Responsive Ad Slot

Latest

latest
lockdown news

महासमुंद की खबरें

महासमुंद की खबर

रायगढ़ की ख़बरें

raigarh news

दुर्ग की ख़बरें

durg news

जम्मू कश्मीर की ख़बरें

jammu and kashmir news

VIDEO

Videos
top news


 

छत्तीसगढ़ को 3 नए IAS अफसर मिले, कैडर आवंटन सूची जारी, यहां देखें पूरी लिस्ट

No comments Document Thumbnail

 UPSC-CSE 2024 : देश की सबसे प्रतिष्ठित परीक्षा UPSC सिविल सेवा परीक्षा 2024 पास करने वाले अभ्यर्थियों का इंतजार अब खत्म हो गया है। केंद्रीय कार्मिक एवं प्रशिक्षण मंत्रालय (DoPT) ने सफल अभ्यर्थियों के कैडर आवंटन की फाइनल लिस्ट जारी कर दी है। नई सूची के अनुसार छत्तीसगढ़ को तीन नए IAS अधिकारी मिले हैं, जिससे राज्य के प्रशासनिक ढांचे में नई ऊर्जा आने की उम्मीद है।


छत्तीसगढ़ को मिले 3 नए IAS अफसर

जारी कैडर आवंटन सूची में निम्न नाम शामिल हैं—

  • गोकुल आर.के. — होम स्टेट: तमिलनाडु
  • वाध्यता यशवंत — होम स्टेट: तेलंगाना
  • इशांत जायसवाल — होम स्टेट: उत्तर प्रदेश

इन युवा अधिकारियों को छत्तीसगढ़ में नियुक्ति मिलने से ब्यूरोक्रेसी को सशक्त करने की दिशा में सकारात्मक कदम माना जा रहा है।

टॉपर शक्ति दुबे को मिला अपना गृह राज्य

UPSC 2024 में ऑल इंडिया टॉपर शक्ति दुबे को उनका होम स्टेट उत्तर प्रदेश (UP) कैडर मिला है।
वहीं, AIR 65 प्राप्त करने वाली एवं पूर्व में छत्तीसगढ़ कैडर की IPS अधिकारी पूर्वा अग्रवाल को झारखंड कैडर आवंटित किया गया है।

अन्य प्रमुख अभ्यर्थियों को मिले ये कैडर

  • हर्षिता गोयल – गुजरात
  • डोंगरे अर्चित पराग – कर्नाटक
  • शाह मार्गी चिराग – गुजरात
  • आकाश गर्ग – AGMUT (अरुणाचल, गोवा, मिजोरम व केंद्र शासित प्रदेश)
  • कोमल पुनिया – उत्तर प्रदेश
  • आयुषी बंसल – मध्य प्रदेश
  • राजकृष्ण झा – बिहार

जल्द शुरू होगा प्रशिक्षण

कैडर आवंटन के बाद अब सभी नवनियुक्त IAS अधिकारियों की ट्रेनिंग प्रक्रिया शुरू होगी। LBSNAA, मसूरी में प्रशिक्षण पूरा करने के बाद ये अधिकारी अपने-अपने राज्यों में कार्यभार प्राप्त करेंगे।

कोहिमा में राज्य स्तरीय वाटरशेड महोत्सव 2025 और मिशन ‘वाटरशेड पुनरुत्थान’ का शुभारंभ

No comments Document Thumbnail

भारत की जल सुरक्षा को सुदृढ़ करने और सतत ग्रामीण विकास को तेज़ गति देने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए ग्रामीण विकास एवं संचार राज्य मंत्री डॉ. पेम्मसानी चंद्र शेखर ने आज कोहिमा के नगा सॉलिडेरिटी पार्क में राज्य स्तरीय वाटरशेड महोत्सव 2025 का शुभारंभ किया।

यह कार्यक्रम जल-संकटग्रस्त क्षेत्रों को जल-सुरक्षित और जलवायु-लचीले परिदृश्यों में परिवर्तित करने की भारत सरकार की प्रतिबद्धता का एक महत्वपूर्ण चरण है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दूरदर्शी नेतृत्व में पूर्वोत्तर राज्यों को राष्ट्र के विकास पथ के केंद्र में रखा गया है, और यह पहल उसी दृष्टिकोण को आगे बढ़ाती है।

मिशन वाटरशेड पुनरुत्थान का शुभारंभ

कार्यक्रम के दौरान, मंत्री ने मिशन वाटरशेड पुनरुत्थान (Mission Watershed PUNARUTTHAN) की शुरुआत की। उन्होंने कहा कि जल सुरक्षा ही राष्ट्रीय सुरक्षा है। यह मिशन पारंपरिक जल स्रोतों को पुनर्जीवित करने, क्षरित भूमि को पुनर्स्थापित करने, जल संचयन तंत्र को मजबूत करने और एमजीएनआरईजीए जैसी योजनाओं के साथ अभिसरण के माध्यम से समुदाय-आधारित आजीविकाओं को सुदृढ़ करने पर केंद्रित है।

मंत्री ने कहा कि भविष्य उन लोगों का है जो अपनी प्राकृतिक नींवों को सुरक्षित रखते हैं। वाटरशेड विकास केवल जल प्रबंधन नहीं, बल्कि ग्रामीण भारत की पारिस्थितिकी रीढ़ को पुनर्गठित करने, आजीविका सृजन करने और आने वाली पीढ़ियों के लिए समृद्धि सुनिश्चित करने का प्रयास है।

नागालैंड: समुदाय-आधारित जल प्रबंधन का अग्रणी उदाहरण

डॉ. शेखर ने कहा कि नागालैंड अपनी समृद्ध पारिस्थितिक और सांस्कृतिक विरासत के साथ समुदाय-आधारित वाटरशेड प्रबंधन में अग्रणी भूमिका निभा रहा है।
झरनों का पुनर्जीवन, जल संचयन संरचनाओं का नवीनीकरण और भूमि संसाधनों का पुनरुत्थान सिर्फ पर्यावरणीय प्रयास नहीं—बल्कि आने वाली पीढ़ियों के लिए जीवनरेखा है।

उन्होंने कहा कि नागालैंड मानवीय संवेदना और सांस्कृतिक दृढ़ता का सशक्त प्रतीक है। इसकी विविध भाषाएँ, संगीत, शिल्प और उत्सव इसकी विरासत, साहस और गरिमा को दर्शाते हैं। नागालैंड यह बताता है कि कैसे एक समाज अपनी पहचान को संजोते हुए खुले मन से विश्व से जुड़ सकता है।

बीते दशकों में उत्तर-पूर्व को मुख्यधारा से दूर क्षेत्र माना गया था। आज के विकास दृष्टिकोण ने नागालैंड को भारत की विकास यात्रा का केंद्रबिंदु बना दिया है। बेहतर कनेक्टिविटी, मजबूत अवसंरचना और डिजिटल पहुंच ने इसे पर्यटन, व्यापार, कृषि और सांस्कृतिक आदान–प्रदान का उभरता केंद्र बना दिया है।

