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राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने ‘जशक्राफ्ट’ एवं जशपुर की जनजातीय मातृशक्ति के कौशल की सराहना की

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रायपुर। भारत की राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने गुमला (झारखंड) में आयोजित अंतर्राज्यीय जन-सांस्कृतिक समागम ‘कार्तिक जतरा’ कार्यक्रम में जशपुर जिले की स्व-सहायता समूहों से जुड़ी जनजातीय महिलाओं के कार्यों, कौशल और आत्मनिर्भरता की प्रशंसा की। उन्होंने विशेष रूप से ‘जशक्राफ्ट’ से जुड़ी बहनों के प्रयासों का उल्लेख करते हुए कहा कि उनके द्वारा तैयार किए जा रहे आभूषण एवं पर्यावरण-अनुकूल उत्पाद महिला सशक्तिकरण के सशक्त उदाहरण हैं।

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने जशपुर वनमंडल अंतर्गत वन प्रबंधन समिति शब्दमुंडा, ग्राम कोटानपानी के स्व-सहायता समूह की महिलाओं द्वारा निर्मित उत्पादों को जनजातीय सृजनशीलता, आत्मनिर्भरता और सांस्कृतिक संरक्षण का प्रेरक प्रतीक बताया। उन्होंने कहा कि इस प्रकार के प्रयास न केवल आजीविका के साधन बढ़ाते हैं, बल्कि परंपरागत कला और हस्तशिल्प को नई पहचान भी दिलाते हैं।

मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने कहा कि जशपुर की जनजातीय मातृशक्ति, विशेषकर ‘जशक्राफ्ट’ से जुड़ी बहनों के कौशल और स्वावलंबन की प्रशंसा पूरे छत्तीसगढ़ के लिए गौरव का विषय है। मुख्यमंत्री ने कहा कि ग्राम कोटानपानी की स्व-सहायता समूह की बहनों द्वारा तैयार आभूषण एवं पर्यावरण-अनुकूल उत्पाद हमारी समृद्ध सांस्कृतिक विरासत और महिलाओं की मेहनत व सृजनात्मकता के जीवंत प्रतीक हैं।

मुख्यमंत्री ने कहा कि राष्ट्रपति का यह स्नेहपूर्ण आशीर्वाद और प्रोत्साहन जनजातीय मातृशक्ति के आत्मविश्वास, आत्मनिर्भर भारत के संकल्प तथा “वोकल फॉर लोकल” की भावना को और अधिक सशक्त करेगा। उन्होंने जशपुर की समस्त जनजातीय बहनों की ओर से राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु के प्रति हार्दिक आभार व्यक्त किया।

कार्यक्रम के दौरान जनजातीय हस्तशिल्प, पारंपरिक लोककला तथा स्व-सहायता समूहों के उत्पादों की प्रदर्शनी भी आकर्षण का केंद्र रही। छत्तीसगढ़ के प्रतिनिधि दल ने जशपुर जिले की विशिष्ट शिल्प परंपरा और स्थानीय उत्पादों का प्रदर्शन कर जनजातीय सशक्तिकरण का सशक्त संदेश दिया।

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने कहा कि युवाओं और आने वाली पीढ़ियों को जनजातीय समुदायों की परंपराओं से जोड़ना अत्यंत आवश्यक है। अपनी जनजातीय विरासत और पहचान को सुरक्षित रखते हुए हमारे युवाओं को आधुनिक विकास के मार्ग पर तेजी से आगे बढ़ना चाहिए। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि जनजातीय समुदाय के सभी सदस्य अपनी धरोहर को संजोए रखते हुए प्रगति के पथ पर निरंतर आगे बढ़ते रहेंगे।

मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने कहा कि यह अत्यंत सौभाग्य की बात है कि मांझाटोली (झारखंड) में अंतरराज्यीय जन सांस्कृतिक समागम - कार्तिक यात्रा का आयोजन हुआ है। यह आयोजन न केवल सांस्कृतिक विरासत का सम्मान है, बल्कि जनजातीय समाज को जोड़ने वाला सेतु भी है। उन्होंने कहा कि इस ऐतिहासिक कार्यक्रम में शामिल होना उनके लिए गर्व और आस्था दोनों का विषय है।

मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में संपूर्ण देश भगवान बिरसा मुंडा की जयंती 15 नवंबर को जनजातीय गौरव दिवस के रूप में मनाता है।भगवान बिरसा मुंडा केवल एक महान स्वतंत्रता सेनानी ही नहीं, बल्कि जंगल, जल और जमीन की रक्षा के प्रतीक हैं। उनकी प्रेरणा ने आदिवासी समाज में आत्मगौरव की भावना को सशक्त किया है। 

मुख्यमंत्री साय ने कहा कि पंकजराज साहेब कार्तिक उरांव जैसे जननायकों ने भी शिक्षा, सामाजिक एकता और जनजातीय पहचान के संरक्षण के लिए महत्वपूर्ण योगदान दिया है।

मुख्यमंत्री साय ने अपने संबोधन में कहा कि एक समय था जब बस्तर क्षेत्र में नक्सलवाद ने विकास के रास्ते रोक रखे थे। सड़क, बिजली, पानी, स्वास्थ्य और शिक्षा जैसी बुनियादी सुविधाएं वहां तक नहीं पहुंच पाती थीं लेकिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह के मजबूत नेतृत्व और स्पष्ट नीति के कारण अब स्थितियाँ बदल रही हैं। बस्तर में तेजी से विकास कार्य हो रहे हैं, सुरक्षा व्यवस्था सुदृढ़ हुई है और शासन व्यवस्था गांव-गांव तक पहुंच रही है।

उन्होंने कहा कि नक्सलवाद अब अपनी अंतिम सांसें गिन रहा है। 400 से अधिक गांव नक्सली प्रभाव से मुक्त हो चुके हैं और लोगों के जीवन में नई उम्मीद जगी है। आज उन इलाकों में सड़क, बिजली, पानी, राशन, चिकित्सा सुविधाएं और शिक्षा के अवसर उपलब्ध हो रहे हैं। बस्तर के लोग लंबे समय से शांति और विकास चाहते थे, और अब उनका यह सपना धरातल पर उतरता दिखाई दे रहा है। उन्होंने कहा कि पर्यटन को बढ़ावा देने की दिशा में भी राज्य सरकार लगातार प्रयासरत है, जिससे स्थानीय युवाओं के लिए नए रोजगार के अवसर सृजित होंगे।

मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने कहा कि यह भी हर्ष का विषय है कि पूर्व प्रधानमंत्री भारत रत्न अटल बिहारी वाजपेयी जी के दूरदर्शी नेतृत्व में ही झारखंड और छत्तीसगढ़ जैसे राज्यों का गठन संभव हो पाया। उन्होंने कहा कि आज इन राज्यों की जनता अपने अलग पहचान और तेज़ी से प्रगति के मार्ग पर आगे बढ़ रही है। मुख्यमंत्री ने विश्वास व्यक्त किया कि तीनों राज्यों का यह सांस्कृतिक संगम आगे भी शांति, प्रगति और समृद्धि का संदेश देता रहेगा तथा नक्सलवाद पर निर्णायक विजय का अध्याय आने वाले समय में पूरा होगा।


