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वायु सेना अकादमी डुंडीगल में संयुक्त स्नातक परेड सम्पन्न, 244 फ्लाइट कैडेट्स हुए कमीशन

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संयुक्त स्नातक परेड (सीजीपी) का आयोजन 13 दिसंबर 2025 को वायु सेना अकादमी (एएफए), डुंडीगल, हैदराबाद में भव्य रूप से किया गया। यह परेड भारतीय वायु सेना (आईएएफ) की फ्लाइंग एवं ग्राउंड ड्यूटी शाखाओं के 216वें कोर्स के फ्लाइट कैडेट्स के पूर्व-कमीशन प्रशिक्षण की सफल परिणति का प्रतीक बनी। चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (सीडीएस) जनरल अनिल चौहान ने परेड के रिव्यूइंग ऑफिसर (आरओ) के रूप में परेड की सलामी ली और उत्तीर्ण फ्लाइट कैडेट्स को राष्ट्रपति कमीशन प्रदान किया। इस अवसर पर कुल 244 फ्लाइट कैडेट्स, जिनमें 215 पुरुष और 29 महिला कैडेट्स शामिल थीं, स्नातक हुए।

सीडीएस का स्वागत एयर मार्शल तेजिंदर सिंह, एयर ऑफिसर कमांडिंग-इन-चीफ, ट्रेनिंग कमांड तथा एयर मार्शल पी. के. वोहरा, कमांडेंट, एएफए द्वारा किया गया। परेड द्वारा उन्हें जनरल सलामी दी गई, जिसके पश्चात एक प्रभावशाली मार्च-पास्ट हुआ।

इस अवसर पर भारतीय नौसेना के छह अधिकारी, भारतीय तटरक्षक बल के आठ अधिकारी तथा वियतनाम समाजवादी गणराज्य के दो प्रशिक्षुओं को उड़ान प्रशिक्षण सफलतापूर्वक पूर्ण करने पर ‘विंग्स’ प्रदान किए गए। नेविगेशन प्रशिक्षण पूर्ण करने पर पाँच अधिकारियों को ‘ब्रेवेट्स’ दिए गए। इस ऐतिहासिक क्षण के साक्षी बनने के लिए नव-नियुक्त अधिकारियों के गर्वित परिजन भी उपस्थित रहे।

परेड का मुख्य आकर्षण ‘कमीशनिंग सेरेमनी’ रहा, जिसमें उत्तीर्ण कैडेट्स को रिव्यूइंग ऑफिसर द्वारा फ्लाइंग ऑफिसर के रूप में कमीशन प्रदान किया गया। इस दौरान अधिकारियों को शपथ दिलाई गई, जिसमें उन्होंने देश की संप्रभुता और सम्मान की रक्षा का संकल्प लिया। परेड के दौरान पिलाटस पीसी-7, हॉक, किरण और चेतक विमानों द्वारा एक समन्वित और सुसंगठित फ्लाई-पास्ट किया गया। आकाश गंगा टीम तथा एयर वॉरियर ड्रिल टीम (एडब्ल्यूडीटी) के रोमांचक प्रदर्शन ने दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया।

विभिन्न प्रशिक्षण विधाओं में उत्कृष्ट प्रदर्शन के लिए रिव्यूइंग ऑफिसर द्वारा पुरस्कार प्रदान किए गए। फ्लाइंग ऑफिसर तनिष्क अग्रवाल (फ्लाइंग ब्रांच) को पायलट कोर्स में समग्र मेरिट में प्रथम स्थान प्राप्त करने पर प्रतिष्ठित ‘प्रेसिडेंट्स प्लाक’ और ‘नवानगर स्वॉर्ड ऑफ ऑनर’ से सम्मानित किया गया। फ्लाइंग ऑफिसर सक्षम डोबरियाल को नेविगेशन स्ट्रीम में प्रथम स्थान के लिए ‘प्रेसिडेंट्स प्लाक’ प्रदान किया गया, जबकि फ्लाइंग ऑफिसर नितेश कुमार को ग्राउंड ड्यूटी शाखाओं में समग्र मेरिट में प्रथम स्थान के लिए ‘प्रेसिडेंट्स प्लाक’ से सम्मानित किया गया।

परेड को संबोधित करते हुए रिव्यूइंग ऑफिसर ने नव-नियुक्त अधिकारियों की सुसज्जित वेशभूषा, सटीक ड्रिल मूवमेंट्स और परेड के उच्चतम मानकों के पालन की सराहना की। उन्होंने अधिकारियों को सेना के पेशे को अपनाने और मातृभूमि की सेवा करने पर बधाई दी। साथ ही, उन्होंने अधिकारियों को अहंकार और अज्ञान से दूर रहने तथा सिद्धांतों के प्रति अडिग बने रहने की सलाह दी।

सीडीएस ने युद्ध में विजय के लिए असममित क्षमताओं (Asymmetry) के सृजन और संरक्षण पर बल दिया, जिसे उभरते डोमेन्स में विकसित करना अपेक्षाकृत आसान है। उन्होंने कहा कि प्रौद्योगिकी आज निर्णायक कारक बन चुकी है, इसलिए एआई-आधारित डेटा फ्यूजन, मैन–अनमैन्ड टीमिंग, स्वायत्त एवं मानवरहित प्रणालियाँ तथा कॉग्निटिव डोमेन ऑपरेशंस को अपनाना अनिवार्य है।

उन्होंने आगे कहा कि ऑपरेशन ‘सिंदूर’ भारतीय वायु सेना की अतुलनीय पेशेवर दक्षता का प्रमाण है और यह एक सतत प्रक्रिया है, जिसे ‘JAI’—जॉइंटनेस, आत्मनिर्भरता और नवाचार द्वारा मार्गदर्शित किया जाना चाहिए। यही तत्व भारत की भविष्य की युद्धक क्षमता को आकार देंगे। अपने संबोधन के अंत में उन्होंने अधिकारियों से निडर होकर सेवा करने और निर्भीक नेतृत्व करने का आह्वान किया।

परेड का समापन उस भावुक क्षण के साथ हुआ जब नव-नियुक्त अधिकारी दो कॉलमों में स्लो मार्च करते हुए आगे बढ़े। इसी दौरान वायु सेना प्रमुख (सीएएस) एयर चीफ मार्शल ए. पी. सिंह ने स्वयं उड़ान भरते हुए तीन विमानों की किरण फॉर्मेशन का नेतृत्व किया, जबकि उनके कनिष्ठों द्वारा उन्हें प्रथम सलामी दी गई।

सीजीपी के ग्रैंड फिनाले में सारंग हेलीकॉप्टर डिस्प्ले टीम और सूर्यकिरण एरोबेटिक टीम (एसकेएटी) के समन्वित हवाई करतबों ने समारोह को अत्यंत भव्य और यादगार बना दिया।


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