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रामनाथ कोविंद और CM साय आज बिलासपुर में अटल बिहारी वाजपेयी विश्वविद्यालय के छठवें दीक्षांत समारोह में होंगे शामिल

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 बिलासपुर। पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद आज अटल बिहारी वाजपेयी विश्वविद्यालय, बिलासपुर के छठवें दीक्षांत समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में शामिल होंगे। सोमवार को रायपुर एयरपोर्ट पहुंचने पर उनका गर्मजोशी से स्वागत किया गया। इस दौरान उन्होंने मीडिया से अनौपचारिक बातचीत में कई राष्ट्रीय मुद्दों पर अपनी राय रखी।


प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा PMO और केंद्रीय सचिवालय का नाम बदलने के प्रश्न पर प्रतिक्रिया देते हुए पूर्व राष्ट्रपति कोविंद ने इसे सकारात्मक निर्णय बताया। उन्होंने कहा कि,
“यह राजनीतिक बातें हैं, जो बदला है अच्छा किए हैं।”
गौरतलब है कि PMO परिसर का नया नाम ‘सेवातीर्थ’ और केंद्रीय सचिवालय का नाम ‘कर्तव्य भवन’ रखा गया है, जिस पर देशभर में चर्चा जारी है।

बिलासपुर और बलौदाबाजार के दौरे पर रहेंगे CM विष्णु देव साय

दीक्षांत समारोह के दौरान मुख्यमंत्री विष्णु देव साय भी कार्यक्रम में शामिल होंगे। CM साय आज बिलासपुर और बलौदा बाजार जिले के कार्यक्रमों में भाग लेंगे। वे बलौदा बाजार जिले के सुहेला में भूमिपूजन एवं लोकार्पण कार्यक्रमों में शिरकत करेंगे।

खरमास शुरू होने से पहले निपटा लें शुभ काम - 6 दिसंबर से 30 दिनों तक मांगलिक कार्यों पर विराम

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 रायपुर। मांगलिक और शुभ कार्य कराने की सोच रहे लोगों के लिए अहम जानकारी—इस वर्ष खरमास 16 दिसंबर 2025 से शुरू होकर 14 जनवरी 2026 तक चलेगा। ज्योतिषीय मान्यता के अनुसार धनु संक्रांति पर सूर्य के धनु राशि में प्रवेश करते ही खरमास (मलमास) की शुरुआत हो जाती है। यह समय धार्मिक, सामाजिक और पारिवारिक शुभ कार्यों के लिए वर्जित माना गया है।


वैदिक ज्योतिष के अनुसार सूर्य जब गुरु (बृहस्पति) की राशि में प्रवेश करता है, तब मांगलिक कार्यों की शुभ ऊर्जा मंद हो जाती है। धर्मग्रंथों में इसे संयम, साधना और आध्यात्मिक उन्नति का समय बताया गया है। इसलिए इस दौरान किसी भी प्रकार के बड़े शुभ कार्य रोक दिए जाते हैं।

खरमास में क्या न करें?

  • गृह प्रवेश
  • नामकरण
  • सगाई और विवाह
  • भवन, भूमि या वाहन क्रय-विक्रय
  • नए व्यवसाय या शुभ शुरुआत

खरमास में क्या करें शुभ माना जाता है?

  • साधना, जप, ध्यान और गीता पाठ
  • ब्रह्म मुहूर्त में ध्यान
  • तुलसी पूजा और उपासना
  • जरूरतमंदों को कपड़े, तेल, भोजन या गुड़ का दान
  • आत्मनिरीक्षण और मानसिक शांति के लिए समय देना

खरमास का महत्व

खरमास को विश्राम और मनन का काल कहा गया है। सूर्य की स्थिति में परिवर्तन के कारण प्रकृति की ऊर्जा में भी शांति और मंदता आती है, इसलिए ऋषि-मुनियों ने इसे आध्यात्मिक साधना से जोड़ा है।

इस अवधि के समाप्त होने के बाद 14 जनवरी 2026 को मकर संक्रांति के साथ शुभ मुहूर्त फिर से प्रारंभ होंगे, और विवाह, गृहप्रवेश तथा सभी मांगलिक आयोजनों की रौनक लौट आएगी।

प्रयोगशाला परिचारक भर्ती- 2023 : दस्तावेजों का सत्यापन 8 से 12 दिसंबर तक, आठ समितियाँ 1603 अभ्यर्थी का करेगी दस्तावेजों का सत्यापन

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रायपुर। छत्तीसगढ़ व्यावसायिक परीक्षा मंडल द्वारा आयोजित प्रयोगशाला परिचारक  भर्ती परीक्षा–2023 के अंतर्गत चयनित अभ्यर्थियों के दस्तावेज़ों के सत्यापन की प्रक्रिया 08 से 12 दिसंबर 2025 तक चलेगी। सत्यापन का कार्य विज्ञान महाविद्यालय परिसर, रायपुर स्थित क्षेत्रीय अपर संचालक (रूसा) कार्यालय में प्रतिदिन सुबह 10:30 से शाम 5:30 बजे तक दो पालियों में संपन्न होगा।


1603 अभ्यर्थियों को सत्यापन हेतु आमंत्रित

आयुक्त उच्च शिक्षा विभाग डॉ. संतोष देवांगन ने बताया कि 430 पदों के विरुद्ध तीन गुना अभ्यर्थियों को दस्तावेजों के सत्यापन के लिए बुलाया गया है। इसमें सामान्य वर्ग के कुल 538 जिसमें महिला 164 तथा 374 पुरुष, अन्य पिछड़ा वर्ग के 190 में से महिला 56 और 134 पुरुष, अनुसूचित जाति वर्ग के 159 में से महिला 46 और 113 पुरुष तथा अनुसूचित जनजाति वर्ग के 419 में से महिला 123 और 296 पुरुष शामिल होंगे। इसी तरह दिव्यांग वर्ग के 91, भूतपूर्व सैनिक के 206 अभ्यर्थी दस्तावेजों के सत्यापन में शामिल होंगे।