छत्तीसगढ़ का जनजातीय गौरव- मातृशक्ति के कौशल से बदलती तस्वीर

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 रायपुर : भारत की राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने गुमला (झारखंड) में आयोजित अंतर्राज्यीय जन-सांस्कृतिक समागम ‘कार्तिक जतरा’ कार्यक्रम में जशपुर जिले की स्व-सहायता समूहों से जुड़ी जनजातीय महिलाओं के कार्यों, कौशल और आत्मनिर्भरता की प्रशंसा की। उन्होंने विशेष रूप से ‘जशक्राफ्ट’ से जुड़ी बहनों के प्रयासों का उल्लेख करते हुए कहा कि उनके द्वारा तैयार किए जा रहे आभूषण एवं पर्यावरण-अनुकूल उत्पाद महिला सशक्तिकरण के सशक्त उदाहरण हैं।


राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने जशपुर वनमंडल अंतर्गत वन प्रबंधन समिति शब्दमुंडा, ग्राम कोटानपानी के स्व-सहायता समूह की महिलाओं द्वारा निर्मित उत्पादों को जनजातीय सृजनशीलता, आत्मनिर्भरता और सांस्कृतिक संरक्षण का प्रेरक प्रतीक बताया। उन्होंने कहा कि इस प्रकार के प्रयास न केवल आजीविका के साधन बढ़ाते हैं, बल्कि परंपरागत कला और हस्तशिल्प को नई पहचान भी दिलाते हैं।

मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने कहा कि जशपुर की जनजातीय मातृशक्ति, विशेषकर ‘जशक्राफ्ट’ से जुड़ी बहनों के कौशल और स्वावलंबन की प्रशंसा पूरे छत्तीसगढ़ के लिए गौरव का विषय है। मुख्यमंत्री ने कहा कि ग्राम कोटानपानी की स्व-सहायता समूह की बहनों द्वारा तैयार आभूषण एवं पर्यावरण-अनुकूल उत्पाद हमारी समृद्ध सांस्कृतिक विरासत और महिलाओं की मेहनत व सृजनात्मकता के जीवंत प्रतीक हैं।

मुख्यमंत्री ने कहा कि राष्ट्रपति का यह स्नेहपूर्ण आशीर्वाद और प्रोत्साहन जनजातीय मातृशक्ति के आत्मविश्वास, आत्मनिर्भर भारत के संकल्प तथा “वोकल फॉर लोकल” की भावना को और अधिक सशक्त करेगा। उन्होंने जशपुर की समस्त जनजातीय बहनों की ओर से राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मु के प्रति हार्दिक आभार व्यक्त किया।

कार्यक्रम के दौरान जनजातीय हस्तशिल्प, पारंपरिक लोककला तथा स्व-सहायता समूहों के उत्पादों की प्रदर्शनी भी आकर्षण का केंद्र रही। छत्तीसगढ़ के प्रतिनिधि दल ने जशपुर जिले की विशिष्ट शिल्प परंपरा और स्थानीय उत्पादों का प्रदर्शन कर जनजातीय सशक्तिकरण का सशक्त संदेश दिया।

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने कहा कि युवाओं और आने वाली पीढ़ियों को जनजातीय समुदायों की परंपराओं से जोड़ना अत्यंत आवश्यक है। अपनी जनजातीय विरासत और पहचान को सुरक्षित रखते हुए हमारे युवाओं को आधुनिक विकास के मार्ग पर तेजी से आगे बढ़ना चाहिए। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि जनजातीय समुदाय के सभी सदस्य अपनी धरोहर को संजोए रखते हुए प्रगति के पथ पर निरंतर आगे बढ़ते रहेंगे।

मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने कहा कि यह अत्यंत सौभाग्य की बात है कि मांझाटोली (झारखंड) में अंतरराज्यीय जन सांस्कृतिक समागम - कार्तिक यात्रा का आयोजन हुआ है। यह आयोजन न केवल सांस्कृतिक विरासत का सम्मान है, बल्कि जनजातीय समाज को जोड़ने वाला सेतु भी है। उन्होंने कहा कि इस ऐतिहासिक कार्यक्रम में शामिल होना उनके लिए गर्व और आस्था दोनों का विषय है।

मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में संपूर्ण देश भगवान बिरसा मुंडा की जयंती 15 नवंबर को जनजातीय गौरव दिवस के रूप में मनाता है।भगवान बिरसा मुंडा केवल एक महान स्वतंत्रता सेनानी ही नहीं, बल्कि जंगल, जल और जमीन की रक्षा के प्रतीक हैं। उनकी प्रेरणा ने आदिवासी समाज में आत्मगौरव की भावना को सशक्त किया है।

मुख्यमंत्री साय ने कहा कि पंकजराज साहेब कार्तिक उरांव जैसे जननायकों ने भी शिक्षा, सामाजिक एकता और जनजातीय पहचान के संरक्षण के लिए महत्वपूर्ण योगदान दिया है।

मुख्यमंत्री साय ने अपने संबोधन में कहा कि एक समय था जब बस्तर क्षेत्र में नक्सलवाद ने विकास के रास्ते रोक रखे थे। सड़क, बिजली, पानी, स्वास्थ्य और शिक्षा जैसी बुनियादी सुविधाएं वहां तक नहीं पहुंच पाती थीं लेकिन प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह के मजबूत नेतृत्व और स्पष्ट नीति के कारण अब स्थितियाँ बदल रही हैं। बस्तर में तेजी से विकास कार्य हो रहे हैं, सुरक्षा व्यवस्था सुदृढ़ हुई है और शासन व्यवस्था गांव-गांव तक पहुंच रही है।

उन्होंने कहा कि नक्सलवाद अब अपनी अंतिम सांसें गिन रहा है। 400 से अधिक गांव नक्सली प्रभाव से मुक्त हो चुके हैं और लोगों के जीवन में नई उम्मीद जगी है। आज उन इलाकों में सड़क, बिजली, पानी, राशन, चिकित्सा सुविधाएं और शिक्षा के अवसर उपलब्ध हो रहे हैं। बस्तर के लोग लंबे समय से शांति और विकास चाहते थे, और अब उनका यह सपना धरातल पर उतरता दिखाई दे रहा है। उन्होंने कहा कि पर्यटन को बढ़ावा देने की दिशा में भी राज्य सरकार लगातार प्रयासरत है, जिससे स्थानीय युवाओं के लिए नए रोजगार के अवसर सृजित होंगे।

मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने कहा कि यह भी हर्ष का विषय है कि पूर्व प्रधानमंत्री भारत रत्न अटल बिहारी वाजपेयी जी के दूरदर्शी नेतृत्व में ही झारखंड और छत्तीसगढ़ जैसे राज्यों का गठन संभव हो पाया। उन्होंने कहा कि आज इन राज्यों की जनता अपने अलग पहचान और तेज़ी से प्रगति के मार्ग पर आगे बढ़ रही है। मुख्यमंत्री ने विश्वास व्यक्त किया कि तीनों राज्यों का यह सांस्कृतिक संगम आगे भी शांति, प्रगति और समृद्धि का संदेश देता रहेगा तथा नक्सलवाद पर निर्णायक विजय का अध्याय आने वाले समय में पूरा होगा।

CG NEWS : नहर में शव मिलने से पुलिस अलर्ट, फॉरेंसिक टीम ने शुरू की जांच

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 दुर्ग/भिलाई। ट्रांसपोर्ट नगर स्थित नहर में आज सुबह अज्ञात युवक का शव मिलने से इलाके में सनसनी फैल गई। सुबह नहर किनारे टहल रहे कुछ लोगों ने शव तैरता देखा और इसकी सूचना खुर्शीपार थाना को दी।


पुलिस मौके पर पहुंची और मर्ग कायम कर शव को मर्चुरी भेजा गया। पुलिस मामले की विवेचना कर रही है। प्रारंभिक अनुमान के अनुसार, युवक कल रात नशे में नहर किनारे पहुंचा होगा और पैर फिसलने से नहर में गिरकर डूब गया।

सूचना मिलने पर फॉरेंसिक टीम भी घटनास्थल पर पहुंची। पंचनामा कार्यवाही के बाद शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजा गया ताकि मौत के वास्तविक कारण का पता चल सके।

पुलिस ने बताया कि नहर के किनारे कुछ असामाजिक तत्वों का अड्डा है, जहाँ लोग शराब पीते हैं। शव के आसपास शराब की बोतलें भी मिली हैं। पुलिस ने इलाके के लोगों से पूछताछ शुरू कर दी है। साथ ही, आसपास लगे सीसीटीवी कैमरे खंगाले जा रहे हैं।

फिलहाल अज्ञात शव की पहचान नहीं हो सकी है और पुलिस उसकी पहचान करने में जुटी हुई है। फॉरेंसिक एक्सपर्ट हर पहलू की बारीकी से जांच कर रहे हैं।

विधायक लखेश्वर बघेल की पत्नी पर जानलेवा हमला, हालत गंभीर, आईसीयू में भर्ती

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 बस्तर। जिले में हड़कंप मच गया जब बस्तर विधायक लखेश्वर बघेल की पत्नी पर धारदार हथियार से जानलेवा हमला किया गया। हमले में उनके दोनों हाथों की नसें कट गई हैं और गले पर गंभीर चोट के निशान हैं। घटना के बाद पूरे इलाके में सनसनी फैल गई।


जानकारी के अनुसार, घायल को आज सुबह करीब 8 बजे महारानी अस्पताल लाया गया, जहाँ डॉक्टरों ने उनकी नाजुक स्थिति को देखते हुए तुरंत आईसीयू में भर्ती कर दिया। विशेषज्ञ डॉक्टरों की टीम लगातार उनकी निगरानी कर रही है।

घटना की सूचना मिलते ही पुलिस विभाग में हड़कंप मच गया। वरिष्ठ अधिकारी तुरंत अस्पताल और घटनास्थल पर पहुंचे और मामले की जांच शुरू कर दी। अस्पताल परिसर में सुरक्षा व्यवस्था को देखते हुए अतिरिक्त पुलिस बल तैनात किया गया ताकि किसी भी अव्यवस्था से बचा जा सके।

पुलिस सभी संभावित पहलुओं से मामले की जांच कर रही है। फिलहाल यह स्पष्ट नहीं हो सका कि हमला किन परिस्थितियों में और किसने किया। परिजनों और आसपास के लोगों से भी पूछताछ की जा रही है।

इस गंभीर घटना के बाद राजनीतिक और सामाजिक हलकों में भी चिंता का माहौल है। पुलिस ने आश्वासन दिया है कि जल्द ही मामले का खुलासा कर आरोपियों को गिरफ्तार किया जाएगा।

धान से आगे सोच : मखाना खेती से बदलेगी धमतरी की ग्रामीण महिलाओं की आर्थिक तस्वीर

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धमतरी। कृषि विविधीकरण और महिला सशक्तिकरण की दिशा में धमतरी जिले ने एक और ठोस कदम बढ़ाया है। विकासखंड नगरी के ग्राम सांकरा से 40 इच्छुक महिला किसान समूह का एक दल रायपुर जिले के विकासखंड आरंग अंतर्गत ग्राम लिंगाडीह पहुंचा, जहाँ उन्होंने मखाना प्रोसेसिंग एवं आधुनिक खेती तकनीक का व्यावहारिक प्रशिक्षण प्राप्त किया। इस अध्ययन भ्रमण एवं प्रशिक्षण की संपूर्ण व्यवस्था जिला उद्यानिकी विभाग, धमतरी द्वारा की गई। 

ख़ास कर कलेक्टर अबिनाश मिश्रा मखाना खेती को बढ़ावा देने और किसानों को प्रशिक्षण और तकनीकी जानकारी को लेकर रुचि ले रहे है। अब जल्द ही धान से आगे सोच से मखाना खेती से धमतरी की ग्रामीण महिलाओं की आर्थिक तस्वीर बदलेगी। छोटी-छोटी डबरी से समृद्धि तक धमतरी की महिलाओं को मखाना खेती में आर्थिक आत्मनिर्भरता की नई राह दिखायी दे रही है । शासकीय प्रयासों का प्रतिफल है कि मखाना खेती से धमतरी में आर्थिक सशक्तिकरण होगा।

कलेक्टर अबिनाश मिश्रा के सतत प्रयासों से धमतरी जिले के ग्राम राखी, पीपरछेड़ी, दंडेसरा, राँकाडोह एवं सांकरा में लगभग 90 एकड़ क्षेत्र में डबरी चिन्हांकन कर मखाना खेती की शुरुआत हो चुकी है। महिला किसानों ने स्थानीय ओजस फार्म का भ्रमण करते हुए मखाना की खेती, कटाई, प्रसंस्करण और विपणन से जुड़ी संपूर्ण श्रृंखला को नजदीक से समझा। फार्म प्रबंधक संजय नामदेव ने किसानों को बताया कि मखाना की खेती के लिए जलभराव वाली डबरी, तालाब या जल संरचनाएं उपयुक्त होती हैं। उन्होंने तकनीकी पहलुओं, बीज चयन, उत्पादन लागत और बाजार संभावनाओं पर विस्तार से जानकारी दी तथा यह भी बताया कि उचित प्रशिक्षण एवं सरकारी सहयोग से यह फसल किसानों के लिए अत्यंत लाभकारी सिद्ध हो सकती है।

