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मुख्यमंत्री साय से सतनामी विकास परिषद का प्रतिनिधिमंडल मिला, गुरु घासीदास जयंती समारोह में शामिल होने का आमंत्रण

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 रायपुर : मुख्यमंत्री विष्णु देव साय से विगत दिवस राजधानी रायपुर स्थित मुख्यमंत्री निवास में सतनामी विकास परिषद, सारंगढ़ के प्रतिनिधिमंडल ने सौजन्य भेंट की। इस दौरान कौशल विकास मंत्री गुरु खुशवंत साहेब भी उपस्थित थे।


प्रतिनिधिमंडल ने मुख्यमंत्री साय को परम पूज्य बाबा गुरु घासीदास जी की 269वीं जयंती के उपलक्ष्य में आयोजित तीन दिवसीय जयंती गुरुपर्व–2025 में बतौर मुख्य अतिथि शामिल होने का आमंत्रण दिया। उन्होंने बताया कि 18, 19 और 20 दिसंबर को आयोजित होने जा रहे इस तीन दिवसीय महोत्सव में सतनामी समाज के श्रद्धालु बड़ी संख्या में शामिल होंगे। यह आयोजन समाज की आस्था, एकता और सांस्कृतिक धरोहर का भव्य उत्सव होगा।

मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने प्रतिनिधिमंडल के आग्रह को सहर्ष स्वीकार करते हुए कहा कि सतनामी समाज ने सदैव छत्तीसगढ़ की सामाजिक, सांस्कृतिक और आध्यात्मिक विरासत को समृद्ध किया है। उन्होंने कहा कि गुरु बाबा घासीदास जी के आदर्श—सत्य, अहिंसा और समानता—समाज को नैतिक शक्ति और सही दिशा प्रदान करते हैं। उन्होंने कहा कि इस पावन उत्सव में शामिल होना उनके लिए सौभाग्य और सम्मान की बात है। मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने जयंती पर्व की सराहना करते हुए इसे समाज को एक सूत्र में जोड़ने वाला, प्रेरणादायी और मार्गदर्शक आयोजन बताया।

प्रतिनिधिमंडल में विधायक डोमनलाल कोर्सेवाडा, पूर्व विधायक केराबाई मनहर सहित सतनामी विकास परिषद के अध्यक्ष बी. डी. भारद्वाज, उपाध्यक्ष रमेश अनंत, भानुप्रभा जोल्हे, कृष्णा अजगले, तेजेश्वर सिंह रात्रे और रोहित महिलांग उपस्थित थे।

कवर्धा में उत्कृष्ट चिकित्सा सेवाओं के लिए चिकित्सकों का आभार - उपमुख्यमंत्री विजय शर्मा

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 रायपुर : कवर्धा में स्वास्थ्य सुविधाओं को उत्कृष्ट बनाने के लिए अपना योगदान देने वाले चिकित्सकों के सम्मान में समारोह का आयोजन उपमुख्यमंत्री विजय शर्मा द्वारा किया गया। इस अवसर पर कवर्धा के जिला अस्पताल एवं निजी अस्पतालों के चिकित्सक उपस्थित रहे। उपमुख्यमंत्री ने सभी के साथ इस समारोह में शामिल हुए और सभी को साल श्रीफल भेंट कर सम्मानित कर सभी के साथ रात्रि भोज किया। उन्होंने सभी से कवर्धा में चिकित्सा सेवाओं को और बेहतर बनाने पर विस्तृत चर्चा की। उन्होंने जिले के सुदूर वनांचलों में स्वास्थ्य शिविर लगाकर लोगों की सेवा करने वाले चिकित्सकों को विशेष रूप से सम्मानित किया।


उन्होंने सभी को चिकित्सकों से कवर्धा में उत्कृष्ट चिकित्सा सेवाओं के लिए चिकित्सकों का आभार व्यक्त किया और कहा कि चिकित्सक आधे भगवान होते हैं किसी भी आपात स्थिति में लोगों की जान बचाने का कार्य करते हैं, यह काम सेवा भावना से ही किया जा सकता है। यहां कवर्धा के स्थानीय चिकित्सकों के साथ बाहर से आये चिकित्सकों ने भी कवर्धा को अपना कर यहां के लोगों की पूरे मन से सेवा की है जिसके लिए पूरा कवर्धा आपका आभारी है।


उन्होंने बताया कि कवर्धा स्वास्थ्य सुविधाओं के विस्तार के लिए 50 बिस्तरीय मातृत्व एवं शिशु अस्पताल हेतु 40 पद की स्वीकृति, जिला अस्पताल कबीरधाम में 16.63 करोड़ की लागत से क्रिटिकल केयर हॉस्पिटल ब्लॉक, सिटी स्कैन, अत्याधुनिक इंट्रीगेटेड पब्लिक हेल्थ लैब, ओटी एवं हमर लैब में पॉवर बैकअप प्रणाली, जिला चिकित्सालय कबीरधाम की क्षमता 100 बिस्तर बढ़ाकर 220 बिस्तर करने एवं इसके लिए 258 नवीन पदों को भी स्वीकृति प्रदान की गई है। इसके अतिरिक्त सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र पिपरिया एवं प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र रेंगाखार को एम्बुलेंस, सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र बोड़ला में सोनोग्राफी मशीन प्रदान किया गया है। सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र बोड़ला में रहने हेतु शासकीय आवास, सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र पिपरिया एवं सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र सहसपुर लोहारा में पब्लिक हेल्थ यूनिट का शुभारंभ किया गया है।उपस्वास्थ्य केन्द्र राजा नवागाँव को प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र में उन्नयन एवं प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र तरेगाँव को सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र में उन्नयन किया गया। सबसे अहम 318.27 करोड़ रूपए की लागत से मेडिकल कॉलेज निर्माण की स्वीकृति मिली है जिससे अब कवर्धा मेडिकल हब बनने जा रहा है। यहां महानगरों जैसी सुविधाएं प्राप्त हो सकेंगी।


उपमुख्यमंत्री ने सभी चिकित्सकों को बताया कि आगामी 11 दिसम्बर को मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के द्वारा कवर्धा मेडिकल कॉलेज की प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी द्वारा पूजित आधार शिला का शिलान्यास किया जाएगा। इस ऐतिहासिक अवसर का साक्षी बनने के लिए उन्होंने सभी को आमंत्रित किया।

छत्तीसगढ़ में तबादला एक्सप्रेस की रफ्तार तेज, खनिज विभाग में बड़ा फेरबदल

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 रायपुर : छत्तीसगढ़ में एक बार फिर तबादला एक्सप्रेस चली है। प्रदेश सरकार ने खनिज विभाग में बड़े पैमाने पर बदलाव करते हुए 22 जिलों में खनिज अधिकारियों की अदला-बदली कर दी है। अंबिकापुर-बलरामपुर जिले में खनिज विभाग में गड़बड़ी के आरोपों और सरगुजा जिले में हुई अवैध खनन की कार्रवाई के बाद यह कदम उठाया गया है।


