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गोवा में विजय दिवस पर आयोजित हुआ फिट इंडिया संडे ऑन साइकिल का 53वां संस्करण, सशस्त्र बलों के विशेष साझेदार के रूप में भागीदारी

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आज गोवा के कोंकण तट पर फिट इंडिया संडे ऑन साइकिल का 53वां संस्करण आयोजित किया गया, जिसमें सशस्त्र बलों ने विशेष साझेदार के रूप में भाग लिया। यह कार्यक्रम विजय दिवस के अवसर पर आयोजित किया गया।

इस भव्य साइकिलिंग कार्यक्रम ने फिट इंडिया मूवमेंट के लिए महत्वपूर्ण मील का पत्थर स्थापित किया, क्योंकि इसने राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र से परे देश के विभिन्न क्षेत्रों में इस फिटनेस पहल के विस्तार का संकेत दिया।

कार्यक्रम ने फिट इंडिया मूवमेंट की बढ़ती गति को प्रदर्शित किया और इसके उद्देश्य को फिर से रेखांकित किया कि फिटनेस को जन आंदोलन के रूप में बढ़ावा देना है।

साइकिल रैली मिरामार बीच सर्किल से शुरू हुई और डोना पौला तक का मनोरम मार्ग तय किया, जिसमें नागरिकों, रक्षा कर्मियों, एनसीसी कैडेटों, एथलीटों, कलाकारों और फिटनेस उत्साही लोगों ने उत्साहपूर्वक भाग लिया।

सुबह के कार्यक्रम में योग प्रदर्शन, ज़ुम्बा सत्र, लाइव गोवा संगीत और बड़े पैमाने पर जन सहभागिता शामिल थी, जिसने यह संदेश दिया कि फिटनेस समावेशी, आनंददायक और सतत हो सकती है।

कार्यक्रम में डॉ. रमेश तवाडकर, माननीय खेल मंत्री, गोवा सरकार, संतोश गुनवनत्राव सुखदेव, IAS, सचिव (खेल), गोवा सरकार और अन्य वरिष्ठ अधिकारियों की उपस्थिति रही।

कई प्रतिष्ठित हस्तियों, जिनमें अभिनेता, खेलकर्मी, रक्षा कर्मी और फिट इंडिया एंबेसडर शामिल थे, ने भी इस कार्यक्रम में भाग लिया।

डॉ. रमेश तवाडकर ने सभा को संबोधित करते हुए अपनी दो दशकों से अधिक की शारीरिक शिक्षा शिक्षक और साइकिलिंग उत्साही के रूप में यात्रा साझा की। उन्होंने खेल पारिस्थितिकी तंत्र को मजबूत करने और फिटनेस की संस्कृति को बढ़ावा देने के महत्व पर जोर दिया। उन्होंने बताया कि कई यूरोपीय देशों में साइकिलिंग दैनिक जीवन का अभिन्न हिस्सा है और भारत में भी इसी तरह की संस्कृति विकसित करनी चाहिए। उन्होंने कहा कि जब बड़ी संख्या में लोग फिटनेस को जीवनशैली के रूप में अपनाते हैं, तो स्थायी व्यवहारिक परिवर्तन संभव है।

उन्होंने माननीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की दृष्टि और माननीय केंद्रीय युवा मामलों और खेल मंत्री के नेतृत्व में राज्यों में नियमित संडे ऑन साइकिल को बढ़ावा देने के महत्व को रेखांकित किया।

कार्यक्रम में प्रमुख हस्तियों ने भी भाग लिया, जिनमें तेलुगु फिल्म अभिनेता मन्चु मनोज कुमार, अभिनेता मोहम्मद अली, सुभेदार मनीष कौशिक, अर्जुन पुरस्कार विजेता ब्रूनो कौतिन्हो, पद्म और अर्जुन पुरस्कार विजेता ब्रह्मानंद सांखवालकर, और पूर्व भारतीय महिला फुटबॉल टीम की मुख्य कोच मेमोल रॉकी शामिल थे।

अभिनेता मोहम्मद अली ने इस अवसर पर सभी पृष्ठभूमियों के लोगों को फिटनेस के लिए एक साथ आते देखकर खुशी व्यक्त की और नागरिकों को स्वस्थ राष्ट्र की दिशा में काम करने के लिए प्रेरित करने की पहल की सराहना की।

अभिनेता मन्चु मनोज कुमार ने फिटनेस बनाए रखने के लिए अनुशासन और निरंतरता के महत्व पर विचार साझा किए और फिट इंडिया मूवमेंट की सराहना की, जिसने युवाओं को स्वस्थ जीवनशैली अपनाने के लिए प्रेरित किया। उन्होंने देशभर में फिटनेस-प्रधान पहलों को बढ़ावा देने के लिए माननीय प्रधानमंत्री के नेतृत्व की भी प्रशंसा की।

एनसीसी इकाइयों, सशस्त्र बलों के प्रतिनिधियों, फिट इंडिया एंबेसडर और फिटनेस इन्फ्लुएंसर्स की सक्रिय भागीदारी के साथ, गोवा में फिट इंडिया संडे ऑन साइकिल का 53वां संस्करण सामुदायिक-चालित फिटनेस पहलों के प्रभाव को प्रदर्शित करता है, जिसे नेतृत्व और सामूहिक भागीदारी द्वारा समर्थित किया गया।

यह पहल योगासना भारत और माय भारत के नियमित साझेदारों के साथ आयोजित की जाती है, जो देशव्यापी फिटनेस और कल्याण को बढ़ावा देने के प्रयासों को और मजबूत करती है।

केंद्र ने कमलादेवी चट्टोपाध्याय क्राफ्ट लेक्चर सीरीज का उद्घाटन किया

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वस्त्र मंत्रालय के विकास आयुक्त (हैंडिक्राफ्ट) कार्यालय ने आज अंतर्राष्ट्रीय क्राफ्ट कॉम्प्लेक्स (द कुंज), नई दिल्ली में एक्सपोर्ट प्रमोशन काउंसिल फॉर हैंडीक्राफ्ट (EPCH) के सहयोग से कमलादेवी चट्टोपाध्याय क्राफ्ट लेक्चर सीरीज के पहले संस्करण का शुभारंभ किया। इस अवसर पर पद्म भूषण से सम्मानित श्री राजीव सेठी ने "हैंडमेड फॉर जन-नेक्स्ट" विषय पर मुख्य व्याख्यान दिया। इस कार्यक्रम में विकास आयुक्त (हैंडिक्राफ्ट) अमृत राज, विकास आयुक्त (हैंडलूम) डॉ. एम. बीना, पूर्व अध्यक्ष EPCH श्री रवी के पास्सी, अतिरिक्त कार्यकारी निदेशक EPCH राजेश रावत सहित 100 से अधिक प्रतिभागी उपस्थित थे, जिनमें प्रमुख डिजाइनर, विद्वान, शिल्प गुरु और राष्ट्रीय पुरस्कार विजेता शामिल थे।

यह व्याख्यान श्रृंखला भारत के हस्तकला और हथकरघा परंपराओं को पुनर्जीवित करने में अग्रणी भूमिका निभाने वाली कमलादेवी चट्टोपाध्याय की दूरदर्शी विरासत को समर्पित है। उनका जीवन पर्यंत कार्य कारीगरों को सशक्त बनाने, देशी शिल्प को बढ़ावा देने और भारतीय हस्तकला को वैश्विक मंच पर स्थापित करने में सहायक रहा।