इस अवसर पर शिव साहू ने मखाना खेती के व्यावसायिक पक्ष पर प्रकाश डालते हुए बताया कि यह फसल कम जोखिम वाली है और इससे स्थायी आय का मजबूत स्रोत विकसित किया जा सकता है। महिला किसानों ने भी अपने अनुभव साझा करते हुए कहा कि मखाना खेती से उन्हें आत्मनिर्भर बनने का नया अवसर दिखाई दे रहा है।

बिहार के दरभंगा निवासी मखाना प्रोसेसिंग विशेषज्ञ रोहित साहनी फोड़ी ने प्रसंस्करण की बारीकियां समझाते हुए बताया कि 1 किलो मखाना बीज से लगभग 200 से 250 ग्राम पॉप तैयार होता है, जिसकी बाजार कीमत ₹700 से ₹1000 प्रति किलो तक होती है। उन्होंने स्पष्ट किया कि यदि किसान स्वयं उत्पादन के साथ प्रसंस्करण एवं पैकेजिंग करें, तो प्रति एकड़ लाभ में उल्लेखनीय वृद्धि संभव है।

इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय के प्रमुख वैज्ञानिक ने वैज्ञानिक दृष्टिकोण से जानकारी देते हुए बताया कि प्रति एकड़ लगभग 20 किलो बीज की आवश्यकता होती है और औसत उत्पादन 10 किं्वटल तक प्राप्त किया जा सकता है। उन्होंने यह भी बताया कि छह माह की अवधि वाली इस फसल में कीट-व्याधि का प्रकोप नगण्य होता है तथा चोरी जैसी समस्याएं भी नहीं होतीं, जिससे यह किसानों के लिए सुरक्षित विकल्प बनती है।

उप संचालक उद्यानिकी, धमतरी डॉ.पूजा कश्यप साहू के मार्गदर्शन में ग्रामीण उद्यानिकी अधिकारी चंद्रप्रकाश साहू एवं बीटीएम पीताम्बर भुआर्य के साथ आए किसानों ने मखाना बोर्ड एवं राज्य शासन की योजनाओं की जानकारी प्राप्त की। डॉ.पूजा ने बताया कि मखाना की खेती को प्रोत्साहन देने हेतु प्रशिक्षण, तकनीकी सहायता एवं सब्सिडी जैसी सुविधाएं उपलब्ध कराई जा रही हैं।

उल्लेखनीय है कि छत्तीसगढ़ में सर्वप्रथम व्यावसायिक मखाना उत्पादन आरंग विकासखंड के ग्राम लिंगाडीह में स्वर्गीय श्री कृष्ण कुमार चंद्राकर द्वारा प्रारंभ किया गया था, जहाँ राज्य का पहला मखाना प्रसंस्करण केंद्र भी स्थापित हुआ।

आज मखाना उत्पादन छत्तीसगढ़ की नई कृषि पहचान बन रहा है। धमतरी की महिला किसानों का यह प्रयास न केवल कृषि नवाचार का उदाहरण है, बल्कि यह दर्शाता है कि सही मार्गदर्शन,प्रशिक्षण और प्रशासनिक संकल्प से ग्रामीण अर्थव्यवस्था को नई दिशा दी जा सकती है।


स्कूल में शर्मनाक हरकत! शिक्षिकाओं ने प्रधान पाठक पर लगाए गंभीर आरोप

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 बलरामपुर। कुसमी विकासखंड के बैरडीह खुर्द प्राथमिक स्कूल में पदस्थ प्रधान पाठक बीरबल यादव पर महिला शिक्षकों के साथ अभद्र हरकतें करने के गंभीर आरोप लगे हैं। आरोपों से जुड़ा एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद शिक्षा विभाग में हड़कंप मच गया है।


महिला शिक्षकों का आरोप है कि प्रधान पाठक द्वारा बार-बार अश्लील व्यवहार किया गया और अनुचित संबंध बनाने का दबाव डाला गया। इससे परिसर का वातावरण बिगड़ रहा है तथा शिक्षिकाएँ मानसिक रूप से परेशान हैं।

ग्रामीणों का कहना है कि आरोपी शिक्षक बच्चों की पढ़ाई पर भी ध्यान नहीं देते और अक्सर धमकीपूर्ण रवैया अपनाते हैं। घटना सामने आने के बाद ग्रामवासियों में आक्रोश का माहौल है।

मामले पर जिला शिक्षा अधिकारी ने संज्ञान लेते हुए विकासखंड शिक्षा अधिकारी को जांच के निर्देश दिए हैं। विभाग का कहना है कि जांच रिपोर्ट के आधार पर नियमानुसार कड़ी कार्रवाई की जाएगी।

छाती के दुर्लभ कैंसर का सफल ऑपरेशन, अम्बेडकर अस्पताल रायपुर में बची मरीज की जान

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रायपुर। पं. जवाहरलाल नेहरू स्मृति चिकित्सा महाविद्यालय से संबद्ध डॉ. भीमराव अम्बेडकर स्मृति चिकित्सालय, रायपुर के कैंसर सर्जरी विभाग ने चिकित्सा क्षेत्र में एक और उल्लेखनीय उपलब्धि हासिल की है। कैंसर सर्जरी विभाग की टीम ने छाती के एक दुर्लभ एवं जटिल कैंसर; मेडियास्टाइनल जर्म सेल ट्यूमर का सफल ऑपरेशन कर एक बार फ़िर एक 29 वर्षीय पुरुष मरीज की जान बचाई। मरीज छाती में गांठ, सांस लेने में तकलीफ और लगातार दर्द की शिकायत के साथ अस्पताल पहुंचा था। 

कैंसर सर्जरी विभागाध्यक्ष डॉ. आशुतोष गुप्ता ने केस की विस्तृत जानकारी देते हुए बताया कि- पूर्व में मरीज का उपचार एम्स रायपुर के कैंसर विभाग में चल रहा था, जहां बायोप्सी जांच में मेडियास्टाइनल जर्म सेल ट्यूमर की पुष्टि हुई। प्रारंभिक जांच में छाती के बीच स्थित गांठ का आकार लगभग 13x18x16 सेंटीमीटर पाया गया, जो हृदय के समीप बड़ी रक्त नलियों से चिपकी हुई थी। उच्च जोखिम को देखते हुए एम्स रायपुर के चिकित्सकों ने पहले कीमोथेरेपी देने का निर्णय लिया।

जनवरी 2025 से जून 2025 तक मरीज को छह चक्र (cycle) कीमोथेरेपी दी गई, जिससे गांठ का आकार घटकर 4x3x4 सेंटीमीटर रह गया। इसके बाद मरीज को एम्स रायपुर से रेफर कर डॉ. भीमराव अम्बेडकर स्मृति चिकित्सालय के कैंसर सर्जरी विभागाध्यक्ष डॉ. आशुतोष गुप्ता के पास भेजा गया।