अवैध माइनिंग का मामला सामने आने के बाद सरगुजा के खनिज अधिकारी त्रिवेणी देवांगन को पद से हटा दिया गया है। विभागीय फेरबदल के तहत उन्हें नई जिम्मेदारी सौंपी गई है, जबकि कई अन्य जिलों में भी अधिकारियों को इधर-उधर किया गया है।

सूत्रों के मुताबिक, सरकार की मंशा खनिज विभाग की कार्यप्रणाली को सख्त और पारदर्शी बनाना है, ताकि अवैध खनन पर प्रभावी रोक लग सके और राजस्व में वृद्धि हो सके।


देखें पूरी लिस्ट-

नामवर्तमान पदस्थापनानवीन पदस्थापना
त्रिवेणी देवांगनउप संचालक
(खनि प्रशासन) जिला
कार्यालय (खनिज
शाखा) सरगुजा
उप संचालक
(खनि प्रशासन)
संचालनालय, भौमिकी तथा
खनिकर्म, नवा रायपुर
मीनाक्षी साहूउप संचालक (खनि प्रशासन) जिला कार्यालय (खनिज शाखा) बालोदउप संचालक (खनिज प्रशासन) संचालनालय, भौमिकी तथा खनिकर्म, नवा रायपुर
योगेन्द्र सिंहउप संचालक (खनि प्रशासन) जिला कार्यालय (खनिज शाखा) महासमुंदउप संचालक (खनिज प्रशासन) जिला कार्यालय (खनिज शाखा) दंतेवाड़ा
सबीना बेगमखनिज अधिकारी, जिला कार्यालय (खनिज शाखा) गौरेला पेण्ड्रा मरवाहीखनिज अधिकारी, जिला कार्यालय (खनिज शाखा) बिलासपुर
प्रवीण कुमार चंद्राकरखनिज अधिकारी, जिला कार्यालय (खनिज शाखा) राजनांदगांवखनिज अधिकारी, जिला कार्यालय (खनिज शाखा) बालोद
योगेश कुमार साहूखनिज अधिकारी, जिला कार्यालय (खनिज शाखा) कबीरधामखनिज अधिकारी, जिला कार्यालय (खनिज शाखा) मुंगेली
ज्योति मिश्राखनिज अधिकारी, जिला कार्यालय (खनिज शाखा) मुंगेलीखनिज अधिकारी, जिला कार्यालय (खनिज शाखा) राजनांदगांव
अनिल कुमार साहूकार्यालय (खनिज शाखा) जांजगीर-चांपा खनि अधिकारी, जिलाकार्यालय (खनिज शाखा) सरगुजा खनि अधिकारी, जिला
हीरादास भारद्वाजखनिज अधिकारी, जिला कार्यालय (खनिज शाखा) धमतरीखनिज अधिकारी (संचालनालय, भौमिकी तथा खनिकर्म, नवा रायपुर)
हेमंत घेरपाखनिज अधिकारी, जिला कार्यालय (खनिज शाखा) रायपुरखनिज अधिकारी, जिला कार्यालय (खनिज शाखा) धमतरी
भूषण पटेलखनिज अधिकारी, जिला कार्यालय (खनिज शाखा) कोरियाखनिज अधिकारी, जिला कार्यालय (खनिज शाखा) सूरजपुर
चिरंजीव कुमारखनिज अधिकारी, जिला कार्यालय (खनिज शाखा) बीजापुरखनिज अधिकारी, जिला कार्यालय (खनिज शाखा) कबीरधाम
छबिलेश्वर मौर्यखनिज अधिकारी, जिला कार्यालय (खनिज शाखा) दंतेवाड़ा

खनिज अधिकारी, जिला कार्यालय (खनिज शाखा) बीजापुर

अतिरिक्त प्रभार- जिला कार्यालय (खनिज शाखा) सुकमा

इंदलालखनि अधिकारी, जिला कार्यालय (खनिज शाखा) खैरागढ़-छुईखदान-गंडईखनिज अधिकारी, जिला कार्यालय (खनिज शाखा) कोरिया
फागुलाल नागेशखनिज अधिकारी, (संचालनालय, भौमिकी तथा खनिकर्म, नवा रायपुर)खनिज अधिकारी, जिला कार्यालय (खनिज शाखा) महासमुंद
अर्चना ठाकुरसहायक खनिज अधिकारी, जिला कार्यालय (खनिज शाखा) बेमेतरासहायक खनिज अधिकारी, जिला कार्यालय (खनिज शाखा) गरियाबंद
उत्तम प्रसाद खुटेसहायक खनिज अधिकारी, जिला कार्यालय (खनिज शाखा) कोरबासहायक खनिज अधिकारी, जिला कार्यालय (खनिज शाखा) बालोद
नीरज कुमारसहायक खनिज अधिकारी, जिला कार्यालय (खनिज शाखा) कबीरधामसहायक खनि अधिकारी, जिला कार्यालय (खनिज शाखा) सक्ती
राकेश कुमार वर्मासहायक खनिज अधिकारी, जिला कार्यालय (खनिज शाखा) बालोदसहायक खनिज अधिकारी, जिला कार्यालय (खनिज शाखा) कोरबा
राहुल गुलाटीसहायक खनिज अधिकारी, जिला कार्यालय (खनिज शाखा) सूरजपुरसहायक खनिज अधिकारी, जिला कार्यालय (खनिज शाखा) बलरामपुर
रोहित कुमार साहूसहायक खनिज अधिकारी, जिला कार्यालय (खनिज शाखा) गरियाबंदसहायक खनिज अधिकारी, जिला कार्यालय (खनिज शाखा) बेमेतरा
जितेन्द्र चंद्राकरखनिज निरीक्षक, जिला कार्यालय (खनिज शाखा) धमतरीखनिज निरीक्षक, जिला कार्यालय (खनिज शाखा) गरियाबंद

“प्रधानमंत्री मोदी ने दूरदर्शन के सुप्रभातम् कार्यक्रम में संस्कृत की प्रासंगिकता पर जोर दिया”

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प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आज भारत के सांस्कृतिक और आध्यात्मिक जीवन में संस्कृत की प्रासंगिकता को रेखांकित किया, और ध्यान दिलाया कि यह दूरदर्शन के सुप्रभातम् कार्यक्रम में प्रतिदिन मौजूद रहती है।

प्रधानमंत्री ने देखा कि प्रत्येक सुबह इस कार्यक्रम में संस्कृत का एक सुभाषित (सत्परामर्शयुक्त कथन) प्रस्तुत किया जाता है, जो मूल्यों और संस्कृति को सहज रूप से जोड़ता है।

X (पूर्व में ट्विटर) पर पोस्ट में मोदी ने लिखा:

“दूरदर्शनस्य सुप्रभातम् कार्यक्रमे प्रतिदिनं संस्कृतस्य एकं सुभाषितम् अपि भवति। एतस्मिन् संस्कारतः संस्कृतिपर्यन्तम् अन्यान्य-विषयाणां समावेशः क्रियते। एतद् अस्ति अद्यतनं सुभाषितम्....”