दस्तावेज़ सत्यापन के लिए आठ समितियाँ गठित

उच्च शिक्षा विभाग ने दस्तावेजों के सत्यापन कार्य को सुचारू और पारदर्शी बनाने के लिए  कुल आठ समितियाँ बनाई हैं। प्रत्येक समिति में प्राचार्य, सहायक प्राध्यापक तथा वरिष्ठ अधिकारी शामिल हैं। सभी समितियाँ 08 से 12 दिसंबर 2025 तक प्रतिदिन निर्धारित समय में अभ्यर्थियों के मूल दस्तावेज़ों का परीक्षण करेंगी। इस संबंध में विस्तृत निर्देश उच्च शिक्षा विभाग की वेबसाइट www. highereducation.cg.gov.in पर उपलब्ध हैं। यह प्रक्रिया भर्ती में पारदर्शिता बढ़ाने और चयन कार्य को समय सीमा के भीतर पूर्ण करने के उद्देश्य से आयोजित की जा रही है।

मंत्रिपरिषद के निर्णय : मुख्यमंत्री विष्णु देव साय की अध्यक्षता में आयोजित कैबिनेट की बैठक में राज्य के घरेलू विद्युत उपभोक्ताओं को बिजली बिल में रियायत देने के साथ ही लिए गए अन्य महत्वपूर्ण निर्णय -

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रायपुर। मुख्यमंत्री ऊर्जा राहत जन अभियान (M-URJA) - राज्य के घरेलू विद्युत उपभोक्ताओं को बिजली बिल में राहत देने के लिए मुख्यमंत्री ऊर्जा राहत जन अभियान राज्य में 01 दिसम्बर 2025 से लागू है, जिसके तहत घरेलू विद्युत उपभोक्ताओं को 100 यूनिट से बढ़ाकर अब 200 यूनिट प्रति माह तक बिजली बिल में 50 प्रतिशत छूट का लाभ मिलेगा। यह लाभ 400 यूनिट तक खपत वाले उपभोक्ताओं को भी मिलेगा। 

राज्य में 200 से 400 यूनिट तक बिजली खपत करने वाले उपभोक्ताओं को अगले एक वर्ष तक 200 यूनिट तक, बिजली बिल में 50 प्रतिशत छूट का लाभ मिलेगा, इससे 6 लाख उपभोक्ता लाभान्वित होंगे, ताकि इस अवधि में वे अपने घरों में पीएम सूर्यघर मुफ्त बिजली योजना के तहत सोलर प्लांट स्थापित करा सके।

इस तरह मुख्यमंत्री ऊर्जा राहत जन अभियान से प्रदेश के 42 लाख उपभोक्ता लाभान्वित होंगे, वहीं प्रधानमंत्री सूर्य घर मुक्त बिजली योजना का लाभ प्रदेश के सभी उपभोक्ताओं को मिलेगा। 

गौरतलब है कि पीएम सूर्यघर मुफ्त बिजली योजना के अंतर्गत राज्य शासन की ओर से सब्सिडी दी जा रही है, जिसके तहत 1 किलोवॉट क्षमता के सोलर प्लांट पर 15,000 रुपये तथा 2 किलोवॉट या उससे अधिक क्षमता के प्लांट पर 30,000 रुपये की अतिरिक्त सब्सिडी दी जा रही है। यह व्यवस्था राज्य में सौर ऊर्जा अपनाने को प्रोत्साहित करेगी और आने वाले समय में उपभोक्ताओं को हाफ बिजली से फ्री बिजली की ओर ले जाएगी।

छत्तीसगढ़ भण्डार क्रय नियम, 2002 में स्थानीय लघु एवं सूक्ष्म उद्योगों से क्रय को प्रोत्साहन देने तथा जेम पोर्टल में क्रय की स्पष्टता के लिए संशोधन किए जाने का निर्णय लिया गया। इन संशोधन से क्रय प्रक्रिया का सरलीकरण होगा, पारदर्शिता में वृद्धि होगी, प्रतिस्पर्धा को बढा़वा मिलेगा तथा समय और संसाधनों की बचत होगी। 

मंत्रिपरिषद द्वारा छत्तीसगढ़ निजी विश्वविद्यालय (स्थापना एवं संचालन) (संशोधन) विधेयक, 2025 के प्रारूप का अनुमोदन किया गया। 

मंत्रिपरिषद द्वारा छत्तीसगढ़ दुकान एवं स्थापना (नियोजन एवं सेवा की शर्तों का विनियमन) अधिनियम, 2017 (क्र. 21 सन् 2018) में संशोधन हेतु छत्तीसगढ़ दुकान एवं स्थापना संशोधन विधेयक, 2025 के प्रारूप का अनुमोदन किया गया। जिससे ईज ऑफ डूइंग बिजनेस के रिफॉर्म्स और रोजगार को बढ़ावा मिलेगा। 

मुख्यमंत्री साय से एनएमआईएमएस के प्रतिनिधियों ने की सौजन्य मुलाकात, एडुसिटी नया रायपुर में नारसी मोंजी इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट स्टडीज के कैंपस खोलने का मिला प्रस्ताव

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रायपुर। मुख्यमंत्री विष्णु देव साय से आज मंत्रालय महानदी भवन में नारसी मोंजी इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट स्टडीज (NMIMS) के प्रतिनिधि जगदीश वी पारिख ने सौजन्य भेंट की। मुलाकात के दौरान प्रदेश में उच्च शिक्षा के क्षेत्र में किए जा रहे विशेष प्रयासों तथा नई संभावनाओं पर विस्तृत चर्चा हुई।

