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सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यमों (MSME) के लिए BIS और RBI की राहत एवं प्रोत्साहन योजनाएँ

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भारत सरकार, भारतीय मानक ब्यूरो (BIS), उपभोक्ता मामले विभाग, खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण मंत्रालय के माध्यम से चरणबद्ध तरीके से क्वालिटी कंट्रोल ऑर्डर (QCOs) लागू करती है। इस प्रक्रिया में MSME सेक्टर के लिए कुछ छूट और ढील दी गई है, ताकि घरेलू उत्पादन प्रभावित न हो। प्रमुख छूट एवं ढील इस प्रकार हैं:

BIS द्वारा MSME के लिए छूट और राहत:

  1. समय में विस्तार:

    • माइक्रो उद्यमों के लिए 6 महीने का अतिरिक्त समय।

    • लघु उद्यमों के लिए 3 महीने का अतिरिक्त समय।

  2. आयात में छूट:

    • घरेलू निर्माताओं द्वारा निर्यात-उन्मुख उत्पादों के उत्पादन के लिए आयात।

    • अनुसंधान एवं विकास (R&D) के लिए 200 इकाइयों तक के आयात पर छूट।

  3. लेगेसी स्टॉक:

    • QCO लागू होने से पहले निर्मित या आयातित स्टॉक को छह महीने के भीतर क्लीयर किया जा सकता है।

  4. वित्तीय प्रोत्साहन:

    • वार्षिक न्यूनतम मार्किंग शुल्क में छूट:

      • माइक्रो उद्यम: 80%

      • लघु उद्यम: 50%

      • मध्यम उद्यम: 20%

    • अतिरिक्त 10% छूट: उत्तर-पूर्वी क्षेत्र के उद्यम या महिला उद्यमियों के लिए।

  5. तकनीकी ढील:

    • इन-हाउस लैब का होना अब वैकल्पिक। MSME बाहरी BIS मान्यता प्राप्त लैब, NABL स्वीकृत लैब या साझा संसाधनों का उपयोग कर सकते हैं।

    • नियंत्रण स्तर (Levels of Control) की सिफारिश आधारित प्रकृति; निर्माता अपने नियंत्रण यूनिट/बैच/लॉट और नियंत्रण स्तर खुद निर्धारित कर सकते हैं।

  6. उत्पाद प्रमाणन प्रक्रिया:

    • BIS ने उत्पाद प्रमाणन मार्गदर्शिकाएँ वेबसाइट पर उपलब्ध कराई हैं।

    • उत्पाद-विशेष मैनुअल के रूप में अनुपालन मूल्यांकन के लिए दिशानिर्देश जारी किए गए हैं।

RBI द्वारा MSME के लिए राहत और ऋण सुविधाएँ:

  1. बैंक ऋणों का बाहरी बेंचमार्क से लिंक:

    • ऋण पुनः निर्धारण अवधि को तीन महीने कर दिया गया।

    • मौजूदा उधारकर्ताओं के लिए स्विचओवर विकल्प उपलब्ध।

  2. Mutual Credit Guarantee Scheme (MCGS-MSME):

    • MSME को उपकरण और मशीनरी खरीदने के लिए आसान ऋण उपलब्ध कराने हेतु सरकार द्वारा ऋण गारंटी।

    • 100 करोड़ रुपये तक के परियोजना ऋण के लिए क्रेडिट गारंटी कवर।

  3. प्राथमिकता क्षेत्र (Priority Sector) में लक्ष्य निर्धारण:

    • MSE सेक्टर को ऋण देने के लिए विशिष्ट लक्ष्य।

  4. सुरक्षा और कार्यशील पूंजी में राहत:

    • 10 लाख रुपये तक के ऋण के लिए अचल संपत्ति सुरक्षा आवश्यक नहीं।

    • 5 करोड़ रुपये तक के कार्यशील पूंजी की गणना न्यूनतम 20% वार्षिक अनुमानित कारोबार पर आधारित।

यह जानकारी सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यमों की राज्य मंत्री (सुश्री शोभा करंदलाजे) द्वारा लोकसभा में लिखित उत्तर में दी गई।

भारत–मेक्सिको व्यापार में तनाव, टैरिफ बढ़ोतरी पर भारत सख्त

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 नई दिल्ली। मेक्सिको ने भारत से आयात होने वाले कुछ चुनिंदा उत्पादों पर टैरिफ में 50 प्रतिशत की बढ़ोतरी को मंजूरी दे दी है। इसके जवाब में भारत ने अपने निर्यातकों के हितों की रक्षा के लिए उचित कदम उठाने की चेतावनी दी है। यह जानकारी शनिवार को एक सरकारी अधिकारी ने दी।


अधिकारी ने कहा कि भारत अपने निर्यातकों के हितों की रक्षा के लिए सभी आवश्यक और उचित कदम उठाने का अधिकार सुरक्षित रखता है। साथ ही, भारत रचनात्मक बातचीत के माध्यम से इस मुद्दे का समाधान निकालने के प्रयास भी जारी रखेगा। पीटीआई की रिपोर्ट के अनुसार, भारत इस प्रस्तावित टैरिफ वृद्धि को लेकर बिल पेश किए जाने के प्रारंभिक चरण से ही मेक्सिको के साथ संवाद में है।

वाणिज्य विभाग और मेक्सिको के अर्थव्यवस्था मंत्रालय आपसी सहमति से ऐसे समाधान तलाश रहे हैं, जो वैश्विक व्यापार नियमों के अनुरूप हों और दोनों देशों के लिए लाभकारी साबित हों। इस सिलसिले में वाणिज्य सचिव राजेश अग्रवाल और मेक्सिको के उप-अर्थव्यवस्था मंत्री लुइस रोसेंडो के बीच उच्चस्तरीय बैठक भी हो चुकी है। आने वाले दिनों में और बैठकों की संभावना जताई गई है।

भारत सरकार ने इस बात पर जोर दिया कि बिना किसी पूर्व परामर्श के मोस्ट फेवर्ड नेशन (MFN) टैरिफ में एकतरफा बढ़ोतरी दोनों देशों के सहयोगात्मक आर्थिक संबंधों की भावना के अनुरूप नहीं है। वहीं मेक्सिको का कहना है कि यह टैरिफ वृद्धि घरेलू उद्योगों और उत्पादकों की सुरक्षा के उद्देश्य से की गई है और यह 1 जनवरी 2026 से प्रभावी होगी।

इन उत्पादों पर बढ़े टैरिफ

मेक्सिको के स्थानीय अखबार एल यूनिवर्सल के अनुसार, जिन उत्पादों पर शुल्क बढ़ाया गया है, उनमें ऑटो पार्ट्स, हल्की कारें, वस्त्र, प्लास्टिक, स्टील, घरेलू उपकरण, खिलौने, जूते, फर्नीचर, मोटरसाइकिल, परफ्यूम, साबुन और सौंदर्य प्रसाधन शामिल हैं।

यह टैरिफ वृद्धि उन देशों पर लागू होगी, जिनका मेक्सिको के साथ कोई मुक्त व्यापार समझौता नहीं है। इनमें भारत के अलावा चीन, दक्षिण कोरिया, थाईलैंड और इंडोनेशिया भी शामिल हैं।

आगे की राह

सरकारी अधिकारी ने कहा कि भारत मेक्सिको के साथ अपनी रणनीतिक और व्यापारिक साझेदारी को महत्व देता है और एक स्थिर व संतुलित व्यापार वातावरण बनाने के लिए मिलकर काम करने को तैयार है, जिससे दोनों देशों के उद्योगों और उपभोक्ताओं को लाभ मिल सके।

विशेषज्ञों का मानना है कि इस तरह के टैरिफ प्रभाव से बचने के लिए भारत और मेक्सिको को मुक्त व्यापार समझौते (FTA) पर बातचीत शुरू करने पर गंभीरता से विचार करना चाहिए।

प्रधानमंत्री मोदी ने नागालैंड के हॉर्नबिल फेस्टिवल की सांस्कृतिक समृद्धि और आदिवासी विरासत का सम्मान किया

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज नागालैंड के हॉर्नबिल फेस्टिवल की जीवंत ऊर्जा की सराहना की और इसे भारत की सांस्कृतिक समृद्धि और आदिवासी विरासत की स्थायी जीवंतता का सशक्त प्रतीक बताया।

