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विदेशी पत्रकारों के लिए CERT-In ने आयोजित किया साइबर सुरक्षा परिचयात्मक सत्र, भारत को बताया वैश्विक साइबर हब

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भारतीय कंप्यूटर आपातकालीन प्रतिक्रिया टीम (CERT-In), इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय (MeitY) ने विदेश मंत्रालय (MEA) के सहयोग से 12 दिसंबर 2025 को यूरोप, अमेरिका और मध्य एशियाई देशों से आए पत्रकारों के लिए साइबर सुरक्षा से संबंधित एक परिचयात्मक भ्रमण एवं संवादात्मक सत्र का आयोजन किया।

इस सत्र की अध्यक्षता CERT-In के महानिदेशक एवं नियंत्रक (प्रमाणन प्राधिकारी), MeitY, नई दिल्ली के डॉ. संजय बहल ने की। MeitY के संयुक्त सचिव कृष्ण कुमार सिंह ने प्रतिनिधिमंडल का स्वागत करते हुए मंत्रालय की विभिन्न पहलों पर प्रकाश डाला, जिनमें इंडिया एआई इम्पैक्ट समिट भी शामिल है।

डॉ. बहल ने साइबर सुरक्षा, संकट प्रबंधन, कमजोरियों के आकलन, सूचना साझा करने, साइबर घटनाओं पर समन्वित प्रतिक्रिया, ऑडिटरों के पैनल गठन तथा भारत में विशेष प्रशिक्षण कार्यक्रमों में CERT-In की भूमिका और जिम्मेदारियों को रेखांकित किया। उन्होंने बताया कि शोध सहयोग, सार्वजनिक–निजी भागीदारी और अंतरराष्ट्रीय मंचों में सहभागिता के माध्यम से CERT-In, डिजिटल इंडिया के विजन के अनुरूप एक मजबूत और विश्वसनीय साइबर रक्षा संरचना का निर्माण कर रहा है।

डॉ. बहल ने कहा कि CERT-In उभरते खतरों के विरुद्ध समय पर चेतावनियां और लक्षित परामर्श जारी करता है, जिससे अनावश्यक घबराहट के बिना संगठनों और नागरिकों को अग्रिम सुरक्षा मिल सके। उन्होंने यह भी बताया कि भारत तेजी से एक वैश्विक साइबर सुरक्षा केंद्र के रूप में उभर रहा है, जहां 400 से अधिक स्टार्टअप्स और 6.5 लाख से अधिक कुशल पेशेवरों की भागीदारी से 20 अरब डॉलर का साइबर सुरक्षा उद्योग विकसित हो चुका है। ये नवोन्मेषक थ्रेट डिटेक्शन, साइबर फॉरेंसिक्स और एआई आधारित निगरानी प्रणालियों जैसे उन्नत समाधान विकसित कर रहे हैं।

उभरते खतरे परिदृश्य पर बात करते हुए डॉ. बहल ने कहा कि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) एक दोधारी तलवार की तरह है, जो रक्षकों और हमलावरों—दोनों को सक्षम बनाती है। उन्होंने बताया कि CERT-In वास्तविक समय में साइबर घटनाओं का पता लगाने, उन्हें रोकने और प्रतिक्रिया देने के लिए एआई आधारित विश्लेषण और स्वचालन का उपयोग करता है, साथ ही दुर्भावनापूर्ण एआई-सक्षम हमलों से निपटने के लिए प्रतिरोधक उपाय भी विकसित कर रहा है।

प्रतिनिधिमंडल को CERT-In द्वारा निरंतर आयोजित ड्रिल्स, क्षमता निर्माण पहलों और अंतरराष्ट्रीय सहयोगों की जानकारी दी गई। इसमें फ्रांस की राष्ट्रीय साइबर सुरक्षा एजेंसी (ANSSI) के साथ मिलकर एआई पर ‘बिल्डिंग ट्रस्ट इन एआई थ्रू ए साइबर रिस्क-बेस्ड अप्रोच’ शीर्षक से संयुक्त उच्चस्तरीय जोखिम विश्लेषण रिपोर्ट प्रकाशित करना, अंतरराष्ट्रीय भागीदारों के साथ संयुक्त अभ्यास तथा वैश्विक और क्षेत्रीय साइबर सुरक्षा मंचों में सहभागिता शामिल है। इसके अलावा, भारतीय सहकारी बैंकों की साइबर सुरक्षा मजबूती और नागरिकों के डिजिटल उपकरणों को बॉट्स व मैलवेयर से सुरक्षित रखने की CERT-In की पहल को वर्ल्ड इकोनॉमिक फोरम (WEF) की जनवरी 2025 की ‘ग्लोबल साइबरसिक्योरिटी आउटलुक’ रिपोर्ट में भी उल्लेखित किया गया है। डॉ. बहल ने बताया कि वर्ष 2024 में भारत में 147 रैनसमवेयर घटनाएं दर्ज की गईं, जिनके प्रभाव को CERT-In की समन्वित कार्रवाई, रियल-टाइम इंटेलिजेंस शेयरिंग और फॉरेंसिक हस्तक्षेप से काफी हद तक कम किया गया।

MeitY के संयुक्त सचिव कृष्ण कुमार सिंह ने इंडिया एआई मिशन, फरवरी 2026 में प्रस्तावित एआई इम्पैक्ट समिट, स्वदेशी साइबर सुरक्षा समाधान विकसित करने वाले स्टार्टअप्स के लिए नीतिगत समर्थन, साइबर सुरक्षा अनुसंधान एवं विकास तथा मंत्रालय की विभिन्न राष्ट्रीय स्तरीय पहलों और परियोजनाओं की जानकारी दी।

सत्र का समापन एक संवादात्मक प्रश्नोत्तर सत्र के साथ हुआ, जिसमें प्रतिनिधिमंडल ने साइबर घटनाओं के समाधान और सूचना साझा करने में सीमा-पार सहयोग पर अपने विचार साझा किए।

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