऑनलाइन टोकन प्रणाली से न केवल खरीदी केंद्रों पर भीड़ नियंत्रित हुई है, बल्कि किसानों को सम्मानजनक एवं सुव्यवस्थित वातावरण में अपनी उपज विक्रय करने का अवसर भी मिला है।

मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के नेतृत्व में छत्तीसगढ़ शासन द्वारा अपनाई गई डिजिटल एवं पारदर्शी नीतियाँ किसानों के जीवन में सकारात्मक बदलाव ला रही हैं और उन्हें आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में प्रभावी सिद्ध हो रही हैं।

स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स से हाईटेक बस स्टैंड तक: CM साय ने कुनकुरी को दी ₹107 करोड़ की सौगात

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 रायपुर । विष्णुदेव साय के नेतृत्व में प्रदेश में सुशासन के दो वर्षों के दौरान विकास की नई गति देखने को मिल रही है। इसी क्रम में जशपुर जिले के कुनकुरी नगर पंचायत क्षेत्र को 107 करोड़ 32 लाख रुपये की विभिन्न विकास परियोजनाओं की स्वीकृति देकर मुख्यमंत्री ने नगर को ऐतिहासिक सौगात दी है। इन योजनाओं से कुनकुरी नगर की आधारभूत संरचना, स्वास्थ्य, शिक्षा, खेल, पर्यटन, यातायात और नागरिक सुविधाओं में व्यापक और दीर्घकालिक सुधार होगा।


कुनकुरी नगर में युवाओं को आधुनिक खेल सुविधाएं उपलब्ध कराने के उद्देश्य से 63 करोड़ 84 लाख रुपये की लागत से इंटीग्रेटेड स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स के निर्माण को मंजूरी दी गई है। यह कॉम्प्लेक्स क्षेत्रीय युवाओं की खेल प्रतिभा को निखारने में मील का पत्थर साबित होगा।
साय ने नगर पंचायत क्षेत्र में 53 विकास कार्यों के लिए 5 करोड़ रुपये की स्वीकृति देकर जनता से किए गए अपने वादे को पूरा किया है। इन कार्यों से नगर के विभिन्न वार्डों और मोहल्लों में बुनियादी सुविधाएं सुदृढ़ होंगी और नागरिक सेवाओं की गुणवत्ता में उल्लेखनीय सुधार आएगा।

स्वास्थ्य के क्षेत्र में कुनकुरी को बड़ी सौगात देते हुए 2 करोड़ 62 लाख रुपये की लागत से नेचुरोपैथी भवन निर्माण को मंजूरी दी गई है। इससे प्राकृतिक चिकित्सा, आयुर्वेद और योग को बढ़ावा मिलेगा तथा नागरिकों को बेहतर वैकल्पिक स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध होंगी।

पर्यटन और धार्मिक आस्था को सशक्त करने के लिए छठ घाट के समग्र विकास हेतु 5 करोड़ 17 लाख रुपये स्वीकृत किए गए हैं। घाट के सौंदर्यीकरण और विकास से स्थानीय पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा और आर्थिक गतिविधियों मंक वृद्धि होगी।
कुनकुरी नगर में सांस्कृतिक एवं सामाजिक गतिविधियों के लिए 6 करोड़ 67 लाख रुपये की लागत से आधुनिक बहुउद्देशीय ऑडिटोरियम भवन का निर्माण किया जाएगा, जिससे कला, संस्कृति और सामाजिक आयोजनों को नया मंच मिलेगा। शिक्षा के क्षेत्र में मजबूती लाने के उद्देश्य से नालंदा परिसर के 250 सीटर विस्तार के लिए 4 करोड़ 37 लाख रुपये की स्वीकृति दी गई है, जिससे विद्यार्थियों को बेहतर शैक्षणिक वातावरण प्राप्त होगा।

नगर के यातायात को सुव्यवस्थित और सुविधाजनक बनाने के लिए 7 करोड़ 26 लाख रुपये की लागत से हाई-टेक बस स्टैंड के निर्माण को मंजूरी मिली है, जिससे यात्रियों को आधुनिक सुविधाएं उपलब्ध होंगी और यातायात व्यवस्था सुदृढ़ होगी। इसके साथ ही नगर में बच्चों के मनोरंजन और सुरक्षित खेल के लिए 1 करोड़ 2 लाख रुपये की लागत से रिक्रिएशन चिल्ड्रन पार्क का निर्माण किया जाएगा। वहीं 6 करोड़ रुपये की राशि से वार्ड क्रमांक 1 से 15 तक एलईडी स्ट्रीट लाइट एवं अन्य विकास कार्य किए जाएंगे, जिससे नगर में बेहतर प्रकाश व्यवस्था और सुरक्षा सुनिश्चित होगी।

इन सभी योजनाओं के माध्यम से कुनकुरी नगर तेजी से स्मार्ट सुविधाओं, बेहतर स्वास्थ्य सेवाओं, सशक्त शिक्षा, आधुनिक यातायात और समृद्ध सांस्कृतिक गतिविधियों से युक्त एक आदर्श नगर के रूप में उभर रहा है। मुख्यमंत्री साय के सुशासन में कुनकुरी नगर विकास, विश्वास और भविष्य की नई मिसाल बनता जा रहा है। नगरवासियों ने इन ऐतिहासिक विकास कार्यों के लिए साय के प्रति आभार व्यक्त किया है।

श्रम सुधारों पर रायपुर में विशेष वार्ता, मीडिया को दी गई विस्तृत जानकारी

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 रायपुर भारत सरकार द्वारा 21 नवंबर 2025 को लागू की गई चार ऐतिहासिक श्रम संहिताओं को लेकर रायपुर में एक विशेष वार्ता कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस परिचर्चा में श्रम सुधारों के दूरगामी प्रभाव, उनके प्रभावी क्रियान्वयन और भावी कार्ययोजना पर विस्तार से चर्चा की गई।