प्रधानमंत्री ने कहा कि आज उत्तरी पूर्व भारत नए, आत्मविश्वासी भारत का चेहरा प्रस्तुत करता है। नागालैंड की अनूठी सांस्कृतिक पहचान की प्रशंसा करते हुए मोदी ने कहा कि यह राज्य केवल त्योहारों का आयोजन नहीं करता, बल्कि स्वयं त्योहार का प्रतीक है, और इसलिए इसे “लैंड ऑफ फेस्टिवल्स” का गौरवपूर्ण खिताब प्राप्त है।

इस अवसर पर प्रधानमंत्री ने केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य एम. सिंधिया द्वारा X (पूर्व में ट्विटर) पर साझा की गई पोस्ट पर प्रतिक्रिया दी और कहा:

“इस प्रेरक आलेख में, केंद्रीय मंत्री @JM_Scindia ने नागालैंड के हॉर्नबिल फेस्टिवल को मानव आत्मा का कैलेडोस्कोप और प्राचीन और आधुनिक का सशक्त संगम बताया है। उन्होंने दोहराया कि हमारा देश तभी आगे बढ़ेगा जब उत्तर-पूर्व चमकेगा।

उत्तर-पूर्व को नए, आत्मविश्वासी भारत का चेहरा बताते हुए मंत्री ने कहा कि नागालैंड केवल उत्सव मनाता ही नहीं है, बल्कि स्वयं उत्सव का प्रतीक है, और यही कारण है कि इसे “लैंड ऑफ फेस्टिवल्स” कहा जाता है।”

गुन्टूर में नई चेतना 4.0 का शुभारंभ, महिलाओं के सशक्तिकरण और सुरक्षा के लिए सामूहिक प्रयास का आह्वान

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ग्रामीण विकास और संचार राज्य मंत्री डॉ. पेम्मासानी चंद्रशेखर ने लैंगिक समानता को बढ़ावा देने के लिए सामूहिक प्रयास करने का आह्वान किया और सभी हितधारकों से आग्रह किया कि वे “एक आवाज़, एक संकल्प, समानता के लिए एक नई शुरुआत” की प्रतिबद्धता के साथ आगे बढ़ें।

डॉ. चंद्रशेखर ने राज्य स्तरीय ‘नई चेतना 4.0’ के शुभारंभ के अवसर पर कार्यक्रम को संबोधित करते हुए इसे लैंगिक हिंसा के खिलाफ एक शक्तिशाली जन आंदोलन बताया। उन्होंने कहा कि हिंसा को हर रूप में समाप्त करना हमारी सामूहिक जिम्मेदारी है।

कार्यक्रम के अंतर्गत मंत्री ने गुन्टूर में जेंडर रिसोर्स सेंटर (GRC) का उद्घाटन किया। यह सेंटर महिलाओं के लिए एक वन-स्टॉप सहायता प्रणाली के रूप में कार्य करेगा, जिसमें काउंसलिंग, कानूनी सहायता, रेफरल और आजीविका संबंधी सेवाएँ उपलब्ध कराई जाएंगी, ताकि महिलाओं को समय पर समर्थन, सुरक्षा और न्याय तक पहुँच सुनिश्चित हो सके।

गुन्टूर में उपस्थित आंध्र प्रदेश की नारी शक्ति से संवाद करते हुए मंत्री ने एक परिवर्तित ग्रामीण भारत के लक्ष्य पर जोर दिया, जहाँ हर महिला सुरक्षित, सम्मानपूर्वक जीवन व्यतीत करे और आर्थिक रूप से स्वतंत्र हो। उन्होंने महिलाओं के सशक्तिकरण को समावेशी और सतत विकास का आधार बताया।

मंत्री ने यह भी रेखांकित किया कि महिलाओं को सशक्त बनाना सामाजिक प्रगति को तेज करता है, और उनकी सुरक्षा सुनिश्चित करना राष्ट्र को मजबूत बनाता है। उन्होंने कहा कि महिलाओं की सुरक्षा और गरिमा भारत की वृद्धि और मजबूती के लिए मूलभूत हैं।

डॉ. चंद्रशेखर ने कहा कि DAY-NRLM के तहत, नई चेतना महिलाओं के समूहों को मजबूत कर रही है, लैंगिक हिंसा के प्रति शून्य सहनशीलता को बढ़ावा दे रही है, पुरुषों और लड़कों की भागीदारी को प्रोत्साहित कर रही है और महिलाओं की आर्थिक स्वतंत्रता को आगे बढ़ा रही है।

उन्होंने नागरिकों से सामूहिक संकल्प दोहराने का आग्रह किया और कहा कि सुरक्षित, सम्मानित और आर्थिक रूप से सशक्त भारत का निर्माण एक साझा राष्ट्रीय जिम्मेदारी है।

नई चेतना की शुरुआत 2021 में हुई थी और यह अब लगभग 10 करोड़ SHG महिलाओं द्वारा संचालित एक राष्ट्रीय आंदोलन बन चुका है। देशभर में 13 लाख से अधिक बैठकों और कार्यक्रमों के माध्यम से 4 करोड़ से अधिक ग्रामीण नागरिकों ने जागरूकता कार्यक्रमों में भाग लिया है। यह पहल 12 केंद्रीय मंत्रालयों के समन्वय में लागू की जा रही है, जिसमें महिलाओं की सुरक्षा, सम्मान और आर्थिक सशक्तिकरण पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है, साथ ही भूमि, बैंकिंग और प्रौद्योगिकी तक बेहतर पहुँच सुनिश्चित की जा रही है।

कार्यक्रम में राज्य गृह मंत्री वंगलापुडी अनिता और राज्य मंत्री (MSME, SERP एवं NRI सशक्तिकरण और संबंध) कोंडापल्ली श्रीनिवास भी उपस्थित थे, और इस अवसर पर 3000 से अधिक महिलाएं मौजूद थीं।

मुंबई में उद्योग–सरकार कौशल संवाद आयोजित, पीएम-सेतु से उद्योग-संगत कौशल विकास को मिलेगा नया आयाम

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कौशल विकास एवं उद्यमिता मंत्रालय (MSDE) ने भारतीय उद्योग परिसंघ (CII) के साथ साझेदारी में आज ताज महल पैलेस, मुंबई में “कौशल प्रतिभा के लिए उद्योग–सरकार सहयोग को सशक्त बनाना” विषय पर एक उच्चस्तरीय उद्योग संवाद का आयोजन किया। इस संवाद की अध्यक्षता जयंत चौधरी, कौशल विकास एवं उद्यमिता मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) तथा शिक्षा राज्य मंत्री, भारत सरकार ने की। कार्यक्रम में शिक्षा, स्वास्थ्य, आतिथ्य, बैंकिंग और विनिर्माण जैसे प्रमुख क्षेत्रों के वरिष्ठ उद्योग नेताओं, विशेषज्ञों और प्रतिनिधियों ने भाग लिया तथा उद्योग-संगत कौशल ढांचे को मजबूत करने और रोजगारपरकता बढ़ाने पर विचार-विमर्श किया।

कार्यक्रम को संबोधित करते हुए जयंत चौधरी ने कहा कि भारत एक ऐसे महत्वपूर्ण मोड़ पर है, जहाँ तीव्र तकनीकी परिवर्तन, कार्यस्थलों के बदलते स्वरूप और जनसांख्यिकीय बदलाव विभिन्न क्षेत्रों में कौशल आवश्यकताओं को नए सिरे से परिभाषित कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि बड़ी युवा आबादी के बावजूद उद्योगों को जॉब-रेडी प्रतिभा न मिल पाना कौशल असंतुलन को दर्शाता है, जिससे उद्योग–सरकार के बीच अधिक गहन और संरचित सहयोग की आवश्यकता स्पष्ट होती है।

मंत्री ने उत्कृष्टता केंद्रों (Centres of Excellence – CoEs) के लिए एक सुसंगत राष्ट्रीय ढांचा विकसित करने की सरकार की महत्वाकांक्षा को रेखांकित किया, जिसमें उन्नत कौशल, उद्योग प्रासंगिकता और मापनीय रोजगार परिणामों पर विशेष ध्यान होगा। उन्होंने बताया कि CoEs को उच्च स्तरीय कौशल प्रशिक्षण, प्रशिक्षक उत्कृष्टता और पाठ्यक्रम नवाचार के केंद्र के रूप में विकसित किया जा रहा है, जो सीधे उद्योग की मांग से जुड़े होंगे।

