Responsive Ad Slot

Latest

latest


 

राष्ट्रीय ई-गवर्नेंस योजना के तहत ईकोर्ट्स मिशन मोड परियोजना (फेज-III) में ₹7,210 करोड़ का कार्यान्वयन जारी

Document Thumbnail

लोकसभा में आज केंद्रीय कानून और न्याय राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) एवं संसदीय कार्य राज्य मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने जानकारी दी कि राष्ट्रीय ई-गवर्नेंस योजना के तहत ईकोर्ट्स मिशन मोड परियोजना (फेज-III) ₹7,210 करोड़ की अनुमानित लागत के साथ भारतीय न्यायपालिका में सूचना और संचार प्रौद्योगिकी (ICT) को सुदृढ़ करने के लिए कार्यान्वित की जा रही है। इसका उद्देश्य न्यायिक प्रणाली का डिजिटल रूपांतरण करना, न्यायिक उत्पादकता को गुणात्मक और मात्रात्मक रूप से बढ़ाना, तथा न्याय वितरण प्रणाली को सुलभ, किफायती, विश्वसनीय और पारदर्शी बनाना है।

फेज-III के तहत “Future Technological Advancements (AI, Blockchain आदि)” के लिए ₹53.57 करोड़ आवंटित किए गए हैं, ताकि आधुनिक तकनीकों को सुव्यवस्थित और सहज उपयोगकर्ता अनुभव के लिए एकीकृत किया जा सके। इसके अंतर्गत, सुप्रीम कोर्ट ऑफ इंडिया ने न्यायिक क्षेत्र में कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI) के उपयोग का अध्ययन करने के लिए AI कमिटी का गठन किया है। हालांकि, न्यायिक प्रक्रियाओं में AI उपकरणों को अपनाने के लिए कोई औपचारिक नीति या दिशानिर्देश अभी तक जारी नहीं हैं, क्योंकि AI आधारित समाधान नियंत्रित पायलट चरण में हैं और केवल परियोजना DPR (फेज-III) में अनुमोदित क्षेत्रों में ही उपयोग किए जा रहे हैं।

न्यायपालिका यह भी समझती है कि न्यायिक प्रक्रियाओं में AI के एकीकरण से एल्गोरिथमिक पक्षपात, भाषा एवं अनुवाद की समस्याएँ, डेटा गोपनीयता और सुरक्षा संबंधी चिंताएँ, और AI-निर्मित आउटपुट के मैनुअल सत्यापन जैसी चुनौतियाँ उत्पन्न हो सकती हैं। इस दिशा में सुप्रीम कोर्ट ई-कमिटी ने छह उच्च न्यायालय के न्यायाधीशों और तकनीकी विशेषज्ञों की एक उप-समिति का गठन किया है, जो डेटा और गोपनीयता सुरक्षा के लिए सुरक्षित कनेक्टिविटी और प्रमाणीकरण तंत्र, डिजिटल अवसंरचना और सेवा वितरण प्रणालियों का मूल्यांकन करेगी।

AI आधारित एक सॉफ्टवेयर टूल ‘Legal Research Analysis Assistant (LegRAA)’ विकसित किया गया है, जो न्यायाधीशों को कानूनी शोध और दस्तावेज़ विश्लेषण में सहायता करता है। इसके अलावा, Digital Courts 2.1 नामक उन्नत प्लेटफॉर्म विकसित किया गया है, जो न्यायाधीशों और न्यायिक अधिकारियों को केस से संबंधित जानकारी और कार्यों का एकल विंडो प्रबंधन प्रदान करता है। इस प्लेटफॉर्म में AI-सक्षम वॉइस-टू-टेक्स्ट (ASR-SHRUTI) और अनुवाद (PANINI) कार्यक्षमता शामिल है, जो आदेश और निर्णय लिखने में न्यायाधीशों की मदद करती है।

वर्तमान में AI आधारित समाधानों के पायलट चरण में सुप्रीम कोर्ट ई-कमिटी ने कोई सिस्टमिक पक्षपात, अनचाहा कंटेंट या अन्य समस्याएँ नहीं पाई हैं।

यह पहल भारतीय न्यायपालिका में तकनीकी नवाचार और डिजिटल सक्षम न्याय वितरण को बढ़ावा देने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।

Don't Miss
© Media24Media | All Rights Reserved | Infowt Information Web Technologies.