राजीव सेठी ने उद्घाटन व्याख्यान में यह सवाल उठाया कि आज के युग में हाथ से बनने वाली चीज़ों की प्रासंगिकता क्या है और इसकी उम्र-पुरानी ताकतें आधुनिक चुनौतियों जैसे पलायन और सांस्कृतिक समानिकीकरण का सामना कैसे कर सकती हैं। उन्होंने हाथ की सूक्ष्मता, कौशल और संवेदनशीलता को रचनात्मक शक्ति बताया, जिसे कोई मशीन पूरी तरह से दोहरा नहीं सकती। उन्होंने यह भी बताया कि हाथ से बनने वाले शिल्प में कम यांत्रिकीकरण, स्थानीय आजीविका और महिलाओं एवं हाशिए पर रहने वाले समुदायों के सशक्तिकरण के माध्यम से स्थिरता जुड़ी होती है।

इस अवसर पर अमृत राज ने कहा कि यह व्याख्यान श्रृंखला याद दिलाती है कि भारत के लाखों कारीगर समावेशी, सतत विकास और वैश्विक हस्तकला उत्कृष्टता में हमारी दृष्टि के केंद्र में हैं। उन्होंने कहा कि यह श्रृंखला कमलादेवी जी की उस दृष्टि का सम्मान है, जिसमें शिल्प को शिक्षा, आजीविका और राष्ट्रनिर्माण के साथ जोड़ा गया।

विकास आयुक्त (हैंडिक्राफ्ट) कार्यालय भारत सरकार की केंद्रीय एजेंसी है, जो कारीगर और शिल्प आधारित गतिविधियों के विकास, विपणन और निर्यात के लिए जिम्मेदार है। यह शिल्प रूपों और कौशल के संवर्धन में भी सहायक है।

नामरूप में चौथे उर्वरक संयंत्र की आधारशिला से पहले केंद्रीय मंत्री सर्बानंद सोनोवाल ने तैयारियों की समीक्षा की

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 नई दिल्ली — केंद्रीय पत्तन, पोत परिवहन एवं जलमार्ग मंत्री (MoPSW) सर्बानंद सोनोवाल ने आज असम के डिब्रूगढ़ जिले स्थित नामरूप उर्वरक परिसर का दौरा किया। उन्होंने 21 दिसंबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की प्रस्तावित यात्रा से पहले जमीनी तैयारियों की समीक्षा की। इस अवसर पर प्रधानमंत्री नामरूप में चौथे उर्वरक संयंत्र की आधारशिला रखेंगे।

नया ब्राउनफील्ड अमोनिया-यूरिया संयंत्र ब्रह्मपुत्र वैली फर्टिलाइज़र कॉरपोरेशन लिमिटेड (BVFCL) के मौजूदा परिसर में स्थापित किया जाएगा। इस परियोजना पर ₹10,000 करोड़ से अधिक का निवेश किया जाएगा। इसे असम के औद्योगिक आधार को सशक्त बनाने और पूर्वोत्तर तथा पूर्वी भारत में उर्वरक उपलब्धता सुधारने की दिशा में एक ऐतिहासिक कदम माना जा रहा है।

दौरे के दौरान सोनोवाल ने लॉजिस्टिक व्यवस्थाओं, सुरक्षा तैयारियों और प्रधानमंत्री के कार्यक्रम से जुड़ी समग्र तैयारियों का आकलन किया। उन्होंने प्रारंभिक कार्यों की प्रगति की भी समीक्षा की और अधिकारियों के साथ समन्वय कर यह सुनिश्चित करने के निर्देश दिए कि आधारशिला कार्यक्रम की सभी तैयारियां समयबद्ध और सुचारु रूप से पूरी हों।

सोनोवाल ने कहा, “यह परियोजना असम के लोगों की एक लंबे समय से चली आ रही आकांक्षा की पूर्ति है।” उन्होंने उल्लेख किया कि नामरूप में चौथे उर्वरक संयंत्र की मांग दशकों से की जा रही थी। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री द्वारा इस परियोजना को स्वीकृति देना पूर्वोत्तर के प्रति केंद्र सरकार की प्रतिबद्धता और भारत की कृषि एवं औद्योगिक पारिस्थितिकी को मजबूत करने के संकल्प को दर्शाता है।

उन्होंने कहा, “प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दूरदर्शी और निर्णायक नेतृत्व में असम के लोगों की दशकों पुरानी मांग आज पूरी हुई है। नामरूप का चौथा उर्वरक संयंत्र पूर्वोत्तर के प्रति प्रधानमंत्री की गहरी प्रतिबद्धता और भारत की कृषि एवं औद्योगिक आत्मनिर्भरता को सुदृढ़ करने के उनके संकल्प का प्रतीक है।”

परियोजना के चालू होने के बाद, यह नया उर्वरक संयंत्र पूर्वोत्तर क्षेत्र में यूरिया और संबंधित उत्पादों की आपूर्ति श्रृंखला को काफी मजबूत करेगा, दूर-दराज के उत्पादन केंद्रों पर निर्भरता कम करेगा और किसानों को समय पर उर्वरक उपलब्ध कराने में मदद करेगा। अधिकारियों के अनुसार, इस संयंत्र की वार्षिक उत्पादन क्षमता लगभग 12.5 लाख मीट्रिक टन होगी और इससे प्रत्यक्ष व अप्रत्यक्ष रूप से बड़े पैमाने पर रोजगार के अवसर सृजित होंगे।

सोनोवाल ने प्रधानमंत्री के नेतृत्व में असम और पूरे पूर्वोत्तर में हो रहे व्यापक विकास कार्यों पर भी प्रकाश डाला। उन्होंने संपर्क, बुनियादी ढांचे और औद्योगिक क्षमता में किए गए बड़े निवेशों का उल्लेख करते हुए कहा कि इससे क्षेत्र के युवाओं, किसानों और श्रमिकों के लिए नए अवसर सृजित हुए हैं।

निरीक्षण के दौरान केंद्रीय मंत्री के साथ वरिष्ठ राज्य मंत्री, स्थानीय विधायक, जिला प्रशासन के अधिकारी और विभिन्न नागरिक एवं विकास संगठनों के प्रतिनिधि उपस्थित थे। अधिकारियों को निर्देश दिए गए कि वे आपसी समन्वय के साथ कार्य करें ताकि प्रधानमंत्री की यात्रा और आधारशिला कार्यक्रम का सफल आयोजन सुनिश्चित किया जा सके।

सोनोवाल ने कहा, “21 दिसंबर को प्रधानमंत्री की नामरूप यात्रा असम के लिए गर्व का क्षण है। हम पूरी निष्ठा और समर्पण के साथ कार्य कर रहे हैं ताकि आधारशिला कार्यक्रम त्रुटिरहित रूप से संपन्न हो और यह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के परिवर्तनकारी विकास एजेंडे तथा पूर्वोत्तर पर उनके विशेष फोकस को प्रतिबिंबित करे।”

नामरूप परियोजना से असम के औद्योगिक विकास में एक नया अध्याय शुरू होने, पूर्वोत्तर में उर्वरक सुरक्षा को मजबूती मिलने और कृषि उत्पादकता तथा किसानों की आय बढ़ाने के राष्ट्रीय लक्ष्य को गति मिलने की उम्मीद है।

इस अवसर पर केंद्रीय मंत्री के साथ असम सरकार के मंत्री प्रशांत फुकन और जोगेन मोहन; विधायक तरंगा गोगोई, बिनोद हजारिका, चक्रधर गोगोई, तेराश गोवाला, भास्कर शर्मा और धर्मेश्वर कोनवार; असम पर्यटन विकास निगम (ATDC) के अध्यक्ष ऋतुपर्णा बरुआह; डिब्रूगढ़ नगर निगम (DMC) के मेयर सैकत पात्रा और उप-मेयर उज्ज्वल फुकन; डिब्रूगढ़ विकास प्राधिकरण (DDA) के अध्यक्ष असीम हजारिका; सोनवाल कचारी स्वायत्त परिषद (SKAC) के मुख्य कार्यकारी सदस्य टंकश्वर सोनोवाल; तथा डिप्टी कमिश्नर विक्रम कैरी सहित अन्य अधिकारी मौजूद थे।