जयंत चौधरी ने सरकार की प्रमुख पहल पीएम-सेतु (प्रधानमंत्री स्किलिंग एंड एम्प्लॉयबिलिटी ट्रांसफॉर्मेशन थ्रू अपग्रेडेड आईटीआई) का भी उल्लेख किया, जिसे आईटीआई को आधुनिक, आकांक्षी और परिणामोन्मुख संस्थानों के रूप में पुनर्स्थापित करने वाला एक परिवर्तनकारी सुधार बताया। लगभग ₹60,000 करोड़ के अनुमानित परिव्यय के साथ, पीएम-सेतु के तहत 1,000 सरकारी आईटीआई को उद्योग-संगत उत्कृष्टता केंद्रों में उन्नत किया जाएगा। इसके लिए हब-एंड-स्पोक मॉडल अपनाया जाएगा, जिसमें 200 हब आईटीआई और 800 स्पोक आईटीआई को जोड़कर देशभर में गुणवत्तापूर्ण व्यावसायिक शिक्षा का विस्तार किया जाएगा। इस योजना की एक प्रमुख विशेषता उद्योग-नेतृत्व वाली गवर्नेंस है, जिसे विशेष प्रयोजन वाहन (SPV) के माध्यम से लागू किया जाएगा। यह एसपीवी वित्तीय प्रबंधन, अवसंरचना और उपकरण विकास, निगरानी एवं मूल्यांकन, हितधारक सहभागिता और उद्योग सहयोग में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।

मंत्री ने कहा,

“पीएम-सेतु व्यावसायिक संस्थानों के उद्योग से जुड़ने के तरीके में एक प्रणालीगत बदलाव का प्रतिनिधित्व करता है। पाठ्यक्रम डिजाइन, प्रशिक्षक प्रशिक्षण, अप्रेंटिसशिप और प्लेसमेंट में उद्योग की भागीदारी सुनिश्चित कर हम ऐसे आईटीआई बना रहे हैं, जो घरेलू और वैश्विक श्रम बाजार की जरूरतों के अनुरूप, प्रासंगिक और आकांक्षी हों।”

उन्होंने स्किल इंडिया इंटरनेशनल सेंटर्स (SIICs) की रणनीतिक भूमिका पर भी प्रकाश डाला, जो वैश्विक गतिशीलता को समर्थन देते हैं, और उद्योग से आग्रह किया कि वे SIICs को अंतरराष्ट्रीय मानकों वाले प्रशिक्षण और विदेश रोजगार के प्रवेश द्वार के रूप में विकसित करने में सक्रिय भागीदारी निभाएं। साथ ही, उन्होंने विश्व आर्थिक मंच (WEF) के स्किल एक्सेलेरेटर में भारत की भागीदारी को हाल ही में मिली कैबिनेट मंजूरी का उल्लेख करते हुए कहा कि इससे भारत की कौशल प्रणाली को वैश्विक सर्वोत्तम प्रथाओं और भविष्य की कार्यबल आवश्यकताओं के अनुरूप बनाने में मदद मिलेगी।

परिणाम मापन और पारदर्शिता पर जोर देते हुए, मंत्री ने एम्प्लॉयबिलिटी मैट्रिक्स को एक विश्वसनीय और मानकीकृत सूचकांक बताया, जो विभिन्न क्षेत्रों में जॉब-रेडीनेस का आकलन करने में सहायक होगा। उन्होंने APAAR ID और अकादमिक बैंक ऑफ क्रेडिट्स (ABC) की बढ़ती भूमिका का भी उल्लेख किया, जो लचीले शिक्षण मार्ग, क्रेडिट पोर्टेबिलिटी और आजीवन कौशल उन्नयन को संभव बनाते हैं। अप्रेंटिसशिप पर बोलते हुए उन्होंने NAPS और NATS के तहत भागीदारी बढ़ाने पर सरकार के फोकस को दोहराया और इसे शिक्षा तथा रोजगार के बीच एक महत्वपूर्ण सेतु बताया।

अर्चना मयराम, आर्थिक सलाहकार, MSDE ने गोलमेज चर्चाओं की पृष्ठभूमि प्रस्तुत करते हुए उद्योग की मांग और उपलब्ध कौशल के बीच बढ़ते अंतर पर प्रकाश डाला। पीएम-सेतु पर प्रस्तुति देते हुए उन्होंने कहा कि नियोक्ताओं को उपयुक्त दक्षताओं वाले उम्मीदवार ढूंढने में कठिनाई हो रही है, जबकि तीव्र तकनीकी बदलाव उद्योगों से उभरते कौशलों के प्रति निरंतर सजग रहने की अपेक्षा करता है। उन्होंने जनरेशन-ज़ेड की बदलती अपेक्षाओं का उल्लेख करते हुए कहा कि वे त्वरित प्रतिफल चाहते हैं और करियर स्थिरता को लेकर चिंतित रहते हैं, इसलिए कौशल को अधिक आकांक्षी बनाना, आत्मसम्मान को मजबूत करना और सार्थक रोजगार के स्पष्ट मार्ग तैयार करना आवश्यक है—जिसे पीएम-सेतु जैसी पहलें संबोधित करती हैं।

उद्योग की ओर से बी. थियागराजन, अध्यक्ष, CII ने कौशल पारिस्थितिकी तंत्र में उद्योग की सह-निर्माता की भूमिका पर बल दिया और कहा कि प्रशिक्षण को कार्यस्थल की वास्तविकताओं और भविष्य के विकास क्षेत्रों के अनुरूप बनाए रखने के लिए सरकार के साथ निकट सहयोग आवश्यक है। आशंक देसाई, अध्यक्ष, मास्टेक ने नए और सहयोगात्मक कौशल मॉडल विकसित करने की आवश्यकता पर जोर देते हुए कहा कि उभरती औद्योगिक आवश्यकताओं और तेजी से बदलते तकनीकी परिदृश्य के साथ तालमेल बनाए रखने के लिए उद्योग, प्रशिक्षण संस्थानों और सरकार के बीच घनिष्ठ साझेदारी अनिवार्य है।

इंटरएक्टिव सत्र के दौरान उद्योग प्रतिनिधियों ने CII और मंत्री के साथ विचार साझा किए कि विभिन्न उद्योग सरकार के साथ मिलकर कौशल विकास में कैसे योगदान दे सकते हैं। विशेषज्ञों ने बताया कि समन्वित प्रशिक्षण कार्यक्रम और मजबूत प्लेसमेंट से प्रशिक्षणार्थियों के नामांकन और रोजगार अवसरों में उल्लेखनीय वृद्धि हो सकती है। विचार-विमर्श का केंद्र उद्योग-नेतृत्व वाले कौशल मॉडल को सशक्त बनाना, प्रशिक्षण संस्थानों का आधुनिकीकरण, अप्रेंटिसशिप का विस्तार और श्रम-बाजार की आवश्यकताओं के प्रति बेहतर प्रतिक्रिया सुनिश्चित करना रहा।

सभी प्रतिभागियों ने इस बात पर सहमति व्यक्त की कि सरकार और उद्योग के बीच निरंतर सहयोग ही एक कुशल, आत्मविश्वासी और भविष्य के लिए तैयार कार्यबल के निर्माण की कुंजी है, जो भारत की आर्थिक वृद्धि और वैश्विक प्रतिस्पर्धात्मकता को मजबूती प्रदान करेगा।

किसानों को बड़ी राहत, ‘तुंहर टोकन’ ऐप 24×7 रहेगा उपलब्ध

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 रायपुर : किसानों के हित में राज्य सरकार ने बड़ा और राहत भरा फैसला लिया है। मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने बताया कि धान खरीदी के लिए ‘तुंहर टोकन’ ऐप अब 24 घंटे, यानी 24×7 उपलब्ध रहेगा। इस निर्णय से धान खरीदी की प्रक्रिया पहले से अधिक आसान, सुगम और किसान हितैषी हो गई है।


मुख्यमंत्री ने कहा कि धान खरीदी को सरल बनाने के उद्देश्य से यह व्यवस्था लागू की गई है। अब किसानों को टोकन बुक करने के लिए किसी तय समय का इंतजार नहीं करना पड़ेगा। किसान दिन हो या रात, अपनी सुविधा के अनुसार कभी भी ऐप के माध्यम से टोकन प्राप्त कर सकेंगे। इससे तकनीकी दबाव, समय की पाबंदी और खरीदी केंद्रों पर अनावश्यक भीड़ की समस्या से राहत मिलेगी।

सरकार के फैसले के तहत किसानों को आगामी 20 दिनों तक, यानी 13 जनवरी तक अग्रिम टोकन लेने की सुविधा दी गई है। इससे किसान पहले से अपनी धान विक्रय की योजना बना सकेंगे और खरीदी केंद्रों पर बेहतर प्रबंधन सुनिश्चित किया जा सकेगा।