मीडिया के जरिए श्रमिकों तक पहुंचे सही जानकारी का प्रयास

इस विशेष वार्ता का उद्देश्य मीडिया के माध्यम से आम जनमानस और श्रमिक वर्ग तक श्रम सुधारों से जुड़ी सटीक, तथ्यपरक और प्रामाणिक जानकारी पहुंचाना रहा। कार्यक्रम में संबंधित विभागों के वरिष्ठ अधिकारी और विषय विशेषज्ञ मौजूद रहे, जिन्होंने श्रम संहिताओं के सकारात्मक प्रभाव और भविष्य के रोडमैप पर प्रकाश डाला।

चार श्रम संहिताओं के प्रमुख प्रावधानों पर फोकस

कार्यक्रम में इन चार संहिताओं पर विशेष चर्चा की गई

  • मजदूरी संहिता (2019)
  • सामाजिक सुरक्षा संहिता (2020)
  • औद्योगिक संबंध संहिता (2020)
  • व्यावसायिक सुरक्षा, स्वास्थ्य एवं कार्य दशाएं संहिता (2020)

इन श्रम सुधारों का उद्देश्य व्यापार सुगमता बढ़ाने के साथ-साथ करोड़ों श्रमिकों को न्यूनतम मजदूरी की गारंटी, व्यापक सामाजिक सुरक्षा कवरेज और सुरक्षित एवं स्वस्थ कार्यस्थल उपलब्ध कराना है।

‘विकसित भारत’ के लक्ष्य की दिशा में अहम कदम

वार्ता के दौरान इस बात पर विशेष जोर दिया गया कि ये श्रम सुधार ‘विकसित भारत’ के लक्ष्य को हासिल करने में किस तरह मजबूत आधार तैयार करेंगे और श्रमिक कल्याण के साथ आर्थिक विकास को गति देंगे।

कोदो चावल खाने से एक ही परिवार के 6 लोग बीमार, सभी अस्पताल में भर्ती

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 बलरामपुर। जिले के वाड्रफनगर विकासखंड अंतर्गत त्रिकुंडा गांव में रविवार को भोजन करने के बाद एक ही परिवार के छह लोगों की तबीयत अचानक बिगड़ गई। सभी को उल्टी और चक्कर आने की शिकायत के बाद सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र वाड्रफनगर में भर्ती कराया गया है। बीमारों में एक 15 वर्षीय किशोर भी शामिल है।


भोजन के कुछ घंटे बाद बिगड़ी हालत

जानकारी के अनुसार, रविवार दोपहर बसमतीया, देव कुमार, सुनीता, रामबकस, मिस्त्री और आकाश ने घर में बने भोजन में कोदो चावल और कुंदरु की सब्जी का सेवन किया था। भोजन करने के कुछ ही घंटों बाद सभी को उल्टियां शुरू हो गईं और चक्कर आने लगे।

हालत बिगड़ने पर परिजनों ने तुरंत सभी को सिविल अस्पताल वाड्रफनगर पहुंचाया।

डॉक्टरों ने जताई फूड पॉइजनिंग की आशंका

अस्पताल में मौजूद चिकित्सकों ने प्राथमिक जांच में फूड पॉइजनिंग की आशंका जताई है। डॉक्टरों के अनुसार, शुरुआती तौर पर कुंदरु की सब्जी को बीमारी का कारण माना जा रहा है, हालांकि वास्तविक कारण लैब जांच रिपोर्ट आने के बाद ही स्पष्ट हो पाएगा।

सभी की हालत स्थिर

फिलहाल सभी मरीजों की स्थिति स्थिर बताई जा रही है और उनका उपचार जारी है। स्वास्थ्य विभाग मामले पर नजर बनाए हुए है और आवश्यक जांच की जा रही है।

मर्डर केस पलटा: 61 दिन बाद ‘मृत’ युवक जिंदा निकला, पुलिस जांच पर सवाल, पढ़े पूरी खबर

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 जशपुर। छत्तीसगढ़ के जशपुर जिले से एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है, जिसने पुलिस महकमे को कठघरे में खड़ा कर दिया है। जिस युवक को 61 दिन पहले मृत मानकर उसकी हत्या का केस दर्ज किया गया था, वही युवक अब जिंदा हालत में थाने पहुंच गया।


युवक ने पुलिस से साफ कहा- “मैं जिंदा हूं, मेरा मर्डर नहीं हुआ।”

पूरा मामला जशपुर सिटी कोतवाली थाना क्षेत्र का है। युवक की पहचान सीमित खाखा (30 वर्ष) के रूप में हुई है।

61 दिन पहले मिली थी अधजली लाश, मर्डर केस दर्ज

जानकारी के मुताबिक, 22 अक्टूबर को पुरनानगर–बालाछापर मार्ग के बीच तुरीटोंगरी जंगल में एक युवक की अधजली लाश मिली थी। शव एक गड्ढे में पड़ा था और चेहरा सहित शरीर का अधिकांश हिस्सा जला हुआ था।

पुलिस ने पंचनामा कर मर्ग कायम किया। पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में मौत को हत्या बताया गया, जिसके बाद धारा 103(1) और 238(क) बीएनएस के तहत हत्या का मामला दर्ज किया गया।

दोस्तों पर हत्या का आरोप, जेल भेजे गए

जांच के दौरान पुलिस को जानकारी मिली कि ग्राम सिटोंगा निवासी सीमित खाखा अपने साथियों के साथ झारखंड मजदूरी करने गया था। उसके साथी लौट आए, लेकिन सीमित वापस नहीं आया।