पारिख ने मुख्यमंत्री को संस्थान द्वारा नया रायपुर के एडुसिटी में अपना कैंपस स्थापित करने के प्रस्ताव से अवगत कराया। उन्होंने एनएमआईएमएस द्वारा संचालित पाठ्यक्रमों, शैक्षणिक गतिविधियों की जानकारी भी साझा की। साथ ही पारिख ने उन्हें आज आवास एवं पर्यावरण मंत्री ओ पी चौधरी से हुए मुलाकात के बारे में बताया और उनके माध्यम से हर संभव विभागीय सहयोग मिलने की बात कही।

मुख्यमंत्री साय ने कहा कि राज्य सरकार गुणवत्तापूर्ण उच्च शिक्षा उपलब्ध कराने के संकल्प के साथ नया रायपुर में एडुसिटी का विकास कर रही है। उन्होंने कहा कि एडुसिटी के माध्यम से प्रदेश के युवाओं को राष्ट्रीय स्तर की उत्कृष्ट संस्थाओं में पढ़ने का अवसर मिलेगा और उन्हें बड़े शहरों की ओर जाने की जरूरत नहीं होगी। उन्होंने कहा कि नारसी मोंजी इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट स्टडीज जैसे प्रतिष्ठित संस्थान के आने से राज्य के युवाओं को मैनेजमेंट और इंजीनियरिंग के क्षेत्र में गुणवत्तापूर्ण उच्च स्तरीय शिक्षा प्राप्त होगी। एडुसिटी में राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय संस्थानों के संचालन से युवाओं के कौशल विकास को नई दिशा मिलेगी और रोजगार के बेहतर अवसर सृजित होंगे।

उल्लेखनीय है कि राज्य सरकार नया रायपुर को एजुकेशनल हब के रूप में विकसित करने के लिए एडुसिटी का निर्माण कर रही है। इसमें मल्टी-डिसिप्लीनरी यूनिवर्सिटी, रिसर्च सेंटर, इन्क्यूबेशन हब, डिजिटल लाइब्रेरी, विज्ञान एवं नवाचार केंद्र तथा अत्याधुनिक प्रयोगशालाओं की स्थापना प्रस्तावित है। इससे प्रदेश के युवाओं को राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर की शिक्षा, शोध और स्टार्टअप के अवसर मिलेंगे।

नया रायपुर में पहले से ही आईआईआईटी, आईआईएम, नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी जैसे प्रतिष्ठित संस्थान संचालित हैं। एडुसिटी के विकसित होने से यहां शिक्षा का एक सशक्त और आधुनिक पारिस्थितिकी तंत्र तैयार होगा।

इस दौरान मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव सुबोध कुमार सिंह, मुख्यमंत्री के सचिव राहुल भगत, नया रायपुर विकास प्राधिकरण के मुख्य कार्यपालन अधिकारी चंदन कुमार सहित वरिष्ठ अधिकारी मौजूद रहे।

छत्तीसगढ़ में ई-गजट ऑनलाईन पोर्टल का शुभारंभ: अधिसूचना प्रकाशन की प्रक्रिया अब होगी पूरी तरह डिजिटल और त्वरित

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रायपुर। मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के नेतृत्व में प्रशासनिक प्रक्रियाओं को सरल, पारदर्शी और त्वरित बनाने की दिशा में एक और महत्वपूर्ण कदम बढ़ाते हुए राजस्व मंत्री टंकराम वर्मा ने मंत्रालय में ई-गजट ऑनलाईन पोर्टल का शुभारंभ किया। इस अवसर पर राजस्व एवं आपदा प्रबंधन विभाग की सचिव रीना बाबासाहेब कंगाले उपस्थित थीं। 

ई-गजट ऑनलाईन पोर्टल पोर्टल के माध्यम से अब शासन के सभी विभाग तथा जिला कलेक्टरों द्वारा जारी आदेश, अधिसूचनाएँ, अध्यादेश एवं अन्य प्रकाशन सामग्री सीधे ऑनलाईन पाण्डुलिपि रूप में संचालक, मुद्रण तथा लेखन सामग्री विभाग को भेजी जाएगी, जहाँ से शासकीय मुद्रणालय इसे ई-गजट के रूप में ऑनलाइन प्रकाशित करेगा।

राजस्व एवं आपदा प्रबंधन विभाग द्वारा विकसित इस नई प्रणाली के तहत राजपत्र प्रकाशन की संपूर्ण प्रक्रिया अब डिजिटल माध्यम से संचालित होगी। पूर्व में विभागों एवं जिला कार्यालयों से मुद्रणालय तक पाण्डुलिपि भेजने की प्रक्रिया समयसाध्य और भौतिक संसाधनों पर आधारित थी, जिसे अब पूर्णतः ऑनलाइन कर दिया गया है। नए ई-गजट पोर्टल के माध्यम से विभाग अपने आदेश एवं अधिसूचनाएँ सीधे अपलोड करेंगे तथा प्रकाशित राजपत्र भी सभी के लिए ऑनलाइन सुलभ रहेगा।

ई-गजट प्रणाली लागू होने से अधिसूचना प्रकाशन संबंधी कार्यों में उल्लेखनीय तेजी आएगी। डिजिटल प्लेटफॉर्म के माध्यम से न केवल प्रक्रियाएँ सरल होंगी, बल्कि कार्य पूर्णतः पेपर-लेस होने से शासन की ई-गवर्नेंस नीतियों को भी मजबूत आधार मिलेगा। राजपत्रों का ऑनलाइन प्रकाशन पारदर्शिता, सुलभता और रिकॉर्ड प्रबंधन को भी अधिक प्रभावी बनाएगा।