इसके साथ ही छोटे और लघु किसानों को भी बड़ी राहत दी गई है। दो एकड़ या उससे कम रकबा वाले किसानों के लिए टोकन लेने की अंतिम तिथि बढ़ाकर 31 जनवरी कर दी गई है। यह निर्णय छोटे किसानों की जरूरतों को ध्यान में रखते हुए लिया गया है, ताकि उन्हें धान विक्रय में किसी प्रकार की परेशानी न हो।

कर्तव्य पथ पर दिव्य कला मेला 2025 का भव्य आयोजन, समावेशी और सशक्त भारत का संदेश

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 “हमारे दिव्यांग भाई-बहन हमसे अलग नहीं हैं, बल्कि समाज में हमारे साथी हैं। कोई भी राष्ट्र तब तक वास्तविक प्रगति नहीं कर सकता, जब तक वह अपने किसी भी नागरिक को पीछे छोड़ दे।”

इन प्रेरक और संवेदनशील शब्दों के साथ दिल्ली की माननीय मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने कर्तव्य पथ, नई दिल्ली में आयोजित दिव्य कला मेला 2025 (दिल्ली संस्करण) को संबोधित करते हुए एक समावेशी और भावनात्मक संदेश दिया। उन्होंने पुनः रेखांकित किया कि सच्ची राष्ट्रीय प्रगति सामूहिक उत्थान में निहित है।

मुख्यमंत्री ने अपने विचार साझा करते हुए कहा कि माननीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी के दूरदर्शी नेतृत्व में सुगम्य भारत अभियान, कौशल विकास कार्यक्रम, छात्रवृत्तियाँ, रोजगार मेले और दिव्य कला मेला जैसे समावेशी मंच दिव्यांगजनों को सम्मान, अवसर और समान भागीदारी सुनिश्चित कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि वास्तविक परिवर्तन के लिए साहस और सामूहिक सोच की आवश्यकता होती है, जहाँ समाज व्यक्तिगत हितों से ऊपर उठकर सभी के कल्याण के लिए एक साथ आगे बढ़े। उन्होंने मंत्रालय, माननीय केंद्रीय मंत्री और अधिकारियों के सतत प्रयासों की सराहना करते हुए विश्वास व्यक्त किया कि दिल्ली मेले में भाग लेने वाले दिव्यांगजन आत्मविश्वास, आत्मनिर्भरता और सफलता के साथ लौटेंगे।

कार्यक्रम का उद्घाटन करते हुए माननीय केंद्रीय सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री डॉ. वीरेंद्र कुमार ने कहा कि किसी भी सशक्त राष्ट्र की पहचान इस बात से होती है कि वह अपने प्रत्येक नागरिक को गरिमा, समानता और अवसर प्रदान करने के लिए कितना प्रतिबद्ध है। उन्होंने कहा कि “सक्षम भारत, समर्थ भारत” का सपना तभी साकार हो सकता है, जब दिव्यांगजन को राष्ट्र निर्माण में समान भागीदार के रूप में स्वीकार किया जाए। उन्होंने दिव्यांग समुदाय के साथ प्रधानमंत्री के गहरे भावनात्मक जुड़ाव और निरंतर समर्थन का भी उल्लेख किया।

केंद्रीय मंत्री ने कहा कि “सबका साथ, सबका विकास और सबका विश्वास” के मंत्र से प्रेरित होकर मोदी सरकार ने वर्ष 2014 से अब तक देशभर में 32 लाख से अधिक दिव्यांगजनों को सहायक उपकरण और सहायक साधन उपलब्ध कराए हैं। उन्होंने जोर दिया कि मंत्रालय आर्थिक, सामाजिक और शैक्षणिक सभी आयामों में दिव्यांगजनों को सशक्त बनाने के लिए निरंतर कार्य कर रहा है, जिनकी भूमिका 2047 तक विकसित भारत के निर्माण में निर्णायक होगी। उन्होंने दिव्य कला मेला और दिव्य कला शक्ति को “दिव्यांगता में क्षमता का उत्सव” बताते हुए कहा कि यह मंच दिव्यांग कलाकारों, उद्यमियों और प्रस्तुतकर्ताओं को आत्मविश्वास और गर्व के साथ अपनी प्रतिभा प्रदर्शित करने का अवसर देता है।

दिव्यांगजन सशक्तिकरण विभाग (DEPwD) की सचिव वी. विद्या‍वती ने कहा कि दिव्य कला मेला अब एक राष्ट्रीय सशक्तिकरण आंदोलन बन चुका है। उन्होंने जानकारी दी कि वर्ष 2022 से अब तक आयोजित 27 मेलों के माध्यम से 20 करोड़ रुपये से अधिक की बिक्री, 18 करोड़ रुपये से अधिक के ऋण के जरिए लगभग 1,000 दिव्यांग उद्यमियों को सहायता तथा 310 दिव्यांगजनों को रोजगार उपलब्ध कराया गया है। उन्होंने शिक्षा, कौशल, सुगम्यता, सहायक प्रौद्योगिकी और आजीविका के माध्यम से एक सक्षम पारिस्थितिकी तंत्र के निर्माण के प्रति सरकार की प्रतिबद्धता दोहराई।

कार्यक्रम में अतिथियों और प्रतिभागियों का स्वागत करते हुए  ऋचा शंकर, उप महानिदेशक (DDG) ने दिव्य कला मेले को केवल एक आयोजन नहीं, बल्कि देशभर के दिव्यांगजनों के आत्मविश्वास, क्षमता और सृजनात्मकता का उत्सव बताया। उन्होंने दिव्यांग कलाकारों, उद्यमियों और सहयोगी संस्थाओं के प्रति आभार व्यक्त किया, जिनके समर्पण से यह मेला राष्ट्रीय स्तर का प्रेरणास्रोत मंच बना है।

दिसंबर 2022 में आरंभ होने के बाद से दिव्य कला मेला ने दिव्यांगजनों की उद्यमिता, दृश्यता और मुख्यधारा में भागीदारी को सशक्त बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। एडीआईपी योजना के तहत 2014 से अब तक 32 लाख से अधिक दिव्यांगजनों को सहायक उपकरण प्रदान किए गए हैं, जबकि 934 दिव्यांगजनों को 18.05 करोड़ रुपये के ऋण से सूक्ष्म उद्यमों के विस्तार में सहायता मिली है। इसके अतिरिक्त, मेलों के साथ आयोजित रोजगार मेलों के माध्यम से 310 दिव्यांगजनों को नौकरी प्राप्त हुई है।

कर्तव्य पथ पर चल रहा दिव्य कला मेला 2025 दिव्यांगजनों की दृढ़ता, कलात्मकता और उद्यमशीलता को समर्पित एक जीवंत प्रतीक है। हस्तशिल्प, गृह सज्जा, वस्त्र और रचनात्मक उत्पादों की प्रदर्शनी के साथ-साथ दिव्य कला शक्ति के अंतर्गत देशभर के दिव्यांग कलाकारों की सांस्कृतिक प्रस्तुतियाँ दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर रही हैं। “वोकल फॉर लोकल” की भावना के अनुरूप यह मेला नागरिकों से दिव्यांग उद्यमिता और रचनात्मकता को समर्थन देने का आह्वान करता है।

सरकार, समाज और नागरिकों के सामूहिक संकल्प के साथ, दिव्य कला मेला 2025 का यह संस्करण एक संवेदनशील, सशक्त और समावेशी भारत के निर्माण की दिशा में एक और सशक्त कदम है, जहाँ प्रत्येक दिव्यांग व्यक्ति को सम्मान, पहचान और आगे बढ़ने के समान अवसर प्राप्त हों।

वायु सेना अकादमी डुंडीगल में संयुक्त स्नातक परेड सम्पन्न, 244 फ्लाइट कैडेट्स हुए कमीशन

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संयुक्त स्नातक परेड (सीजीपी) का आयोजन 13 दिसंबर 2025 को वायु सेना अकादमी (एएफए), डुंडीगल, हैदराबाद में भव्य रूप से किया गया। यह परेड भारतीय वायु सेना (आईएएफ) की फ्लाइंग एवं ग्राउंड ड्यूटी शाखाओं के 216वें कोर्स के फ्लाइट कैडेट्स के पूर्व-कमीशन प्रशिक्षण की सफल परिणति का प्रतीक बनी। चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (सीडीएस) जनरल अनिल चौहान ने परेड के रिव्यूइंग ऑफिसर (आरओ) के रूप में परेड की सलामी ली और उत्तीर्ण फ्लाइट कैडेट्स को राष्ट्रपति कमीशन प्रदान किया। इस अवसर पर कुल 244 फ्लाइट कैडेट्स, जिनमें 215 पुरुष और 29 महिला कैडेट्स शामिल थीं, स्नातक हुए।