DPIIT का प्रस्तावित हाइब्रिड मॉडल: AI डेवलपर्स और कंटेंट क्रिएटर्स के हितों में संतुलन

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उद्योग और आंतरिक व्यापार संवर्धन विभाग (DPIIT) ने जनरेटिव आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) और कॉपीराइट कानून के इंटरसेक्शन पर अपने कार्यपत्र का भाग 1 प्रकाशित किया है। यह पेपर 28 अप्रैल 2025 को गठित आठ सदस्यीय समिति (“समिति”) की सिफारिशों को प्रस्तुत करता है, जिसका उद्देश्य यह आकलन करना था कि मौजूदा कानून जनरेटिव AI से उत्पन्न होने वाले मुद्दों को संबोधित करने के लिए पर्याप्त है या नहीं, और यदि आवश्यक हो तो कानून में संशोधन के लिए सुझाव देना।

कार्यपत्र में मौजूदा दृष्टिकोणों का मूल्यांकन किया गया है, जिनमें ब्लैंकेट छूट, टेक्स्ट और डेटा-माइनिंग अपवाद (ऑप्ट-आउट अधिकार के साथ या बिना), स्वैच्छिक लाइसेंसिंग, या विस्तारित सामूहिक लाइसेंसिंग शामिल हैं। सभी मॉडलों के उपयुक्तता संबंधी मुद्दों को स्पष्ट करते हुए, कार्यपत्र एक नई नीति ढांचा प्रस्तुत करता है, जिसका उद्देश्य सामग्री निर्माताओं के अधिकार और AI नवाचारकों के हितों के बीच संतुलन स्थापित करना है।

जीरो प्राइस लाइसेंस मॉडल को समिति ने अस्वीकार किया, यह तर्क देते हुए कि यह मानव रचनात्मकता के प्रोत्साहन को कमजोर कर सकता है और दीर्घकाल में मानव-निर्मित सामग्री का उत्पादन कम कर सकता है।

वैकल्पिक रूप में, समिति ने एक हाइब्रिड मॉडल प्रस्तावित किया है, जिसके तहत:

  • AI डेवलपर्स को सभी कानूनी रूप से एक्सेस किए गए कंटेंट को प्रशिक्षण के उद्देश्यों के लिए ब्लैंकेट लाइसेंस प्रदान किया जाएगा, जिसमें व्यक्तिगत बातचीत की आवश्यकता नहीं होगी;

  • रॉयल्टी केवल AI टूल्स के वाणिज्यीकरण के समय देय होगी, और दरें सरकार द्वारा नियुक्त समिति द्वारा निर्धारित की जाएंगी। ये दरें न्यायिक समीक्षा के अधीन होंगी;

  • केंद्रीकृत तंत्र रॉयल्टी संग्रह और वितरण संभालेगा, जिससे लेनदेन लागत कम होगी, कानूनी निश्चितता बढ़ेगी और बड़े एवं छोटे AI डेवलपर्स दोनों के लिए समान अवसर सुनिश्चित होंगे।

कार्यपत्र तैयार करने में डॉ. राघवेंद्र राव का महत्वपूर्ण योगदान रहा। समिति के सदस्यों को सुश्री डी. श्रीप्रिया, श्री कुशाल वाधवाण और सुश्री प्रियांका अरोड़ा ने भी सहायता प्रदान की।

DPIIT ने इस कार्यपत्र की ड्राफ्ट प्रति जनता और हितधारकों की 30 दिनों की परामर्श अवधि के लिए जारी की है, और जनता से इस प्रस्तावित मॉडल पर प्रतिक्रिया आमंत्रित की है। कार्यपत्र यहाँ देखा जा सकता है:


एनएमडीसी स्टील लिमिटेड ने नवंबर 2025 में दर्ज किया अब तक का सर्वश्रेष्ठ मासिक प्रदर्शन

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एनएमडीसी स्टील लिमिटेड (NSL), भारत का सबसे नया एकीकृत इस्पात संयंत्र, ने नवंबर 2025 को अपने मूल्य शृंखला के सभी क्षेत्रों में असाधारण परिचालन उपलब्धियों के साथ समाप्त किया है। प्रक्रिया स्थिरता, परिचालन उत्कृष्टता और क्षमता उपयोग में निरंतर वृद्धि प्रदर्शित करते हुए, एनएसएल ने कई प्रमुख उत्पादन क्षेत्रों में अपना अब तक का सर्वश्रेष्ठ मासिक प्रदर्शन दर्ज किया है।

नवंबर महीने में रॉ मैटेरियल हैंडलिंग सिस्टम (RMHS) ने उल्लेखनीय उपलब्धियाँ हासिल कीं, जिसमें 21 नवंबर 2025 को एक दिन में सर्वाधिक 616 वैगन टिपल किए गए। संयंत्र ने 5,18,886 टन बेस मिक्स का सबसे अधिक मासिक उत्पादन भी प्राप्त किया।

सिंटर प्लांट ने भी निरंतर बेहतर प्रदर्शन किया, जहाँ 30 नवंबर 2025 को एक दिन में सर्वाधिक 15,590 टन और महीने भर में 4,14,271 टन सिंटर उत्पादन दर्ज किया गया, जो 105% से अधिक क्षमता उपयोग को दर्शाता है।

ब्लास्ट फर्नेस ने उत्कृष्ट दक्षता का प्रदर्शन किया, जहाँ 28 नवंबर 2025 को 11,315 टन हॉट मेटल का रिकॉर्ड उत्पादन हुआ, जो 119% क्षमता उपयोग है। मासिक उत्पादन 2,80,049 टन रहा, जो 101% क्षमता उपयोग से अधिक है। उल्लेखनीय रूप से, एनएसएल ने सिर्फ सिंटर और अयस्क का उपयोग करते हुए प्रति टन हॉट मेटल पर 519 किलोग्राम का अब तक का सबसे कम मासिक औसत फ्यूल रेट प्राप्त किया, जो देश में सर्वोत्तम में से एक है। इसके साथ ही, 164 किलोग्राम प्रति टन का सर्वाधिक मासिक औसत PCI रेट भी हासिल किया गया।