सांसद खेल महोत्सव के समापन की तैयारियों की समीक्षा: डॉ. जितेंद्र सिंह ने जिलाधिकारियों और विधायकों के साथ की वर्चुअल बैठक

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प्रधानमंत्री कार्यालय (PMO) में केंद्रीय राज्य मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने आज उधमपुर–कठुआ–डोडा लोकसभा क्षेत्र के उपायुक्तों (DCs) और विधायकों (MLAs) के साथ एक वर्चुअल बैठक कर सांसद खेल महोत्सव के समापन कार्यक्रम की तैयारियों की समीक्षा की। यह समापन कार्यक्रम 25 दिसंबर 2025 को आयोजित किया जाएगा, जिसे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी वर्चुअली संबोधित करेंगे।

बैठक में विभिन्न जिलों और विधानसभा क्षेत्रों के बीच बेहतर समन्वय पर जोर दिया गया ताकि समापन कार्यक्रम का सफल आयोजन सुनिश्चित किया जा सके। डॉ. जितेंद्र सिंह ने बताया कि 25 दिसंबर को होने वाला यह समापन कार्यक्रम सभी विधानसभा क्षेत्रों में एक साथ आयोजित किया जाएगा, जिसमें जिला प्रशासन, विधायक और सांसद सक्रिय रूप से भाग लेंगे। यह आयोजन 25 अगस्त 2025 को शुरू हुए सांसद खेल महोत्सव के सफल समापन का प्रतीक होगा।

केंद्रीय मंत्री ने कहा कि सांसद खेल महोत्सव को एक पैन-इंडिया, बड़े स्तर की पहल के रूप में परिकल्पित किया गया है, जिसका उद्देश्य जमीनी स्तर की खेल प्रतिभाओं को मंच प्रदान करना और फिट इंडिया मूवमेंट के तहत एक स्वस्थ, फिट और खेलोन्मुख भारत की दृष्टि को सशक्त करना है।

डॉ. जितेंद्र सिंह ने निर्देश दिए कि सभी जिले विभिन्न संभावित आयोजन मॉडलों—जैसे जिला स्तर और संसदीय क्षेत्र स्तर—के लिए पूरी तरह तैयार रहें। उन्होंने प्रधानमंत्री के वर्चुअल संबोधन को ध्यान में रखते हुए उपयुक्त स्थलों, सुनिश्चित कनेक्टिविटी और आवश्यक बुनियादी ढांचे की पहचान करने पर बल दिया।

सांसद खेल महोत्सव की दीर्घकालिक सोच पर प्रकाश डालते हुए मंत्री ने कहा कि यह पहल केवल एक आयोजन तक सीमित नहीं है, बल्कि इसका उद्देश्य देशभर में एक स्थायी खेल पारिस्थितिकी तंत्र का निर्माण करना है। उन्होंने निर्देश दिया कि पंचायत, ब्लॉक, जिला और उच्च स्तर पर विजेताओं का विवरण निर्धारित पोर्टलों पर समयबद्ध तरीके से अपलोड किया जाए, ताकि प्रतिभाशाली खिलाड़ियों की पहचान कर उन्हें आगे के प्रशिक्षण, अवसर और उच्च स्तरीय प्रतियोगिताओं में भागीदारी के लिए समर्थन दिया जा सके।

उन्होंने यह भी उल्लेख किया कि 25 दिसंबर का दिन सुशासन दिवस (सुषासन दिवस) तथा पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की जयंती के रूप में भी मनाया जाता है। इस अवसर को शासन, युवा सशक्तिकरण और राष्ट्र निर्माण के विषयों से जोड़ने का अवसर बताते हुए उन्होंने जिलों से स्थानीय कार्यक्रमों को इन राष्ट्रीय आयोजनों के साथ समन्वित करने का आग्रह किया।

बैठक में यह भी बताया गया कि समापन कार्यक्रमों में स्थानीय युवा, खिलाड़ी, सामुदायिक प्रतिनिधि और खेल जगत की प्रतिष्ठित हस्तियां भाग लेंगी। ये कार्यक्रम “MY Bharat” प्लेटफॉर्म के अंतर्गत आयोजित किए जाएंगे, जिन्हें युवा कार्य एवं खेल मंत्रालय, संस्कृति मंत्रालय, शिक्षा मंत्रालय तथा जिला प्रशासन का सहयोग प्राप्त होगा, जिससे व्यापक जनभागीदारी और जनसंपर्क सुनिश्चित किया जा सकेगा।

बैठक के अंत में डॉ. जितेंद्र सिंह ने सभी हितधारकों से आपसी समन्वय के साथ कार्य करने का आह्वान किया और कहा कि सांसद खेल महोत्सव का समापन कार्यक्रम एक आदर्श राष्ट्रीय आयोजन के रूप में उभरना चाहिए, जो खेल संस्कृति को बढ़ावा देने, युवा प्रतिभाओं को निखारने और फिट इंडिया मूवमेंट को मजबूत करने की सरकार की प्रतिबद्धता को दर्शाए। उन्होंने आश्वासन दिया कि शीघ्र ही विस्तृत दिशा-निर्देश जारी किए जाएंगे और समयबद्ध तैयारी को कार्यक्रम की सफलता की कुंजी बताया।

डीआरआई ने ₹6.26 करोड़ मूल्य की प्रतिबंधित लाल चंदन की तस्करी नाकाम की, 15 मीट्रिक टन जब्त, चार गिरफ्तार

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राजस्व खुफिया निदेशालय (डीआरआई) ने प्रतिबंधित/निषिद्ध लाल चंदन (रेड सैंडर्स) के अवैध निर्यात के एक बड़े प्रयास को विफल कर दिया है। इस कार्रवाई में ₹6.26 करोड़ मूल्य का कुल 15 मीट्रिक टन लाल चंदन जब्त किया गया है तथा चार आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है। लाल चंदन (Pterocarpus santalinus) को CITES की परिशिष्ट–II में तथा वन्यजीव संरक्षण अधिनियम, 1972 की अनुसूची–IV में सूचीबद्ध किया गया है और विदेश व्यापार नीति के तहत इसका निर्यात प्रतिबंधित/निषिद्ध है।

डीआरआई अधिकारियों को विशेष खुफिया जानकारी मिली थी कि चेन्नई और उसके आसपास के क्षेत्रों में विभिन्न गोदामों में लाल चंदन को गुप्त रूप से संग्रहीत किया गया है और इसे चेन्नई से दिल्ली के रास्ते विदेश भेजने की कोशिश की जा रही है। इस सूचना के आधार पर डीआरआई ने 09.12.2025 से 11.12.2025 के बीच तीन अलग-अलग परिसरों में समन्वित और सुनियोजित तलाशी अभियान चलाया।

एक परिसर से ग्रेड-ए गुणवत्ता के 169 लाल चंदन के लट्ठे बरामद किए गए, जिनका कुल वजन 5.55 मीट्रिक टन था। इनमें से 76 लट्ठों को सफेद एचडीपीई पैकिंग सामग्री में लपेटकर छिपाया गया था और इन्हें ‘घरेलू सामान’ के कवर कार्गो के साथ दिल्ली ले जाकर अवैध निर्यात के लिए ट्रक में लोड करने की तैयारी थी। इन प्रतिबंधित वस्तुओं के साथ-साथ कवर कार्गो को सीमा शुल्क अधिनियम, 1962 के प्रावधानों के तहत जब्त कर लिया गया।