पुलिस ने दावा किया कि 17 अक्टूबर को सीमित अपने साथियों रामजीत राम, विरेंद्र राम और एक नाबालिग के साथ जशपुर लौटा था। शराब पीने के दौरान कमीशन के पैसों को लेकर विवाद हुआ और इसी दौरान सीमित की हत्या कर दी गई।

पुलिस के अनुसार

  • रामजीत राम ने चाकू से हमला किया
  • विरेंद्र राम ने लोहे की रॉड से वार किया
  • शव को जंगल में ले जाकर पेट्रोल डालकर जलाया गया

इस मामले में कुल 5 आरोपियों को गिरफ्तार कर जेल भेजा गया, जिनमें एक नाबालिग भी शामिल है।

शनिवार रात पलटा पूरा केस

शनिवार रात मामला उस समय पलट गया, जब कथित मृतक सीमित खाखा खुद सिटी कोतवाली थाना पहुंच गया।

वह ग्राम पंचायत सिटोंगा की सरपंच कल्पना खलखो के साथ थाने पहुंचा। सरपंच ने बताया कि सीमित झारखंड से आने वाली बस से उतरा और सिटोंगा जाने के लिए ऑटो में बैठा।

ऑटो चालक सीमित को पहचानता था। उसने तुरंत फोन कर सूचना दी कि जिस युवक की हत्या के आरोप में लोग जेल में हैं, वही युवक जिंदा है। इसके बाद सीमित को सीधे थाने लाया गया।

सीमित खाखा ने क्या बताया

पुलिस पूछताछ में सीमित खाखा ने बताया—

  • वह रोजगार की तलाश में झारखंड गया था
  • रांची पहुंचने के बाद साथियों से बिछड़ गया
  • गिरिडीह जिले के सरईपाली गांव में खेतों में मजदूरी करता रहा
  • उसके पास मोबाइल नहीं था, इसलिए परिजनों से संपर्क नहीं हो सका

सीमित ने बताया कि वह क्रिसमस मनाने घर लौट रहा था, तभी इस पूरे मामले का खुलासा हुआ। उसे अपने खिलाफ दर्ज मर्डर केस की कोई जानकारी नहीं थी।

पुलिस उलझन में, असली शव कौन?

सीमित के जिंदा मिलने के बाद पुलिस के सामने कई गंभीर सवाल खड़े हो गए हैं—

  • अधजली लाश किसकी थी?
  • गिरफ्तार लोगों ने किसकी हत्या की?
  • आरोपियों ने हत्या कबूल क्यों की?
  • परिजनों ने शव की पहचान कैसे की?

SSP का बयान

एसएसपी शशि मोहन सिंह ने बताया कि—

“वास्तविक मृतक की पहचान के लिए राजपत्रित अधिकारी के नेतृत्व में विशेष जांच टीम गठित की गई है। परिस्थितिजन्य साक्ष्यों के आधार पर पूर्व में कार्रवाई की गई थी। फिलहाल मामले की गहन जांच जारी है और गिरफ्तार आरोपियों की रिहाई के लिए कानूनी प्रक्रिया अपनाई जा रही है।”

रीवा में हुआ शिक्षादान केंद्र का शुभारंभ,पालको ने जताया फाउंडेशन का आभार

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आरंग- रविवार को सामाजिक संगठन पीपला वेलफेयर फाउंडेशन ने ग्राम रीवा में शिक्षादान केंद्र का शुभारंभ किया। जिसमें कक्षा दसवीं के छात्र छात्राओं को निःशुल्क कोचिंग मिलेगा। शिक्षादान केंद्र का शुभारंभ मां सरस्वती की प्रतिमा की पूजा आराधना से हुई। प्रथम दिवस बच्चों को लेखन शैली, परीक्षा में समय प्रबंधन, परीक्षा की तैयारी सहित गणित के महत्वपूर्ण बिंदुओं व कठिनाईयों पर चर्चा की गई।वहीं ग्राम के सरपंच घसियाराम साहू, संस्था के प्राचार्य आर पी चंद्राकर,एसएमडीसी अध्यक्ष नंद साहू व पालकों ने ग्राम में फाऊंडेशन द्वारा शिक्षादान केंद्र संचालन  की पहल का स्वागत करते हुए आभार जताया है।यहां के शिक्षादान केन्द्र के संचालन में विशेष सहयोग नयारायपुर निवासी सेवानिवृत्त इंजीनियर राजकुमार सोनी, फाउंडेशन के संयोजक महेन्द्र पटेल का है।इस अवसर पर फाउंडेशन के संयोजक महेन्द्र कुमार पटेल, रीवा निवासी समाजसेवी  पोखराज साहू, अध्यापन कराने वाली बीएससी गणित की छात्रा  दीपिका साहू सहित शिक्षादान केंद्र में पढ़ने वाली छात्र छात्राओं की उपस्थित रहे।


किसान स्कूल बहेराडीह में 23 दिसंबर को राष्ट्रीय किसान दिवस, किसान महोत्सव में बांस गीत की विशेष प्रस्तुति

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जांजगीर-चाम्पा- बहेराडीह में स्थित देश के पहले किसान स्कूल में 23 दिसंबर को राष्ट्रीय किसान दिवस धूमधाम से मनाया जाएगा. इस मौके पर आयोजित राज्य स्तरीय किसान महोत्सव में बलौदा के किसान महेत्तर लाल यादव और उनके सहयोगी कटनई के किसान पतिराम यादव बांस गीत की शानदार प्रस्तुति देंगे. इसके साथ ही जिले के किसान और स्कूली बच्चों के द्वारा रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रम की प्रस्तुति देंगे.