नागालैंड में पीएमकेएसवाई एवं वाटरशेड विकास की प्रमुख उपलब्धियाँ

  • राज्य में 14 वाटरशेड परियोजनाएँ स्वीकृत

  • ₹140 करोड़ स्वीकृत, जिनमें से ₹80 करोड़ जारी

  • 555 जल संचयन संरचनाओं का नवीनीकरण

  • 6,500 से अधिक किसान लाभान्वित

  • 120 झरनों का पुनर्जीवन — विशेषकर पहाड़ी एवं जनजातीय क्षेत्रों के लिए महत्वपूर्ण

मंत्री ने बताया कि अन्य राज्यों के विपरीत, जहाँ केंद्र–राज्य फंडिंग अनुपात 60:40 है, वहीं पूर्वोत्तर राज्यों, जिनमें नागालैंड भी शामिल है, को 90% केंद्रीय सहायता मिलती है, जो सरकार के विशेष फोकस को दर्शाती है।

उन्होंने कहा कि भारत के पास विश्व के नवीकरणीय ताजे जल का केवल 4% है, जबकि वैश्विक जनसंख्या का 18% यहाँ निवास करता है। ऐसे में व्यवस्थित जल संरक्षण और संसाधन प्रबंधन अनिवार्य है। प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना (PMKSY) और वाटरशेड कार्यक्रमों ने कृषि आय बढ़ाने, भूजल स्तर सुधारने और बहु-फसल चक्र संभव बनाने में परिवर्तनकारी भूमिका निभाई है।

राज्य नेतृत्व की सराहना

डॉ. शेखर ने नागालैंड के मुख्यमंत्री नेफियू रियो के नेतृत्व की सराहना की और अधिकारियों — डॉ. जी. हुकुघा सेमा (IRS) तथा जी. इकटो झिमोमी — के कार्यों की प्रशंसा की, जिन्होंने जमीनी स्तर पर उल्लेखनीय परिणाम सुनिश्चित किए।

जन भागीदारी का आह्वान

मंत्री ने जन भागीदारी के महत्व पर बल देते हुए नागरिकों से जल और भूमि संसाधनों की सुरक्षा और सतत उपयोग में सक्रिय भागीदारी का आग्रह किया।

यह कार्यक्रम केंद्र और राज्य के बीच सहकारी संघवाद की भावना का उत्कृष्ट उदाहरण है, जो प्रधानमंत्री के जल-सुरक्षित भारत के दृष्टिकोण को साकार करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।


आंध्र प्रदेश में राष्ट्रीय ईएमआरएस सांस्कृतिक एवं साहित्यिक महोत्सव ‘उद्भव 2025’ सफलतापूर्वक संपन्न

No comments Document Thumbnail

राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति छात्र शिक्षा समिति (NESTS), जनजातीय कार्य मंत्रालय ने, 3 से 5 दिसंबर 2025 तक आयोजित 6वीं राष्ट्रीय ईएमआरएस सांस्कृतिक एवं साहित्यिक महोत्सव तथा कला उत्सव – उद्भव 2025 को आंध्र प्रदेश के गुंटूर ज़िले के वड्देस्वरम स्थित केएल विश्वविद्यालय में सफलतापूर्वक संपन्न किया। यह महोत्सव NESTS द्वारा आयोजित और आंध्र प्रदेश जनजातीय कल्याण आवासीय शैक्षणिक संस्थान समिति (APTWREIS–Gurukulam) द्वारा मेज़बानी किया गया, जिसमें केएल विश्वविद्यालय का व्यापक संस्थागत सहयोग मिला।

समापन समारोह में आंध्र प्रदेश सरकार की माननीय जनजातीय कल्याण तथा महिला एवं बाल कल्याण मंत्री जी. संध्या रानी; माननीय सामाजिक कल्याण, दिव्यांग एवं वरिष्ठ नागरिक कल्याण, सचिवालय एवं गांव वॉलंटियर विभाग के मंत्री डॉ. डी. एस. स्वामी; तथा आंध्र प्रदेश के पर्यटन, संस्कृति, सिनेमाटोग्राफी एवं गुंटूर जिले के प्रभारी मंत्री कंदुला दुर्गेश उपस्थित रहे। आंध्र प्रदेश सरकार के सामाजिक कल्याण एवं जनजातीय कल्याण विभाग के सचिव एम. एम. नायक भी समारोह में उपस्थित थे। उनकी उपस्थिति ने कार्यक्रम की शोभा बढ़ाई और प्रतिभागियों के लिए प्रेरणा का स्रोत बनी।

अपने संबोधन में माननीय अतिथियों ने जनजातीय छात्रों के उत्कृष्ट प्रदर्शन की सराहना करते हुए केंद्र और राज्य सरकारों की जनजातीय शिक्षा, सांस्कृतिक संरक्षण और सशक्तिकरण के प्रति प्रतिबद्धता को रेखांकित किया। उन्होंने कहा कि उद्भव जैसे मंच न केवल भारत की समृद्ध जनजातीय विरासत को प्रदर्शित करते हैं, बल्कि जनजातीय युवाओं में आत्मविश्वास, नेतृत्व क्षमता और राष्ट्रीय स्तर पर प्रतिस्पर्धा का अनुभव विकसित करते हैं।

महोत्सव का संचालन NESTS के कमिश्नर अजीत कुमार श्रीवास्तव (IRAS) तथा आंध्र प्रदेश के सामाजिक एवं जनजातीय कल्याण विभाग के सचिव एम. एम. नायक (IAS) के मार्गदर्शन में हुआ। आयोजन सचिव एम. गौथमी (IAS), सचिव APTWREIS (गुरुकुलम), ने अपनी टीमों और दोनों संस्थानों के अधिकारियों के साथ मिलकर कार्यक्रम की सुचारू रूप से व्यवस्था सुनिश्चित की।

कुल 22 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों से 1,558 छात्र–छात्राओं ने महोत्सव में भाग लिया, जिनमें 524 पुरुष और 1,024 महिला प्रतिभागी शामिल थे। इनके साथ 45 टीम लीडर, 178 एस्कॉर्ट, 22 कंटिंजेंट मैनेजर, 22 लायज़न अधिकारी, 10 अधिकारी, 19 NESTS अधिकारी एवं कर्मचारी, 137 उप-समिति सदस्य, 48 जूरी सदस्य और 60 राज्य अधिकारी/ APTWREIS अधिकारी भी जुड़े। तीन दिनों तक 49 सांस्कृतिक, साहित्यिक, रचनात्मक और प्रदर्शन कलाओं से जुड़े कार्यक्रम आयोजित किए गए—पहले दिन 18, दूसरे दिन 22 और तीसरे दिन 9—जिनमें भारत की विविध जनजातीय समुदायों की प्रतिभा, सांस्कृतिक गहराई और कलात्मक अभिव्यक्ति देखने को मिली।

समापन समारोह में विभिन्न प्रतियोगिताओं के परिणाम घोषित किए गए। कुल पदक तालिका में तेलंगाना प्रथम स्थान पर रहा, जिसके बाद झारखंड, ओडिशा, छत्तीसगढ़ और मध्य प्रदेश का स्थान रहा। कुल 105 प्रथम पुरस्कार, 105 द्वितीय पुरस्कार और 105 तृतीय पुरस्कार प्रदान किए गए, साथ ही सर्वश्रेष्ठ राज्य चैम्पियनशिप का पुरस्कार भी दिया गया। सभी प्रतिभागियों को उनके उत्साह और सहभागिता के सम्मान में प्रमाणपत्र प्रदान किए जाएंगे।