अन्य दो परिसरों से 9.55 मीट्रिक टन लाल चंदन बरामद किया गया, जो लट्ठों, जड़ों और फर्नीचर के रूप में था। इसे भी विधिसम्मत रूप से जब्त किया गया।

इस मामले में जिन चार व्यक्तियों को गिरफ्तार किया गया है, उनमें मुख्य संचालक, लाल चंदन की पैकिंग और परिवहन में शामिल उसके दो सहयोगी तथा आपूर्ति पक्ष का एक मध्यस्थ शामिल है। मामले की आगे की जांच जारी है।

राजस्व खुफिया निदेशालय ने स्पष्ट किया है कि वह देश की आर्थिक सीमाओं से खिलवाड़ करने और भारत की समृद्ध जैव विविधता को नुकसान पहुंचाने वाले तत्वों के खिलाफ अपनी सख्त कार्रवाई लगातार जारी रखेगा।

पीएम श्री नवोदय विद्यालय गौतम बुद्ध नगर में मिशन LiFE के तहत माइक्रोफॉरेस्ट का उद्घाटन, पर्यावरण आधारित शिक्षण को मिला बढ़ावा

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शिक्षा मंत्रालय के स्कूल शिक्षा एवं साक्षरता विभाग (DoSEL) के सचिव संजय कुमार ने 14 दिसंबर 2025 को उत्तर प्रदेश के गौतम बुद्ध नगर स्थित पीएम नवोदय विद्यालय में विशेष अभियान 5.0 के अंतर्गत विकसित फल उद्यान एवं परागणकर्ता उद्यान (पॉलिनेटर पार्क) से युक्त एक माइक्रोफॉरेस्ट का उद्घाटन किया।

यह पहल मिशन LiFE के तहत ईको क्लब्स के माध्यम से 3,200 वर्ग मीटर से अधिक बंजर भूमि को एक जीवंत पारिस्थितिक शिक्षण स्थल में परिवर्तित करने में सफल रही है। इस अवसर पर नवोदय विद्यालय समिति (NVS) के आयुक्त राजेश लखानी, DoSEL की संयुक्त सचिव डॉ. अमरप्रीत दुग्गल, NVS के संयुक्त आयुक्त ज्ञानेंद्र कुमार, ‘से ट्रीज़’ की ओर से वंदना तुम्मलापल्ली और मोनीथा, मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारी, शिक्षक, छात्र एवं कर्मचारी उपस्थित रहे।

अपने संबोधन में संजय कुमार ने कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP) 2020 की परिकल्पना के अनुसार शिक्षा का वास्तविक मूल्य केवल पुस्तकों तक सीमित न होकर वास्तविक जीवन के अनुभवों से जुड़ा होना चाहिए। उन्होंने कहा कि प्रकृति से जुड़े आनंदपूर्ण और समावेशी शिक्षण वातावरण से विद्यार्थियों में मानवीय मूल्यों, स्वतंत्र चिंतन और मानसिक संतुलन का विकास होता है।

उन्होंने बताया कि मिशन LiFE के अंतर्गत ईको क्लब्स देशभर के 9.23 लाख से अधिक स्कूलों में सक्रिय हैं और इसके सात प्रमुख विषयों के अनुरूप व्यावहारिक गतिविधियों के माध्यम से अनुभवात्मक अधिगम को बढ़ावा दे रहे हैं। उन्होंने शिक्षकों से आग्रह किया कि वे शिक्षण को प्रकृति से जोड़ें और विद्यार्थियों में पर्यावरण के प्रति संवेदनशीलता विकसित करें।

नवोदय विद्यालय समिति के आयुक्त राजेश लखानी ने विद्यार्थियों से पेड़ों की देखभाल को सामूहिक जिम्मेदारी के रूप में अपनाने का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि विद्यालय परिसरों में फलदार पेड़ों का संरक्षण सतत जीवनशैली, स्वस्थ आदतों और पारिस्थितिक संतुलन को बढ़ावा देता है।

विशेष अभियान 5.0 के तहत DoSEL ने स्वच्छता दक्षता और पर्यावरण संरक्षण पर विशेष ध्यान दिया। देशभर में 6.16 लाख से अधिक स्वच्छता अभियान चलाए गए। 9 अक्टूबर 2025 को आयोजित ई-कचरा जागरूकता पर राष्ट्रीय वेबिनार और उसके बाद हुए ई-कचरा संग्रह अभियान में 1 लाख से अधिक विद्यार्थियों ने भाग लिया और 4,000 किलोग्राम से अधिक ई-कचरा एकत्र किया गया। इस ई-कचरे के लगभग 100 किलोग्राम से नई दिल्ली के शास्त्री भवन में एक जागरूकता भित्ति चित्र भी बनाया गया।

नवोदय विद्यालय गौतम बुद्ध नगर में स्थापित इस माइक्रोफॉरेस्ट में 500 से अधिक फलदार वृक्ष तथा 350 से अधिक परागणकर्ता-अनुकूल पौधे लगाए गए हैं, जो मधुमक्खियों, तितलियों एवं अन्य लाभकारी जीवों के लिए आवास उपलब्ध कराएंगे और विद्यालय परिसर की जैव विविधता व सूक्ष्म जलवायु को बेहतर बनाएंगे।

यह परियोजना ‘से ट्रीज़’ नामक गैर-लाभकारी संस्था के सहयोग से क्रियान्वित की गई है, जिसने अब तक देशभर में 50 लाख से अधिक पेड़ लगाए और 50 से अधिक झीलों का पुनर्जीवन किया है। यह पहल SDG-4 (गुणवत्तापूर्ण शिक्षा) और SDG-13 (जलवायु कार्रवाई) के अनुरूप सतत विकास को बढ़ावा देगी।

स्कूल शिक्षा एवं साक्षरता विभाग ने स्पष्ट किया कि इस प्रकार की पहलों को आगे चलकर अन्य नवोदय विद्यालयों, केंद्रीय विद्यालयों और देशभर के स्कूलों में भी विस्तारित किया जाएगा, जिससे हरित एवं पर्यावरण-अनुकूल शिक्षण वातावरण को बढ़ावा मिल सके।

विशाखापत्तनम नेवी मैराथन का 10वां संस्करण भव्य रूप से संपन्न, 17 देशों के 17,000 से अधिक धावकों की सहभागिता

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14 दिसंबर 2025 को आयोजित विशाखापत्तनम नेवी मैराथन (Vizag Navy Marathon) का 10वां संस्करण अत्यंत उत्साह, जोश और खेल भावना के साथ भव्य रूप से संपन्न हुआ। इस प्रतिष्ठित आयोजन में 17 देशों के विदेशी नागरिकों सहित 17,000 से अधिक धावकों ने भाग लेकर इसे एक अंतरराष्ट्रीय पहचान दिलाई। ₹10 लाख से अधिक की पुरस्कार राशि के साथ यह मैराथन देश–विदेश के एथलीटों और फिटनेस प्रेमियों के लिए एक यादगार आयोजन साबित हुई।

42 किलोमीटर फुल मैराथन को हरी झंडी और पुरस्कार वितरण समारोह की अध्यक्षता वाइस एडमिरल संजय भल्ला, फ्लैग ऑफिसर कमांडिंग-इन-चीफ, ईस्टर्न नेवल कमांड ने की। हाफ मैराथन और संकल्प रन को  प्रिया भल्ला, अध्यक्ष, नेवल वाइव्स वेलफेयर एसोसिएशन (पूर्वी क्षेत्र) ने हरी झंडी दिखाकर रवाना किया, जिससे उद्देश्य, एकता और सामुदायिक सहभागिता का संदेश मजबूत हुआ। 10 किमी और 5 किमी दौड़ों को क्रमशः जिला कलेक्टर और पुलिस आयुक्त द्वारा रवाना किया गया।

