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केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जे. पी. नड्डा ने मध्य प्रदेश के सांसदों के साथ टीबी मुक्त भारत अभियान की समीक्षा बैठक की

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केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री, जे. पी. नड्डा ने आज मध्य प्रदेश के सांसदों के साथ टीबी मुक्त भारत अभियान को तेज़ी से लागू करने के उद्देश्य से राज्य-वार फोकस्ड संवाद के तहत बैठक की। यह बैठक देशभर के सांसदों के साथ चल रहे संवादों का हिस्सा है, जिसमें पहले इसी महीने उत्तर प्रदेश, बिहार, महाराष्ट्र, राजस्थान, गुजरात और तमिलनाडु के सांसदों से भी चर्चा की गई थी।

मुख्य बिंदु:

  • बैठक का विषय था: “Parliamentarians Championing a TB Mukt Bharat”। इसमें सांसदों की भूमिका पर ज़ोर दिया गया कि वे अपने निर्वाचन क्षेत्रों में सक्रिय कार्रवाई करें और राजनीतिक दलों के बीच सहयोग बढ़ाकर राष्ट्रीय टीबी उन्मूलन लक्ष्य को प्राप्त करें।

  • बैठक में केंद्रीय संचार और उत्तर-पूर्वी क्षेत्र विकास मंत्री, ज्योतिरादित्य एम. सिंधिया, केंद्रीय राज्य मंत्री (स्वास्थ्य और परिवार कल्याण) स्मृति अनुप्रिया पटेल और केंद्रीय राज्य मंत्री (जनजातीय मामलों)  दुर्गादास उइके सहित अन्य गणमान्य उपस्थित थे।

नड्डा के संबोधन में:

  • भारत ने टीबी उन्मूलन में महत्वपूर्ण प्रगति की है। WHO Global TB Report 2025 के अनुसार, 2015 से 2024 के बीच टीबी की घटनाओं में 21% की कमी आई है, जो वैश्विक औसत से लगभग दोगुनी है। टीबी से संबंधित मृत्यु दर में 25% की कमी आई है।

  • भारत का उपचार सफलता दर 90% है, जो वैश्विक औसत 88% से अधिक है।

  • उन्होंने सांसदों से आग्रह किया कि वे जन आंदोलन (Jan Andolan) को बढ़ावा दें, समुदायों में जागरूकता फैलाएं और मरीजों एवं उनके परिवारों के लिए व्यापक मानसिक और सामाजिक समर्थन सुनिश्चित करें।

अन्य विवरण:

  • केंद्रीय राज्य मंत्री (स्वास्थ्य), स्मृति अनुप्रिया पटेल ने मध्य प्रदेश के सक्रिय प्रयासों, खासकर जनजातीय और दूरदराज़ इलाकों में, की सराहना की।

  • उन्नत डायग्नोस्टिक टूल्स जैसे AI-enabled Chest X-rays, मोबाइल डायग्नोस्टिक वैन और NAAT मशीनों के उपयोग को बढ़ाने पर जोर दिया गया।

  • Ni-kshay Poshan योजना के तहत ₹1,000 मासिक पोषण सहायता बढ़ाने से उपचार परिणामों में सुधार हुआ है।

  • राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन की अतिरिक्त सचिव और मिशन निदेशक, अराधना पटनायक ने बताया कि भारत में अब 9,300 से अधिक NAAT मशीनें उपलब्ध हैं, जो पूरे ब्लॉकों में कवर करती हैं। उन्होंने मध्य प्रदेश के टीबी अभियान के प्रमुख प्रदर्शन संकेतकों का विवरण प्रस्तुत किया।

सांसदों की प्रतिबद्धता:

  • Ni-kshay शिविरों के माध्यम से शीघ्र पहचान सुनिश्चित करना।

  • जिला स्तर पर टीबी सेवाओं की सुचारु व्यवस्था।

  • Ni-kshay मित्रों, MYBharat स्वयंसेवकों और पंचायतों के माध्यम से टीबी मरीजों को व्यापक समर्थन प्रदान करना।

  • DISHA बैठकों में टीबी को प्राथमिकता देना, स्वास्थ्य सुविधाओं का निरीक्षण करना और मरीजों से सीधे जुड़ना।

टीबी मुक्त भारत अभियान:

  • दिसंबर 2024 में शुरू हुआ और बाद में पूरे देश में विस्तारित।

  • मिशन मोड में कार्य करते हुए, समय पर पहचान, उपचार, उच्च जोखिम वाले मरीजों के लिए विशेष देखभाल और व्यापक मानसिक-सामाजिक समर्थन सुनिश्चित किया जा रहा है।

  • जन आंदोलन के तहत 2 लाख MYBharat स्वयंसेवक, 6.7 लाख से अधिक Ni-kshay मित्र और 30,000 से अधिक निर्वाचित प्रतिनिधि अभियान में सहयोग कर रहे हैं।

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