उद्भव 2025 के 12 चयनित वर्गों के विजेता अब यशदा, पुणे में आयोजित होने वाले राष्ट्रीय कला उत्सव में ईएमआरएस का प्रतिनिधित्व करेंगे, जिसमें देशभर से टीमें भाग लेंगी। जनजातीय हस्तशिल्प, दृश्य कलाएँ, पारंपरिक प्रस्तुतियाँ और स्वदेशी रचनात्मक अभिव्यक्तियों ने इस महोत्सव में विशेष आकर्षण जोड़ा, जो जनजातीय समाज की सांस्कृतिक समृद्धि और कलात्मक परंपराओं को दर्शाता है।

उद्भव 2025 ने माननीय प्रधानमंत्री के सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास और सबका प्रयास के दृष्टिकोण को साकार करते हुए जनजातीय छात्रों को राष्ट्रीय मंच, आत्मविश्वास और अपनी सांस्कृतिक पहचान का उत्सव मनाने का अवसर प्रदान किया। इस महोत्सव ने ईएमआरएस की परिवर्तनकारी भूमिका को भी रेखांकित किया, जो विकासात्मक अंतर को पाटने, शैक्षणिक और सांस्कृतिक क्षमताओं को मजबूत करने तथा जनजातीय युवाओं में नेतृत्व गुणों को विकसित करने में महत्वपूर्ण है।

छठे संस्करण की सफल पूर्णता के साथ, NESTS ने देशभर के जनजातीय छात्रों के लिए समग्र शिक्षा, सांस्कृतिक सशक्तिकरण और रचनात्मक अवसरों को आगे बढ़ाने की अपनी प्रतिबद्धता को दोहराया है। संगठन स्वदेशी प्रतिभा को पहचान देने और सांस्कृतिक तथा साहित्यिक क्षेत्रों में उत्कृष्टता को प्रोत्साहित करने वाले मंचों के विस्तार के लिए समर्पित है।


प्रधानमंत्री ने दूरदर्शन के ‘सुप्रभातम्’ कार्यक्रम की प्रशंसा की

No comments Document Thumbnail

प्रधानमंत्री ने दूरदर्शन पर प्रसारित होने वाले सुप्रभातम् कार्यक्रम की सराहना करते हुए कहा कि यह सुबह की शुरुआत को सुखद और ताज़गीभरा बनाता है। उन्होंने उल्लेख किया कि यह कार्यक्रम योग से लेकर भारतीय जीवन शैली के विभिन्न पहलुओं तक विस्तृत विषयों को समेटे हुए है।


प्रधानमंत्री ने कहा कि भारतीय परंपराओं और मूल्यों पर आधारित यह कार्यक्रम ज्ञान, प्रेरणा और सकारात्मकता का एक अनोखा संगम प्रस्तुत करता है।

उन्होंने सुप्रभातम् कार्यक्रम के एक विशेष भाग—संस्कृत सुभाषित—की ओर भी ध्यान आकर्षित किया। उन्होंने कहा कि यह खंड भारतीय संस्कृति और विरासत के प्रति एक नई चेतना को जागृत करता है। प्रधानमंत्री ने आज का सुभाषित भी दर्शकों के साथ साझा किया।

एक अन्य पोस्ट में प्रधानमंत्री ने कहा:

“दूरदर्शन पर प्रसारित होने वाला सुप्रभातम् कार्यक्रम सुबह-सुबह ताजगी भरा एहसास देता है। इसमें योग से लेकर भारतीय जीवन शैली तक अलग-अलग पहलुओं पर चर्चा होती है। भारतीय परंपराओं और मूल्यों पर आधारित यह कार्यक्रम ज्ञान, प्रेरणा और सकारात्मकता का अद्भुत संगम है।”

(वीडियो लिंक: https://www.youtube.com/watch?v=vNPCnjgSBqU)

उन्होंने आगे लिखा:

“सुप्रभातम् कार्यक्रम में एक विशेष हिस्से की ओर आपका ध्यान आकर्षित करना चाहूंगा। यह है संस्कृत सुभाषित। इसके माध्यम से भारतीय संस्कृति और विरासत को लेकर एक नई चेतना का संचार होता है। यह है आज का सुभाषित…”


वंदे मातरम् के 150 वर्ष: संसद में आज 10 घंटे की ऐतिहासिक बहस

No comments Document Thumbnail

 नई दिल्ली। राष्ट्रगीत वंदे मातरम् की 150वीं वर्षगांठ के अवसर पर आज सोमवार को लोकसभा में विशेष चर्चा आयोजित की जा रही है, जिसकी शुरुआत प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी करेंगे। इस विषय पर 10 घंटे की विस्तृत बहस निर्धारित की गई है, जिसमें वंदे मातरम् के इतिहास, महत्व और कम ज्ञात पहलुओं पर प्रकाश डाला जाएगा। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह इस बहस में दूसरे वक्ता होंगे।


संसद में यह चर्चा बंकिम चंद्र चट्टोपाध्याय द्वारा रचित तथा जदुनाथ भट्टाचार्य द्वारा संगीतबद्ध राष्ट्रगीत की 150वीं वर्षगांठ पर वर्षभर चलने वाले राष्ट्रीय समारोह का हिस्सा है। चर्चा में लोकसभा में कांग्रेस के उपनेता गौरव गोगोई, प्रियंका गांधी वाड्रा सहित विभिन्न दलों के सदस्य भाग लेंगे। प्रधानमंत्री मोदी पहले भी इस मुद्दे पर कांग्रेस की आलोचना करते हुए 1937 में गीत के प्रमुख छंद हटाने का आरोप लगा चुके हैं।

विपक्ष से राहुल गांधी मंगलवार को चुनाव सुधारों पर होने वाली चर्चा में वक्ता होंगे, जबकि वंदे मातरम् पर सोमवार की बहस में वे हिस्सा नहीं लेंगे। चुनाव सुधारों पर चर्चा मंगलवार और बुधवार को लोकसभा तथा बुधवार और गुरुवार को राज्यसभा में होगी।

राज्यसभा में चर्चा की शुरुआत मंगलवार को गृह मंत्री अमित शाह करेंगे और स्वास्थ्य मंत्री व सदन के नेता जे.पी. नड्डा दूसरे वक्ता होंगे। कांग्रेस की ओर से दोनों सदनों में वक्ताओं की सूची अंतिम रूप से तय की जा चुकी है। राज्यसभा में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे भी चर्चा में भाग लेंगे।

छत्तीसगढ़ में भी इस तकनीक के व्यापक उपयोग को सुनिश्चित किया जाएगा - मुख्यमंत्री साय

No comments Document Thumbnail

 रायपुर : मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय को मध्यप्रदेश शासन के जल संसाधन विभाग के अपर मुख्य सचिव राजेश राजौरा ने भोपाल में सिंचाई की नवीनतम तकनीक PIN (Pressure Irrigation Network) के संबंध में विस्तृत प्रेजेंटेशन दिया। उन्होंने बताया कि पारंपरिक सिंचाई पद्धतियों की तुलना में यह प्रणाली कहीं अधिक कुशल, आधुनिक और जल संरक्षण के अनुरूप है।