सीडीएस का स्वागत एयर मार्शल तेजिंदर सिंह, एयर ऑफिसर कमांडिंग-इन-चीफ, ट्रेनिंग कमांड तथा एयर मार्शल पी. के. वोहरा, कमांडेंट, एएफए द्वारा किया गया। परेड द्वारा उन्हें जनरल सलामी दी गई, जिसके पश्चात एक प्रभावशाली मार्च-पास्ट हुआ।

इस अवसर पर भारतीय नौसेना के छह अधिकारी, भारतीय तटरक्षक बल के आठ अधिकारी तथा वियतनाम समाजवादी गणराज्य के दो प्रशिक्षुओं को उड़ान प्रशिक्षण सफलतापूर्वक पूर्ण करने पर ‘विंग्स’ प्रदान किए गए। नेविगेशन प्रशिक्षण पूर्ण करने पर पाँच अधिकारियों को ‘ब्रेवेट्स’ दिए गए। इस ऐतिहासिक क्षण के साक्षी बनने के लिए नव-नियुक्त अधिकारियों के गर्वित परिजन भी उपस्थित रहे।

परेड का मुख्य आकर्षण ‘कमीशनिंग सेरेमनी’ रहा, जिसमें उत्तीर्ण कैडेट्स को रिव्यूइंग ऑफिसर द्वारा फ्लाइंग ऑफिसर के रूप में कमीशन प्रदान किया गया। इस दौरान अधिकारियों को शपथ दिलाई गई, जिसमें उन्होंने देश की संप्रभुता और सम्मान की रक्षा का संकल्प लिया। परेड के दौरान पिलाटस पीसी-7, हॉक, किरण और चेतक विमानों द्वारा एक समन्वित और सुसंगठित फ्लाई-पास्ट किया गया। आकाश गंगा टीम तथा एयर वॉरियर ड्रिल टीम (एडब्ल्यूडीटी) के रोमांचक प्रदर्शन ने दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया।

विभिन्न प्रशिक्षण विधाओं में उत्कृष्ट प्रदर्शन के लिए रिव्यूइंग ऑफिसर द्वारा पुरस्कार प्रदान किए गए। फ्लाइंग ऑफिसर तनिष्क अग्रवाल (फ्लाइंग ब्रांच) को पायलट कोर्स में समग्र मेरिट में प्रथम स्थान प्राप्त करने पर प्रतिष्ठित ‘प्रेसिडेंट्स प्लाक’ और ‘नवानगर स्वॉर्ड ऑफ ऑनर’ से सम्मानित किया गया। फ्लाइंग ऑफिसर सक्षम डोबरियाल को नेविगेशन स्ट्रीम में प्रथम स्थान के लिए ‘प्रेसिडेंट्स प्लाक’ प्रदान किया गया, जबकि फ्लाइंग ऑफिसर नितेश कुमार को ग्राउंड ड्यूटी शाखाओं में समग्र मेरिट में प्रथम स्थान के लिए ‘प्रेसिडेंट्स प्लाक’ से सम्मानित किया गया।

परेड को संबोधित करते हुए रिव्यूइंग ऑफिसर ने नव-नियुक्त अधिकारियों की सुसज्जित वेशभूषा, सटीक ड्रिल मूवमेंट्स और परेड के उच्चतम मानकों के पालन की सराहना की। उन्होंने अधिकारियों को सेना के पेशे को अपनाने और मातृभूमि की सेवा करने पर बधाई दी। साथ ही, उन्होंने अधिकारियों को अहंकार और अज्ञान से दूर रहने तथा सिद्धांतों के प्रति अडिग बने रहने की सलाह दी।

सीडीएस ने युद्ध में विजय के लिए असममित क्षमताओं (Asymmetry) के सृजन और संरक्षण पर बल दिया, जिसे उभरते डोमेन्स में विकसित करना अपेक्षाकृत आसान है। उन्होंने कहा कि प्रौद्योगिकी आज निर्णायक कारक बन चुकी है, इसलिए एआई-आधारित डेटा फ्यूजन, मैन–अनमैन्ड टीमिंग, स्वायत्त एवं मानवरहित प्रणालियाँ तथा कॉग्निटिव डोमेन ऑपरेशंस को अपनाना अनिवार्य है।

उन्होंने आगे कहा कि ऑपरेशन ‘सिंदूर’ भारतीय वायु सेना की अतुलनीय पेशेवर दक्षता का प्रमाण है और यह एक सतत प्रक्रिया है, जिसे ‘JAI’—जॉइंटनेस, आत्मनिर्भरता और नवाचार द्वारा मार्गदर्शित किया जाना चाहिए। यही तत्व भारत की भविष्य की युद्धक क्षमता को आकार देंगे। अपने संबोधन के अंत में उन्होंने अधिकारियों से निडर होकर सेवा करने और निर्भीक नेतृत्व करने का आह्वान किया।

परेड का समापन उस भावुक क्षण के साथ हुआ जब नव-नियुक्त अधिकारी दो कॉलमों में स्लो मार्च करते हुए आगे बढ़े। इसी दौरान वायु सेना प्रमुख (सीएएस) एयर चीफ मार्शल ए. पी. सिंह ने स्वयं उड़ान भरते हुए तीन विमानों की किरण फॉर्मेशन का नेतृत्व किया, जबकि उनके कनिष्ठों द्वारा उन्हें प्रथम सलामी दी गई।

सीजीपी के ग्रैंड फिनाले में सारंग हेलीकॉप्टर डिस्प्ले टीम और सूर्यकिरण एरोबेटिक टीम (एसकेएटी) के समन्वित हवाई करतबों ने समारोह को अत्यंत भव्य और यादगार बना दिया।


आईएमए देहरादून में 157वीं पासिंग आउट परेड सम्पन्न, 525 युवा अधिकारी भारतीय सेना में हुए कमीशन

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देहरादून स्थित भारतीय सैन्य अकादमी (आईएमए) में आज ऐतिहासिक ड्रिल स्क्वायर पर 157वीं पासिंग आउट परेड का भव्य आयोजन गर्व, परंपरा और सैन्य वैभव के साथ सम्पन्न हुआ। यह गौरवपूर्ण अवसर भारतीय सेना में अधिकारी कैडेट्स के कमीशनिंग का साक्षी बना और अकादमी के शाश्वत आदर्श वाक्य “वीरता और विवेक” को साकार करता हुआ कठोर प्रशिक्षण, अनुशासन और अदम्य जज़्बे की सशक्त मिसाल बना।

थल सेनाध्यक्ष (COAS) जनरल उपेंद्र द्विवेदी ने परेड की सलामी ली और प्रशिक्षण सफलतापूर्वक पूर्ण करने पर नव-नियुक्त अधिकारियों को बधाई दी। अपने संबोधन में उन्होंने कहा कि सैन्य पेशा केवल एक नौकरी नहीं, बल्कि एक पवित्र आह्वान है, जिसमें निस्वार्थ सेवा, अटूट समर्पण और आवश्यकता पड़ने पर राष्ट्र के लिए सर्वोच्च बलिदान की अपेक्षा होती है। उन्होंने भारतीय सैन्य अकादमी की गौरवशाली परंपरा की सराहना की, जिसने समय-समय पर दूरदर्शी नेतृत्वकर्ता और निर्भीक अधिकारी राष्ट्र को प्रदान किए हैं, जिन्होंने साहस और सम्मान की सर्वोच्च परंपराओं को बनाए रखा है।

थल सेनाध्यक्ष ने आधुनिक सुरक्षा परिदृश्य की गतिशील और बहुआयामी प्रकृति पर प्रकाश डाला, जो अब सैन्य, तकनीकी और सामाजिक क्षेत्रों तक विस्तृत है। ऑपरेशन ‘सिंदूर’ का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा कि आज के युद्ध में कूटनीति और निर्णायक सैन्य कार्रवाई के बीच निर्बाध समन्वय अनिवार्य है। उन्होंने बताया कि भारतीय सेना निरंतर आधुनिकीकरण और नवाचार के माध्यम से स्वयं को सुदृढ़ कर रही है और नव-नियुक्त अधिकारी इस परिवर्तन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे। अनिश्चित परिस्थितियों में नेतृत्व पर बल देते हुए उन्होंने कहा कि भविष्य की चुनौतियाँ स्पष्ट उत्तर नहीं देंगी और अधिकारियों की अनुकूलन क्षमता, विवेक और सत्यनिष्ठा की परीक्षा लेंगी।