स्टील मेल्टिंग शॉप और थिन स्लैब कास्टर–हॉट स्ट्रिप मिल्स ने अब तक का सर्वोत्तम प्रदर्शन दिया। एनएसएल ने 2,03,356 टन एचआर कॉइल, 2,09,445 टन क्रूड स्टील, और 2,15,010 टन लिक्विड स्टील का सर्वाधिक मासिक उत्पादन दर्ज किया, जिसमें 84%, 85% और 86% से अधिक क्षमता उपयोग शामिल है। संयंत्र ने 4,799 हीट्स के साथ सर्वश्रेष्ठ कन्वर्टर लाइनिंग लाइफ का भी नया रिकॉर्ड बनाया। दो नए ग्रेड—IS 2062 E450BR और IS 2062 E350C—का सफलतापूर्वक वाणिज्यिक उत्पादन भी शुरू किया गया, जिससे निर्माण, अवसंरचना और हैवी इंजीनियरिंग क्षेत्रों के लिए कंपनी के उत्पाद पोर्टफोलियो का विस्तार हुआ।

एनएसएल ने ऑक्सीजन प्लांट के संचालन का अनुकूलन करके लागत दक्षता को भी मजबूत किया, जिससे लगभग 1.9 करोड़ रुपये की बिजली लागत की बचत हुई। अन्य प्रमुख उपलब्धियों में ब्लास्ट फर्नेस (Pkg. 05) और टर्बो ब्लोअर (Pkg. 10A) के पीजी टेस्ट की सफलतापूर्ण पूर्ति और IS 2041:2024 और IS 2062 E450BR के लिए BIS लाइसेंस प्राप्त करना शामिल है।

इस उत्कृष्ट प्रदर्शन पर अमिताभ मुखर्जी, CMD ने कहा:

“यूनिटों में लगातार रिकॉर्ड उपलब्धियाँ हमारी टीम की निष्ठा, अनुशासन और दृढ़ संकल्प का प्रमाण हैं। जैसे-जैसे भारत वैश्विक इस्पात महाशक्ति बनने की दिशा में आगे बढ़ रहा है, एनएसएल तकनीक-आधारित दक्षता, विस्तृत उत्पाद पोर्टफोलियो और राष्ट्र-निर्माण के प्रति प्रतिबद्धता के साथ भारत की इस्पात विकास यात्रा में योगदान देने के लिए तैयार है।’’


त्रिपुरा में PM-JANMAN के तहत 25 सड़क परियोजनाओं को मंजूरी

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ग्रामीण विकास मंत्रालय ने त्रिपुरा के लिए PM-JANMAN के रोड कनेक्टिविटी घटक के अंतर्गत 65.38 किमी लंबाई की 25 सड़क परियोजनाओं को 68.67 करोड़ रुपये के अनुमानित निवेश के साथ स्वीकृति दी है।

महत्वपूर्ण पहल:

  • राज्य के 30 पीवीटीजी (Particularly Vulnerable Tribal Groups) बस्तियों को हर मौसम में मिलने वाली सड़क कनेक्टिविटी प्रदान करेगी।

  • राज्य में रहने वाले पीवीटीजी समुदायों की सामाजिक-आर्थिक स्थिति में सुधार लाएगी।

  • ग्रामीण क्षेत्रों में संपर्क बढ़ाकर दूरस्थ गांवों और नगर केंद्रों के बीच की दूरी कम करेगी।

  • क्षेत्र में आर्थिक विकास, व्यापार और वाणिज्य को बढ़ावा देगी।

  • स्वास्थ्य सेवाएँ, शिक्षा और बाज़ार जैसी आवश्यक सुविधाओं तक बेहतर पहुंच सुनिश्चित करेगी।

  • रोज़गार के अवसर सृजित करेगी और स्थानीय अर्थव्यवस्थाओं को मजबूत करेगी।

  • समृद्ध पूर्वोत्तर और विकसित भारत (विकसित भारत) की सरकार की दृष्टि को साकार करने में योगदान देगी।

PM-JANMAN के अंतर्गत बनने वाली ये परियोजनाएँ क्षेत्र पर परिवर्तनकारी प्रभाव डालेंगी। ये न केवल उत्तर-पूर्वी क्षेत्र के जनजातीय समूहों की वृद्धि और समृद्धि में योगदान देंगी बल्कि समावेशी विकास के लिए सरकार की प्रतिबद्धता को भी मजबूत करेंगी।


सरकार की बड़ी पहल: MSMEs के लिए 20 नए टेक्नोलॉजी सेंटर और 100 एक्सटेंशन सेंटर स्थापित होंगे

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देश भर में छोटे उद्यमों में तकनीकी उन्नयन और डिजिटलाइजेशन को बढ़ावा देने के लिए, सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम मंत्रालय (MSME) विभिन्न योजनाएँ और पहलें लागू कर रहा है। इनमें प्रमुख रूप से एमएसई-क्लस्टर विकास कार्यक्रम (सामान्य सुविधा केंद्र), टूल रूम/टेक्नोलॉजी सेंटर, माइक्रो एंड स्मॉल एंटरप्राइज़ (MSE)–ग्रीन इन्वेस्टमेंट फाइनेंसिंग फॉर ट्रांसफॉर्मेशन (GIFT) योजना और MSME चैंपियंस योजना शामिल हैं। इन पहलों के माध्यम से एमएसएमई के आधुनिकीकरण, कौशल और गुणवत्ता उन्नयन, उन्नत तकनीक तक पहुँच, हरित तकनीक अपनाने और प्रतिस्पर्धात्मकता में सुधार को प्रोत्साहन दिया जा रहा है।

सरकार डिजिटलाइजेशन को बढ़ावा देने के लिए उद्यम पोर्टल, MSME चैंपियंस पोर्टल, सरकारी ई-मार्केटप्लेस (GeM), ट्रेड रिसीवेबल्स डिस्काउंटिंग सिस्टम (TReDS), MSME मार्ट, MSME संबंध तथा ऑनलाइन विवाद निवारण (ODR) पोर्टल जैसी पहलों के माध्यम से डिजिटल पंजीकरण, ऑनलाइन प्रोक्योरमेंट, ई-मार्केट की उपलब्धता, देयकों की फाइनेंसिंग और शिकायत समाधान जैसी सुविधाएँ प्रदान कर रही है, जिससे देशभर के MSMEs को समर्थन मिल रहा है।

MSME मंत्रालय देशभर में 20 नए टेक्नोलॉजी सेंटर (TCs) और 100 एक्सटेंशन सेंटर (ECs) स्थापित करने के लिए ‘नई टेक्नोलॉजी सेंटर/एक्सटेंशन सेंटर की स्थापना’ योजना लागू कर रहा है। इसका उद्देश्य MSMEs की स्थानीय जरूरतों के अनुसार तकनीकी समाधान, कुशल मानव संसाधन और परामर्श सेवाएँ प्रदान करने के लिए TCs नेटवर्क की भौगोलिक पहुँच बढ़ाना है। इससे जमीनी स्तर पर MSMEs की प्रतिस्पर्धात्मकता और लाभप्रदता में वृद्धि होगी।