डॉ. गुप्ता ने सभी जांच रिपोर्टों का गहन परीक्षण करने के बाद सर्जरी का निर्णय लिया। गांठ की संवेदनशील स्थिति को देखते हुए हृदय सर्जरी विभागाध्यक्ष से परामर्श लिया गया तथा निश्चेतना विभाग से सर्जरी की फिटनेस प्राप्त की गई। लगभग 3 से 4 घंटे तक चली इस जटिल सर्जरी में गांठ को बाएं फेफड़े के एक हिस्से सहित अत्यंत निपुणता से निकाला गया। 

सर्जरी पूरी तरह सफल रही और मरीज को कुछ दिनों के उपचार के बाद स्वस्थ अवस्था में अस्पताल से छुट्टी दे दी गई। उपचार के बाद मरीज समय- समय पर फॉलोअप के लिए चिकित्सालय आ रहा है। 

इस जटिल ऑपरेशन में डॉ. आशुतोष गुप्ता, डॉ. के. के. साहू, डॉ. किशन सोनी, डॉ. गुंजन अग्रवाल, डॉ. सुश्रुत अग्रवाल, डॉ. समृद्ध, डॉ. लावण्या, डॉ. सोनम एवं डॉ. अनिल की महत्वपूर्ण भूमिका रही।

मेडियास्टाइनल जर्म सेल ट्यूमर छाती के मध्य भाग में जर्म कोशिकाओं से उत्पन्न होने वाला दुर्लभ कैंसर है, जो सामान्यतः 20 से 40 वर्ष आयु वर्ग के पुरुषों में पाया जाता है। इसके प्रमुख लक्षणों में खांसी, सांस लेने में तकलीफ और छाती में दर्द शामिल हैं। इस कैंसर का उपचार कीमोथेरेपी एवं सर्जरी के माध्यम से किया जाता है, जिसमें सर्जिकल ऑन्कोलॉजिस्ट और रेडिएशन ऑन्कोलॉजिस्ट मिलकर कार्य करते हैं।

यदि इस कैंसर का समय रहते पता चल जाए और उचित उपचार किया जाए तो पांच वर्षीय सर्वाइवल रेट 90 प्रतिशत से अधिक होता है।

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री नड्डा ने की प्रदेश की स्वास्थ्य स्थिति की उच्च स्तरीय समीक्षा

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रायपुर। स्वास्थ्य सेवाओं में तेज़ और प्रभावी सुधार की दिशा में केंद्र सरकार ने निर्णायक कदम उठाते हुए छत्तीसगढ़ के साथ उच्च स्तरीय समीक्षा बैठक की अध्यक्षता की। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जे.पी. नड्डा ने बैठक में राज्यों को स्वास्थ्य क्षेत्र में मिशन मोड में कार्य करने के निर्देश देते हुए कहा कि “टीबी मुक्त भारत का लक्ष्य समयबद्ध रूप से प्राप्त किया जाएगा तथा जनभागीदारी आधारित मॉडल से स्वास्थ्य सेवाओं को जमीनी स्तर पर सुदृढ़ किया जाएगा।”

बैठक के दौरान प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल, सचिव स्वास्थ्य अमित कटारिया, मिशन संचालक राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन  रणबीर शर्मा व अन्य विभागीय अधिकारी उपस्थित रहे।

इस दौरान नड्डा ने दवा विनियमन को कड़ा करने, निदान सुविधाओं का विस्तार करने, टेलीमेडिसिन व रोगी-केंद्रित देखभाल को बढ़ावा देने तथा जनभागीदारी को व्यापक रूप से सुनिश्चित करने पर विशेष बल दिया गया।केंद्रीय मंत्री ने बताया कि देशभर में स्वास्थ्य परामर्श अभियान की शुरुआत की गई है, जिसके माध्यम से औषधि प्रबंधन, निदान सेवाओं और जनस्वास्थ्य पहलों को नई दिशा मिलेगी और इनका प्रभाव सीधे नागरिकों तक पहुँचेगा।

केंद्रीय मंत्री ने निर्देश दिए कि राज्यों के सभी रक्तकोष निर्धारित सुरक्षा मानकों का पूर्ण पालन सुनिश्चित करें तथा उनकी नियमित निगरानी व निरीक्षण को कठोर बनाया जाए। नि:शुल्क औषधि एवं निदान योजना के अंतर्गत अधिकतम जनसंख्या को लाभान्वित करने, खाद्य पदार्थों में मिलावट की रोकथाम को प्राथमिकता देने और खाद्य एवं औषधि परीक्षण क्षमता को बढ़ाने के लिए राज्यों को ठोस कार्ययोजना बनाने के निर्देश दिए गए।

बैठक में क्षय रोग उन्मूलन कार्यक्रम को तेज़ी से आगे बढ़ाने पर विशेष जोर देते हुए अधिक से अधिक निक्षय मित्र बनाने और उनके माध्यम से क्षय रोगियों के लिए पोषण एवं खाद्य सहायता उपलब्ध कराने पर बल दिया गया। नड्डा ने कहा कि जोखिमग्रस्त आबादी में एक्स-रे आधारित जाँच को तीव्र गति से पूर्ण कर समयबद्ध निदान सुनिश्चित किया जाएगा, वहीं सभी जिलों में डे-केयर कीमोथेरेपी सेवाएँ संचालित कर कैंसर उपचार को सुदृढ़ किया जाएगा।

उन्होंने निर्देश दिए कि मातृ मृत्यु दर (MMR), शिशु मृत्यु दर (IMR) एवं नवजात मृत्यु दर (NMR) में कमी लाने हेतु निगरानी तंत्र को मजबूत किया जाए, जबकि गैर-संचारी रोगों की 100 प्रतिशत स्क्रीनिंग लक्ष्य आधारित तरीके से पूरी की जाए। इसी क्रम में कुष्ठ नियंत्रण के लिए प्रत्येक तिमाही सक्रिय रोगी खोज अभियान, MMR और IMR पर उन्मुखीकरण सुनिश्चित करने पर भी जोर दिया गया।

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने घोषणा की कि TB कार्यक्रम को मज़बूत करने के लिए 146 हैंडहेल्ड एक्स-रे मशीनें राज्यों को उपलब्ध कराई जाएँगी। बैठक में प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री द्वारा आठ मेडिकल कॉलेजों के लिए पृथक अस्पताल स्थापित करने की माँग भी केंद्र के समक्ष रखी गई । नड्डा ने छत्तीसगढ़ की प्रगति की सराहना करते हुए मानव संसाधन में अतिरिक्त सहयोग हेतु केंद्र के सहयोग का आश्वासन दिया।

बैठक के दौरान यह भी स्पष्ट किया गया कि सिंगल नोडल एजेंसी (SNA) प्रणाली ट्रस्ट मॉडल पर संचालित होती रहेगी, वहीं ग्रामीण क्षेत्रों से खाद्य एवं औषधि नमूनों की जाँच बढ़ाई जाएगी और खाद्य सुरक्षा क्षमता विस्तार हेतु राज्य आवश्यक स्थान उपलब्ध कराएँगे, जिसके लिए केंद्र वित्तीय मदद प्रदान करेगा।