छत्तीसगढ़ शासन की यह पहल राज्य में डिजिटल शासन, त्वरित निर्णय प्रक्रिया और प्रशासनिक दक्षता बढ़ाने की दिशा में एक बड़ा कदम है। ई-गजट पोर्टल के शुभारंभ से अब राजपत्र प्रकाशन अधिक सुगम, समयबद्ध और आधुनिक स्वरूप में उपलब्ध हो सकेगा।


बस्तर के जंगलों में सबसे बड़ा ऑपरेशन- 12 माओवादी मारे गए, तीन वीर जवानों ने दी शहादत

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 बीजापुर/दंतेवाड़ा। छत्तीसगढ़ के बीजापुर-दंतेवाड़ा अंतरजिला सीमा पर पश्चिम बस्तर डिवीजन के घने जंगलों में आज सुबह शुरू हुआ नक्सल विरोधी अभियान अब तक का सबसे बड़ा ऑपरेशन साबित हुआ है। सुरक्षा बलों की जवाबी कार्रवाई में 12 माओवादी मारे गए, जिनके शव बरामद किए जा चुके हैं।


बस्तर रेंज के आईजी सुंदरराज पी. के अनुसार, सुबह करीब 9 बजे DRG (बीजापुर-दंतेवाड़ा), STF और CRPF कोबरा की संयुक्त टीम ने सर्चिंग अभियान शुरू किया था। उसी दौरान छिपे नक्सलियों ने सुरक्षाबलों पर अंधाधुंध गोलीबारी शुरू कर दी। बलों ने तत्काल मोर्चा संभालते हुए जवाबी कार्रवाई की, जिसमें 12 नक्सली ढेर हो गए।

मुठभेड़ स्थल से भारी मात्रा में हथियार बरामद

बरामद वस्तुओं में शामिल-

  • 12 नक्सली कैडरों के शव
  • कई SLR, इंसास और .303 राइफलें
  • भारी मात्रा में गोला-बारूद और विस्फोटक सामग्री
  • मृत नक्सलियों की पहचान की प्रक्रिया जारी है।

तीन जांबाज शहीद, दो जवान घायल

मुठभेड़ के दौरान DRG बीजापुर के तीन वीर जवान सर्वोच्च बलिदान देकर शहीद हो गए-

  • प्रधान आरक्षक मोनू वडाड़ी
  • प्रधान आरक्षक रमेश सोड़ी
  • आरक्षक दुकारू गोंडे

इसके अलावा दो जवान घायल हुए हैं, जिन्हें तत्काल मेडिकल सहायता प्रदान की गई है। दोनों की स्थिति खतरे से बाहर बताई गई है।

इलाके में अभी भी व्यापक ऑपरेशन जारी

आईजी सुंदरराज ने बताया कि क्षेत्र को कॉर्डन कर अतिरिक्त बल भेजा गया है। नक्सलियों के बचने के संभावित मार्गों पर सुरक्षा बल तैनात कर दिए गए हैं और सर्च ऑपरेशन जारी है।
“ऑपरेशन समाप्त होने के बाद विस्तृत जानकारी साझा की जाएगी।” - आईजी

200 यूनिट तक आधा बिजली बिल: कैबिनेट की बड़ी राहत, 42 लाख उपभोक्ताओं को फायदा

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 रायपुर : मुख्यमंत्री विष्णु देव साय की अध्यक्षता में आज यहां मंत्रालय महानदी भवन में आयोजित कैबिनेट की बैठक में राज्य के घरेलू विद्युत उपभोक्ताओं को बिजली बिल में रियायत देने के साथ ही अन्य महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए -


मुख्यमंत्री ऊर्जा राहत जन अभियान (M-URJA) - राज्य के घरेलू विद्युत उपभोक्ताओं को बिजली बिल में राहत देने के लिए मुख्यमंत्री ऊर्जा राहत जन अभियान राज्य में 01 दिसम्बर 2025 से लागू है, जिसके तहत घरेलू विद्युत उपभोक्ताओं को 100 यूनिट से बढ़ाकर अब 200 यूनिट प्रति माह तक बिजली बिल में 50 प्रतिशत छूट का लाभ मिलेगा। यह लाभ 400 यूनिट तक खपत वाले उपभोक्ताओं को भी मिलेगा।


राज्य में 200 से 400 यूनिट तक बिजली खपत करने वाले उपभोक्ताओं को अगले एक वर्ष तक 200 यूनिट तक, बिजली बिल में 50 प्रतिशत छूट का लाभ मिलेगा, इससे 6 लाख उपभोक्ता लाभान्वित होंगे, ताकि इस अवधि में वे अपने घरों में पीएम सूर्यघर मुफ्त बिजली योजना के तहत सोलर प्लांट स्थापित करा सके।

इस तरह मुख्यमंत्री ऊर्जा राहत जन अभियान से प्रदेश के 42 लाख उपभोक्ता लाभान्वित होंगे, वहीं प्रधानमंत्री सूर्य घर मुक्त बिजली योजना का लाभ प्रदेश के सभी उपभोक्ताओं को मिलेगा।

गौरतलब है कि पीएम सूर्यघर मुफ्त बिजली योजना के अंतर्गत राज्य शासन की ओर से सब्सिडी दी जा रही है, जिसके तहत 1 किलोवॉट क्षमता के सोलर प्लांट पर 15,000 रुपये तथा 2 किलोवॉट या उससे अधिक क्षमता के प्लांट पर 30,000 रुपये की अतिरिक्त सब्सिडी दी जा रही है। यह व्यवस्था राज्य में सौर ऊर्जा अपनाने को प्रोत्साहित करेगी और आने वाले समय में उपभोक्ताओं को हाफ बिजली से फ्री बिजली की ओर ले जाएगी।