इस अवसर पर फ्लैग ऑफिसर्स, जीवीएमसी आयुक्त, वरिष्ठ पूर्व सैनिकों तथा स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (SBI) और इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन लिमिटेड (IOCL) जैसे प्रमुख साझेदारों के वरिष्ठ अधिकारियों सहित कई गणमान्य व्यक्ति उपस्थित रहे, जिससे कार्यक्रम की गरिमा और बढ़ी।

सुदृढ़ योजना और निर्बाध क्रियान्वयन के कारण प्रतिभागियों को उत्कृष्ट अनुभव प्राप्त हुआ। जिला प्रशासन, शहर पुलिस और स्थानीय समुदाय के सहयोग ने आयोजन को सफल बनाने में अहम भूमिका निभाई।

इस वर्ष मैराथन में कई नई और उन्नत सुविधाएँ जोड़ी गईं, जिनमें धावकों के लिए आकर्षक छूट, बेहतर डिलीवरबल्स पैकेज और सभी प्रतिभागियों के लिए बीमा कवर शामिल रहा, जिससे सुरक्षा और कल्याण सुनिश्चित हुआ।

विदेशी खिलाड़ियों की सहभागिता ने इस मैराथन की अंतरराष्ट्रीय अपील को और मजबूत किया और इसे क्षेत्र की अग्रणी मैराथनों में स्थापित किया।

विशाखापत्तनम नेवी मैराथन 2025 समर्पण, टीमवर्क और जुनून का सशक्त उदाहरण बनी। ईस्टर्न नेवल कमांड के फ्लैग ऑफिसर कमांडिंग-इन-चीफ ने सभी विजेताओं, धावकों और आयोजकों को शुभकामनाएँ दीं तथा जिला प्रशासन, शहर पुलिस और स्वयंसेवी संगठनों का आभार व्यक्त किया, जिनके सहयोग से यह आयोजन अत्यंत सफल रहा।

जनहित में बड़ा फैसला : पेरी-अर्बन व अन्य ग्रामों में वर्ग मीटर दर समाप्त, स्टाम्प व रजिस्ट्री शुल्क में नागरिकों को सीधा लाभ

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रायपुर। मुख्यमंत्री विष्णु देव साय के मंशानुसार वित्त एवं वाणिज्य कर पंजीयन मंत्री ओपी चौधरी के नेतृत्व में राज्य सरकार ने भूमि मूल्यांकन प्रक्रिया को अधिक सरल, पारदर्शी और जनहितैषी बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण निर्णय लेते हुए पेरी-अर्बन ग्रामों एवं अन्य ग्रामीण क्षेत्रों में लागू वर्ग मीटर दर को पूर्णतः समाप्त कर दिया है। अब ग्रामीण एवं अर्द्ध-शहरी क्षेत्रों में भूमि का मूल्यांकन केवल हेक्टेयर दर के आधार पर किया जाएगा। इस फैसले से आम नागरिकों, किसानों और भू-धारकों को सीधा आर्थिक लाभ मिलेगा।

पूर्व व्यवस्था के तहत ग्रामीण क्षेत्रों में 500 वर्ग मीटर तक की भूमि का मूल्यांकन वर्ग मीटर दर से तथा 500 वर्ग मीटर से अधिक भूमि का मूल्यांकन हेक्टेयर दर से किया जाता था। चूंकि वर्ग मीटर दर, हेक्टेयर दर की तुलना में अधिक होती थी, इसलिए कम क्षेत्रफल वाली भूमि पर अधिक मूल्य और मुआवजा देय हो जाता था, जबकि बड़े क्षेत्रफल की भूमि पर अपेक्षाकृत कम। यह एक बड़ी विसंगति थी, जिसे समाप्त करते हुए सरकार ने अब सभी ग्रामीण भूमि के लिए एक समान हेक्टेयर आधारित मूल्यांकन व्यवस्था लागू की है।

इस निर्णय से भू-अर्जन प्रकरणों में अब भूमि के वास्तविक क्षेत्रफल के अनुरूप न्यायसंगत मुआवजा मिल सकेगा। उदाहरण के तौर पर बालोद जिले के ग्रामीण क्षेत्र देवारभाट में पूर्व व्यवस्था के तहत 500 वर्ग मीटर भूमि का मूल्यांकन 9 लाख 25 हजार रुपये किया जाता था, जबकि 1000 वर्ग मीटर (0.10 हेक्टेयर) भूमि का मूल्यांकन केवल 3 लाख 67 हजार रुपये होता था। नई व्यवस्था में वर्ग मीटर दर समाप्त होने के बाद 500 वर्ग मीटर भूमि का मूल्यांकन 6 लाख रुपये तथा 1000 वर्ग मीटर भूमि का मूल्यांकन 12 लाख रुपये किया जा रहा है, जो पूरी तरह तर्कसंगत और न्यायसंगत है।

वर्ग मीटर दर समाप्त होने से स्टाम्प एवं पंजीयन शुल्क में भी उल्लेखनीय कमी आई है। भूमि का मूल्यांकन अब वास्तविक और किफायती दरों पर होने से रजिस्ट्री की कुल लागत घट रही है। इससे ग्रामीण एवं पेरी-अर्बन क्षेत्रों में भूमि खरीदना आम नागरिकों के लिए अधिक सुलभ हो गया है।

उप पंजीयक कार्यालय बालोद में 9 अक्टूबर 2025 को पंजीकृत एक दस्तावेज के अनुसार ग्राम देवारभाट में 15 डिसमिल भूमि के पंजीयन में पूर्व व्यवस्था के तहत बाजार मूल्य 7 लाख 90 हजार रुपये आंका गया था, जिस पर 74 हजार 900 रुपये स्टाम्प एवं पंजीयन शुल्क देय था। नई व्यवस्था लागू होने के बाद उसी भूमि का बाजार मूल्य 4 लाख 80 हजार रुपये निर्धारित हुआ और पक्षकारों द्वारा मात्र 45 हजार 500 रुपये स्टाम्प एवं पंजीयन शुल्क अदा किया गया। इस प्रकार संबंधित पक्षकारों को सीधे 29 हजार 400 रुपये का लाभ हुआ।

सरकार के इस फैसले से किसानों, भू-धारकों और आम खरीदारों को अनावश्यक अतिरिक्त खर्च से राहत मिलेगी। साथ ही भूमि लागत कम होने से रियल एस्टेट, आवास निर्माण और विकास कार्यों को भी प्रोत्साहन मिलेगा। मूल्यांकन प्रक्रिया के सरलीकरण से नियमों की जटिलता कम हुई है और आमजन के लिए प्रक्रिया अधिक सहज एवं पारदर्शी बनी है।

राज्य सरकार का यह निर्णय ग्रामीण एवं अर्द्ध-शहरी जनता के हित में दूरगामी प्रभाव वाला कदम है, जिससे हजारों लोग प्रत्यक्ष रूप से लाभान्वित होंगे। सरकार का उद्देश्य भूमि एवं आवास से जुड़ी प्रक्रियाओं को सुलभ, किफायती और जनकल्याणकारी बनाना है और यह सुधार उसी दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल है।


कर्नाटक के बेलगावी में छत्रपति शिवाजी महाराज की 25 फुट ऊँची प्रतिमा का उद्घाटन, राज्य और राष्ट्र गौरव का प्रतीक