जनरल द्विवेदी ने युवा अधिकारियों से उदाहरण बनकर नेतृत्व करने, नैतिक मूल्यों को बनाए रखने और अपने जवानों के लिए मार्गदर्शक व आदर्श बनने का आह्वान किया। उन्होंने 14 मित्र देशों के 34 विदेशी अधिकारी कैडेट्स को भी प्रशिक्षण पूर्ण करने पर बधाई दी और कहा कि अकादमी में बनी मित्रताएँ देशों के बीच रक्षा संबंधों को सुदृढ़ करने वाले स्थायी बंधन का प्रतीक हैं। प्रशिक्षकों और स्टाफ की भूमिका को रेखांकित करते हुए उन्होंने उनके समर्पण और उत्कृष्टता की प्रशंसा की। साथ ही, गर्वित अभिभावकों को उनके त्याग और विश्वास के लिए धन्यवाद देते हुए राष्ट्र की ओर से आभार व्यक्त किया।

चाणक्य के शाश्वत ज्ञान का स्मरण कराते हुए थल सेनाध्यक्ष ने कहा कि भौतिक संपत्ति और जीवन क्षणभंगुर हैं, लेकिन धर्म—कर्तव्य और नैतिकता—शाश्वत है। उन्होंने प्रत्येक अधिकारी से राष्ट्र सेवा में सम्मान, निष्ठा और साहस बनाए रखने का आह्वान किया। अपने संबोधन के समापन में उन्होंने युवा अधिकारियों से सदैव उद्देश्यपूर्ण, सजग और समय से आगे रहने का आग्रह किया, ताकि वे भारत की संप्रभुता और भविष्य की सुरक्षा के सच्चे रक्षक बन सकें।

इस अवसर पर 157वें रेगुलर कोर्स, 46वें टेक्निकल एंट्री स्कीम कोर्स, 140वें टेक्निकल ग्रेजुएट कोर्स, 55वें स्पेशल कमीशंड ऑफिसर्स कोर्स और टेरिटोरियल आर्मी ऑनलाइन एंट्रेंस एग्ज़ाम 2023 कोर्स के कुल 525 अधिकारी कैडेट्स, साथ ही 14 मित्र देशों के 34 अधिकारी कैडेट्स को कमीशन प्रदान किया गया। यह कमीशनिंग न केवल भारत के रक्षा नेतृत्व को सशक्त करती है, बल्कि मित्र राष्ट्रों के साथ स्थायी सैन्य साझेदारियों की निरंतरता का भी प्रतीक है।

समारोह में गर्वित अभिभावक, परिवारजन, वरिष्ठ सैन्य अधिकारी और विशिष्ट अतिथि उपस्थित रहे। परेड का समापन पारंपरिक ‘अंतिम पग’ के साथ हुआ, जब नव-नियुक्त अधिकारी राष्ट्र की संप्रभुता, सम्मान और आदर्शों की रक्षा के संकल्प के साथ आगे बढ़े।

रिव्यूइंग ऑफिसर द्वारा प्रदान किए गए पुरस्कार:

  • स्वॉर्ड ऑफ ऑनर – अकादमी कैडेट एडजुटेंट निश्कल द्विवेदी

  • स्वर्ण पदक (ऑर्डर ऑफ मेरिट में प्रथम) – अकादमी कैडेट एडजुटेंट निश्कल द्विवेदी

  • रजत पदक (ऑर्डर ऑफ मेरिट में द्वितीय) – बटालियन अंडर ऑफिसर बादल यादव

  • कांस्य पदक (ऑर्डर ऑफ मेरिट में तृतीय) – सीनियर अंडर ऑफिसर कमलजीत सिंह

  • रजत पदक (ऑर्डर ऑफ मेरिट में प्रथम – टेक्निकल ग्रेजुएट कोर्स) – ऑफिसर कैडेट जाधव सुजीत संपत

  • रजत पदक (ऑर्डर ऑफ मेरिट में प्रथम – टेक्निकल एंट्री स्कीम-46) – विंग कैडेट कैप्टन अभिनव मेहरोत्रा

  • रजत पदक (स्पेशल कमीशंड ऑफिसर) – ऑफिसर कैडेट सुनील कुमार छेत्री

  • पदक (ऑर्डर ऑफ मेरिट में प्रथम – विदेशी कैडेट) – जूनियर अंडर ऑफिसर मोहम्मद सफ़ीन अशरफ़ (बांग्लादेश)

  • थल सेनाध्यक्ष बैनर – इंफाल कंपनी (ऑटम टर्म 2025 में 12 कंपनियों में सर्वश्रेष्ठ)

157वां कोर्स जब नेतृत्व और सेवा की अपनी यात्रा आरंभ करता है, तब भारतीय सैन्य अकादमी एक बार फिर यह प्रमाणित करती है कि वह साहस, पेशेवर दक्षता और राष्ट्र के प्रति अटूट समर्पण से युक्त अधिकारियों को गढ़ने वाली एक अग्रणी संस्था है।

CG NEWS : बोरे में बंद महिला का शव मिलने से सनसनी

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 दुर्ग। भिलाई शहर के चंद्रा मौर्या रेलवे अंडरब्रिज के पास उस समय हड़कंप मच गया, जब नाली से तेज दुर्गंध आने पर लोगों ने पुलिस को सूचना दी। चौहान स्टेट की ओर बनी नाली में पहले एक मानव हाथ दिखाई दिया, जिससे इलाके में दहशत फैल गई। प्रारंभिक तौर पर नाली में केवल हाथ पड़े होने की आशंका जताई गई, लेकिन सफाई के दौरान बोरे के भीतर बंद महिला का शव मिलने से मामला गंभीर हो गया।


सूचना मिलते ही सुपेला थाना पुलिस मौके पर पहुंची। सफाई कर्मियों की मदद से नाली में जमा कचरा हटाया गया, जिसके बाद बोरे में शव होने की पुष्टि हुई। बोरे को बाहर निकालने पर उसमें महिला की लाश मिलने से क्षेत्र में अफरा-तफरी का माहौल बन गया।

घटना की गंभीरता को देखते हुए एसएसपी विजय अग्रवाल, एएसपी सिटी सुखनंदन राठौर, सीएसपी भिलाई नगर सत्य प्रकाश तिवारी सहित डॉग स्क्वायड, फॉरेंसिक विशेषज्ञ, क्राइम ब्रांच और साइबर यूनिट की टीम भी मौके पर पहुंची। फॉरेंसिक जांच के साथ साक्ष्य संकलन की कार्रवाई शुरू की गई।

एसएसपी विजय अग्रवाल ने बताया कि शव से आ रही दुर्गंध के आधार पर महिला की मौत दो से तीन दिन पहले होने की आशंका है। फिलहाल मृतिका की पहचान नहीं हो सकी है। पुलिस आसपास लगे सीसीटीवी कैमरों के फुटेज खंगाल रही है, ताकि यह पता लगाया जा सके कि शव को बोरे में भरकर नाली में किसने और कब फेंका।

पुलिस के अनुसार महिला की मौत के कारणों का खुलासा पोस्टमार्टम रिपोर्ट और विस्तृत जांच के बाद ही हो सकेगा।

छत्तीसगढ़ को सर्दी से जल्द राहत, आज से कमजोर पड़ेगी शीतलहर

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 रायपुर। छत्तीसगढ़ में बीते कुछ दिनों से जारी कड़ाके की ठंड से जूझ रहे लोगों के लिए राहत की खबर है। मौसम विभाग के अनुसार हवा की दिशा में बदलाव के चलते राज्य में तापमान में धीरे-धीरे बढ़ोतरी होगी और आज रविवार से शीतलहर का प्रभाव कमजोर पड़ने लगेगा।


फिलहाल प्रदेशभर में न्यूनतम तापमान सामान्य से करीब 3 डिग्री सेल्सियस नीचे दर्ज किया जा रहा है। सरगुजा संभाग में ठंड का असर सबसे अधिक देखने को मिल रहा है। मैनपाट, तारबहार और बलरामपुर जैसे इलाकों में अत्यधिक ठंड के कारण पाला जमने जैसी स्थिति बन गई है। वहीं बिलासपुर से रायपुर तक रात और सुबह की सर्दी लोगों को कंपकंपी छुड़ाने पर मजबूर कर रही है।

