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राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने बच्चों को प्रदान किए प्रधानमंत्री राष्ट्रीय बाल पुरस्कार

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राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने आज (26 दिसंबर 2025) नई दिल्ली में आयोजित एक भव्य समारोह में प्रधानमंत्री राष्ट्रीय बाल पुरस्कार प्रदान किए। यह पुरस्कार बच्चों को वीरता, सामाजिक सेवा, पर्यावरण, खेल, कला एवं संस्कृति तथा विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी के क्षेत्रों में उनके असाधारण योगदान के लिए दिए गए।

इस अवसर पर राष्ट्रपति ने सभी पुरस्कार विजेता बच्चों को बधाई दी। उन्होंने कहा कि इन बच्चों ने न केवल अपने परिवार और समाज, बल्कि पूरे देश को गौरवान्वित किया है। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि ये पुरस्कार देशभर के बच्चों को प्रेरित करेंगे और उन्हें आगे बढ़ने के लिए उत्साहित करेंगे। उन्होंने कहा कि यह सम्मान बच्चों को प्रोत्साहन देने के उद्देश्य से प्रदान किया गया है।

राष्ट्रपति ने कहा कि लगभग 320 वर्ष पूर्व सिख धर्म के दसवें गुरु, गुरु गोबिंद सिंह जी, तथा उनके चारों पुत्रों ने सत्य और न्याय की रक्षा के लिए सर्वोच्च बलिदान दिया। उन्होंने कहा कि सबसे छोटे दो साहिबजादों की वीरता को देश-विदेश में सम्मान और श्रद्धा के साथ याद किया जाता है। उन्होंने सत्य और न्याय के लिए अपने प्राणों की आहुति देने वाले उन महान बाल वीरों को श्रद्धापूर्वक नमन किया।

राष्ट्रपति ने कहा कि किसी भी देश की महानता तब सुनिश्चित होती है, जब उसके बच्चे देशभक्ति और उच्च आदर्शों से ओत-प्रोत होते हैं। उन्होंने प्रसन्नता व्यक्त की कि बच्चों ने वीरता, कला एवं संस्कृति, पर्यावरण, नवाचार, विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी, सामाजिक सेवा और खेल जैसे विविध क्षेत्रों में अपनी असाधारण प्रतिभा का प्रदर्शन किया है।

उन्होंने कहा कि सात वर्षीय वाका लक्ष्मी प्रज्ञिका जैसी प्रतिभाशाली बच्चों के कारण ही भारत को विश्व पटल पर शतरंज की महाशक्ति माना जाता है। अजय राज और मोहम्मद सिदान पी ने अपनी बहादुरी और सूझबूझ से दूसरों की जान बचाकर प्रशंसा के पात्र बने। वहीं, नौ वर्षीय व्योमा प्रिया और ग्यारह वर्षीय कमलेश कुमार ने दूसरों की जान बचाते हुए अपने प्राण न्योछावर कर दिए।

राष्ट्रपति ने दस वर्षीय श्रवण सिंह का भी उल्लेख किया, जिन्होंने ऑपरेशन सिंदूर के दौरान युद्ध जैसी परिस्थितियों में अपने घर के पास सीमा पर तैनात भारतीय सैनिकों को नियमित रूप से पानी, दूध और लस्सी पहुंचाई। उन्होंने दिव्यांग बालिका शिवानी होसुरु उप्पारा की सराहना की, जिन्होंने आर्थिक और शारीरिक सीमाओं के बावजूद खेल जगत में असाधारण उपलब्धियां हासिल कीं। इसके अलावा वैभव सूर्यवंशी ने क्रिकेट के अत्यंत प्रतिस्पर्धी क्षेत्र में कई रिकॉर्ड बनाकर देश का नाम रोशन किया।

राष्ट्रपति ने विश्वास जताया कि ऐसे साहसी और प्रतिभाशाली बच्चे निरंतर अच्छे कार्य करते रहेंगे और भारत के भविष्य को उज्ज्वल बनाएंगे।



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