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कर्नाटक के बेलगावी जिले के अठाणी में मराठा प्रतिमा छत्रपति शिवाजी महाराज की 25 फुट ऊँची भव्य प्रतिमा का उद्घाटन केंद्रीय संचार एवं उत्तर-पूर्वी क्षेत्र विकास मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने किया। इस अवसर को ऐतिहासिक बताते हुए मंत्री ने कहा कि यह केवल एक प्रतिमा का अनावरण नहीं है, बल्कि भारत की स्वाभिमान, साहस और हिंदवी स्वराज की चेतना को आने वाली पीढ़ियों तक पहुँचाने का संकल्प है।

सिंधिया ने कहा कि “जय भवानी, जय शिवाजी” का उद्घोष आज भी हर भारतीय में निडरता, राष्ट्रीय कर्तव्य और गर्व की भावना जगाता है। कार्यक्रम में मंजुनाथ भारती स्वामीजी, संभाजी भिड़े गुरुजी, कर्नाटक के मंत्री संतोष लाड और सतीश जरकिहोली, कर्नाटक के पूर्व उपमुख्यमंत्री लक्ष्मण सावदी, कोल्हापुर सांसद शाहू छत्रपति महाराज, पूर्व कर्नाटक मंत्री बी. पाटिल, पीजीआर सिंधे और अन्य गणमान्य नेता उपस्थित थे।

शिवाजी महाराज: हिंदवी स्वराज के निर्माता और राष्ट्रीय कर्तव्य का प्रतीक

केंद्रीय मंत्री ने अपने संबोधन में छत्रपति शिवाजी महाराज के जीवन और संघर्षों को याद किया, बताया कि मात्र 15 वर्ष की आयु में उन्होंने हिंदवी स्वराज की प्रतिज्ञा ली। अद्वितीय साहस, रणनीतिक कुशलता और दूरदर्शी नेतृत्व के माध्यम से उन्होंने आक्रमणकारियों को परास्त किया और भारत के स्वाभिमान की रक्षा की।

सिंधिया ने कहा कि बेलगावी और अठाणी क्षेत्र शिवाजी महाराज की वीरता का साक्षी रहा है। दक्षिण भारत में उनके अभियान के दौरान यह क्षेत्र रणनीतिक दृष्टि से महत्वपूर्ण था, क्योंकि यह डेक्कन, कोंकण और गोवा को जोड़ने वाले मार्गों की सुरक्षा सुनिश्चित करता था। इसी भूमि पर शिवाजी महाराज की प्रतिमा का उद्घाटन इतिहास, परंपरा और वर्तमान को जोड़ने वाला गर्व का क्षण है।

आधुनिक भारत शिवाजी महाराज से प्रेरित होकर आगे बढ़ रहा है:

केंद्रीय मंत्री ने आगे कहा कि भारत के आत्म-सम्मान और सांस्कृतिक पुनर्जागरण की दिशा में बढ़ते कदमों के बीच छत्रपति शिवाजी महाराज का चरित्र और आदर्श और भी प्रासंगिक हो गए हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में आत्मनिर्भर भारत और राष्ट्रीय कर्तव्य की भावना देश भर में गहराई से जुड़ी हुई है।

सिंधिया ने कहा कि यह प्रतिमा आने वाली पीढ़ियों को यह संदेश देती रहेगी कि राष्ट्रीय हित सर्वोपरि है, साहस कभी नहीं मिटता और स्वराज की भावना हमेशा जीवित रहती है।

सिंधिया महाराष्ट्र और कर्नाटक के दो दिवसीय दौरे पर थे, जिसमें उन्होंने पहले कोल्हापुर में बॉम्बे जिमखाना के 150 वर्ष पूरे होने पर स्मारक डाक टिकट का विमोचन किया और ग्रामीण डाक सेवक सम्मेलन में भाग लिया। रविवार को बेलगावी में छत्रपति शिवाजी महाराज की प्रतिमा के उद्घाटन समारोह में उन्होंने भाग लिया।

साय सरकार की प्रथम कैबिनेट के दो वर्ष पूर्ण: 18 लाख पीएम आवास को दी गई थी स्वीकृति

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रायपुर। मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने अपनी प्रथम मंत्रिपरिषद बैठक में प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) के अंतर्गत 18 लाख आवासों की स्वीकृति के निर्णय के दो वर्ष पूर्ण होने के अवसर पर आज एक कॉफी टेबल बुक का विमोचन किया। इस अवसर पर उन्होंने प्रदेश में 10,000 आजीविका डबरी निर्माण कार्यों का शुभारंभ किया गया। 

कार्यक्रम में कवर्धा जिले के जनमन आवास योजना के हितग्राहियों तथा नारायणपुर जिले के आत्मसमर्पित नक्सलियों और नक्सल हिंसा से प्रभावित परिवारों के लिए संचालित विशेष परियोजना के अंतर्गत प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) के हितग्राहियों को आजीविका डबरी के स्वीकृति पत्र भी प्रदान किए गए। इस अवसर पर उपमुख्यमंत्री विजय शर्मा, पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग की प्रमुख सचिव  निहारिका बारीक सिंह, प्रधानमंत्री आवास योजना के संचालक एवं आयुक्त महात्मा गांधी नरेगा तारन प्रकाश सिन्हा तथा पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग के सचिव भीम सिंह उपस्थित थे।

छत्तीसगढ़ में प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) के तहत वर्ष 2016 से 2026 की अवधि के लिए 26.27 लाख आवासों के लक्ष्य के विरुद्ध अब तक 24.37 लाख आवास स्वीकृत किए जा चुके हैं, जिनमें से 17.14 लाख आवास पूर्ण हो चुके हैं। मुख्यमंत्री श्री साय के नेतृत्व में मात्र दो वर्षों में लगभग 8 लाख आवासों का निर्माण पूर्ण कर एक नया कीर्तिमान स्थापित किया गया है, जो योजना के प्रभावी क्रियान्वयन को दर्शाता है।

मुख्यमंत्री विष्णु देव साय के नेतृत्व में राज्य सरकार द्वारा विगत दो वर्षों के अल्प कार्यकाल में ही लगभग 8 लाख आवासों का निर्माण पूर्ण किया गया है। यह उपलब्धि राज्य में आवास निर्माण की गति को दर्शाती है। विशेष रूप से पिछले 6 महीनों में प्रतिदिन औसतन 2000 आवासों का निर्माण पूर्ण किया गया, जो प्रशासनिक दक्षता और सतत निगरानी का परिणाम है।

गौरतलब है कि प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) का शुभारंभ अप्रैल 2016 में किया गया, जिसका उद्देश्य ग्रामीण क्षेत्रों में पात्र परिवारों को पक्के आवास उपलब्ध कराना है। इस योजना के अंतर्गत प्रति आवास 1.20 लाख रूपए की वित्तीय सहायता प्रदान की जाती है। साथ ही, योजना का अन्य योजनाओं से अभिसरण किया गया है, जिसके तहत मनरेगा से 90 दिवस की मजदूरी तथा स्वच्छ भारत मिशन (ग्रामीण) से 12 हजार रूपए की सहायता शौचालय निर्माण हेतु दी जाती है, जिससे हितग्राही को संपूर्ण आवास सुविधा प्राप्त हो सके।

महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना (मनरेगा) के अंतर्गत प्रदेश में 10,000 आजीविका डबरी निर्माण का कार्य मोर गांव-मोर पानी महाअभियान के अंतर्गत क्रियान्वित किया जा रहा है। इन डबरियों का निर्माण पात्र हितग्राहियों की निजी भूमि पर किया जाएगा, जिसमें प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) के हितग्राही भी सम्मिलित हैं। सभी डबरियों को मई 2026 तक पूर्ण करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है।