विस्तृत चर्चा के पश्चात केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि “केंद्र और राज्य की साझेदारी ही स्वास्थ्य सुधारों की आधारशिला है। हमारा लक्ष्य केवल सेवाओं का विस्तार नहीं, बल्कि परिणामों पर केंद्रित बदलाव है, ताकि अंतिम व्यक्ति तक गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवाएँ पहुँचे।”


नहर के तीन नंबर गेट पर मटके में मिला मासूम का शव, इलाके में सनसनी

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 कोरबा। दर्री थाना क्षेत्र के नहर के तीन नंबर गेट पर सोमवार दोपहर उस समय सनसनी फैल गई, जब सफाई के दौरान एक मटके में मासूम बच्चे का शव मिला। शव मिलने की खबर फैलते ही क्षेत्रवासी मौके पर जमा हो गए और पूरे इलाके में दहशत का माहौल बन गया।


प्राप्त जानकारी के अनुसार, नहर की नियमित सफाई के दौरान कर्मचारियों को नहर के किनारे एक बड़ा मटका दिखाई दिया, जिस पर सफेद कपड़ा बंधा हुआ था। पहले सफाईकर्मियों को लगा कि इसमें पूजा-पाठ से संबंधित सामग्री या अस्थियां हो सकती हैं, लेकिन मटका खोलते ही सभी हैरान रह गए। अंदर एक नवजात/मासूम बच्चे का शव था।

सूचना मिलते ही दर्री थाना पुलिस टीम मौके पर पहुंची और शव को नहर से बाहर निकलवाया। इस दौरान मौके पर मौजूद गंगा राम नामक व्यक्ति ने पुलिस की सहायता की।

पुलिस ने शुरू की जांच

थाना प्रभारी ने बताया कि

  • शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजा गया था
  • अंतिम संस्कार की प्रक्रिया पूरी कर ली गई है
  • मामला संदिग्ध है, सभी पहलुओं की जांच की जा रही है

पुलिस इस बात का पता लगाने का प्रयास कर रही है कि बच्चे के शव को मटके में रखकर नहर में क्यों और किसने फेंका।

इलाके में दहशत, कई सवाल अनुत्तरित

इस घटना ने स्थानीय लोगों को झकझोर दिया है।
लोगों के बीच यह चर्चा है कि

क्या बच्चे की जानबूझकर हत्या की गई?

क्या किसी ने अवैध संबंध या सामाजिक दबाव के चलते बच्चे को छोड़ा?

या यह किसी तांत्रिक/अनुष्ठान से जुड़ा मामला है?

पुलिस का कहना है कि जांच के बाद ही वास्तविकता स्पष्ट हो पाएगी।

CG NEWS : आबादी के नज़दीक बढ़ती तेंदुए की मूवमेंट, ग्रामीण को किया घायल

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डोंगरगढ़ / मोहारा। डोंगरगढ़ थाना अंतर्गत मोहारा पुलिस चौकी क्षेत्र के ग्राम लोझरी में बुधवार को उस समय हड़कंप मच गया, जब जंगल में नीम की पत्तियां लेने गए एक ग्रामीण पर तेंदुए ने अचानक हमला कर दिया। हमले में ज़उ राम कंवर (उम्र लगभग 45 वर्ष) गंभीर रूप से घायल हो गया।


तेंदुए के पंजों से सिर और चेहरे पर गहरी चोट आने के बाद परिजन और ग्रामीणों की मदद से उसे तत्काल सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र डोंगरगढ़ लाया गया। प्राथमिक उपचार के बाद हालत गंभीर होने पर राजनांदगांव मेडिकल कॉलेज रेफर किया गया है।

वन क्षेत्र में लगातार बढ़ रही तेंदुए की गतिविधियां

ग्रामीणों के अनुसार, यह कोई पहली घटना नहीं है। पिछले कुछ महीनों से डोंगरगढ़ वन परिक्षेत्र में तेंदुए की मूवमेंट लगातार बढ़ी है। कुछ माह पहले इसी इलाके में एक तेंदुए का शव संदिग्ध परिस्थितियों में मिला था, लेकिन घटनाओं पर अंकुश नहीं लग सका।

स्थानीय लोगों का कहना है कि लोझरी, मोहारा और आसपास के जंगलों में शाम होते ही तेंदुए की मौजूदगी महसूस की जाती है। पहले मवेशियों पर हमले होते थे, मगर अब इंसानों पर हमला होना चिंता का विषय है।

ग्रामीणों ने वन विभाग पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए कहा कि कई बार शिकायत करने के बावजूद न तो स्थायी निगरानी लगाई गई और न ही सुरक्षा व्यवस्था सुनिश्चित की गई।

मौके पर पहुंची वन विभाग और पुलिस की टीम

सूचना मिलते ही वन विभाग और पुलिस की टीम मौके पर पहुंची और क्षेत्र में निगरानी बढ़ाई जा रही है।

वन्यजीव विशेषज्ञों का कहना है कि

  • जंगलों में भोजन की कमी
  • मानव गतिविधियों में लगातार बढ़ोतरी
  • जंगल क्षेत्र में अवैध आवाजाही

इन कारणों से तेंदुए आबादी वाले इलाकों का रुख कर रहे हैं, जिससे मानव-वन्यजीव संघर्ष बढ़ता जा रहा है।

ग्रामीणों ने उठाई कड़े कदमों की मांग

ग्रामीणों का कहना है -

जब तक तेंदुए की मूवमेंट नियंत्रित नहीं होती,
तब तक जंगल में प्रवेश पर रोक और रात्रि गश्त अनिवार्य की जाए।

यह घटना साफ संकेत देती है कि वन्यजीव प्रबंधन और मानव सुरक्षा के बीच असंतुलन खतरनाक स्तर तक पहुंच चुका है। तत्काल ठोस कदम आवश्यक हैं।

छत्तीसगढ़ में ‘बर्फ’ जैसा मौसम: अंबिकापुर में पारा 4.8°C, शिमला जैसा ठंडा हाल!

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 CG Weather Update: छत्तीसगढ़ में कड़ाके की ठंड ने आम जनजीवन प्रभावित कर दिया है। उत्तर और मध्य छत्तीसगढ़ में ठंडी हवाओं का प्रभाव अधिक बना हुआ है। मौसम विभाग ने अगले 24 घंटों तक प्रदेश के कई इलाकों में शीतलहर चलने की चेतावनी जारी की है। ठंड बढ़ने से सुबह और रात के समय लोगों को तेज ठिठुरन का सामना करना पड़ रहा है।


अंबिकापुर सबसे ठंडा — 4.8°C पहुंचा पारा

बीते 24 घंटों में

  • 29.4°C — जगदलपुर में सर्वाधिक अधिकतम तापमान
  • 4.8°C — अंबिकापुर में न्यूनतम तापमान

उत्तर छत्तीसगढ़ में लगातार तापमान गिरने से हाल शिमला जैसे पहाड़ी इलाकों जैसा हो गया है।

अगले 5 दिनों में मिल सकती है थोड़ी राहत

मौसम विभाग के पूर्वानुमान के अनुसार आने वाले दिनों में
➡ न्यूनतम तापमान में 2 से 3°C की वृद्धि हो सकती है
➡ दिन के समय धूप निकलने से कुछ राहत मिलने की उम्मीद

हालांकि सुबह–शाम की ठिठुरन अभी बनी रहेगी।

रायपुर में कैसा रहेगा मौसम?