अनुमोदित 20 स्थानों में गया (बिहार) और बोकारो (झारखंड) जैसे दो आकांक्षी जिलों को भी शामिल किया गया है।

MSME मंत्रालय ने अपने फील्ड संगठनों जैसे MSME-विकास और सुविधा कार्यालयों, MSME टेक्नोलॉजी सेंटर्स और MSME टेस्टिंग सेंटर्स में कुल 65 निर्यात सुविधा केंद्र (Export Facilitation Centres–EFCs) स्थापित किए हैं। इनका उद्देश्य MSMEs को निर्यात प्रतिस्पर्धात्मकता बढ़ाने हेतु आवश्यक मार्गदर्शन और सहयोग प्रदान करना है।

यह जानकारी सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम राज्य मंत्री (शोभा करंदलाजे) ने लोकसभा में एक लिखित उत्तर में प्रदान की।


कोट्टायम के CMS कॉलेज में देश का पहला Gen Z-थीम पोस्ट ऑफिस काउंटर उद्घाटित

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इंडिया पोस्ट ने केरल के कोट्टायम स्थित CMS कॉलेज में एक पहली बार स्थापित किए गए Gen Z पोस्ट ऑफिस एक्सटेंशन काउंटर का उद्घाटन किया, जो नई पीढ़ी के लिए डाक सेवाओं के अनुभव को नए तरीके से परिभाषित करता है। इस सुविधा का उद्घाटन एन. आर. गिरि, निदेशक डाक सेवाएँ (डीपीएस), केरल केंद्रीय क्षेत्र द्वारा किया गया।

CMS कॉलेज और इंडिया पोस्ट के वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा Gen Z पोस्ट ऑफिस एक्सटेंशन काउंटर का उद्घाटन

‘छात्रों का, छात्रों द्वारा, छात्रों के लिए’ की मूल भावना के साथ तैयार किए गए इस पूरे स्थान की कल्पना, योजना और सह-निर्माण CMS कॉलेज के छात्रों ने इंडिया पोस्ट के अधिकारियों के सहयोग से किया है। यह रचनात्मकता, स्थिरता और सेवा का एक बेहतरीन संगम प्रस्तुत करता है।

यह पोस्टल एक्सटेंशन काउंटर एक जीवंत, युवा और प्रकृति-प्रेरित स्थान है जो इनडोर और आउटडोर क्षेत्रों को सहजता से जोड़ता है। इसका परिणाम एक ऐसी नेक्स्ट-जेन पोस्टल सुविधा है जो वर्क कैफ़े, ग्रीन कॉर्नर और सामुदायिक केंद्र का रूप भी लेती है—साथ ही कॉलेज के प्रकृति-संगति के सिद्धांत को भी दर्शाती है।

CMS कॉलेज में नए Gen Z-थीम वाले पोस्टल एक्सटेंशन काउंटर की झलक

Gen Z पोस्टल एक्सटेंशन काउंटर की प्रमुख विशेषताएँ

  • प्रकृति-थीम वाले बैठने के क्षेत्र, पिकनिक-टेबल शैली की व्यवस्था और वर्टिकल गार्डन के साथ, जो एक शांत और ताज़गी भरा वातावरण प्रदान करते हैं।
    पुनर्निर्मित टायरों से बनी अतिरिक्त बैठने की व्यवस्था स्थिरता व पर्यावरण-अनुकूलता के प्रति छात्रों की प्रतिबद्धता को दर्शाती है।

  • वर्क-फ्रेंडली काउंटर लेज, जिसमें लैपटॉप और मोबाइल उपकरणों के लिए चार्जिंग पॉइंट उपलब्ध हैं।

  • मनोरंजन और विश्राम कोना, जिसमें किताबों और बोर्ड गेम्स वाली बुकशेल्फ़ है, साथ ही शांत मनन के लिए एक इनडोर रीडिंग नुक्कड़ भी है।

  • पूरी तरह सुसज्जित MPCM बुकिंग काउंटर, जिसमें पैकेजिंग सामग्री और MyStamp प्रिंटर शामिल हैं, जिससे सेवाओं की पहुँच और आसान होती है।

  • कला-से सजे हुए इंटीरियर्स, जिनमें छात्रों और स्टाफ द्वारा बनाई गई कलाकृतियाँ शामिल हैं—जो इंडिया पोस्ट, कोट्टायम की सांस्कृतिक धरोहर (लैंड ऑफ लेटर्स), केरल की विरासत, CMS कॉलेज की भावना और प्रकृति-प्रेरित तत्वों का उत्सव मनाती हैं।

यह Gen Z-स्टाइल एक्सटेंशन काउंटर केवल एक सेवा केंद्र नहीं है—यह एक कार्यस्थल, बैठक स्थल, रचनात्मक केंद्र, विश्राम क्षेत्र और सामुदायिक कोना है, जो गर्व के साथ इंडिया पोस्ट की विरासत को भविष्य में आगे ले जाता है।

हरीतिमा से सुसज्जित आउटडोर कैफ़े-शैली एक्सटेंशन

सौंदर्यपूर्ण ढंग से डिज़ाइन किया गया इंटीरियर और काउंटर क्षेत्र


CG NEWS : भीषण सड़क हादसा - PSC की तैयारी कर रहे दो छात्रों की मौत, चार गंभीर

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 बिलासपुर। कोनी–सेंदरी रोड पर रविवार देर रात एक दर्दनाक सड़क हादसे में PSC की तैयारी कर रहे दो छात्रों की मौके पर ही मौत हो गई, जबकि चार छात्र गंभीर रूप से घायल हो गए। तेज रफ्तार में दौड़ रही कार अचानक अनियंत्रित होकर सड़क से नीचे फिसल गई और तीन बार पलटते हुए जंगल की झाड़ियों में जा धंसी। टक्कर इतनी भीषण थी कि कार पूरी तरह पिचक गई। यह दुर्घटना कोनी थाना क्षेत्र के तुर्काडीह चौक के पास हुई।


रतनपुर जाने के दौरान हुआ हादसा

मृत छात्रों की पहचान ईशु रत्नाकर (26), ग्राम खरकेना, डभरा ब्लॉक, सक्ती जिला और भास्कर राजपूत (22) जैतपुरी, बेमेतरा के रूप में हुई है। दोनों बिलासपुर में रहकर PSC की तैयारी कर रहे थे।