वरिष्ठ पत्रकार कुंजबिहारी साहू किसान स्कूल के संचालक दीनदयाल यादव ने बताया कि 23 दिसंबर, मंगलवार को राष्ट्रीय किसान दिवस के अवसर पर बहेराडीह में स्थित देश के पहले किसान स्कूल की पांचवीं स्थापना दिवस धूमधाम से मनाया जाएगा. इस अवसर पर आयोजित राज्य स्तरीय किसान महोत्सव में किसान और स्कूली बच्चे रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रम की प्रस्तुति देंगें, वहीं दूसरी तरफ बलौदा के किसान महेत्तर लाल यादव और उनके सहयोगी कटनई के किसान पतिराम यादव के द्वारा बांस गीत की शानदार प्रस्तुति दी जाएगी. किसान दिवस में प्रतिवर्ष की भांति इस वर्ष भी छत्तीसगढ़ के 9 प्रगतिशील किसान समेत विलुप्त चीजों को सहेजने में किसान स्कूल स्कूल की पुरखा के सुरता अभियान में सक्रिय भूमिका निभाने वाले 9 लोगों और प्रदेश के 9 पत्रकारों का सम्मान किया जाएगा.

छत्तीसगढ़ी सिनेमा के संरक्षण और संवर्धन के लिए सरकार संकल्पित - मुख्यमंत्री साय

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 रायपुर : मुख्यमंत्री विष्णु देव साय राजधानी रायपुर के साइंस कॉलेज परिसर स्थित पं. दीनदयाल उपाध्याय ऑडिटोरियम में छत्तीसगढ़ फिल्म विकास निगम द्वारा आयोजित “छत्तीसगढ़ रजत जयंती के अवसर पर छत्तीसगढ़ी फिल्मों का सफर” कार्यक्रम में शामिल हुए। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने छत्तीसगढ़ी सिनेमा की विकास यात्रा, उपलब्धियों और उज्ज्वल भविष्य पर विस्तार से अपने विचार साझा किए।


मुख्यमंत्री साय ने अपने संबोधन में छत्तीसगढ़ फिल्म विकास निगम के गठन में पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह के योगदान का स्मरण करते हुए कहा कि छालीवुड की सशक्त नींव रखने में उनकी महत्वपूर्ण भूमिका रही है। उन्होंने निगम के प्रथम अध्यक्ष स्वर्गीय राजेश अवस्थी का पुण्य स्मरण करते हुए कहा कि उनका असामयिक निधन न केवल छत्तीसगढ़ी सिनेमा, बल्कि पूरे प्रदेश के लिए अपूरणीय क्षति है।

मुख्यमंत्री साय ने कहा कि छत्तीसगढ़ी सिनेमा आज एक नए दौर में प्रवेश कर चुका है। उन्होंने निगम की वर्तमान अध्यक्ष मोना सेन को एक अनुभवी, कर्मठ और समर्पित कलाकार बताते हुए विश्वास जताया कि उनके नेतृत्व में छालीवुड का चहुंमुखी विकास सुनिश्चित होगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि आने वाले समय में छत्तीसगढ़ी फिल्में राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रदेश की संस्कृति, कला और पहचान को और अधिक सशक्त रूप में स्थापित करेंगी।

मुख्यमंत्री साय ने छत्तीसगढ़ में फिल्म निर्माण की ऐतिहासिक यात्रा का उल्लेख करते हुए कहा कि वर्ष 1957 से प्रदेश में फिल्मों के निर्माण का सिलसिला प्रारंभ हुआ। उन्होंने भूलन कांदा उपन्यास पर आधारित फिल्म “भूलन द मेज” को प्राप्त राष्ट्रीय पुरस्कार को पूरे प्रदेश के लिए गौरव का विषय बताया।मुख्यमंत्री ने कहा कि छत्तीसगढ़ी सिनेमा की जड़ें लोक संस्कृति, लोककथाओं और सामाजिक सरोकारों से गहराई से जुड़ी हैं, जो इसे विशिष्ट पहचान प्रदान करती हैं। उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ी सिनेमा हमारी लोकसंस्कृति और अस्मिता का जीवंत दस्तावेज है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार छत्तीसगढ़ी फिल्मों के विकास को लेकर पूरी गंभीरता और प्रतिबद्धता के साथ कार्य कर रही है। इसी क्रम में चित्रोत्पला फिल्म सिटी का निर्माण किया जा रहा है, जिसके लिए 150 करोड़ रुपये की राशि स्वीकृत की गई है। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि प्रदेश में छालीवुड का भविष्य स्वर्णिम है और फिल्म उद्योग को नई ऊंचाइयों तक ले जाने के लिए सरकार हर संभव सहयोग प्रदान करेगी।

मुख्यमंत्री साय ने छत्तीसगढ़ राज्य के रजत जयंती वर्ष की शुभकामनाएँ देते हुए कहा कि यह ऐतिहासिक वर्ष प्रदेश के चहुंमुखी विकास की नई इबारत लिख रहा है। उन्होंने आशा व्यक्त की कि यह कार्यक्रम छत्तीसगढ़ी फिल्म विकास की दिशा में एक मील का पत्थर सिद्ध होगा।

मुख्यमंत्री साय ने इस अवसर पर छत्तीसगढ़ी सिनेमा में उल्लेखनीय योगदान देने वाले निर्माताओं और वरिष्ठ कलाकारों मोहन सुंदरानी, सतीश जैन, संतोष जैन, मनोज वर्मा, अनुज शर्मा और प्रेम चंद्राकर को सम्मानित भी किया।