राजधानी में 30 दिसंबर को घना कुहासा छाए रहने की संभावना है।

  • अधिकतम तापमान: लगभग 27°C
  • न्यूनतम तापमान: लगभग 12°C

कुहासे के कारण विजिबिलिटी प्रभावित हो सकती है। वाहन चालकों को धीमी गति और हेडलाइट उपयोग करने की सलाह दी गई है।

छत्तीसगढ़ गृह निर्माण मंडल ने रचा आवास क्षेत्र में नया कीर्तिमान, हाउसिंग बोर्ड के इतिहास में पहली बार एक वर्ष में 1022 करोड़ रुपये से अधिक की संपत्तियों का विक्रय

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रायपुर। छत्तीसगढ़ गृह निर्माण मंडल ने वर्ष 2025 में आवासीय एवं व्यावसायिक संपत्तियों के विक्रय के क्षेत्र में ऐतिहासिक उपलब्धि दर्ज करते हुए नया कीर्तिमान स्थापित किया है। मंडल द्वारा जनवरी 2025 से दिसंबर 2025 के बीच कुल 4689 संपत्तियों का विक्रय किया गया, जिनका कुल मूल्य 1022 करोड़ रुपये से अधिक है। यह छत्तीसगढ़ गृह निर्माण मंडल के गठन के बाद अब तक का सर्वाधिक वार्षिक विक्रय है।

मुख्यमंत्री विष्णु देव साय के सुशासन, आवास एवं पर्यावरण मंत्री ओ.पी. चौधरी के मार्गदर्शन तथा छत्तीसगढ़ गृह निर्माण मंडल के अध्यक्ष अनुराग सिंह देव के नेतृत्व में मंडल द्वारा किफायती, सुरक्षित और गुणवत्तापूर्ण आवास उपलब्ध कराने की दिशा में योजनाबद्ध एवं प्रभावी कार्य किया जा रहा है, जिसका प्रत्यक्ष परिणाम इस अभूतपूर्व सफलता के रूप में सामने आया है।

छत्तीसगढ़ गृह निर्माण मंडल द्वारा प्रारंभ से ही समाज के कमजोर एवं निम्न आय वर्ग को प्राथमिकता दी जाती रही है। अब तक निर्मित कुल आवासों में लगभग 70 प्रतिशत आवास कमजोर एवं निम्न आय वर्ग के हितग्राहियों के लिए बनाए गए हैं। विगत पांच वर्षों में जहां मंडल द्वारा औसतन 1387 संपत्तियों का प्रतिवर्ष विक्रय हुआ और औसत मूल्य लगभग 262 करोड़ रुपये रहा, वहीं वर्ष 2025 में यह आंकड़ा बढ़कर 4689 संपत्तियों एवं 1022 करोड़ रुपये तक पहुंच गया। यह मंडल की कार्यप्रणाली में हुए सुधार, नीतिगत सरलीकरण और आम नागरिकों के बढ़ते विश्वास को दर्शाता है।

विगत एक वर्ष के दौरान शासन द्वारा लागू की गई ओटीएस-2 (वन टाइम सेटलमेंट) योजना के तहत हितग्राहियों को 30 प्रतिशत तक की छूट प्रदान की गई, जिसके परिणामस्वरूप 1452 संपत्तियों का विक्रय हुआ। इन संपत्तियों का कुल मूल्य लगभग 220.16 करोड़ रुपये रहा, जिससे मध्यम एवं निम्न आय वर्ग के बड़ी संख्या में नागरिकों को सीधा लाभ मिला।

आवास एवं पर्यावरण मंत्री ओ.पी. चौधरी के निर्देश पर इस वर्ष 23 से 26 नवंबर 2025 तक रायपुर के बीटीआई ग्राउंड, शंकर नगर में आयोजित राज्य स्तरीय आवास मेला 2025 भी अत्यंत सफल रहा। इस मेले के दौरान छत्तीसगढ़ गृह निर्माण मंडल द्वारा 26 जिलों में 2080 करोड़ रुपये की लागत वाली 56 नई आवासीय योजनाओं का शुभारंभ किया गया। साथ ही मेले के दौरान ही 305 करोड़ रुपये मूल्य की संपत्तियों का विक्रय हुआ, जिससे मंडल की योजनाओं के प्रति आमजन का विश्वास और अधिक मजबूत हुआ।

मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने इस उपलब्धि पर प्रसन्नता व्यक्त करते हुए कहा कि वर्ष 2025 में 1022 करोड़ रुपये से अधिक की संपत्तियों का विक्रय एक बड़ी और ऐतिहासिक उपलब्धि है। यह सरकार की जनहितैषी नीतियों और आम नागरिकों के बढ़ते विश्वास का प्रमाण है। उन्होंने आवास एवं पर्यावरण मंत्री ओ.पी. चौधरी, छत्तीसगढ़ गृह निर्माण मंडल के अध्यक्ष अनुराग सिंह देव तथा मंडल के समस्त अधिकारियों एवं कर्मचारियों को इस सफलता के लिए बधाई दी।

आवास एवं पर्यावरण मंत्री ओ.पी. चौधरी ने कहा कि एक वर्ष में 1022 करोड़ रुपये की संपत्तियों का विक्रय राज्य के आवास क्षेत्र में एक ऐतिहासिक उपलब्धि है। यह मुख्यमंत्री की जनकल्याणकारी सोच, स्पष्ट आवास नीति तथा हाउसिंग बोर्ड के अधिकारियों और कर्मचारियों की प्रतिबद्धता का परिणाम है। शासन का लक्ष्य प्रत्येक पात्र नागरिक को किफायती, सुलभ और सम्मानजनक आवास उपलब्ध कराना है।

छत्तीसगढ़ गृह निर्माण मंडल के अध्यक्ष अनुराग सिंह देव ने कहा कि वर्ष 2025 की यह सफलता मुख्यमंत्री विष्णु देव साय जी के मार्गदर्शन, मंत्री ओपी चौधरी के नेतृत्व और मंडल की पूरी टीम के सामूहिक प्रयासों का परिणाम है। यह उपलब्धि इस बात का प्रमाण है कि मंडल पारदर्शिता, नई सोच और जनहित को केंद्र में रखकर कार्य कर रहा है तथा भविष्य में भी आवासहीनों को किफायती आवास उपलब्ध कराने के लिए निरंतर प्रयास करता रहेगा।  