रविवार की रात ईशु अपने दोस्तों

अभिषेक बघेल, शेखर चंद्रवंशी, दिशु रत्नाकर और श्याम सिंह राजपूत के साथ कार OD 15 M 4400 से भोजन करने रतनपुर रोड की ओर निकला था। कार ईशु चला रहा था।

तुर्काडीह चौक के पास कार तेज रफ्तार के कारण अनियंत्रित होकर सड़क से नीचे उतर गई और पलटते-पलटते झाड़ियों में जा लगी। हादसे के बाद कार का ढांचा पूरी तरह चकनाचूर हो गया।

  • दो की मौत, चार घायल
  • ईशु रत्नाकर और भास्कर राजपूत की मौके पर ही मौत
  • बाकी चार मित्र गंभीर घायल, इलाज जारी

सूचना मिलते ही कोनी थाना पुलिस मौके पर पहुँची और घायलों को अस्पताल पहुंचाया। हादसे ने शहर को झकझोर दिया है।

गाइडलाइन दरों में प्रमुख बदलाव लागू, मुख्यमंत्री साय से उद्योग एवं रियल एस्टेट प्रतिनिधियों की मुलाकात

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रायपुर : मुख्यमंत्री विष्णु देव साय से उनके निवास कार्यालय में क्रेडाई,रियल एस्टेट और बस्तर चेंबर ऑफ़ कॉमर्स एंड इंडस्ट्रीज जगदलपुर के प्रतिनिधिमंडल ने सौजन्य मुलाकात की।


उल्लेखनीय है कि राज्य में 20 नवंबर 2025 से लागू नई गाइडलाइन दरों के संबंध में प्राप्त सुझावों, ज्ञापनों और आपत्तियों पर विचार करने हेतु मुख्यमंत्री विष्णु देव साय एवं वित्त मंत्री ओपी चौधरी के निर्देश पर केंद्रीय मूल्यांकन बोर्ड की बैठक कल 07 दिसंबर 2025 को आयोजित की गई थी।

बैठक में पंजीयन एवं मूल्यांकन प्रक्रिया को अधिक पारदर्शी, सरल और जनहितैषी बनाने के उद्देश्य से कई व्यापक निर्णय लिए गए, जो 08 दिसंबर से तत्काल प्रभाव से लागू हो गए हैं। प्रतिनिधि मंडल ने सरकार द्वारा लिए गए उक्त महत्वपूर्ण निर्णयों पर मुख्यमंत्री श्री साय का आभार व्यक्त किया।

इस अवसर पर वित्त मंत्री ओपी चौधरी, वन मंत्री केदार कश्यप, उद्योग मंत्री लखन लाल देवांगन और विधायक किरण देव उपस्थित थे।

राजनीतिक तापमान बढ़ा: आज राज्यसभा में वंदे मातरम् पर विशेष चर्चा

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 नई दिल्ली। संसद का आज का सत्र ऐतिहासिक होने जा रहा है, क्योंकि राष्ट्रीय गीत ‘वंदे मातरम्’ के 150 वर्ष पूर्ण होने के उपलक्ष्य में विशेष चर्चा आयोजित की गई है। सोमवार को लोकसभा में हुई व्यापक बहस के बाद आज यह मुद्दा राज्यसभा में आगे बढ़ाया जाएगा। दोपहर 1 बजे से शुरू होने वाली इस चर्चा के लिए सदन में विशेष व्यवस्था की गई है, जिसमें वंदे मातरम् की विरासत, स्वतंत्रता संग्राम में उसके योगदान और उसके राष्ट्रीय महत्व पर विस्तार से विचार-विमर्श होगा।


राज्यसभा में चर्चा की शुरुआत करेंगे अमित शाह

राज्यसभा में चर्चा की शुरुआत केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह करेंगे। माना जा रहा है कि शाह अपने संबोधन में वंदे मातरम् के रचनात्मक सफर, स्वतंत्रता आंदोलन में उसकी भूमिका और देश के भावनात्मक ताने-बाने में इसकी प्रतीकात्मक प्रभाव पर प्रकाश डालेंगे।

चर्चा के समापन पर भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जे. पी. नड्डा अपनी टिप्पणी देंगे और गीत की 150 वर्ष की यात्रा तथा इसकी वर्तमान संदर्भों में प्रासंगिकता को रेखांकित करेंगे। इसके अलावा भाजपा नेता राधामोहन दास अग्रवाल, के. लक्ष्मण, घनश्याम तिवारी और सतपाल शर्मा भी अपने विचार रखेंगे।

लोकसभा में रहा वंदे मातरम् के सम्मान का दिन

सोमवार को लोकसभा में दिन राष्ट्रीय गीत के सम्मान में समर्पित रहा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस चर्चा को “राष्ट्रीय गौरव का क्षण” बताया। उन्होंने कहा कि “वंदे मातरम् वह मंत्र है जिसने स्वतंत्रता आंदोलन को नई ऊर्जा और दिशा दी। जिस गीत ने देशभक्ति की भावना को ऊंचाइयों तक पहुंचाया, उसे याद करना हर भारतीय के लिए गर्व की बात है।”

चुनाव सुधार पर आज गरमा सकती है बहस

संसद में आज चुनाव सुधार पर भी गर्मागर्म बहस की उम्मीद है। विपक्ष SIR प्रक्रिया और चुनाव आयोग की पारदर्शिता को लेकर सवाल उठा सकता है। इस बहस की शुरुआत नेता विपक्ष राहुल गांधी करेंगे, जिससे सदन में राजनीतिक तापमान बढ़ना तय माना जा रहा है।

भारत–ऑस्ट्रेलिया कौशल और शिक्षा सहयोग: 3rd AIESC बैठक में भविष्य के लिए कौशल और खेल अर्थव्यवस्था पर सहमति

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नई दिल्ली में आयोजित 3rd ऑस्ट्रेलिया–भारत शिक्षा और कौशल परिषद (AIESC) की बैठक के दौरान भारत और ऑस्ट्रेलिया ने कौशल विकास, कार्यबल गतिशीलता और तेजी से बढ़ती खेल अर्थव्यवस्था में सहयोग को आगे बढ़ाने के लिए सार्थक द्विपक्षीय संवाद किया। इस बैठक की सह-अध्यक्षता कौशल विकास और उद्यमिता राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) जयंत चौधरी और ऑस्ट्रेलिया के शिक्षा एवं कौशल मंत्री एंड्रयू जाइल्स MP ने की।