बीते 24 घंटों में माना क्षेत्र में सबसे अधिक ठंड दर्ज की गई, जहां न्यूनतम तापमान सामान्य से 6 डिग्री कम होकर 7.5 डिग्री सेल्सियस पहुंच गया। वहीं लालपुर में न्यूनतम तापमान 12.3 डिग्री सेल्सियस रिकॉर्ड किया गया।

मौसम विशेषज्ञों के अनुसार आगामी 24 घंटों में न्यूनतम तापमान में बढ़ोतरी की शुरुआत होगी। अगले तीन दिनों के भीतर तापमान 2 से 3 डिग्री सेल्सियस तक बढ़ने की संभावना है, जिससे ठंड से आंशिक राहत मिलेगी।

राजधानी रायपुर में सुबह के समय हल्की धुंध छाए रहने के आसार हैं। यहां दिन का अधिकतम तापमान लगभग 29 डिग्री सेल्सियस और न्यूनतम तापमान 12 डिग्री सेल्सियस के आसपास रहने का अनुमान जताया गया है।

राष्ट्रीय लोक अदालत में 10 हजार से अधिक मामलों का निपटारा, ₹50 करोड़ से ज्यादा का समझौता

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 रायपुर। राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण (नालसा) के निर्देशानुसार शनिवार को रायपुर में आयोजित राष्ट्रीय लोक अदालत में लंबित एवं मुकदमे-पूर्व (प्री-लिटिगेशन) 10 हजार से अधिक मामलों का निराकरण किया गया। लोक अदालत के माध्यम से विभिन्न प्रकरणों में पक्षकारों के बीच ₹50 करोड़ से अधिक की राशि पर समझौता संपन्न हुआ।


जिला एवं सत्र न्यायाधीश तथा जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के अध्यक्ष के मार्गदर्शन में रायपुर जिला न्यायालय परिसर सहित अधीनस्थ न्यायालयों में 50 से अधिक पीठों का गठन किया गया। इन पीठों ने दिनभर सुनवाई कर आपसी सहमति के आधार पर प्रकरणों का निपटारा किया।

लोक अदालत में मोटर दुर्घटना दावा अधिकरण (एमएसीटी), बैंक वसूली, चेक अनादरण तथा वैवाहिक एवं पारिवारिक विवादों से जुड़े मामलों का सबसे अधिक निराकरण हुआ। प्रकरणों का समाधान सौहार्दपूर्ण वातावरण में किया गया।

लोक अदालत से लाभान्वित पक्षकारों ने त्वरित एवं किफायती न्याय मिलने पर संतोष व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि लोक अदालत के माध्यम से लंबी न्यायिक प्रक्रिया से राहत मिली है।

जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के सचिव ने बताया कि लोक अदालत का उद्देश्य आम नागरिकों को सरल, सुलभ और कम खर्च में न्याय उपलब्ध कराना है। उन्होंने आगामी लोक अदालतों में अधिक से अधिक लोगों से इसका लाभ उठाने की अपील की।

राष्ट्रीय लोक अदालत का यह आयोजन न्यायालयों में लंबित मामलों के बोझ को कम करने और वैकल्पिक विवाद निवारण प्रणाली को सशक्त बनाने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है।

चौथा सहकारी मेला 2025 असम में शुरू, राज्य में सहकारी आंदोलन और सामुदायिक सशक्तिकरण को मिला मंच

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असम सरकार के सहकारिता विभाग द्वारा आयोजित चौथा सहकारी मेला 2025 आज एईआई ग्राउंड, चांदमारी में उद्घाटित किया गया। यह तीन दिवसीय मेला 13 से 15 दिसंबर 2025 तक आयोजित किया जा रहा है और इसका उद्देश्य असम में सहकारी आंदोलन की ताकत, विविधता और संभावनाओं को प्रदर्शित करना है।

उद्घाटन समारोह

मेलें का औपचारिक उद्घाटन केंद्रीय राज्य मंत्री, सहकारिता, कृष्णपाल गुर्जर द्वारा किया गया, जिनके साथ असम के सहकारिता मंत्री,  जोगेन मोहन उपस्थित रहे।

केंद्रीय राज्य मंत्री का संबोधन

केंद्रीय राज्य मंत्री गुर्जर ने असम में सहकारी आंदोलन को राज्य की गहरी सांस्कृतिक और आध्यात्मिक परंपरा का स्वाभाविक विस्तार बताया। उन्होंने क्षेत्र के महान संत महापुरुष श्रीमंत शंकरदेव और महापुरुष माधवदेव को श्रद्धांजलि अर्पित की, जिनकी एकता, समानता और समाज सेवा की शिक्षाएँ सहकारी भावना की नींव हैं।

गुर्जर ने कहा कि प्रधानमंत्री की निर्णायक नेतृत्व क्षमता और केंद्रीय सहकारिता मंत्री के मार्गदर्शन के तहत “सहकार से समृद्धि” की राष्ट्रीय दृष्टि जीवंत वास्तविकता में बदल रही है। उन्होंने 2021 में सहकारिता मंत्रालय की स्थापना को ऐतिहासिक कदम बताते हुए कहा कि इसने भारत में एक समग्र, विश्वस्तरीय सहकारी प्रणाली के लिए आवश्यक संस्थागत ढांचा और स्पष्ट ब्लूप्रिंट प्रदान किया है।

गुर्जर ने असम में सुधारों की गति की भी प्रशंसा की, जिसे मुख्यमंत्री डॉ. हिमंता बिस्वा सरमा और राज्य सहकारिता मंत्री जोगेन मोहन के सक्रिय नेतृत्व के कारण संभव बताया। इस पहल के तहत असम ने 100% प्राथमिक कृषि ऋण समितियों (PACS) का कंप्यूटरीकरण सुनिश्चित किया है, और 800 से अधिक PACS ने नए मॉडल बाइलॉज को अपनाया है। उन्होंने कहा कि इस प्रगति से युवा और महिलाओं को सशक्त बनाया जा रहा है, उद्यमिता को बढ़ावा मिल रहा है और 32 लाख से अधिक सदस्यों के लिए वित्तीय समावेशन सुनिश्चित किया जा रहा है। असम राष्ट्रीय सहकारी नीति 2025 के लक्ष्य के अनुरूप है, जिसमें 2026 तक प्रत्येक गाँव में एक सहकारी संस्थान स्थापित करने का लक्ष्य रखा गया है।

असम के सहकारिता मंत्री का संबोधन

जोगेन मोहन ने चौथे सहकारी मेले को जमीनी स्तर पर सशक्तिकरण का जीवंत उदाहरण बताया। उन्होंने प्रतिभागियों की सराहना की, जिन्होंने स्थानीय रूप से उपलब्ध संसाधनों का उपयोग कर कचरे को मूल्यवान संसाधनों में बदलकर आत्मनिर्भरता और संसाधनfulness का प्रदर्शन किया। उन्होंने कहा कि इन सहकारी संस्थाओं के माध्यम से लोगों को विभिन्न क्षेत्रों में लाभ मिल रहा है, जैसे आवश्यक वस्तुओं का उत्पादन, महिला स्वयं सहायता समूहों की सफलता और युवाओं का सशक्तिकरण।

मेले की प्रमुख विशेषताएँ

  • इस मेले में 160 सहकारी समितियों ने भाग लिया, जो हेंडलूम, मछली पालन, डेयरी, कृषि और युवा एवं महिला नेतृत्व वाली उद्यमियों जैसे प्रमुख क्षेत्रों का प्रतिनिधित्व करती हैं।

  • मेला स्थानीय उत्पादों, नवाचारों और सहकारी सफलता की कहानियों को प्रदर्शित करने का जीवंत मंच प्रदान करता है।

  • अगले दो दिनों तक मेला प्रदर्शनी, इंटरैक्शन और ज्ञान साझा करने के सत्रों के माध्यम से सहकारिता-आधारित विकास को बढ़ावा देगा।

चौथा सहकारी मेला 2025 असम में सहकारी आंदोलन की ताकत और सामुदायिक सशक्तिकरण को उजागर करता है और राज्य में समृद्ध, आत्मनिर्भर और सहकारी नेतृत्व वाले भविष्य की दिशा में मार्गदर्शन प्रदान करता है।

ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कोल्हापुर में ग्रामीण डाक सेवक सम्मेलन में 6,000 डाक कर्मचारियों को संबोधित किया

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 केंद्रीय संचार और उत्तर-पूर्वी क्षेत्र विकास मंत्री ज्योतिरादित्य एम. सिंधिया ने 13 दिसंबर 2025 को कोल्हापुर में आयोजित ग्रामीण डाक सेवक सम्मेलन में गोवा और पुणे क्षेत्र के लगभग 6,000 ग्रामीण डाक सेवकों (GDS) को संबोधित किया।