छत्तीसगढ़ भण्डार क्रय नियम, 2002 में स्थानीय लघु एवं सूक्ष्म उद्योगों से क्रय को प्रोत्साहन देने तथा जेम पोर्टल में क्रय की स्पष्टता के लिए संशोधन किए जाने का निर्णय लिया गया। इन संशोधन से क्रय प्रक्रिया का सरलीकरण होगा, पारदर्शिता में वृद्धि होगी, प्रतिस्पर्धा को बढा़वा मिलेगा तथा समय और संसाधनों की बचत होगी।

मंत्रिपरिषद द्वारा छत्तीसगढ़ निजी विश्वविद्यालय (स्थापना एवं संचालन) (संशोधन) विधेयक, 2025 के प्रारूप का अनुमोदन किया गया।

मंत्रिपरिषद द्वारा छत्तीसगढ़ दुकान एवं स्थापना (नियोजन एवं सेवा की शर्तों का विनियमन) अधिनियम, 2017 (क्र. 21 सन् 2018) में संशोधन हेतु छत्तीसगढ़ दुकान एवं स्थापना संशोधन विधेयक, 2025 के प्रारूप का अनुमोदन किया गया। जिससे ईज ऑफ डूइंग बिजनेस के रिफॉर्म्स और रोजगार को बढ़ावा मिलेगा। 

पीपला की पहल पर भिलाई में खुला शिक्षादान केंद्र, पांच गांवों के छात्र छात्राएं को मिलेगा निःशुल्क कोचिंग

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आरंग- बुधवार को स्वयंसेवी संस्था पीपला वेलफेयर फाउंडेशन की पहल पर शिक्षादान केंद्र का शुभारंभ हुआ। जिसमें आसपास के पांच गांव चरौदा, भिलाई ,मोखला, गिधवा,ओड़का के कक्षा दसवीं की छात्र छात्राएं लाभान्वित होंगे। फाउंडेशन के संयोजक महेन्द्र कुमार पटेल ने बताया ग्रामीण क्षेत्रों में छात्रों को कोचिंग की सुविधा नहीं मिल पाती। जिससे कि बच्चों को कठिन विषयों को बेहतर ढंग से समझने में काफी समस्याएं होती।जिसे देखते हुए यहां भी शिक्षादान केंद्र संचालित किया जा रहा है। इसके पहले भी एक वर्ष पूर्व यहां शिक्षादान केंद्र संचालित किया गया था। जिसका बहुत ही सकारात्मक परिणाम आया था। उन्होंने बताया विगत चार वर्षों से आरंग के गायत्री मंदिर में भी शिक्षादान केंद्र संचालित किया जा रहा है। जहां प्रतिदिन 30 से 50 बच्चे लाभान्वित हो रहे हैं।

क्या है शिक्षादान केंद्र का कांसेप्ट 

इसमें कोई भी शिक्षित बेरोजगार युवाओं द्वारा गणित, विज्ञान,अंग्रेजी जैसे कठिन विषयों को पढ़ाया जाता है।जिसे फाउंडेशन से जुड़े सेवाभावियों द्वारा प्रोत्साहन स्वरूप कुछ सम्मान राशि दिया जाता है। शिक्षा दान केंद्र संचालन की परिकल्पना व कांसेप्ट फाउंडेशन के संयोजक महेन्द्र पटेल द्वारा किया गया है।इस तरह कोई भी छात्र छात्राओं से कोई राशि नहीं लिया जाता।

इस अवसर पर फाउंडेशन के संरक्षक व समाजसेवी पारसनाथ साहू, पुरुषोत्तम जलक्षत्री, गिरधारी साहू, लोकेश साहू उपस्थित होकर पीपला फाउंडेशन की पहल की स्वागत करते हुए फाउंडेशन का आभार जताया। साथ ही शिक्षादान में पढ़ाने वाले चरौदा के एमएससी के छात्र ओमप्रकाश तारक को फूल गुलदस्ता व पांच सौ रुपए नगद राशि भेंटकर प्रोत्साहित किया गया।

मुख्यमंत्री विष्णु देव साय से छत्तीसगढ़ लोक सेवा आयोग 2024 के टॉप 10 अभ्यर्थियों ने की सौजन्य भेंट

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मुख्यमंत्री ने दी शुभकामनाएं, लोकहित में कार्य करने की दी सीख

रायपुर- मुख्यमंत्री विष्णु देव साय से विगत दिवस राजधानी रायपुर स्थित उनके निवास कार्यालय में छत्तीसगढ़ लोक सेवा आयोग 2024 के टॉप 10 अभ्यर्थियों ने सौजन्य भेंट की। मुख्यमंत्री साय ने सभी चयनित अभ्यर्थियों और उनके परिजनों को सफलता के लिए शुभकामनाएं और बधाई दी। इस अवसर पर विधायक ललित चंद्राकर और राजभाषा अधिकारी  छगन लाल नागवंशी भी उपस्थित थे।

मुख्यमंत्री साय ने विद्यार्थियों से उनकी तैयारी के अनुभव, परीक्षा के दौरान आने वाली चुनौतियों और भविष्य की योजनाओं के बारे में विस्तार से जानकारी ली। उन्होंने कहा कि मेहनत, अनुशासन और सकारात्मक सोच के कारण विद्यार्थियों ने यह महत्वपूर्ण उपलब्धि हासिल की है।

मुख्यमंत्री साय ने कहा कि छत्तीसगढ़ लोक सेवा आयोग 2024 में प्रदेश के युवाओं का उत्कृष्ट प्रदर्शन हम सबके लिए गर्व की बात है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार युवाओं को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा, बेहतर प्रशिक्षण और प्रतिस्पर्धी परीक्षाओं की तैयारी के लिए आवश्यक संसाधन उपलब्ध कराने के लिए प्रतिबद्ध है।

मुख्यमंत्री साय ने कहा कि आपको हमेशा यह भी याद रखना होगा कि आगे आपकी भूमिका लोकसेवक की होगी। आपको अपने दायित्वों के निर्वहन में धैर्य, विनम्रता और लोक सेवक की सीमाओं का हमेशा ध्यान रखना होगा। आम जनमानस में प्रशासन का विश्वास कायम रखने की दिशा में आप सभी को संवेदनशीलता से प्रयास करना है। 