बैठक में भारत–ऑस्ट्रेलिया संबंधों की मजबूत प्रगति को मान्यता दी गई और यह सुनिश्चित करने पर जोर दिया गया कि इस गतिशीलता को कुशल पेशेवरों के लिए सुव्यवस्थित मार्गों में बदल दिया जाए। दोनों पक्षों ने योग्यता की पारस्परिक मान्यता (Mutual Recognition of Qualifications – MRQ) तंत्र को तेजी से लागू करने और ब्रिज कोर्स विकसित करने पर सहमति व्यक्त की, ताकि कौशल और योग्यता का सामंजस्य स्थापित हो और कार्यबल की गतिशीलता सहज हो सके। विशेष रूप से उन्नत निर्माण क्षेत्र में वैश्विक मानकों के अनुरूप कुशल कार्यकर्ताओं को तैयार करने पर ध्यान केंद्रित किया गया।

बैठक के दौरान भारत की 2030 कॉमनवेल्थ गेम्स की बोली और ऑस्ट्रेलिया के 2032 ब्रिस्बेन ओलंपिक एवं पैरालंपिक की मेजबानी से उत्पन्न रणनीतिक अवसरों पर चर्चा हुई। खेल और शारीरिक स्वास्थ्य क्षेत्र को रोजगार सृजन और भारत के GDP में लगभग 2% योगदान देने वाली ‘सूर्योदय’ उद्योग के रूप में मान्यता दी गई। ऑस्ट्रेलिया की खेल प्रबंधन और खेल तकनीक में वैश्विक नेतृत्व को भारत के तेजी से बढ़ते खेल निर्माण और गिग अर्थव्यवस्था क्षेत्र के साथ पूरक माना गया।

इसके अतिरिक्त, भारत के ITI और राष्ट्रीय कौशल प्रशिक्षण संस्थान (NSTI) और ऑस्ट्रेलिया के TAFE नेटवर्क के बीच सहयोग बढ़ाने पर जोर दिया गया। साझेदारी का कार्य खनन, डिजिटल एवं आईटी कौशल, आतिथ्य, हरित रोजगार, नवीकरणीय ऊर्जा और लॉजिस्टिक्स सहित विभिन्न क्षेत्रों में होगा।

जयंत चौधरी ने भारत की Skilling for AI Readiness (SOAR) पहल के तहत भविष्य-उन्मुख कौशल को बढ़ावा देने पर जोर दिया और डिजिटल अपनाने के लिए नैतिक ढांचे और मानकों पर सहयोग की आवश्यकता को रेखांकित किया। उन्होंने भारत–ऑस्ट्रेलिया वार्षिक कौशल बैठक आयोजित करने का प्रस्ताव रखा, जो भारत और ऑस्ट्रेलिया में बारी-बारी से आयोजित की जाएगी। यह प्लेटफार्म कौशल के मानकीकरण, संस्थागत साझेदारी और प्रशिक्षण पारिस्थितिकी तंत्र को उद्योग की आवश्यकताओं के अनुरूप बनाए रखने में मदद करेगा।

एंड्रयू जाइल्स ने भारत के साथ साझेदारी की सराहना करते हुए कहा कि कौशल सहयोग दोनों देशों के लोगों के लिए साझा समृद्धि और मापनीय प्रभाव सुनिश्चित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।

बैठक में MSDE, DG Training, NCVET, NSDC और ऑस्ट्रेलिया के शिक्षा एवं कौशल एजेंसियों के वरिष्ठ अधिकारी भी उपस्थित थे।

बैठक का समापन उच्च-स्तरीय जुड़ाव बनाए रखने, सहयोगी मॉडल को तेज़ी से लागू करने और दोनों देशों में भविष्य-तैयार कौशल पारिस्थितिकी तंत्र को सशक्त बनाने की साझा प्रतिबद्धता के साथ हुआ।

भारत अंतर्राष्ट्रीय विज्ञान महोत्सव (IISF) 2025: “AI और AGI – भविष्य की बुद्धिमत्ता” पर उच्च स्तरीय पैनल चर्चा

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6 दिसंबर से चल रहे भारत अंतर्राष्ट्रीय विज्ञान महोत्सव (IISF) 2025 ने इस वर्ष के विज्ञान कार्यक्रमों में युवा मस्तिष्कों को प्रेरित करते हुए और “विकसित भारत@2047” के भारत के लक्ष्य को सशक्त करते हुए महत्वपूर्ण प्रभाव डाला है। तीसरे दिन, “AI & AGI: भविष्य की बुद्धिमत्ता” शीर्षक से एक उच्च स्तरीय पैनल चर्चा आयोजित की गई, जिसमें शिक्षा, उद्योग और अनुसंधान क्षेत्र के प्रमुख विशेषज्ञों ने आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस से आर्टिफिशियल जनरल इंटेलिजेंस तक की यात्रा और इसके विज्ञान, नवाचार और मानवता पर प्रभाव की समीक्षा की।

मुख्य वक्ताओं में प्रो. राजीव आहूजा, निदेशक IIT रोपड़; गोपाल कृष्ण भट्ट, निदेशक – डेटा सेंटर कस्टमर इंजीनियरिंग, इंटेल; विवेक कुमार राय, प्रमुख – स्ट्रैटेजिक बिज़नेस, HPC & AI, NVIDIA; और प्रत्यूष कुमार, सह-संस्थापक, सर्वम AI शामिल थे।

AI मिशन और विकसित भारत का दृष्टिकोण

IIT रोपड़ के निदेशक प्रो. राजीव आहूजा ने छात्रों को संबोधित करते हुए कहा कि भारत 2035 तक वैश्विक AI नेता बनने की तैयारी कर रहा है। उन्होंने IndiaAI मिशन का जिक्र किया, जिसका उद्देश्य 1 करोड़ युवाओं को AI में प्रशिक्षित करना, राष्ट्रीय कंप्यूट इन्फ्रास्ट्रक्चर तैयार करना, देशी AI मॉडल विकसित करना और जिम्मेदार एवं नैतिक AI को बढ़ावा देना है।

उन्होंने बताया कि IIT रोपड़ में तीन राष्ट्रीय सेक्टोरल AI केंद्रों में से एक कृषि पर केंद्रित केंद्र है, जो डिजिटल स्वास्थ्य, स्मार्ट सिटीज और एग्रीटेक जैसे प्राथमिक क्षेत्रों में AI समाधानों को लागू करता है।

उद्योग विशेषज्ञों ने भारत की उभरती डीप-टेक क्षमता पर प्रकाश डाला

इंटेल के गोपाल कृष्ण भट्ट ने भारत में सर्वर डिज़ाइन, चिप विकास और हाई-परफॉर्मेंस कंप्यूटिंग हार्डवेयर में तेजी से प्रगति की बात की। उन्होंने CDAC के साथ ‘रुद्र’ सर्वर प्लेटफॉर्म जैसी साझेदारियों का उदाहरण दिया, जो भारत को चिप आयात पर निर्भरता से स्वतंत्र कर देशी सिस्टम डिज़ाइन और निर्माण की दिशा में अग्रसर कर रही हैं।