कार्यक्रम को संबोधित करते हुए छत्तीसगढ़ फिल्म विकास निगम की अध्यक्ष मोना सेन ने मुख्यमंत्री साय का अभिनंदन करते हुए निगम के पुनर्गठन के लिए उनका आभार व्यक्त किया। उन्होंने छत्तीसगढ़ी फिल्म “मोर छइंहा भुइंया” के निर्माता सतीश जैन को धन्यवाद देते हुए कहा कि इस फिल्म ने छत्तीसगढ़ी सिनेमा को नई पहचान दिलाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। उन्होंने छत्तीसगढ़ी फिल्म इंडस्ट्री के समग्र और सतत विकास के प्रति अपनी प्रतिबद्धता भी दोहराई।


इस अवसर पर कौशल विकास मंत्री गुरु खुशवंत साहेब, विधायकगण सुनील सोनी, पुरंदर मिश्रा, अनुज शर्मा, छत्तीसगढ़ मेडिकल सर्विसेज कॉर्पोरेशन के अध्यक्ष दीपक म्हस्के, छत्तीसगढ़ मछुआ कल्याण बोर्ड के अध्यक्ष भरत मटियारा, छत्तीसगढ़ तेलघानी विकास बोर्ड के अध्यक्ष जितेंद्र साहू, संस्कृति विभाग के संचालक विवेक आचार्य सहित बड़ी संख्या में कलाकार, निर्माता एवं गणमान्य नागरिक उपस्थित थे।

जांजगीर में आज ‘जनादेश परब’, सियासी शक्ति प्रदर्शन, केंद्रीय मंत्री जे.पी. नड्डा और CM साय करेंगे विशाल आमसभा को संबोधित

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 रायपुर : मुख्यमंत्री विष्णु देव साय के नेतृत्व में छत्तीसगढ़ सरकार के दो वर्ष पूर्ण होने के उपलक्ष्य में आज 22 दिसम्बर को जांजगीर में जनादेश परब का आयोजन किया जा रहा है। जनादेश परब में जनता-जनार्दन के समक्ष छत्तीसगढ़ सरकार की दो वर्ष की उपलब्धियों तथा राज्य के एकीकृत विकास के लिए लिए गए फैसलों की जानकारी दी जाएगी। जनकल्याणकारी योजनाओं के पात्र हितग्राहियों को लाभान्वित भी किया जाएगा।


जनादेश परब के अवसर पर जांजगीर के पुलिस लाईन में आयोजित की जा रही विशाल आमसभा को केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री श्री जे. पी. नड्डा सम्बोधित करेंगे। इस अवसर पर कार्यक्रम के अध्यक्षता मुख्यमंत्री विष्णु देव साय करेंगे। इस मौके पर सुप्रसिद्ध लोक कलाकार एवं पद्मश्री अनुज शर्मा तथा अन्य कलाकारों द्वारा सांस्कृतिक कार्यक्रमों की प्रस्तुति दी जाएगी। इसके अलावा कार्यक्रम स्थल पर पिछले दो वर्षों विभिन्न विभागों की उपलब्धियों पर आधारित विकास प्रदर्शनी का आयोजन भी किया जाएगा। प्रदर्शनी में छत्तीसगढ़ राज्य विद्युत मंडल, कृषि विभाग, स्कूल शिक्षा, महिला एवं बाल विकास, जल संसाधन, मत्स्य पालन और सहकारिता विभाग सहित विभिन्न विभागों के स्टॉल लगाए जा रहे हैं।

कार्यक्रम में केंद्रीय राज्य मंत्री तोखन साहू, उप मुख्यमंत्री अरुण साव एवं उप मुख्यमंत्री विजय शर्मा अति विशिष्ट अतिथि होंगे एवं कृषि मंत्री रामविचार नेताम, खाद्य मंत्री दयालदास बघेल, वन मंत्री केदार कश्यप, उद्योग मंत्री लखन लाल देवांगन, स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल, वित्त मंत्री ओ.पी. चौधरी, महिला एवं बाल विकास मंत्री श्रीमती लक्ष्मी राजवाड़े, राजस्व मंत्री टंकराम वर्मा, स्कूल शिक्षा मंत्री गजेन्द्र यादव, अनुसूचित जाति विकास मंत्री गुरु खुशवंत साहेब, संस्कृति एवं पर्यटन मंत्री राजेश अग्रवाल, लोकसभा सांसद कमलेश जांगड़े व विधायक श्री ब्यास कश्यप विशिष्ट अतिथि के रूप में शामिल होंगे।

राज्य के समग्र विकास पर केंद्रित प्रदर्शनी

जनादेश परब में सरकार के दो वर्षों की निरंतर सेवा और निरंतर विकास की झलक विभिन्न विभागों द्वारा लगाए गए आकर्षक प्रदर्शनी में देखने को मिलेगी एवं प्रदर्शनी में पीएम सूर्यघर योजना तथा योजनाओं की जानकारी आमजन को दी जाएगी। इसी तरह किसान सम्मान निधि, हितग्राही मूलक योजनाओं एवं आधुनिक कृषि तकनीकों की जानकारी दी जाएगी, जिससे किसान सीधे लाभ और प्रक्रियाओं को समझ सकें। डिजिटल और नवाचारी शिक्षा, आईसीटी लैब, स्मार्ट क्लास और पीएम एवं विद्या जैसी योजनाओं के माध्यम से स्मार्ट स्कूल-सशक्त छात्र-उज्ज्वल भविष्य” की अवधारणा गुणवत्तापूर्ण और तकनीक आधारित शिक्षा की झलक देखने को मिलेगी।

इसके अलावा प्रदर्शनी में महिला सशक्तिकरण, महतारी वंदन, सुपोषण अभियान एवं बाल कल्याण योजनाओं, सिंचाई योजनाओं और जल प्रबंधन, मत्स्य उत्पादन, रोजगार और स्वरोजगार से जुड़ी योजनाओं, समर्थन मूल्य पर धान खरीदी की संपूर्ण प्रक्रिया को समझाने हेतु एक मॉडल देखने को मिलेगा। साथ ही विभिन्न विभागों द्वारा भी स्टॉल लगाया जाएगा, जिसमें योजनाओं की जानकारी दी जाएगी।

