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भारतीय रेलवे तमिलनाडु और काशी के बीच सांस्कृतिक संबंधों को मजबूत करने के लिए काशी तामिल संगम 4.0 के लिए चलाए सात विशेष ट्रेनें

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भारतीय रेलवे ने काशी तामिल संगम 4.0 में बड़ी संख्या में प्रतिभागियों की सुविधा के लिए कन्नियाकुमारी, चेन्नई, कोयम्बटूर और बनारस के बीच सात विशेष ट्रेनों की श्रृंखला संचालित की है। इन विशेष ट्रेनों का उद्देश्य सहज यात्रा, लंबी दूरी की आरामदायक कनेक्टिविटी और प्रतिभागियों के लिए समय पर आगमन सुनिश्चित करना है, जो बहु-दिवसीय सांस्कृतिक कार्यक्रम में भाग ले रहे हैं।

पहली ट्रेन 29 नवंबर 2025 को कन्नियाकुमारी से रवाना हुई। इसके बाद आज चेन्नई से अतिरिक्त विशेष ट्रेन चलायी गई। आगामी प्रस्थान तिथियाँ हैं:

  • कोयम्बटूर: 3 दिसंबर

  • चेन्नई: 6 दिसंबर

  • कन्नियाकुमारी: 7 दिसंबर

  • कोयम्बटूर: 9 दिसंबर

  • चेन्नई: 12 दिसंबर 2025

साथ ही, भारतीय रेलवे ने बनारस से समय पर वापसी की सुविधा के लिए विशेष रिटर्न सेवाओं की व्यवस्था की है। रिटर्न ट्रेनें निम्नानुसार हैं:

  • कन्नियाकुमारी: 5 दिसंबर

  • चेन्नई: 7 दिसंबर

  • कोयम्बटूर: 9 दिसंबर

  • चेन्नई: 11 दिसंबर

  • कन्नियाकुमारी: 13 दिसंबर

  • कोयम्बटूर: 15 दिसंबर

  • चेन्नई: 17 दिसंबर 2025

काशी तामिल संगम 4.0 का आयोजन आज से शुरू हुआ और यह तमिलनाडु और काशी के बीच लंबे समय से चले आ रहे सांस्कृतिक संबंधों को जारी रखता है। इस संस्करण का मुख्य विषय है “चलो तमिल सीखें – तमिल कारकलम”, जो काशी और तमिलनाडु के बीच भाषाई और सांस्कृतिक आदान-प्रदान को प्रोत्साहित करता है। इसमें काशी के छात्रों के लिए तमिल अध्ययन कार्यक्रम, तमिलनाडु के स्कूलों में अध्ययन यात्रा और तेनकसी से काशी तक आस्तिक वाहन यात्रा जैसे पहल शामिल हैं।

काशी तामिल संगम 4.0 ‘एक भारत श्रेष्ठ भारत’ के संदेश को समर्पित है, जो लोगों को अपनी संस्कृति से परे अन्य संस्कृतियों को समझने और सराहने के लिए प्रेरित करता है। इस कार्यक्रम का संचालन शिक्षा मंत्रालय द्वारा किया जा रहा है, जबकि आईआईटी मद्रास और बनारस हिन्दू विश्वविद्यालय प्रमुख ज्ञान भागीदार हैं। इसमें रेलवे सहित दस मंत्रालयों की भागीदारी है, जो छात्रों, कलाकारों, विद्वानों, आध्यात्मिक नेताओं, शिक्षकों और सांस्कृतिक प्रैक्टिशनरों को जोड़ते हुए दोनों क्षेत्रों के बीच विचार, सांस्कृतिक प्रथाओं और पारंपरिक ज्ञान का आदान-प्रदान सुनिश्चित करता है।

इन सात विशेष ट्रेनों के संचालन और सांस्कृतिक रूप से समृद्ध कार्यक्रम के माध्यम से, भारतीय रेलवे देश के विविध क्षेत्रों को जोड़ने और तमिलनाडु और काशी के बीच साझा विरासत को सुदृढ़ करने में एक केंद्रीय भूमिका निभा रहा है।


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