अपर मुख्य सचिव राजौरा ने प्रस्तुति के दौरान बताया कि जहाँ पारंपरिक नहर आधारित सिंचाई में लगभग 35 प्रतिशत एफिशिएंसी प्राप्त होती है, वहीं प्रेशर इरिगेशन प्रणाली में दक्षता बढ़कर 65 प्रतिशत तक पहुँच जाती है। इस तकनीक में प्रेशर आधारित पाइपलाइनों से सिंचाई की जाती है, जिससे पानी का रिसाव और अपव्यय कम होता है तथा बिजली की उल्लेखनीय बचत होती है। उन्होंने यह भी बताया कि इस प्रणाली में भू-अधिग्रहण की आवश्यकता न्यूनतम होती है, जिससे परियोजनाएं समय पर और लागत प्रभावी तरीके से पूरी की जा सकती है।


प्रस्तुति में उल्लेख किया गया कि मध्यप्रदेश में 13 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में इस तकनीक से सिंचाई की जा रही है और आगामी वर्षों में इसे 40 लाख हेक्टेयर तक विस्तारित करने का लक्ष्य है। इस मॉडल से न केवल जल उपयोग दक्षता बढ़ी है, बल्कि किसानों की उत्पादकता और सिंचाई सुविधा में भी महत्वपूर्ण सुधार देखने को मिला है।

मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने प्रेजेंटेशन की सराहना करते हुए कहा कि सिंचाई की यह उन्नत तकनीक जल प्रबंधन की वर्तमान और भविष्य की आवश्यकताओं के अनुरूप है। उन्होंने कहा, “हम इस तकनीक का छत्तीसगढ़ में भी अधिकतम उपयोग सुनिश्चित करेंगे, ताकि राज्य के किसानों को कम पानी में अधिक सिंचाई सुविधा और बेहतर उत्पादन मिल सके। जल संरक्षण, ऊर्जा बचत और त्वरित क्रियान्वयन के दृष्टिकोण से यह तकनीक अत्यंत उपयोगी सिद्ध होगी। इस तकनीक के माध्यम से भूमि अधिग्रहण किए बिना भी सिंचाई का लाभ मिल सकेगा।” मुख्यमंत्री  विष्णु देव साय ने विभागीय अधिकारियों को इस तकनीक के अध्ययन, परीक्षण और चरणबद्ध क्रियान्वयन के लिए दिशा-निर्देश दिए।

इस अवसर पर छत्तीसगढ़ में मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव सुबोध सिंह, मध्यप्रदेश जल संसाधन विभाग के प्रमुख अभियंता विनोद देवड़ा, अधीक्षण यंत्री विकास राजोरिया और अधीक्षण यंत्री शुभंकर विश्वास भी उपस्थित थे।

उल्लेखनीय है कि पारंपरिक नहर आधारित सिंचाई में पानी का एक बड़ा हिस्सा रिसाव, वाष्पीकरण और अनियंत्रित बहाव के कारण व्यर्थ हो जाता है, जिससे खेतों तक वास्तविक जल आपूर्ति सीमित रहती है और पूरी कमांड एरिया में समान सिंचाई नहीं हो पाती। सामान्यतः पारंपरिक प्रणाली की कुल सिंचाई दक्षता केवल 35 प्रतिशत मानी जाती है। वहीं दूसरी ओर PIN (Pressure Irrigation Network) प्रणाली में पानी पाइपलाइनों के माध्यम से नियंत्रित दबाव के साथ सीधे खेतों तक पहुँचाया जाता है, जिससे पानी का अपव्यय लगभग शून्य हो जाता है। इस तकनीक से सिंचाई दक्षता बढ़कर 65 प्रतिशत से अधिक हो जाती है, जो जल संरक्षण और उत्पादन बढ़ाने दोनों के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है।

PIN प्रणाली में सिंचाई पूरी तरह पाइपलाइन आधारित होने के कारण नहर निर्माण की आवश्यकता कम हो जाती है और भू-अधिग्रहण भी न्यूनतम होता है। इससे परियोजनाओं की लागत घटती है और कार्य समय पर पूरे होते हैं। पारंपरिक सिंचाई की तुलना में इस तकनीक में पंपिंग दक्षता अधिक होती है, जिससे बिजली की उल्लेखनीय बचत होती है। समान दबाव से पानी वितरण होने के कारण खेतों के टेल एंड के क्षेत्रों को भी पर्याप्त पानी मिलता है। इस प्रणाली से फसलों की उत्पादकता में वृद्धि, जल प्रबंधन में सुधार और किसानों की आय में वृद्धि जैसे व्यापक लाभ प्राप्त होते हैं।

CG NEWS : 20 साल बाद हथियारों से आज़ादी, नक्सली दंपत्ति ने चुना शांति का रास्ता

No comments Document Thumbnail

 सुकमा। छत्तीसगढ़ के नक्सल प्रभावित सुकमा जिले में माओवादी संगठन को बड़ा नुकसान पहुंचा है। संगठन के दो शीर्ष कैडर जयलाल और उसकी पत्नी भीमे ने हथियार डालकर आत्मसमर्पण कर दिया है। जयलाल, जो माओवादी रणनीतियों और कई हमलों का मुख्य योजनाकार माना जाता था, उसने पुलिस के समक्ष शांति का मार्ग अपनाने का निर्णय लिया।


भीमे जो पिछले 20 वर्षों से माओवादी गतिविधियों में सक्रिय थी, उसने भी हिंसा का रास्ता छोड़ दिया। दरभा डिवीजन निवासी यह दंपत्ति लंबे समय से संगठन की महत्वपूर्ण भूमिका में था, इसलिए इनके आत्मसमर्पण को माओवादी संगठन के लिए बड़ा झटका माना जा रहा है।

आंध्रप्रदेश में हुआ आत्मसमर्पण

आत्मसमर्पण का कार्यक्रम आंध्र प्रदेश के अलूरी सीताराम राजू जिले के एसपी अमित बरदार के समक्ष संपन्न हुआ। इस दौरान सुकमा के एडिशनल एसपी रोहित शाह भी मौजूद थे।

कई गंभीर आरोपों में शामिल

सूत्रों के अनुसार, दंपत्ति पर घात लगाकर किए जाने वाले हमलों, विस्फोटक ईओएफ, आईईडी ब्लास्ट और पुलिस बल पर हमलों में शामिल होने जैसे गंभीर आरोप हैं।
पुलिस का कहना है कि बढ़ते दबाव, निरंतर विकास पहल और विचारधारा से मोहभंग इनके आत्मसमर्पण के प्रमुख कारण रहे हैं।

नक्सल विरोधी अभियान में बड़ी सफलता

अधिकारियों का मानना है कि यह घटना सुरक्षा बलों के नक्सल उन्मूलन अभियान में एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है, जो अन्य माओवादियों को भी मुख्यधारा में शामिल होने के लिए प्रेरित करेगी।

तालाब में युवक का शव मिलने से सनसनी, शरीर पर भारी वस्तु बंधी मिली

No comments Document Thumbnail

 बिलासपुर। जिले के तखतपुर क्षेत्र में रविवार सुबह एक सनसनीखेज घटना सामने आई। घोरामार गांव स्थित फेकूबांध तालाब में पानी के ऊपर एक युवक का शव तैरता हुआ मिला, जिसे देखकर ग्रामीणों में हड़कंप मच गया।