मुख्यमंत्री ने कहा कि  हमारी सरकार ने छत्तीसगढ़ लोक सेवा आयोग की प्रतिष्ठित परीक्षा को पूरी पारदर्शिता के साथ आयोजित करने का निर्णय लिया है और वह परीक्षा परिणामों में  साफ नजर आ रहा है। 

टॉपर विद्यार्थियों ने मुख्यमंत्री से मुलाकात के लिए आभार व्यक्त किया और कहा कि यह उपलब्धि उनके लिए जिम्मेदारी का नया अध्याय है। उन्होंने भरोसा दिलाया कि वे पूरी निष्ठा, ईमानदारी और समर्पण के साथ जनता की सेवा करेंगे और प्रदेश के विकास में योगदान देंगे।

इस अवसर पर छत्तीसगढ़ लोक सेवा आयोग 2024 के टॉप 10 चयनित अभ्यर्थी देवेश प्रसाद साहू, स्वप्निल वर्मा, यशवंत कुमार देवांगन, पोलेश्वर साहू, पारस शर्मा, शताक्षी पाण्डेय, अंकुश बैनर्जी, सृष्टि गुप्ता,  प्रशांत वर्मा और  सागर वर्मा सपरिवार उपस्थित थे।

राष्ट्रीय सांख्यिकीय सर्वेक्षणों के डेटा की पारदर्शिता, सुरक्षा और गुणवत्ता सुनिश्चित करने के लिए MoSPI की व्यापक पहल

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 यह जानकारी आज लोकसभा में सांख्यिकी और कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय (MoSPI) के स्वतंत्र प्रभार राज्यमंत्री, साथ ही योजना मंत्रालय के स्वतंत्र प्रभार राज्यमंत्री एवं संस्कृति मंत्रालय के राज्य मंत्री राव इंदरजीत सिंह द्वारा दी गई।

राष्ट्रीय नमूना सर्वेक्षण (NSS) के यूनिट-लेवल डेटा की सुगम उपलब्धता

सांख्यिकी एवं कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय (MoSPI) द्वारा संचालित राष्ट्रीय नमूना सर्वेक्षण (NSS) के यूनिट-लेवल डेटा और मेटाडेटा को मंत्रालय की वेबसाइट पर नि:शुल्क उपलब्ध कराया जाता है।
डाटा उपयोगकर्ताओं के लिए विस्तृत दिशा-निर्देश दिए जाते हैं ताकि वे आसानी से सर्वेक्षण संकेतकों का निर्माण कर सकें।

डेटा डाउनलोड को और सरल बनाने के लिए, एक डेटा एक्सट्रैक्शन टूल भी उपलब्ध कराया गया है, जिससे उपयोगकर्ता कच्चे डेटा को उपयोगी व विश्लेषणयोग्य प्रारूप में परिवर्तित कर सकें। सर्वेक्षण रिपोर्ट जारी होने के बाद डेटा यूज़र्स कॉन्फ्रेंस भी आयोजित की जाती हैं ताकि उपयोगकर्ताओं की समझ बढ़ाई जा सके और पद्धति से जुड़ी जिज्ञासाओं का समाधान हो सके।

डेटा की गोपनीयता और सुरक्षा

MoSPI द्वारा डेटा गोपनीयता सुनिश्चित करने के लिए कड़े प्रोटोकॉल अपनाए जाते हैं:

  • माइक्रोडाटा/यूनिट-लेवल डेटा को अनाम (anonymized) किया जाता है ताकि किसी व्यक्ति की पहचान न उजागर हो।

  • डेटा संग्रह के लिए Computer Assisted Personal Interviewing (CAPI) का उपयोग किया जाता है, जिसमें

    • संपूर्ण डेटा ट्रांसमिशन एन्क्रिप्टेड मोड में होता है।

    • डेटा सुरक्षित क्लाउड-आधारित प्लेटफ़ॉर्म पर संग्रहित किया जाता है।

राज्यों की क्षमता निर्माण (Capacity Building)

MoSPI द्वारा राज्यों को विस्तृत प्रशिक्षण दिए जाते हैं, जिनमें शामिल हैं:

  • NSS सर्वेक्षणों का संचालन

  • CAPI सॉफ्टवेयर का उपयोग

  • क्लाउड-आधारित डिजिटल प्लेटफ़ॉर्म का प्रबंधन

सर्वेक्षण बाद की टेब्युलेशन वर्कशॉप्स के माध्यम से राज्य अधिकारियों की क्षमता और बढ़ाई जाती है।
मंत्रालय द्वारा ‘Support for Statistical Strengthening (SSS)’ उप-योजना के तहत राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों को सांख्यिकीय क्षमता बढ़ाने हेतु 2010 से 27 नवम्बर 2025 तक ₹364.69 करोड़ प्रदान किए गए हैं, जिनमें से ₹42.01 करोड़ EFC 2021-26 अवधि के दौरान जारी किए गए।

वार्षिक उद्योग सर्वेक्षण (ASI) में डेटा गुणवत्ता सुनिश्चित करना

ASI के लिए डेटा संग्रह अब वेब पोर्टल के माध्यम से किया जाता है, जिससे:

  • मानवीय त्रुटियों में कमी

  • डेटा में स्वतः वैलिडेशन

  • माइक्रो व मैक्रो स्तर पर डेटा चेक

MoSPI द्वारा नियमित रूप से ASI राउंड टेबल कॉन्फ्रेंस आयोजित की जाती हैं ताकि उद्योग प्रतिनिधियों को सर्वेक्षण के महत्व से अवगत कराया जा सके और उनकी भागीदारी बढ़ाई जा सके।
इसके अलावा:

  • मल्टी-लेयर वैलिडेशन चेक

  • ASI यूनिट्स के लिए जागरूकता कैंप

  • निरीक्षण व प्रशिक्षण

द्वारा डेटा की गुणवत्ता लगातार बेहतर की जा रही है।


राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (NHRC) ने की स्वतः संज्ञान कार्रवाई, जेवर में निर्माणाधीन भवन ढहने से 4 मजदूरों की मौत

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राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (NHRC), भारत ने मीडिया रिपोर्ट का स्वतः संज्ञान लेते हुए गंभीर चिंता जताई है, जिसमें बताया गया है कि 19 नवंबर 2025 को उत्तर प्रदेश के गौतम बुद्ध नगर जिले के जेवर स्थित नगला हुकुम सिंह गांव में एक तीन मंजिला निर्माणाधीन इमारत गिरने से चार मजदूरों की मौत हो गई और कई अन्य घायल हो गए। खबरों के अनुसार, 10 मजदूरों में से एक अभी भी लापता है। यह भी सामने आया कि भवन बिना किसी अनुमति के बनाया जा रहा था।

आयोग ने टिप्पणी की कि यदि रिपोर्ट में बताए गए तथ्य सही हैं, तो यह पीड़ितों के मानवाधिकारों का गंभीर उल्लंघन है। इसी आधार पर NHRC ने गौतम बुद्ध नगर के जिलाधिकारी और पुलिस आयुक्त को नोटिस जारी कर दो सप्ताह के भीतर विस्तृत रिपोर्ट देने के निर्देश दिए हैं।

रिपोर्ट में घायलों की स्वास्थ्य स्थिति के साथ-साथ मृतकों के परिजनों (NoK) और घायलों को दी गई मुआवजा राशि (यदि दी गई हो) का विवरण भी अपेक्षित है।

20 नवंबर 2025 की मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, इमारत कुछ ही सेकंड में नीचे से ऊपर की ओर देखकर ढह गई, क्योंकि तीसरी मंजिल का शटरिंग हटाया जा रहा था।

अगर आप चाहें तो मैं इसका शीर्षक या सोशल मीडिया पोस्ट प्रारूप में संक्षिप्त रूप भी तैयार कर सकता हूँ।

गंगा पर बन रहा नया पुल: साहिबगंज से कटिहार तक उम्मीदों को जोड़ता विकास का सेतु

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दशकों से साहिबगंज (झारखंड) और आस-पास के जिलों के लोग दो वास्तविकताओं के बीच जीवन जीते आए हैं—एक गंगा के इस पार और दूसरी ठीक सामने दूसरी ओर। दूरी भले ही कुछ किलोमीटर की हो, लेकिन संघर्ष लंबा रहा है: महंगे नाव किराए, छूटे हुए अपॉइंटमेंट, समय पर अस्पताल न पहुँच पाने वाली परिवारों की परेशानियाँ, और व्यापारियों का अतिरिक्त खर्च क्योंकि सामान देर से पहुँचता था। अब, जैसे ही झारखंड में NH-133B को बिहार में NH-131A से जोड़ने वाला नया पुल गंगा के ऊपर आकार ले रहा है, उम्मीद लोहे और कंक्रीट के रूप में साकार होती दिख रही है।

“हमारे लिए ₹100 नाव का किराया भी बहुत होता है,” महादेवगंज के रामकेश बताते हैं। वे लंबे इंतज़ार, अनिश्चित स्टीमर सेवा और मनिहारी या कटिहार तक जाने की अतिरिक्त परेशानी का ज़िक्र करते हैं। “हम अपनी सुविधा के समय यात्रा नहीं कर सकते थे। यह पुल बन जाने से हमारी नदी वाली समस्या खत्म हो जाएगी और कटिहार आसानी से पहुँचने से कई ज़रूरी चीज़ें भी सस्ती हो जाएँगी।”

त्वरित जानकारी:

  • परियोजना की लंबाई: 8 किलोमीटर

  • कुल परियोजना लागत: ₹1,977.66 करोड़

  • समाप्ति की अपेक्षित तिथि: वित्त वर्ष 2026–2027

ऑल-वेदर, सीधी कनेक्टिविटी मिलने से यह पुल झारखंड और बिहार के बीच माल ढुलाई को तेज़ करेगा, खासकर झारखंड के खनिज-समृद्ध क्षेत्रों से होने वाली फ्रेट मूवमेंट को। इससे परिवहन तेज़ और अधिक कुशल होगा। यात्रा समय घटने से ईंधन और लॉजिस्टिक्स लागत में कमी आएगी, जिससे उपभोक्ताओं को राहत मिलेगी और स्थानीय व्यापारी प्रतिस्पर्धा में मजबूत होंगे।

“कई बार शादी-ब्याह तक समय पर नहीं पहुँच पाते थे,” सुशील याद करते हैं। वे बताते हैं कि कैसे स्टीमर उपलब्ध न होने पर लोगों को लंबे और उलझाऊ रास्तों से जाना पड़ता था। उनके लिए यह पुल सम्मान और भरोसे का प्रतीक है। “हम समय और पैसे दोनों बचाएँगे। ज़िंदगी थोड़ी आसान हो जाएगी।”

आपात स्थितियों में जीवनरक्षक पहुँच

“आपातकाल में रात हमारी सबसे बड़ी दुश्मन बन जाती थी,” अब्दुल, एक दुकानदार बताते हैं। एंबुलेंसों को घाट पर स्टीमर का इंतज़ार करना पड़ता था और मरीजों को भारी देरी झेलनी पड़ती थी। अब स्थायी सड़क बनने से मेडिकल सहायता कहीं तेज़ी से लोगों तक पहुँच सकेगी। साथ ही, बाढ़ के समय जब जलमार्ग उफान पर होते हैं, पुल एक भरोसेमंद मार्ग बनकर स्थानीय सुरक्षा और लचीलापन बढ़ाएगा।