यौन उत्पीड़न मामले में पुलिस कर्मचारी को राहत नहीं, छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट ने अग्रिम जमानत याचिका की खारिज

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 बिलासपुर। यौन उत्पीड़न के गंभीर आरोपों में फंसे एक पुलिस कर्मचारी की अग्रिम जमानत याचिका को छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट ने खारिज कर दिया है। हाई कोर्ट की सिंगल बेंच ने कहा कि आरोपी पुलिस विभाग का कर्मचारी है और यदि उसे अग्रिम जमानत दी जाती है तो वह गवाहों को प्रभावित कर सकता है। न्यायालय ने आरोपों की प्रकृति को गंभीर मानते हुए राहत देने से इनकार कर दिया।


दुर्ग जिले की महिला ने दर्ज कराई थी शिकायत

मामला दुर्ग जिले के पुराना भिलाई थाना क्षेत्र का है। यहां की रहने वाली एक महिला की शिकायत पर पुलिस कर्मचारी अरविंद कुमार मेढ़े के खिलाफ यौन उत्पीड़न का अपराध दर्ज किया गया है।

एफआईआर के अनुसार, पीड़िता का बेटा पॉक्सो एक्ट के एक मामले में जेल में बंद है। आरोप है कि इसी स्थिति का फायदा उठाकर आरोपी पुलिस कर्मचारी ने बेटे की जमानत कराने का झांसा दिया और महिला से संपर्क बढ़ाया।

थाने बुलाने के बाद जंगल ले जाने का आरोप

पीड़िता ने बताया कि 18 नवंबर 2025 की शाम उसे थाने बुलाया गया, जहां महिला पुलिसकर्मियों द्वारा कुछ दस्तावेजों पर हस्ताक्षर कराए गए। इसके बाद आरोपी ने फोन कर उसे चरौदा बस स्टैंड बुलाया और अपनी गाड़ी में बैठाकर एक सुनसान जंगल क्षेत्र में ले गया।

शारीरिक संबंध का दबाव और अश्लील हरकतों का आरोप

महिला का आरोप है कि जंगल में आरोपी ने उससे शारीरिक संबंध बनाने का दबाव डाला, गले लगाया और अश्लील हरकतें कीं। पीड़िता के अनुसार, जब उसने मासिक धर्म की जानकारी दी, तब आरोपी ने उसे छोड़ दिया और दो दिन बाद दोबारा मिलने की बात कही।

24 घंटे बाद दर्ज हुई एफआईआर

घटना के लगभग 24 घंटे बाद, 19 नवंबर 2025 की शाम करीब 6 बजे पीड़िता ने थाने पहुंचकर आरोपी पुलिस कर्मचारी के खिलाफ यौन उत्पीड़न की एफआईआर दर्ज कराई।

हाई कोर्ट ने दलीलें नहीं मानी

आरोपी की ओर से अधिवक्ता के माध्यम से हाई कोर्ट में अग्रिम जमानत याचिका दायर की गई थी। याचिका में आरोपों को निराधार बताते हुए कहा गया कि एफआईआर दर्ज कराने में देरी हुई है तथा आरोपी का कोई आपराधिक रिकॉर्ड नहीं है।

हालांकि, कोर्ट ने इन दलीलों को स्वीकार नहीं करते हुए कहा कि आरोपी का पुलिसकर्मी होना और आरोपों की गंभीरता को देखते हुए अग्रिम जमानत देना उचित नहीं है, और याचिका को खारिज कर दिया।

शिव महापुराण कथा में उठाईगिरी, भीड़ का फायदा उठा रहीं 9 महिलाएं गिरफ्तार

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 दुर्ग। दुर्ग जिले के नगपुरा गांव में आयोजित शिव महापुराण कथा के दौरान उठाईगिरी की वारदात को अंजाम देने वाली 9 महिलाओं को पुलिस ने गिरफ्तार किया है। यह कथा प्रसिद्ध कथावाचक पं. प्रदीप मिश्रा द्वारा सुनाई जा रही है, जिसमें प्रतिदिन लाखों श्रद्धालु शामिल हो रहे हैं।


यह धार्मिक आयोजन पुलगांव थाना क्षेत्र के नगपुरा गांव में 17 दिसंबर से जारी है। भारी भीड़ को देखते हुए पुलिस पहले से ही सतर्क थी और सादी वर्दी में जवानों की तैनाती की गई थी।

 संदिग्ध गतिविधियों पर पुलिस की नजर

कथा स्थल के अलग-अलग पंडालों में 6 से अधिक महिलाएं संदिग्ध गतिविधियों के साथ घूमती नजर आईं, जिस पर पुलिस टीम ने तत्काल कार्रवाई करते हुए सभी को हिरासत में ले लिया।

 महाराष्ट्र की रहने वाली हैं आरोपी महिलाएं

पूछताछ में खुलासा हुआ कि सभी आरोपी महिलाएं महाराष्ट्र के नागपुर की निवासी हैं। गिरफ्तार महिलाओं में—

  • प्रकाशी जाटव (60)
  • अंजली जाटव (26)
  • कोमल जाटव (25)
  • सुजाता शिंदे (31)
  • रतना शिंदे (60)

ऊषा जाटव (40)
सहित अन्य महिलाएं शामिल हैं।

भीड़ का फायदा उठाकर कर रही थीं उठाईगिरी

प्रारंभिक जांच में सामने आया है कि आरोपी महिलाएं श्रद्धालुओं की भारी भीड़ का फायदा उठाकर उठाईगिरी की घटनाओं को अंजाम दे रही थीं। फिलहाल पुलिस सभी आरोपियों से गहन पूछताछ कर रही है और आगे की कानूनी कार्रवाई जारी है।