आजीविका डबरी परियोजना से ग्रामीण क्षेत्रों में जल संरक्षण एवं जल संवर्धन, सिंचाई सुविधा में वृद्धि, मत्स्य पालन, बत्तख पालन, वृक्षारोपण एवं सिघाड़ा उत्पादन जैसी गतिविधियों को बढ़ावा मिलेगा। इससे ग्रामीण परिवारों को स्थायी आजीविका के अतिरिक्त अवसर प्राप्त होंगे और उनकी आय में वृद्धि होगी। इस प्रकार, प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) और मनरेगा के अभिसरण से राज्य सरकार ग्रामीण विकास, आवास सुरक्षा, रोजगार सृजन और जल संरक्षण के लक्ष्यों को एक साथ साकार कर रही है, जो छत्तीसगढ़ के समावेशी और सतत विकास की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।


बीजेपी के कार्यकारी राष्ट्रीय अध्यक्ष बने नितिन नबीन, पीएम मोदी ने की जमकर तारीफ

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 नई दिल्ली। भारतीय जनता पार्टी ने बिहार सरकार में मंत्री नितिन नबीन को पार्टी का कार्यकारी राष्ट्रीय अध्यक्ष नियुक्त किया है। रविवार को इस महत्वपूर्ण संगठनात्मक फैसले की घोषणा की गई। बीजेपी संसदीय बोर्ड द्वारा नियुक्ति के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृह मंत्री अमित शाह, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और राष्ट्रीय महासचिव अरुण सिंह सहित कई वरिष्ठ नेताओं ने उन्हें बधाई दी।


पीएम मोदी ने की प्रशंसा

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नितिन नबीन को बधाई देते हुए कहा कि उन्होंने एक कर्मठ कार्यकर्ता के रूप में अपनी अलग पहचान बनाई है। पीएम मोदी ने कहा,
“नितिन नबीन एक युवा, ऊर्जावान और अनुभवी संगठनकर्ता हैं। विधायक और मंत्री के रूप में उनका कार्यकाल प्रभावशाली रहा है। उन्होंने जनता की आकांक्षाओं को पूरा करने के लिए अथक परिश्रम किया है। मुझे विश्वास है कि उनकी ऊर्जा और समर्पण पार्टी को और मजबूती देंगे।”

अमित शाह ने भी दी बधाई

गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा और भाजपा संसदीय बोर्ड के वरिष्ठ नेताओं द्वारा नितिन नबीन को कार्यकारी राष्ट्रीय अध्यक्ष नियुक्त किया जाना संगठन के लिए महत्वपूर्ण कदम है।
उन्होंने कहा कि युवा मोर्चा से लेकर प्रदेश प्रभारी तक, नितिन नबीन ने हर दायित्व को निष्ठा और सफलता से निभाया है। बिहार में पाँच बार विधायक और राज्य सरकार में मंत्री के रूप में उनका लंबा जनसंपर्क अनुभव रहा है।

अमित शाह ने कहा,

“आज उनका राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष बनना दिन-रात मेहनत करने वाले हर युवा भाजपा कार्यकर्ता के सम्मान का प्रतीक है।”

कौन हैं नितिन नबीन?

  • नितिन नबीन, बीजेपी के वरिष्ठ नेता और पूर्व विधायक स्वर्गीय नबीन किशोर प्रसाद सिन्हा के पुत्र हैं।
  • पिता के निधन के बाद उन्होंने सक्रिय राजनीति में प्रवेश किया।
  • वे पटना की बांकीपुर विधानसभा सीट से विधायक हैं।
  • 2006 में उपचुनाव जीतने के बाद से वे लगातार कई बार विधायक चुने गए।
  • हालिया बिहार विधानसभा चुनाव में उन्होंने आरजेडी प्रत्याशी रेखा कुमारी को 51,936 वोटों के बड़े अंतर से हराया।
  • 9 फरवरी 2021 को नीतीश कुमार सरकार के मंत्रिमंडल विस्तार में उन्हें पथ निर्माण मंत्री बनाया गया।

संगठन को मिलेगा अनुभव का लाभ

नितिन नबीन को संगठनात्मक कार्यों का व्यापक अनुभव है। युवा मोर्चा, प्रदेश संगठन और राष्ट्रीय स्तर पर उनकी सक्रिय भूमिका को देखते हुए पार्टी नेतृत्व को उनसे संगठन को नई ऊर्जा मिलने की उम्मीद है।

प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) में ऐतिहासिक उपलब्धि : मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने कॉफी टेबल बुक का किया अनावरण

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रायपुर। मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने आज विधानसभा स्थित अपने कार्यालय कक्ष में प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) के अंतर्गत अपनी प्रथम मंत्रिपरिषद बैठक में 18 लाख आवास स्वीकृत किए जाने के निर्णय के दो वर्ष पूर्ण होने के अवसर पर एक आकर्षक कॉफी टेबल बुक का अनावरण किया। यह पुस्तक राज्य में ग्रामीण आवास योजना के तहत प्राप्त ऐतिहासिक प्रगति, नवाचारों और उपलब्धियों को प्रभावी रूप से प्रस्तुत करती है।

महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना (मनरेगा) के अंतर्गत 10,000 आजीविका डबरी निर्माण कार्यों का भी हुआ शुभारंभ

प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) के अंतर्गत राज्य को प्राप्त 26.27 लाख आवासों के लक्ष्य के विरुद्ध अब तक 24.37 लाख आवासों की स्वीकृति प्रदान की जा चुकी है, जबकि 17.14 लाख आवासों का निर्माण पूर्ण किया जा चुका है। विशेष रूप से उल्लेखनीय है कि वर्तमान सरकार ने अपने मात्र दो वर्षों के अल्प कार्यकाल में ही लगभग 8 लाख आवासों का निर्माण पूर्ण कर राज्य में ग्रामीण आवास निर्माण के क्षेत्र में एक नया कीर्तिमान स्थापित किया है।

इसी अवसर पर मुख्यमंत्री साय ने महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना (मनरेगा) के अंतर्गत 10,000 आजीविका डबरी निर्माण कार्यों का भी शुभारंभ किया। इन डबरियों को मई 2026 तक पूर्ण करने का लक्ष्य रखा गया है। मनरेगा के तहत पात्र हितग्राहियों, जिनमें प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) के लाभार्थी भी शामिल हैं, की निजी भूमि पर इन डबरियों का निर्माण किया जाएगा। इससे न केवल ग्रामीण रोजगार सृजन को बढ़ावा मिलेगा, बल्कि किसानों एवं ग्रामीण परिवारों की आजीविका और आय में भी स्थायी वृद्धि सुनिश्चित होगी।

कार्यक्रम के दौरान कवर्धा जिले के जनमन आवास योजना के हितग्राहियों तथा नारायणपुर जिले के आत्मसमर्पित नक्सलियों एवं नक्सल हिंसा से पीड़ित परिवारों के लिए संचालित विशेष परियोजना के अंतर्गत प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) के लाभार्थियों को आजीविका डबरी के स्वीकृति पत्र भी प्रदान किए गए, जो सामाजिक पुनर्वास और मुख्यधारा से जोड़ने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।

इस अवसर पर उपमुख्यमंत्री विजय शर्मा, पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग की प्रमुख सचिव निहारिका बारीक सिंह, प्रधानमंत्री आवास योजना के संचालक एवं महात्मा गांधी नरेगा के आयुक्त तारन प्रकाश सिन्हा तथा पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग के सचिव भीम सिंह सहित विभागीय वरिष्ठ अधिकारीगण उपस्थित थे।

उपराष्ट्रपति सी. पी. राधाकृष्णन ने सम्राट पेरुम्बिदुगु मुथरैयार द्वितीय को समर्पित स्मारक डाक टिकट का विमोचन किया

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भारत के उपराष्ट्रपति,सी. पी. राधाकृष्णन ने आज नई दिल्ली स्थित उपराष्ट्रपति एन्क्लेव में सम्राट पेरुम्बिदुगु मुथरैयार द्वितीय (सुवर्ण मरण) को समर्पित स्मारक डाक टिकट का विमोचन किया।