ग्रामीणों ने तुरंत पुलिस को सूचना दी, जिसके बाद कोटा थाना पुलिस टीम मौके पर पहुंची। शव देखने के लिए आसपास के लोगों की भीड़ जमा हो गई। प्रारंभिक जांच में मृतक की पहचान नहीं हो सकी है।

शरीर पर भारी वस्तु बंधी, हत्या की आशंका

जांच के दौरान पुलिस को शव पर भारी वस्तु बंधी होने के संकेत मिले हैं, जिससे स्पष्ट है कि युवक को मारकर तालाब में फेंके जाने की आशंका जताई जा रही है। यह मामला संदिग्ध होने के कारण पुलिस ने हर पहलू से जांच शुरू कर दी है।

थाना प्रभारी के अनुसार-

“शव को पानी से बाहर निकालकर पंचनामा कार्यवाही की गई है और पोस्टमार्टम हेतु भेजा गया है। मामले की पूरी गंभीरता से जांच की जा रही है।”

लापता व्यक्तियों की सूची खंगाल रही पुलिस

पुलिस टीम ने घटनास्थल के आस-पास के क्षेत्र में सर्चिंग की और आसपास के गांवों में लापता व्यक्तियों की जानकारी जुटानी शुरू कर दी है। फिलहाल क्षेत्र में दहशत का माहौल है और लोग घटना को लेकर तरह-तरह की चर्चाएं कर रहे हैं।

जांच जारी

पुलिस का कहना है कि पोस्टमार्टम रिपोर्ट और तकनीकी साक्ष्यों के आधार पर आगे की कार्रवाई की जाएगी और जल्द ही मृतक की पहचान कर मामले का खुलासा किया जाएगा।

भीषण सड़क हादसा : NH-43 पर कार और ट्रेलर की भिड़ंत, एक ही गांव के 5 दोस्तों की दर्दनाक मौत

No comments Document Thumbnail

 रायपुर । छत्तीसगढ़ के जशपुर जिले में शनिवार देर रात एक दिल दहला देने वाला सड़क हादसा हुआ। NH-43 पतराटोली के पास i-20 कार और ट्रेलर की आमने-सामने भीषण टक्कर में एक ही गांव के पांच युवकों की मौके पर मौत हो गई। दुर्घटना की खबर से पूरे क्षेत्र में शोक का माहौल है।


तेज रफ्तार बनी हादसे की वजह

जानकारी के अनुसार, सभी युवक मनोरा थाना क्षेत्र में लगे मेले में सांस्कृतिक कार्यक्रम देखकर लौट रहे थे। घर जल्दी पहुंचने की जल्दबाजी में कार तेज रफ्तार में थी। इसी दौरान पतराटोली के पास सामने से तेज गति से आ रहे ट्रेलर को देखकर ड्राइवर कार पर नियंत्रण खो बैठा और दोनों वाहनों की जोरदार टक्कर हो गई।

कार मलबे में तब्दील

टक्कर इतनी भयानक थी कि कार का अगला हिस्सा लोहे के ढेर में बदल गया और वाहन सड़क किनारे तक घिसटता चला गया। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार दोनों वाहन अत्यधिक तेज गति में थे।

धमाके की आवाज से दहला इलाका

हादसे के बाद हुए जोरदार धमाके से आसपास के ग्रामीण मौके पर दौड़े, लेकिन कार में फंसे पांचों युवक मृत अवस्था में मिले।

शव निकालने में लगी कड़ी मशक्कत

सूचना मिलते ही दुलदुला थाना पुलिस और स्थानीय लोग मौके पर पहुंचे। कार बुरी तरह क्षतिग्रस्त होने के कारण शव निकालने में काफी कठिनाई हुई। शवों को सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र भेजा गया, जहां पोस्टमॉर्टम की प्रक्रिया जारी है।

ट्रेलर चालक फरार

दुलदुला थाना प्रभारी के.के. साहू ने बताया कि मृतक सभी खटंगा गांव के निवासी थे। उन्होंने कहा- “यह आमने-सामने की टक्कर है। ट्रेलर ड्राइवर मौके से फरार हो गया है, उसकी तलाश की जा रही है।”

विद्युत विभाग का बड़ा एक्शन : 88 बकायादारों के काटे गए कनेक्शन,अवैध रूप से उपयोग पर होगी एफआईआर

No comments Document Thumbnail

रायपुर। बिजली बिल की लगातार बढ़ती राशि पर प्रभावी नियंत्रण तथा लंबे समय से बिल जमा नहीं करने वाले उपभोक्ताओं पर कार्यवाही के लिए विद्युत विभाग ने सख्त रुख अपनाया है।

विगत दिवस बलरामपुर- रामानुजगंज जिले के बरियो वितरण केंद्र में विशेष वसूली अभियान चलाया गया, जिसके तहत विभागीय टीम ने बड़ी कार्रवाई की।

मुख्य अभियंता छत्तीसगढ विद्युत वितरण कंपनी अम्बिकापुर क्षेत्र यशवंत शिलेदार के नेतृत्व में ,अधीक्षण अभियंता के.एन. सिंह, कार्यपालन अभियंता बलरामपुर प्रकाश अग्रवाल तथा जिले में पदस्थ सभी सहायक एवं कनिष्ठ अभियंताओं की संयुक्त टीम सुबह 10:00 बजे ही बरियो पहुंची और बकायादारों के विरुद्ध सख्त कार्रवाई की शुरुआत की।

इस दौरान 88 बड़े बकायादारों के विद्युत कनेक्शन की बकाया राशि 23 लाख96 हज़ार 988 रुपये के लिए काटे गए। 24 बकायादारों ने तत्काल अपने बकाये का भुगतान करते हुए कुल 9 लाख 19 हज़ार 563 रुपये जमा किए।

मुख्य अभियंता शिलेदार ने अधिकारियों को निर्देशित किया कि बकाया वसूली के लिए प्रतिदिन इसी प्रकार सघन मुहिम चलाएं, ताकि बकाया राशि की रिकवरी में तेजी लाई जा सके। उन्होंने निर्देश दिए है कि जिन उपभोक्ताओं के कनेक्शन काटे गए हैं, उनके घरों की शाम के समय नियमित जांच की जाए। यदि कोई उपभोक्ता अनाधिकृत रूप से बिजली उपयोग करते पाया जाता है तो उसके विरुद्ध भारतीय विद्युत अधिनियम 2003 की धारा 135 के तहत कठोर कानूनी कार्रवाई की जाएगी। साथ ही आसपास से अनाधिकृत कनेक्शन लेकर बिजली उपयोग करने पर धारा 138 के तहत एफआईआर दर्ज कर न्यायालयीन कार्यवाही सुनिश्चित करने के निर्देश दिए है।

विद्युत विभाग ने उपभोक्ताओं से अपील की है कि वे समय पर बिजली बिल जमा कर कार्य में सहयोग दें अन्यथा नियमों के अनुरूप आवश्यक कार्रवाई अनिवार्य रूप से की जाएगी।