पुलिस का बयान

पुलिस अधिकारियों ने बताया कि धार्मिक आयोजनों में श्रद्धालुओं की सुरक्षा सर्वोच्च प्राथमिकता है। समय रहते की गई कार्रवाई से किसी बड़ी वारदात को टाल दिया गया।

Railway Fare Hike : रेलवे ने बढ़ाया यात्री किराया, 26 दिसंबर 2025 से लागू होंगी नई दरें

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 Railway Fare Hike :  रेलवे यात्रियों के लिए एक अहम खबर सामने आई है। भारतीय रेलवे ने यात्री किराए में संशोधन करने का निर्णय लिया है। नए आदेश के अनुसार जनरल, मेल/एक्सप्रेस और एसी श्रेणियों के टिकटों के दाम बढ़ाए गए हैं। यह बढ़ोतरी 26 दिसंबर 2025 से प्रभावी होगी। हालांकि, लोकल ट्रेनों और मासिक सीजन टिकट (MST) के किराए में किसी तरह का बदलाव नहीं किया गया है।


 किराया कितना बढ़ेगा?

रेलवे द्वारा जारी जानकारी के अनुसार किराए में बढ़ोतरी इस प्रकार होगी—

साधारण श्रेणी (जनरल): 215 किलोमीटर से अधिक दूरी की यात्रा पर 1 पैसा प्रति किलोमीटर की बढ़ोतरी

मेल/एक्सप्रेस (नॉन-एसी): 2 पैसा प्रति किलोमीटर की बढ़ोतरी

एसी श्रेणी: 2 पैसा प्रति किलोमीटर की बढ़ोतरी

 उदाहरण: यदि कोई यात्री 500 किलोमीटर की नॉन-एसी यात्रा करता है, तो उसे लगभग 10 रुपये अतिरिक्त चुकाने होंगे।

 

 किराया बढ़ाने की वजह क्या है?

रेलवे अधिकारियों के अनुसार पिछले एक दशक में रेलवे नेटवर्क, ट्रेनों की संख्या और यात्री सुविधाओं में बड़ा विस्तार हुआ है।

  • सुरक्षा मानकों को मजबूत करने
  • कर्मचारियों की संख्या और पेंशन व्यय
  • परिचालन और रखरखाव खर्च में वृद्धि

वित्तीय वर्ष 2024-25 में रेलवे का कुल परिचालन खर्च 2.63 लाख करोड़ रुपये तक पहुंच गया है।

रेलवे का कहना है कि किराया बढ़ोतरी का उद्देश्य बढ़ते खर्चों की भरपाई करना और यात्रियों को बेहतर, सुरक्षित और आधुनिक सुविधाएं उपलब्ध कराना है। भारतीय रेलवे वर्तमान में दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा माल परिवहन नेटवर्क है और त्योहारों के दौरान 12 हजार से अधिक ट्रेनों का संचालन इसकी कार्यक्षमता को दर्शाता है।

28वीं राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण (NTCA) की बैठक और 22वीं प्रोजेक्ट एलीफेंट की स्टियरिंग कमिटी बैठक विशाखापत्तनम में सम्पन्न

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21 दिसंबर 2025 को सुंदरबन टाइगर रिज़र्व, पश्चिम बंगाल में राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण (NTCA) की 28वीं बैठक और प्रोजेक्ट एलीफेंट की 22वीं स्टियरिंग कमिटी बैठक आयोजित की गई। इन बैठकों की अध्यक्षता केंद्रीय पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्री भूपेन्द्र यादव ने की। इस अवसर पर वरिष्ठ सरकारी अधिकारी, वैज्ञानिक, बाघ और हाथी क्षेत्रों के विशेषज्ञ तथा प्रमुख संरक्षण संस्थानों के प्रतिनिधि उपस्थित रहे। बैठक का उद्देश्य प्रोजेक्ट टाइगर और प्रोजेक्ट एलीफेंट की प्रगति की समीक्षा करना और भारत में बाघों और हाथियों के संरक्षण के लिए भविष्य की रणनीतियों पर विचार-विमर्श करना था।

NTCA बैठक:

भूपेन्द्र यादव ने बैठक की अध्यक्षता करते हुए भारत के वैश्विक रूप से मान्यता प्राप्त बाघ संरक्षण मॉडल पर प्रकाश डाला और विज्ञान-आधारित प्रबंधन, परिदृश्य स्तर की योजना, समुदाय की भागीदारी, अंतर-राज्य समन्वय और अंतर्राष्ट्रीय सहयोग के महत्व पर जोर दिया।

27वीं बैठक के मिनट्स की पुष्टि की गई और उसमें लिए गए निर्णयों पर कार्रवाई की समीक्षा की गई। चार क्षेत्रीय बैठकों के परिणामों पर चर्चा हुई, जिसमें बाघ रिज़र्वों की प्रमुख चुनौतियों पर ध्यान केंद्रित किया गया। मानव–बाघ संघर्ष को कम करने के उपायों पर चर्चा हुई, जिसमें तीन-तरफा रणनीति और “बाघ रिज़र्व के बाहर बाघों का प्रबंधन” परियोजना का शुभारंभ शामिल था। साथ ही स्टाफ की कमी, वित्तीय बाधाएँ, आवासीय विघटन और आक्रामक प्रजातियों के प्रबंधन से संबंधित मुद्दों की समीक्षा की गई और राज्यों तथा संबंधित प्राधिकरणों को उचित कार्रवाई के निर्देश दिए गए।