राष्ट्रीय सड़क सुरक्षा माह 2026 का 01 जनवरी को होगा शुभारंभ

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रायपुर। लोगों को सड़क सुरक्षा की गंभीरता, चुनौतियों और नियमों के प्रति जागरूक करने के उद्देश्य से छत्तीसगढ़ सहित सम्पूर्ण देश में राष्ट्रीय सड़क सुरक्षा माह 2026 का आयोजन 1 से 31 जनवरी 2026 तक किया जा रहा है। इस दौरान राज्य के सभी जिलों में सड़क सुरक्षा को लेकर व्यापक स्तर पर जन-जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे।

जन-जागरूकता के लिए होंगे विविध कार्यक्रमों का होगा आयोजन

सड़क सुरक्षा माह के अंतर्गत जिलों में सड़क सुरक्षा पर प्रशिक्षण कार्यक्रम, स्वास्थ्य परीक्षण एवं नेत्र जांच शिविर, स्कूल डे आयोजन, स्कूली बच्चों के लिए स्लोगन, निबंध, चित्रकला एवं प्रश्नोत्तरी प्रतियोगिताएं, ई-रिक्शा, ऑटो व बस चालकों का प्रशिक्षण, एम्बुलेंस ड्राइविंग ट्रेनिंग, वाहनों की फिटनेस एवं रेडियम स्ट्रिप्स की जांच/संधारण, शराब सेवन कर वाहन चलाने से होने वाले नुकसान पर रैली, ग्राम चौपालों में जन-जागरूकता कार्यक्रम, गंभीर सड़क दुर्घटना स्थलों का चिन्हांकन एवं सड़क सुरक्षा मितानों का प्रशिक्षण जैसे अनेक कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं। इसके अतिरिक्त युवाओं के लिए एरोबिक्स-जुंबा के माध्यम से 'स्वस्थ शरीर - स्वस्थ मन, सुरक्षित जन' थीम पर कार्यक्रम, हेलमेट धारी वाहन चालकों को प्रोत्साहन स्वरूप टॉफी वितरण तथा स्थानीय परिस्थितियों के अनुरूप विविध गतिविधियां भी आयोजित होंगी।

1 जनवरी 2026 को सर्किट हाउस रायपुर के समीप शाम 5:00 बजे सुप्रीम कोर्ट की सड़क सुरक्षा समिति के अध्यक्ष अभय मनोहर सप्रे की उपस्थिति में जनजागरूकता के लिए हेलमेट एवं बाइक रैली का आयोजन किया जाएगा। यह रैली सड़क सुरक्षा नियमों के पालन, हेलमेट उपयोग और सुरक्षित वाहन संचालन का संदेश देगी। 

जनजागरूकता के लिए भिलाई में मैराथन का हुआ आयोजन

इसी क्रम में रविवार को भिलाई में आयोजित मैराथन को सड़क सुरक्षा छत्तीसगढ़ के अध्यक्ष संजय शर्मा ने हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। मैराथन के उपरांत सड़क सुरक्षा पर आधारित नुक्कड़ नाटक का मंचन भी किया गया, जिसकी लोगों ने सराहना की।


पीएम-उषा मद में अनियमितता पर शासन का सख्त रुख, लोहराकोट कालेज के प्राचार्य और पिथौरा कॉलेज के चार सहायक प्राध्यापक निलंबित

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रायपुर। छत्तीसगढ़ शासन के उच्च शिक्षा विभाग ने महासमुंद जिला के शासकीय महाविद्यालय लोहराकोट के प्राचार्य और पिथौरा के चार सहायक प्राध्यापकों को सामग्री क्रय से जुड़े गंभीर आर्थिक अनियमितता के मामले में बड़ी कार्रवाई करते हुए तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया है। 

जारी आदेश के अनुसार प्राचार्य डॉ. एस.एस. तिवारी पर पीएम-उषा मद के अंतर्गत आवंटित राशि में गड़बड़ी तथा वित्तीय नियमों के उल्लंघन का प्रथम दृष्टया दोष पाया गया है।इसी तरह पिथौरा महाविद्यालय में पीएम-उषा मद से प्राप्त राशि के अंतर्गत मिड-डे के दौरान जेम पोर्टल के माध्यम से किए गए क्रय में छत्तीसगढ़ भंडार क्रय नियम, 2002 एवं संशोधित 2025 के प्रावधानों का पालन नहीं किया गया। प्रारंभिक जांच में यह कृत्य छत्तीसगढ़ सिविल सेवा (आचरण) नियम, 1965 के उल्लंघन के दायरे में पाया गया है।

निलंबित किए गए सहायक प्राध्यापकों में डॉ. सीमा अग्रवाल, डॉ. बृहस्पतु सिंह विशाल, श्री पीठी सिंह ठाकुर एवं डॉ. एस.एस. दीवान सभी शासकीय महाविद्यालय पिथौरा के नाम शामिल हैं। यह कार्रवाई छत्तीसगढ़ सिविल सेवा (वर्गीकरण, नियंत्रण तथा अपील) नियम, 1966 के नियम 9(1)(क) के तहत की गई है।

निलंबन अवधि के दौरान सभी का मुख्यालय क्षेत्रीय अपर संचालक, उच्च शिक्षा कार्यालय, रायपुर निर्धारित किया गया है। उन्हें नियमानुसार जीवन निर्वाह भत्ते की पात्रता होगी। प्रकरण में विभागीय जांच की कार्यवाही पृथक से की जाएगी। यह आदेश उच्च शिक्षा विभाग के अवर सचिव द्वारा छत्तीसगढ़ राज्यपाल के नाम से जारी किया गया है। शासन की इस कार्रवाई को शासकीय संस्थानों में पारदर्शिता, जवाबदेही और वित्तीय अनुशासन सुनिश्चित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।

अवैध रेत खनन और मुरुम का अवैध परिवहन करते तीन हाईवा जब्त

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रायपुर। अवैध खनन एवं खनिजों के अवैध परिवहन पर प्रभावी नियंत्रण हेतु जिला प्रशासन धमतरी द्वारा लगातार कार्रवाई की जा रही है। इसी क्रम में जिला खनिज उड़नदस्ता दल द्वारा 28 दिसम्बर 2025 की रात्रि लगभग 11 बजे ग्राम कलारतराई में औचक जांच के दौरान खनिज मुरूम एवं रेत के अवैध परिवहन में संलिप्त तीन हाईवा वाहनों को जब्त कर प्रकरण दर्ज किया गया।

जांच के दौरान मुरूम के अवैध परिवहन में संलिप्त दो हाईवा वाहनों को मौके पर जब्त किया गया, वहीं एक अन्य हाईवा वाहन को अवैध रूप से रेत का परिवहन करते हुए पकड़ा गया। जब्त किए गए सभी वाहनों के संबंध में संबंधित व्यक्तियों के विरुद्ध नियमानुसार कार्रवाई की जा रही है। 

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