NVIDIA और वैज्ञानिक अनुसंधान में AI का योगदान

NVIDIA के विवेक कुमार राय ने बताया कि AI दवा विकास, जलवायु मॉडलिंग, सामग्री विज्ञान और ऑटोमोटिव डिज़ाइन जैसे क्षेत्रों में शोध को कैसे बदल रहा है। उन्होंने GPU आधारित कंप्यूटिंग के माध्यम से राष्ट्रीय मिशनों को तेज करने पर जोर दिया।

भारतीय भाषाओं में AI और डिजिटल समावेशन

सर्वम AI के सह-संस्थापक प्रत्यूष कुमार ने बहुभाषी AI सिस्टम का प्रदर्शन किया, जिसमें भारत की पहली संप्रभु LLM (Large Language Model) शामिल है। उन्होंने बताया कि AI सभी पेशों का अभिन्न हिस्सा बनेगा और इसके लिए भारत-केंद्रित डेटा और मॉडल आवश्यक हैं।

पैनल चर्चा – AI और AGI: अगली सीमा

Xavier Kurian (Neysa), Ganesh Gopalan (Gnani.ai) और Dr. Manish Modani (NVIDIA) ने उद्योग और नीति दृष्टिकोण साझा किया। उन्होंने भारत में AI अपनाने की आवश्यकता, बहुभाषी वॉइस ऑटोमेशन और HPC/GPU इन्फ्रास्ट्रक्चर की बढ़ती क्षमता पर जोर दिया।

सभी वक्ताओं ने भारत की जनसंख्या शक्ति, नीति समर्थन और युवा प्रतिभा को वैश्विक AI और AGI नेतृत्व के लिए निर्णायक माना। छात्रों को AI टूल्स अपनाने, डीप-टेक क्षेत्रों में योगदान देने और ज्ञान-आधारित, नवाचार-प्रधान विकसित भारत@2047 की दिशा में काम करने के लिए प्रेरित किया गया।

भारत में मोटापे को सार्वजनिक स्वास्थ्य चुनौती के रूप में संबोधित करने पर जोर: केंद्रीय मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह

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“भारत में मोटापा एक सार्वजनिक स्वास्थ्य चुनौती के रूप में उभर चुका है, यह केवल एक सौंदर्य-संबंधी मुद्दा नहीं है। इस चुनौती को वैज्ञानिक सटीकता और नीति अनुशासन के साथ संबोधित करने की आवश्यकता है,” यह बात केंद्रीय विज्ञान और प्रौद्योगिकी राज्य मंत्री; पीएमओ के MoS, डॉ. जितेंद्र सिंह ने भारत अंतरराष्ट्रीय विज्ञान महोत्सव (IISF) के दौरान "क्लिनिशियन–साइंटिस्ट इंटरैक्शन ऑन ओबेसिटी" पैनल चर्चा में कही।

चिकित्सा, जैव-चिकित्सा अनुसंधान और सार्वजनिक नीति के क्षेत्र के प्रमुख विशेषज्ञों की उपस्थिति में आयोजित इस सत्र ने भारत में बढ़ते मेटाबॉलिक स्वास्थ्य बोझ पर बहुआयामी दृष्टिकोण पेश किया। डॉ. जितेंद्र सिंह ने IISF में उपस्थित दर्शकों को संबोधित करते हुए बताया कि सामाजिक व्यवहार, बाजार की ताकतें और गलत जानकारी ने भारत में मोटापे की स्थिति को जटिल बना दिया है।

पैनल में भारत की वैज्ञानिक और चिकित्सा समुदाय के प्रमुख विशेषज्ञ शामिल थे, जिनमें डॉ. अश्वनी पारीक (कार्यकारी निदेशक, NABI), डॉ. विनोद कुमार पॉल और डॉ. वी.के. सरस्वत (सदस्य, नीति आयोग), प्रो. उल्लास कोलथुर (निदेशक, CDFD), डॉ. गणेशन कार्तिकेयन (कार्यकारी निदेशक, THSTI), और वरिष्ठ एंडोक्राइनोलॉजिस्ट डॉ. संजय भड़ादा एवं डॉ. सचिन मित्तल शामिल थे।

डॉ. सिंह ने कहा कि भारतीय समाज ने ऐतिहासिक रूप से मोटापे को केवल सौंदर्य-संबंधी मुद्दे के रूप में देखा, जिससे इस पर वैज्ञानिक चर्चा में देरी हुई। उन्होंने भारत में केंद्रीय या विसरल मोटापे की उच्च प्रवृत्ति पर विशेष ध्यान दिया और कहा, “भारतीयों के लिए, कमर का आकार वजन से अधिक महत्वपूर्ण कहानी बताता है।”

उन्होंने GLP-आधारित दवाओं के फैशनेबल उपयोग के संदर्भ में सतर्कता बरतने की आवश्यकता पर जोर दिया और कहा कि कभी-कभी लंबी अवधि के प्रभाव वर्षों बाद ही स्पष्ट होते हैं। उन्होंने 1970-80 के दशक में अनियंत्रित रूप से परिष्कृत तेलों के उपयोग के उदाहरण का उल्लेख करते हुए चेतावनी दी।

मिनिस्टर ने गलत जानकारी से उत्पन्न खतरों पर भी प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि बिना योग्य चिकित्सक और स्वयं घोषित आहार विशेषज्ञ भारत के मेटाबॉलिक संकट को बढ़ा रहे हैं। उन्होंने नीति निर्माताओं से ऐसे तंत्र बनाने का आग्रह किया जो मरीजों को भ्रामक हस्तक्षेप से बचा सकें।

डॉ. जितेंद्र सिंह ने भारत में बढ़ती मेटाबॉलिक जटिलताओं की ओर ध्यान आकर्षित किया और कहा, “पहले हर तीसरे OPD मरीज में अप्रकाशित मधुमेह होता था; आज हर तीसरे मरीज में फैटी लिवर है। इसे संभालने के लिए हमें एक अधिक वैज्ञानिक और नियंत्रित पारिस्थितिकी तंत्र की आवश्यकता है।”

अपने संबोधन का समापन करते हुए डॉ. सिंह ने कहा, “मोटापा केवल एंडोक्राइनोलॉजिस्ट्स का विषय नहीं है। यह एक सामाजिक समस्या है, जो संस्कृति, आदतों, बाजार और गलत जानकारी से आकार लेती है, और इसे अनदेखा करना संभव नहीं है।”

सत्र का समापन क्लिनिशियनों, शोधकर्ताओं, नीति निर्माताओं और जनता के बीच गहन सहयोग की आवश्यकता के आह्वान के साथ हुआ, ताकि भारत की तेजी से बदलती मेटाबॉलिक स्वास्थ्य चुनौती का प्रभावी समाधान किया जा सके।

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