बैठक ने NTCA की तकनीकी समिति की बैठकों के निर्णयों को अनुमोदित किया, जिनमें बाघ संरक्षण योजनाओं का अनुमोदन, प्रोजेक्ट चीताह का विस्तार और वृद्धि, बाघों का स्थानांतरण, शिकार प्रजातियों की वृद्धि, परिदृश्य प्रबंधन योजना, मांसाहारी स्वास्थ्य प्रबंधन प्रशिक्षण कार्यक्रम और राष्ट्रीय वन्यजीव बोर्ड (NBWL) को परियोजना प्रस्तावों पर NTCA की सिफारिशें शामिल हैं।

बैठक में 7वीं राष्ट्रीय वन्यजीव बोर्ड द्वारा NTCA को दिए गए निर्देशों का अनुपालन, प्रोजेक्ट चीताह का गुजरात के गांधीसागर वन्य अभयारण्य और बन्नी घासभूमि में विस्तार, CAMPA द्वारा समर्थित पहलों की प्रगति और प्रस्तावित ग्लोबल बिग कैट समिट की तैयारियों की समीक्षा की गई।

मंत्री ने NTCA की प्रमुख चल रही गतिविधियों की समीक्षा की, जिसमें सिक्स्थ साइकिल ऑल इंडिया टाइगर एस्टिमेशन, विभिन्न क्षेत्रों में परिदृश्य स्तर के प्रशिक्षण कार्यक्रम, नवंबर 2025 से शुरू हुए ग्राउंड सर्वे और प्रोजेक्ट चीताह के तहत अंतर्राष्ट्रीय सहयोग (दक्षिण अफ्रीका, नामीबिया और बोत्सवाना से प्रतिनिधिमंडलों के दौरे सहित) शामिल हैं। बैठक ने सुप्रीम कोर्ट के आदेश का भी संज्ञान लिया और इसके बाघ संरक्षण और प्रबंधन पर प्रभाव पर विचार किया।


प्रोजेक्ट एलीफेंट स्टियरिंग कमिटी बैठक:

बैठक की शुरुआत 21वीं स्टियरिंग कमिटी बैठक के एक्शन टेकन रिपोर्ट की पुष्टि से हुई, इसके बाद स्टियरिंग कमिटी सदस्यों और स्थायी आमंत्रितों द्वारा उठाए गए मुद्दों पर चर्चा की गई।

दक्षिण भारत और उत्तर-पूर्व भारत में हाथी संरक्षण के क्षेत्रीय कार्य योजनाओं की स्थिति प्रस्तुत की गई, जिसमें हाथी क्षेत्र राज्यों द्वारा की गई प्रगति और समन्वित अंतर-राज्यीय कार्रवाई के प्राथमिक क्षेत्र चिन्हित किए गए।

ऑल-इंडिया सिंक्रोनाइज्ड एलीफेंट एस्टिमेशन पर अपडेट प्रस्तुत किया गया, जो साक्ष्य-आधारित योजना और निर्णय लेने के लिए महत्वपूर्ण है। नीलगिरी हाथी रिज़र्व के लिए मॉडल एलीफेंट संरक्षण योजना और पालतू हाथियों के DNA प्रोफाइलिंग पर चल रहे कार्यों पर भी चर्चा हुई, जिसमें वैज्ञानिक प्रबंधन और कल्याण मानकों को सुदृढ़ करने पर जोर दिया गया।

मानव–हाथी संघर्ष की स्थिति की व्यापक समीक्षा की गई। समिति ने संघर्ष के कारणों और शमन उपायों पर चल रहे अध्ययन के निष्कर्षों पर चर्चा की, साथ ही हाथी क्षेत्र राज्यों द्वारा अपनाए गए मुआवजा तंत्र की स्थिति और पर्याप्तता का मूल्यांकन किया।

बैठक में हाथी आबादी के अनुमान के तरीकों, रिपु–चिरांग हाथी रिज़र्व के लिए समेकित संरक्षण और प्रबंधन रणनीतियों की प्रगति और भविष्य की कार्य योजनाओं पर भी विचार किया गया। इसमें CAMPA फंडिंग सहायता के साथ सभी हाथी रिज़र्वों के लिए मैनेजमेंट इफेक्टिवनेस इवैल्यूएशन और बांधवगढ़ क्षेत्र में हाथी मार्गों, आवास उपयोग और संघर्ष हॉटस्पॉट पर प्रस्तावित अध्ययन शामिल हैं।

स्टियरिंग कमिटी ने भारत सरकार की विज्ञान-आधारित संरक्षण, अंतर-राज्य समन्वय, तकनीकी नवाचार और समुदाय-केंद्रित दृष्टिकोणों के प्रति प्रतिबद्धता को दोहराया, ताकि हाथियों और हाथी निवास क्षेत्रों में रहने वाले लोगों के लिए सतत भविष्य सुनिश्चित किया जा सके।

इस अवसर पर भूपेन्द्र यादव ने छह प्रकाशन जारी किए। इनमें शामिल हैं:

  • Project Cheetah in India – वैज्ञानिक प्रबंधन और अंतर्राष्ट्रीय सहयोग के माध्यम से प्रोजेक्ट चीताह की प्रगति


  • STRIPES (NTCA का आउटरीच जर्नल) – आधुनिक तकनीक, बाघों का विसरण और ऑल इंडिया टाइगर एस्टिमेशन की छठी साइकिल

  • NTCA बुकलेट – भारत के बाघ संरक्षण ढांचे और संस्थागत मील के पत्थरों का दस्तावेजीकरण

  • Tigerverse – Little-known facts from India’s Tiger Reserves – बाघ रिज़र्व से जैवविविधता, संस्कृति और संरक्षण कहानियाँ

  • Best Practices in Captive Elephant Management – हाथी परिचालकों के लिए

  • TRUMPET Quarterly Journal (दिसंबर 2025 अंक)

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