मुख्यमंत्री विष्णु देव साय से कुंभकार समाज के प्रतिनिधि मंडल की सौजन्य मुलाकात

No comments Document Thumbnail

रायपुर। मुख्यमंत्री विष्णु देव साय से विगत दिवस राजधानी रायपुर स्थित मुख्यमंत्री निवास कार्यालय में छत्तीसगढ़ कुंभकार समाज के प्रतिनिधि मंडल ने सौजन्य भेंट की। प्रतिनिधि मंडल ने मुख्यमंत्री साय को आगामी जनवरी 2025 में रायपुर जिले के ग्राम नवागांव (कोलियारी) में आयोजित होने वाले प्रदेश स्तरीय महाधिवेशन में मुख्य अतिथि के रूप में शामिल होने हेतु आमंत्रित किया।

मुख्यमंत्री साय ने आमंत्रण के लिए समाज के सभी पदाधिकारियों और सदस्यों का धन्यवाद किया तथा आयोजन की सफलता के लिए शुभकामनाएँ दी। उन्होंने कहा कि कुंभकार समाज की पारंपरिक कला, श्रमशीलता और सांस्कृतिक योगदान छत्तीसगढ़ की सामाजिक संरचना को समृद्ध बनाते हैं। राज्य सरकार सभी समाजों के विकास और सहभागिता के लिए निरंतर प्रतिबद्ध है।

प्रतिनिधि मंडल में समाज के सलाहकार रतन लाल चक्रधारी, बी.पी. चक्रधर, प्रदेश अध्यक्ष नंद कुमार चक्रधारी, महामंत्री हेमलाल कौशिक, कोषाध्यक्ष जयप्रकाश कुंभकार, दौवा राम चक्रधारी सहित अन्य वरिष्ठ सदस्य बड़ी संख्या में उपस्थित थे।

राष्ट्र की सुरक्षा में निरंतर तैनात हमारे सैन्य जवानों का योगदान अतुलनीय : मुख्यमंत्री साय

No comments Document Thumbnail

 रायपुर : मुख्यमंत्री विष्णु देव साय से आज राजधानी रायपुर स्थित मुख्यमंत्री निवास कार्यालय में छत्तीसगढ़ राज्य सैनिक कल्याण बोर्ड के सचिव ब्रिगेडियर विवेक शर्मा ने सौजन्य भेंट की। इस अवसर पर उन्होंने मुख्यमंत्री साय को सशस्त्र सेना झंडा दिवस के प्रतीक स्वरूप सम्मान बैज लगाया तथा संचालनालय सैनिक कल्याण द्वारा संचालित विभिन्न कल्याणकारी गतिविधियों एवं योजनाओं की विस्तृत जानकारी प्रदान की।


मुख्यमंत्री साय ने कहा कि “सशस्त्र सेना झंडा दिवस हमारे वीर सैनिकों और उनके परिवारों के त्याग, साहस और राष्ट्रसमर्पण के प्रति कृतज्ञता व्यक्त करने का पावन अवसर है। देश की सुरक्षा में निरंतर तैनात हमारे जवानों का योगदान अतुलनीय है।” उन्होंने आगे कहा कि इस दिवस का संदेश है कि राष्ट्र की रक्षा में लगे हमारे जवानों और शहीद परिवारों के प्रति हम सभी अपनी जिम्मेदारी समझें और उनके कल्याण हेतु सहयोग की भावना से आगे आएं।


मुख्यमंत्री ने सशस्त्र सेना झंडा दिवस के अवसर पर सैनिकों एवं उनके परिवारों के कल्याण हेतु अपनी ओर से अंशदान भी प्रदान किया। इस अवसर पर सांसद फग्गन सिंह कुलस्ते तथा पद्मश्री उषा बारले भी उपस्थित थीं।

AI/ML आधारित समाधान से स्मार्ट और उपभोक्ता-केंद्रित बिजली वितरण की दिशा में भारत

No comments Document Thumbnail

मनोहर लाल, ऊर्जा मंत्री, ने कहा कि कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI) और मशीन लर्निंग (ML) आधारित अनुप्रयोग बुद्धिमान, उपभोक्ता-केंद्रित और स्व-संवर्धित वितरण नेटवर्क बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे। मंत्री ने यह बात दो दिवसीय राष्ट्रीय सम्मेलन को संबोधित करते हुए कही, जो कि बिजली वितरण क्षेत्र में AI/ML प्रौद्योगिकियों के उपयोग पर केंद्रित था, और आज भारत मण्डपम, नई दिल्ली में आयोजित किया गया।

उन्होंने कहा कि AI/ML आधारित समाधान, स्मार्ट मीटर एनालिटिक्स, डिजिटल ट्विन्स, प्रेडिक्टिव मेंटेनेंस, चोरी का पता लगाने वाली बुद्धिमत्ता, उपकरण-स्तरीय उपभोक्ता अंतर्दृष्टि, स्वचालित आउटेज पूर्वानुमान और GenAI आधारित निर्णय समर्थन उपभोक्ता अनुभव और संचालन दक्षता दोनों को बदल सकते हैं।

मनोहर लाल ने राष्ट्रीय सम्मेलन में उद्योग, राज्यों, नवाचारकों, अकादमिक संस्थानों और प्रौद्योगिकी साझेदारों की सक्रिय भागीदारी की सराहना की। उन्होंने वितरण कंपनियों (DISCOMs), एडवांस्ड मीटरिंग इंफ्रास्ट्रक्चर सेवा प्रदाताओं (AMISPs), प्रौद्योगिकी समाधान प्रदाताओं (TSPs) और होम ऑटोमेशन समाधान प्रदाताओं (HASPs) द्वारा प्रस्तुत AI/ML समाधानों की प्रशंसा की।

मंत्री ने सभी DISCOMs से कहा कि वे पारिस्थितिकी तंत्र के सभी हितधारकों के साथ मिलकर स्मार्ट, भरोसेमंद और उपभोक्ता-केंद्रित वितरण प्रणाली की ओर संक्रमण करें। उन्होंने यह भी कहा कि उपभोक्ताओं को सक्रिय रूप से शामिल करना आवश्यक है। यह महत्वपूर्ण है कि नई तकनीकों के चारों ओर कभी-कभी फैली भ्रांतियों को दूर किया जाए और तकनीक को अपनाने के लिए उपभोक्ताओं का बहुमूल्य समर्थन प्राप्त किया जाए।

मनोहर लाल ने कहा कि AI/ML आधारित समाधान यह दर्शाते हैं कि तकनीक विश्वास बहाल करने में सक्षम है, घरों को उनके खपत प्रबंधन में सशक्त बनाती है, आउटेज को होने से पहले रोकती है, ईमानदार उपभोक्ताओं को चोरी के बोझ से बचाती है और DISCOMs को नुकसान कम करने, पावर खरीद लागत को अनुकूलित करने और मजबूत अवसंरचना में पुनर्निवेश करने में सक्षम बनाती है—जो भारत को डिजिटल बिजली सुधार और भविष्य-तैयार ग्रिड प्रशासन में वैश्विक नेता के रूप में स्थापित करता है।