सम्मेलन में मंत्री का संबोधन

सिंधिया ने महाराष्ट्र की स्थानीय भाषा मराठी में अपने मार्मिक संबोधन में डाक कर्मचारियों की निष्ठापूर्ण सेवा भावना की सराहना की। उन्होंने डाकियों को “विश्वास के पुल” बताते हुए कहा कि वे केवल पत्र नहीं पहुँचाते, बल्कि हर घर तक बैंकिंग, बीमा और सरकारी सेवाओं को भी पहुँचाते हैं। उन्होंने ग्रामीण भारत को जोड़ने और देश के विकास में उनके महत्वपूर्ण योगदान पर प्रकाश डाला।

सम्मेलन में उन्होंने डाक कर्मचारियों के लिए लागू कई कल्याण सुधारों का स्मरण कराया, जैसे कि ग्रामीण डाक सेवकों के बच्चों का केंद्रीय विद्यालयों में प्रवेश, भत्तों में वृद्धि, नए यूनिफॉर्म और जैकेट डिज़ाइन का परिचय, और प्रोजेक्ट एरो। उन्होंने कहा कि ये पहलें सरकार की उस प्रतिबद्धता का हिस्सा हैं जो अपने फील्ड कार्यबल की सुनती और उन्हें सशक्त बनाती है।

इंडिया पोस्ट का योगदान

सिंधिया ने भारत पोस्ट की अद्वितीय उपस्थिति का उल्लेख करते हुए कहा कि देशभर में 1.65 लाख से अधिक डाकघर हैं जो लगभग 6.5 लाख गांवों को सेवाएँ प्रदान करते हैं। उन्होंने विभाग को एक आधुनिक लॉजिस्टिक्स और सेवा केंद्र में बदलने का आह्वान किया, जो नवाचार, विश्वसनीयता और मूल्य आधारित दृष्टिकोण से संचालित हो। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दृष्टिकोण “डाकिया अब बैंक लाया” को स्मरण करते हुए उन्होंने बताया कि कैसे इंडिया पोस्ट ने केवल पत्र वितरण से आगे बढ़कर वित्तीय समावेशन और नागरिक सेवाओं का विश्वसनीय माध्यम बनकर अपनी सेवा भावना “सेवा भाव” को बनाए रखा है।

उत्कृष्ट डाक सेवकों का सम्मान

सम्मेलन का एक मुख्य आकर्षण महाराष्ट्र के 10 उत्कृष्ट ग्रामीण डाक सेवकों का सम्मान था। केंद्रीय मंत्री ने व्यक्तिगत रूप से प्रत्येक पुरस्कार विजेता से संवाद किया और उन्हें नई इंडिया पोस्ट जैकेट, कैप और डाकिया बैग पहनाया, जो डाक सेवा में गरिमा, पहचान और गर्व का प्रतीक बना। इस पहल को उपस्थित कर्मचारियों ने जोरदार तालियों और भावपूर्ण सराहना के साथ स्वीकार किया।

अन्य प्रमुख अतिथिगण

डायस पर छत्रपति शाहू महाराज, कोल्हापुर के सांसद; धनंजय महाडिक, कोल्हापुर के सांसद; जितेन्द्र गुप्ता, महानिदेशक, डाक सेवाएँ;  सुवेंदु कुमार स्वैन, सदस्य (पर्सनेल), डाक सेवा बोर्ड और अमिताभ सिंह, मुख्य डाकपाल, महाराष्ट्र सर्कल उपस्थित रहे।

एआई आधारित “भाषिणी” मंच का उपयोग

इस अवसर पर एआई-आधारित “भाषिणी” मंच का उपयोग किया गया, जिसे इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय (MeitY) के तहत विकसित किया गया है। इस पहल ने भाषाई और सांस्कृतिक अंतर को पाटने के लिए कृत्रिम बुद्धिमत्ता के उपयोग के माध्यम से एक समावेशी और बहुभाषी डिजिटल भारत के निर्माण में सरकार की दृष्टि को प्रदर्शित किया।

समापन

सिंधिया ने सभी डाक कर्मचारियों से गर्व, निष्ठा और नवाचार के साथ सेवा जारी रखने का आह्वान किया और देश सेवा और परिवर्तन की भावना को आगे बढ़ाने के लिए प्रेरित किया। अपने संबोधन का समापन उन्होंने कृतज्ञता व्यक्त करते हुए “धन्यवाद, जय हिंद” के साथ किया।

नक्सलवाद के उन्मूलन के साथ-साथ बस्तर में मूलभूत सुविधाओं का तेजी से हो रहा विकास - मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय

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रायपुर- मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने कहा है कि बस्तर अंचल का विकास राज्य सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकताओं में शामिल है। नक्सलवाद के उन्मूलन के साथ-साथ बस्तर में मूलभूत सुविधाओं का विकास तेजी से किया जा रहा है और बस्तर अब विकास की दिशा में सशक्त गति से आगे बढ़ रहा है। मुख्यमंत्री साय आज जगदलपुर में आयोजित बस्तर ओलम्पिक 2025 के समापन समारोह को संबोधित कर रहे थे।

मुख्यमंत्री साय ने कहा कि छत्तीसगढ़ एक समृद्ध राज्य है, किंतु माओवाद की समस्या प्रारंभ से ही राज्य के विकास में एक बड़ी बाधा रही है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के दृढ़ संकल्प के कारण अब माओवाद के अंत की स्पष्ट समय-सीमा तय की गई है। नियद नेल्ला नार योजना के दायरे को 5 किलोमीटर से बढ़ाकर 10 किलोमीटर तक विस्तारित किया गया है, जिसके माध्यम से 403 गांवों में बिजली, पेयजल, स्वास्थ्य, शिक्षा सहित अन्य मूलभूत सुविधाएं तेजी से पहुंचने लगी हैं।

मुख्यमंत्री साय ने आगे कहा कि माओवाद के कारण बंद पड़े स्कूल अब पुनः खुल रहे हैं। सड़कों का व्यापक नेटवर्क विकसित कर अंदरूनी इलाकों को आवागमन की सुविधा से जोड़ा जा रहा है। माओवाद से मुक्त गांवों में जनहितकारी योजनाओं का पूर्ण सेचुरेशन किया जा रहा है। इन सभी सकारात्मक प्रयासों के परिणामस्वरूप विकास के प्रति आमजन का विश्वास लगातार बढ़ रहा है। मुख्यमंत्री साय ने बस्तर ओलम्पिक में भाग लेने वाले सभी प्रतिभागियों का उत्साहवर्धन करते हुए उन्हें बधाई दी तथा आगामी वर्ष और बेहतर प्रदर्शन के लिए शुभकामनाएं प्रेषित कीं।

इस अवसर पर विधानसभा अध्यक्ष डॉ. रमन सिंह ने कहा कि बस्तर देश में एक नया इतिहास रच रहा है। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि 31 मार्च 2026 तक नक्सलवाद पूर्ण रूप से समाप्त होगा और बस्तर पुनः खुशहाल बनेगा। कार्यक्रम को उपमुख्यमंत्री  अरुण साव एवं  विजय शर्मा ने भी संबोधित किया और बस्तर ओलम्पिक के सफल आयोजन के लिए खिलाड़ियों को बधाई दी। विधायक जगदलपुर किरण देव ने स्वागत उद्बोधन में सभी अतिथियों एवं खिलाड़ियों का आत्मीय स्वागत किया। समारोह के अंत में सांसद  महेश कश्यप ने आभार व्यक्त किया।

इस मौके पर केबिनेट मंत्री  केदार कश्यप, सांसद भोजराज नाग, बस्तर क्षेत्र आदिवासी विकास प्राधिकरण की उपाध्यक्ष लता उसेंडी, विधायक विक्रम उसेंडी, नीलकंठ टेकाम, विनायक गोयल, आशाराम नेताम, छत्तीसगढ़ बेवरेज कॉर्पोरेशन के अध्यक्ष श्रीनिवास राव मद्दी, छत्तीसगढ़ अनुसूचित जनजाति आयोग के अध्यक्ष  रूपसिंह मंडावी, छत्तीसगढ़ राज्य युवा आयोग के अध्यक्ष विश्व विजय सिंह तोमर, नगर निगम जगदलपुर के महापौर संजय पांडे सहित अनेक जनप्रतिनिधि तथा बड़ी संख्या में खेलप्रेमी एवं गणमान्य नागरिक उपस्थित थे।

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