इस अवसर पर उपराष्ट्रपति ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में तमिल संस्कृति और भाषा के प्रति भारत सरकार के निरंतर समर्थन की सराहना की। उन्होंने काशी तमिल संगम और तमिल राजाओं, नेताओं और स्वतंत्रता सेनानियों को मान्यता देने एवं सम्मानित करने के प्रयासों की प्रशंसा की, जिन्हें अतीत में पर्याप्त मान्यता नहीं मिली थी।

उपराष्ट्रपति ने कहा कि सम्राट पेरुम्बिदुगु मुथरैयार पर स्मारक डाक टिकट का विमोचन इस निरंतर मान्यता प्रक्रिया का हिस्सा है।

सम्राट पेरुम्बिदुगु मुथरैयार के ऐतिहासिक महत्व को उजागर करते हुए उन्होंने कहा कि वे प्राचीन तमिलनाडु के सबसे विख्यात शासकों में से एक थे और मुथरैयार वंश के प्रतिष्ठित शासक थे, जिन्होंने 7वीं से 9वीं शताब्दी ईस्वी के बीच तमिलनाडु के मध्य क्षेत्रों पर शासन किया। उन्होंने बताया कि सम्राट ने लगभग चार दशकों तक तिरुचिरापल्ली से शासन किया और उनका राज्य प्रशासनिक स्थिरता, क्षेत्रीय विस्तार, सांस्कृतिक संरक्षण और सैन्य कौशल के लिए जाना जाता था।

उपराष्ट्रपति ने उल्लेख किया कि तमिलनाडु के विभिन्न स्थानों पर पाए गए शिलालेख सम्राट के मंदिरों के दान, सिंचाई कार्यों और तमिल साहित्य में योगदान का प्रमाण हैं। उन्होंने कहा कि सम्राट का शासन दक्षिण भारतीय इतिहास में एक विशिष्ट स्थान रखता है।

प्रधानमंत्री की दृष्टि ‘विकसित भारत @2047’ का उल्लेख करते हुए उपराष्ट्रपति ने कहा कि भारत की सांस्कृतिक धरोहर और महान नेताओं की विरासत का दस्तावेजीकरण, सम्मान और संरक्षण राष्ट्रीय प्राथमिकता है। उन्होंने आज़ादी का अमृत महोत्सव के दौरान सभी क्षेत्रों के स्वतंत्रता सेनानियों और महान शासकों को सम्मानित करने के प्रयासों का उल्लेख किया, जिसमें तमिलनाडु भी शामिल है। उन्होंने बताया कि 2014 से अब तक तमिलनाडु सहित लगभग 642 चोरी हुई मूर्तियाँ और प्राचीन वस्तुएँ वापस प्राप्त की गई हैं।

इस अवसर पर वित्त और कॉर्पोरेट मामले की केंद्रीय मंत्री, निर्मला सीतारमण; राज्यसभा के उपाध्यक्ष, हरिवंश; और सूचना एवं प्रसारण तथा संसदीय कार्य राज्य मंत्री, डॉ. एल. मुरुगन सहित अन्य गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।


मुख्यमंत्री साय से शासकीय आदर्श पोस्ट मैट्रिक आदिवासी बालक छात्रावास के प्रतिनिधिमंडल ने की सौजन्य मुलाकात

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रायपुर। मुख्यमंत्री विष्णु देव साय से विगत दिवस राजधानी रायपुर स्थित मुख्यमंत्री निवास कार्यालय में शासकीय आदर्श पोस्ट मैट्रिक आदिवासी बालक छात्रावास के प्रतिनिधिमंडल ने सौजन्य मुलाकात की। इस अवसर पर प्रतिनिधिमंडल ने मुख्यमंत्री साय को शहीद वीर नारायण सिंह जयंती समारोह में बतौर मुख्य अतिथि के रूप में शामिल होने का आमंत्रण दिया।

शहीद वीर नारायण सिंह जयंती के अवसर पर यह भव्य समारोह 15 दिसंबर 2025 को रायपुर में आयोजित किया जाएगा। कार्यक्रम का आयोजन आदिवासी छात्र-छात्राओं द्वारा शासकीय आदर्श पोस्ट मैट्रिक आदिवासी बालक छात्रावास, पेंशन बाड़ा, रायपुर में शाम 7 बजे से किया जाएगा।

मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने आयोजन की सराहना करते हुए विद्यार्थियों को शुभकामनाएं दीं और कार्यक्रम के सफल आयोजन की कामना की। इस अवसर पर छात्रावास अध्यक्ष पुरुषोत्तम नेताम सहित छात्र-छात्राएं उपस्थित थे।

मुख्यमंत्री साय ने छत्तीसगढ़ विद्युत मंडल की ‘ऊर्जावान छत्तीसगढ़’ कॉफी टेबल बुक का किया विमोचन

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रायपुर : मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने आज नवीन विधानसभा परिसर स्थित मुख्यमंत्री कार्यालय में रजत महोत्सव विशेष छत्तीसगढ़ विद्युत मंडल द्वारा प्रकाशित ‘ऊर्जावान छत्तीसगढ़’ कॉफी टेबल बुक का विमोचन किया। यह काफी टेबल बुक छत्तीसगढ़ राज्य की स्थापना तथा छत्तीसगढ़ राज्य विद्युत मंडल एवं उसकी उत्तरवर्ती पावर कंपनियों की 25 वर्षों की गौरवमयी यात्रा, उपलब्धियों और विकास गाथा पर आधारित है।


मुख्यमंत्री साय ने कहा कि यह कॉफी टेबल बुक छत्तीसगढ़ में ऊर्जा क्षेत्र में हुए ऐतिहासिक परिवर्तनों, अधोसंरचना विकास, नवाचारों और जनसेवा आधारित कार्यों का सजीव दस्तावेज है। कॉफी टेबल बुक में छत्तीसगढ़ राज्य ने ऊर्जा क्षेत्र में सुदृढ़ नियोजन, आधुनिक तकनीक और उपभोक्ता-केंद्रित दृष्टिकोण के साथ उल्लेखनीय उपलब्धियों को शामिल किया गया है और सुपर क्रिटिकल थर्मल पावर प्लांट की स्थापना से लेकर 32 हजार मेगावाट विद्युत उत्पादन क्षमता, कोयला खनन के सुदृढ़ संचालन और राज्यव्यापी पारेषण- वितरण ढांचे के विस्तार तक बिजली क्षेत्र में व्यापक सुधार को प्रदर्शित किया गया है।

मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने इस अवसर पर छत्तीसगढ़ विद्युत मंडल की टीम को हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएँ दीं। उन्होंने ऊर्जा क्षेत्र में कार्यरत अधिकारियों और कर्मचारियों के समर्पण, प्रतिबद्धता और योगदान की सराहना की।

इस अवसर पर मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव एवं अध्यक्ष, छत्तीसगढ़ स्टेट पावर ट्रांसमिशन कंपनी सुबोध कुमार सिंह, ऊर्जा सचिव एवं अध्यक्ष छत्तीसगढ़ स्टेट पावर जनरेशन तथा डिस्ट्रीब्यूशन कंपनी रोहित यादव, छत्तीसगढ़ राज्य विद्युत पारेषण कंपनी के प्रबंध निदेशक राजेश कुमार शुक्ला, छत्तीसगढ़ राज्य विद्युत वितरण कंपनी के प्रबंध निदेशक भीम सिंह कंवर सहित वरिष्ठ अधिकारी जे.एस. नेताम, संजीव सिंह एवं आशुतोष जायसवाल उपस्थित थे।

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