राष्ट्रीय सम्मेलन में बोलते हुए, पंकज अग्रवाल, सचिव, ऊर्जा मंत्रालय ने DISCOMs में डिजिटलीकरण को मजबूत करने और AI/ML आधारित समाधानों को अपनाने के लिए मंत्रालय की प्रतिबद्धता पर प्रकाश डाला, जो संचालन और वित्तीय सुधारों में मापन योग्य लाभ देते हैं। उन्होंने क्षमता निर्माण, सुरक्षित डेटा-साझाकरण ढांचे और इंटरऑपरेबिलिटी के महत्व पर जोर दिया ताकि सम्मेलन में प्रदर्शित नवाचारों को देशव्यापी रूप से बढ़ाया जा सके और देश में ऊर्जा संक्रमण को सुविधाजनक बनाया जा सके।

सम्मेलन में नवाचार के लिए राष्ट्रीय स्तर पर आह्वान किया गया, और DISCOMs, AMISPs, TSPs और होम ऑटोमेशन समाधान प्रदाताओं से 195 आवेदन प्राप्त हुए। प्रारंभिक स्क्रीनिंग के बाद, 51 समाधानों को विस्तृत जूरी मूल्यांकन के लिए पहले दिन (6 दिसंबर, 2025) चुना गया।

विस्तृत मूल्यांकन के बाद, DISCOMs श्रेणी में TNPDCL (तमिलनाडु), MP East (मध्य प्रदेश), AMISP श्रेणी में Tata Power और Apraava, समाधान प्रदाता श्रेणी में Pravah और Flock Energy और होम ऑटोमेशन समाधान श्रेणी में Tata Power विजेता घोषित किए गए।

आज विजेताओं ने अपने प्रस्तुतिकरण में तमिलनाडु द्वारा राजस्व सुरक्षा के लिए उन्नत स्मार्ट मीटर एनालिटिक्स, MP East द्वारा नुकसान कम करने के लिए सटीक उपभोक्ता इंडेक्सिंग जैसी डेटा-आधारित नवाचारों को उजागर किया। AMISP जैसे TP Power Plus और Apraava Energy ने व्यवहार-आधारित डिमांड रिस्पॉन्स और AI आधारित संचालन स्वचालन प्रदर्शित किया, जबकि TSPs जैसे Pravah और Flock Energy ने वास्तविक समय ग्रिड बुद्धिमत्ता और उपभोक्ता उपकरण एनालिटिक्स को प्रदर्शित किया। Tata Power ने ऊर्जा उपयोग की निगरानी और नियंत्रण के लिए भविष्यवादी और उपयोगकर्ता-मित्रवत समाधान प्रस्तुत किया।

विजेताओं को ऊर्जा मंत्री द्वारा सम्मानित किया गया और उन्होंने इन समाधानों को राज्यों में व्यापक रूप से अपनाने के लिए प्रोत्साहित किया।

मनोहर लाल, ऊर्जा मंत्री ने केंद्रीय विद्युत प्राधिकरण (CEA) द्वारा विकसित STELLAR (Strategic Expansion for Long Term Load Adequacy and Resilience) का भी शुभारंभ किया, जो DISCOMs को संसाधन पर्याप्तता अध्ययन करने और दीर्घकालिक पर्याप्तता योजनाएँ तैयार करने में सक्षम बनाएगा। साथ ही, इंडिया स्मार्ट ग्रिड फोरम (ISGF) ने बिजली उपयोगिताओं के लिए AI, ML, AR/VR और रोबोटिक्स समाधान और रोडमैप पर हैंडबुक प्रस्तुत किया, जिसमें 174 उपयोग मामलों को हाइलाइट किया गया, जिनमें से 45 भारतीय उपयोगिताओं से संबंधित हैं।


भारत 8-13 दिसंबर को नई दिल्ली में यूनेस्को अमूर्त सांस्कृतिक धरोहर समिति का 20वां सत्र आयोजित करेगा

No comments Document Thumbnail

भारत सरकार 8 से 13 दिसंबर 2025 तक नई दिल्ली में यूनेस्को इंटरगवर्नमेंटल कमिटी फॉर सेफगार्डिंग ऑफ द इंटैन्जिबल कल्चरल हेरिटेज (ICH) के 20वें सत्र की मेज़बानी करेगी। ऐतिहासिक लाल किला परिसर, जो स्वयं यूनेस्को विश्व धरोहर स्थल है, इस सत्र का स्थल चुना गया है, जो भारत की मूर्त और अमूर्त सांस्कृतिक धरोहर के संगम का प्रतीक है।

यह पहली बार होगा जब भारत ICH समिति सत्र की मेज़बानी कर रहा है। बैठक की अध्यक्षता भारत के स्थायी प्रतिनिधि डॉ. विशाल वी. शर्मा करेंगे। यह आयोजन भारत द्वारा 2003 में अमूर्त सांस्कृतिक धरोहर संरक्षण सम्मेलन के अनुमोदन के बीसवें वर्ष के अवसर पर हो रहा है, जो भारत की निरंतर प्रतिबद्धता को दर्शाता है।

यूनेस्को के अनुसार, अमूर्त सांस्कृतिक धरोहर में वे प्रथाएँ, ज्ञान, अभिव्यक्तियाँ, वस्तुएँ और स्थान शामिल हैं जिन्हें समुदाय अपनी सांस्कृतिक पहचान का हिस्सा मानते हैं। यह पीढ़ियों से पीढ़ियों तक हस्तांतरित होती है और सांस्कृतिक पहचान व विविधता की सराहना को मजबूत करती है।

ऐतिहासिक पृष्ठभूमि

अमूर्त सांस्कृतिक धरोहर की सुरक्षा के लिए यूनेस्को ने 2003 का सम्मेलन 17 अक्टूबर 2003 को पेरिस में अपनी 32वीं महासभा में अपनाया। सम्मेलन ने यह सुनिश्चित किया कि मौखिक प्रथाएँ, प्रदर्शन कला, सामाजिक रीतियाँ, ज्ञान प्रणाली और शिल्प जैसे जीवंत सांस्कृतिक तत्व वैश्वीकरण, सामाजिक परिवर्तन और सीमित संसाधनों से प्रभावित न हों।

सम्मेलन ने समुदायों, विशेषकर आदिवासी और स्थानीय समुदायों, और व्यक्तिगत कारीगरों को संरक्षण प्रयासों के केंद्र में रखा। यह मूर्त और अमूर्त धरोहर के बीच अंतर्संबंध, वैश्विक सहयोग की आवश्यकता और युवा पीढ़ियों में जागरूकता बढ़ाने का महत्व रेखांकित करता है। सम्मेलन ने अंतरराष्ट्रीय सहयोग, सहायता और मान्यता के लिए संरचनाओं की नींव रखी, जिसने यूनेस्को की अमूर्त सांस्कृतिक धरोहर सूचियों और इंटरगवर्नमेंटल समिति के काम की आधारशिला तैयार की।

सम्मेलन के उद्देश्य:

  1. अमूर्त सांस्कृतिक धरोहर की सुरक्षा करना।

  2. संबंधित समुदायों, समूहों और व्यक्तियों की धरोहर का सम्मान सुनिश्चित करना।

  3. स्थानीय, राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर जागरूकता बढ़ाना।

  4. वैश्विक सहयोग और सहायता सुनिश्चित करना।

अंतर-सरकारी समिति के कार्य

Intergovernmental Committee for Safeguarding of the Intangible Cultural Heritage 2003 के सम्मेलन के उद्देश्यों को आगे बढ़ाती है और सदस्य राज्यों में इसके प्रभावी क्रियान्वयन को सुनिश्चित करती है। समिति:

  • 2003 सम्मेलन के उद्देश्यों को बढ़ावा और निगरानी देती है।

  • संरक्षण के सर्वोत्तम अभ्यास पर मार्गदर्शन प्रदान करती है।

  • ICH फंड के उपयोग के लिए मसौदा योजना तैयार करती है।

  • फंड के लिए अतिरिक्त संसाधन जुटाती है।

  • सम्मेलन के क्रियान्वयन के लिए संचालन निर्देश प्रस्तावित करती है।

  • राज्यों द्वारा प्रस्तुत रिपोर्टों की समीक्षा करती है।

  • ICH सूचियों में तत्वों के नामांकन और अंतरराष्ट्रीय सहायता की मंजूरी देती है।



20वां सत्र

सांस्कृतिक मंत्रालय और संगीत नाटक अकादमी (SNA) इस सत्र के लिए लाल किले, नई दिल्ली को नोडल एजेंसी के रूप में संचालित करेंगे। 17वीं सदी का यह किला अपने भव्य वास्तुकला, महलों, बागों और संग्रहालयों के लिए जाना जाता है और स्वयं यूनेस्को विश्व धरोहर स्थल है।

मुख्य एजेंडे:

  • भारत के राष्ट्रीय ICH संरक्षण मॉडल को साझा करना।

  • अंतरराष्ट्रीय सहयोग और संयुक्त संरक्षण पहलों को बढ़ावा देना।

  • भारत की अमूर्त धरोहर को वैश्विक मंच पर प्रदर्शित करना।

  • घरेलू संरक्षण प्रयासों को प्रोत्साहित करना।

  • सांस्कृतिक कूटनीति के लिए प्लेटफ़ॉर्म प्रदान करना।

  • धरोहर संरक्षण और सतत विकास के बीच लिंक मजबूत करना।

भारत की अमूर्त सांस्कृतिक धरोहर: एक राष्ट्रीय और वैश्विक संपत्ति

  • सांस्कृतिक पहचान: भाषाई, जातीय, क्षेत्रीय, आदिवासी और धार्मिक पहचान का संरक्षण।

  • आजीविका और शिल्प अर्थव्यवस्था: पारंपरिक शिल्प, प्रदर्शन कला और सांस्कृतिक पर्यटन से ग्रामीण और कमजोर समुदायों को रोजगार।

  • शिक्षा और ज्ञान हस्तांतरण: पारंपरिक ज्ञान, लोककथाएँ, शिल्प तकनीकें और रीति-रिवाज।

  • सांस्कृतिक कूटनीति और सॉफ्ट पावर: भारतीय विविधता और सांस्कृतिक गहराई को वैश्विक मंच पर प्रदर्शित करना।

  • वैश्विक नेतृत्व: यूनेस्को के तहत वैश्विक धरोहर संरक्षण में भारत की सक्रिय भूमिका।

भारत का योगदान

भारत ने 2003 के सम्मेलन के तहत अपनी जिवंत सांस्कृतिक परंपराओं के संरक्षण में सक्रिय भागीदारी निभाई है। अब तक 15 भारतीय तत्व यूनेस्को की ICH प्रतिनिधि सूची में शामिल हैं।

इस वर्ष, भारत ने छठ महापर्व और दीपावली को यूनेस्को की ICH सूची के लिए नामांकित किया है।

इन नामांकनों से समुदाय की भागीदारी, दस्तावेज़ीकरण, प्रशिक्षण और हस्तांतरण के माध्यम से विविध सांस्कृतिक अभिव्यक्तियों की सुरक्षा के प्रति भारत की प्रतिबद्धता भी प्रदर्शित होती है। इनमें कुटियाट्टम, छाऊ जैसे प्रदर्शन कला, वैदिक और बौद्ध जप, रामलीला, राममन और संकीर्तन जैसी सामुदायिक परंपराएँ शामिल हैं। योग, दुर्गा पूजा और गरबा जैसे आधुनिक सांस्कृतिक तत्व भी भारत की जीवंत सांस्कृतिक पहचान को दर्शाते हैं।

निष्कर्ष

भारत का 20वां ICH सत्र आयोजित करना एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है। यह भारत के संरक्षण मॉडल को वैश्विक मंच पर प्रदर्शित करने, अंतरराष्ट्रीय सहयोग को बढ़ावा देने और वर्तमान व भविष्य की पीढ़ियों के लिए अमूर्त सांस्कृतिक धरोहर की सुरक्षा सुनिश्चित करने का अवसर प्रदान करता है।

इस सत्र की सफलता यूनेस्को, भारत सरकार और भारत की सांस्कृतिक परंपराओं के लिए सकारात्मक प्रभाव डालेगी। भारत की धरोहर इसके लोगों के माध्यम से जीवित है — इसकी भाषाओं, कला, अनुष्ठान, त्योहारों और विश्वास प्रणालियों में। इस सत्र की मेज़बानी से भारत की सांस्कृतिक विरासत को भविष्य की पीढ़ियों के लिए सुरक्षित रखने की निरंतर प्रतिबद्धता स्पष्ट होती है।


CG NEWS : नकली सिगरेट का बड़ा जाल उजागर, कपिल मित्तल एंड संस पर बड़ी कार्रवाई, भारी मात्रा में माल बरामद

No comments Document Thumbnail

 Raid in fake cigarette factory : अंबिकापुर में ब्रांडेड सिगरेट के नाम पर शहर सहित जिलेभर में नकली सिगरेट की सप्लाई किए जाने का मामला उजागर हुआ है। आईटीसी कंपनी की शिकायत पर कोतवाली पुलिस ने कार्रवाई करते हुए शनिवार को महाराजा अग्रसेन मार्ग स्थित गोदाम और राम मंदिर रोड स्थित निवास पर छापा मारा। पुलिस ने वहां से भारी मात्रा में नकली सिगरेट जब्त की है।


कंपनी प्रतिनिधि सदानंद मिश्रा, निवासी छतरपुर एक्सटेंशन, महरौली (नई दिल्ली) ने कोतवाली में रिपोर्ट दर्ज कराई थी। शिकायत में बताया गया कि गोल्ड फ्लेक, फ्लेक, फ्लेक लिबर्टी, गोल्ड फ्लेक इंडीमिंट सहित कई ब्रांड के नाम पर नकली सिगरेट बड़ी मात्रा में बाजार में वितरित की जा रही थी।

सूचना के आधार पर कंपनी द्वारा गोपनीय जांच कराई गई, जिसमें कपिल मित्तल एंड संस के गोदाम व निवास से अवैध सप्लाई की पुष्टि हुई। इसके बाद प्रशासन और पुलिस की संयुक्त टीम ने छापा मारकर भारी मात्रा में ब्रांडेड पैकिंग में रखी नकली सिगरेट बरामद की।

कोतवाली पुलिस ने आरोपी व्यवसायी कपिल मित्तल के खिलाफ कॉपीराइट अधिनियम सहित विभिन्न धाराओं के तहत अपराध दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। पुलिस पूरे नेटवर्क की तहकीकात में जुटी हुई है, ताकि यह पता चल सके कि नकली उत्पाद की सप्लाई किन-किन क्षेत्रों तक फैली है।

© Media24Media | All Rights Reserved | Infowt Information Web Technologies.