क्षेत्रीय कनेक्टिविटी में बड़ा बदलाव

यह पुल संथाल परगना (झारखंड) को बिहार, पश्चिम बंगाल, और पूर्वोत्तर राज्यों से मजबूत रूप से जोड़ेगा। इसके अलावा नेपाल, भूटान और बांग्लादेश तक जाने वाले व्यापारिक कॉरिडोर भी बेहतर होंगे। जिन समुदायों ने वर्षों तक मौसमी अलगाव झेला है, उनके लिए यह नए बाज़ार, सुचारू क्रॉस-बॉर्डर व्यापार और अधिक निवेश की संभावनाएँ लेकर आएगा।

“स्टोन, बालू और अन्य सामान ले जाने वाले ट्रक डीज़ल और समय दोनों बचाएँगे,” अब्दुल आगे कहते हैं। “इससे यहाँ के दाम भी कम होंगे। लोग दूसरे जिलों में काम कर उसी दिन वापस आ सकेंगे।”

आज जब लोग नदी किनारे खड़े होकर क्रेनों को गर्डर उठाते देखते हैं, तो पुल उनके सपनों का भार अपने साथ लिए हुए दिखाई देता है।

जो धारा कभी दूरी बनाती थी, वही आज अवसरों का मार्ग बन रही है।

रामकेश, सुशील, अब्दुल और साहिबगंज के हजारों लोगों के लिए—यह पुल केवल एक संरचना नहीं; बल्कि पूरा हुआ वादा, रोज़ का बोझ कम होने की राहत, और एक ऐसा भविष्य है जो अब पहले से कहीं अधिक पास महसूस होता है।


टोकन तुहर हाथ एप से किसान भागीरथी साहू बने पारदर्शी व्यवस्था का प्रतीक

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 धमतरी : तकनीक और पारदर्शी प्रशासन का प्रभाव जब जमीन पर दिखता है, तब उससे सबसे अधिक लाभ आमजन को मिलता है। भटगांव के किसान भागीरथी साहू इसका सशक्त उदाहरण हैं। परंपरागत रूप से किसानों को धान विक्रय के समय लंबी लाइनों में लगना पड़ता था, कई बार असुविधाओं और समय की बर्बादी का सामना करना पड़ता था। परंतु इस वर्ष, राज्य सरकार द्वारा लागू “टोकन तुहर हाथ” मोबाइल ऐप ने उनकी पूरी प्रक्रिया बदल दी।


साहू ने घर बैठे ही कुछ ही मिनटों में ऑनलाइन टोकन प्राप्त किया। न कोई भीड़, न कोई प्रतीक्षा—सिर्फ मोबाइल पर कुछ क्लिक और प्रक्रिया पूरी। वे खुशी जताते हुए बताते हैं कि “व्यवस्था पूरी तरह सरल, पारदर्शी और सुविधाजनक है। टोकन भी आसानी से कट गया और धान बेचने में बिल्कुल भी दिक्कत नहीं आई।

इस बार उन्होंने सहकारी समिति केंद्र सोरम में 20 क्विंटल 60 किलो धान खरीदी केंद्र में विक्रय किया। वे बताते हैं कि पिछले वर्ष भी उन्होंने लगभग इतनी ही मात्रा में धान बेचा था। प्राप्त राशि का उपयोग वे घर-गृहस्थी और खेती-किसानी की उन्नति में करते हैं।
सरकार की ओर से तकनीक आधारित समाधान का उद्देश्य किसानों को समय, ऊर्जा और संसाधनों की बचत कराना है। ऐप के माध्यम से टोकन प्राप्त करने की प्रक्रिया पूरी तरह पारदर्शी है—किसान स्वयं अपनी सुविधा अनुसार तारीख और समय चुन सकते हैं, जिससे अनावश्यक भीड़ और भ्रम की स्थिति समाप्त हो गई है।
श्री साहू जैसे किसान न केवल इस व्यवस्था से लाभान्वित हो रहे हैं, बल्कि वे अपने गांव के अन्य किसानों को भी ऐप का उपयोग करने प्रोत्साहित कर रहे हैं। आधुनिक तकनीक और सुशासन का यह संयोजन ग्रामीण जीवन में सकारात्मक बदलाव ला रहा है।

सरकारी नवाचारों की इस सफलता की कहानी बताती है कि सही दिशा में उठाया गया एक कदम, किसान की पूरी व्यवस्था को सहज, सुरक्षित और सुगम बना सकता है।

अमर शहीद खुदीराम बोस की जयंती पर गृह मंत्री अमित शाह की श्रद्धांजलि

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केंद्रीय गृह मंत्री और सहयोग मंत्री अमित शाह ने महान देशभक्त और अमर शहीद खुदीराम बोस जी की जयंती पर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की।

‘एक्स’ प्लेटफ़ॉर्म पर एक पोस्ट में अमित शाह ने कहा कि मां भारती की स्वतंत्रता के लिए सशस्त्र क्रांति हेतु युवाओं को संगठित करने वाले और स्वदेशी के लिए देशवासियों को जागृत करने वाले, वीरता, साहस और त्याग के प्रतीक खुदीराम बोस जी सदैव स्मरणीय रहेंगे।

उन्होंने कहा कि अनगिनत क्रांतिकारियों से प्रेरित खुदीराम जी ब्रिटिश सरकार के अत्याचारों से कभी भयभीत नहीं हुए और उन्होंने मां भारती के लिए हंसते-हंसते अपने प्राण न्योछावर कर दिए।

शाह ने कहा कि खुदीराम बोस जी की वीर गाथा हर युवा के लिए राष्ट्र को सर्वोपरी रखने की अनमोल प्रेरणा है।

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