Responsive Ad Slot

Latest

latest


 

भारत में विश्व मत्स्य दिवस 2025 का आयोजन: “भारत का ब्लू ट्रांसफॉर्मेशन: समुद्री निर्यात में मूल्य संवर्धन को सुदृढ़ करना”

Document Thumbnail

मछली पालन, पशुपालन और डेयरी मंत्रालय के तहत मत्स्य विभाग ने आज नई दिल्ली में विश्व मत्स्य दिवस 2025 मनाया। इस वर्ष का थीम था “भारत का ब्लू ट्रांसफॉर्मेशन: समुद्री निर्यात में मूल्य संवर्धन को सुदृढ़ करना”। इस अवसर पर केंद्रीय मंत्री राजीव रंजन सिंह alias ललन सिंह ने वीडियो संदेश के माध्यम से प्रतिभागियों को संबोधित किया। केंद्रीय राज्य मंत्री प्रो. एस. पी. सिंह बघेल और जॉर्ज कुरियन ने भी इस अवसर पर नई दिल्ली में भाग लिया।

इस अवसर पर मत्स्य विभाग ने राष्ट्रीय मत्स्य और एक्वाकल्चर ट्रेसबिलिटी फ्रेमवर्क 2025 जारी किया और कई महत्वपूर्ण पहलें प्रस्तुत कीं, जिनमें शामिल हैं:

  • मारीकल्चर के लिए SOP

  • स्मार्ट और इंटीग्रेटेड फिशिंग हार्बर के विकास और प्रबंधन के लिए SOP

  • नोटिफाइड मरीन फिश लैंडिंग सेंटर्स में न्यूनतम बुनियादी ढांचे के विकास के लिए SOP

  • जलाशय मत्स्य प्रबंधन के लिए दिशानिर्देश

  • तटीय एक्वाकल्चर दिशानिर्देशों का संकलन

ये पहलें मत्स्य अवसंरचना को आधुनिक बनाने, स्थिरता प्रथाओं को मजबूत करने और क्षेत्र में मूल्य संवर्धन को तेज करने का लक्ष्य रखती हैं।

केंद्रीय मंत्री राजीव रंजन सिंह ने वीडियो संदेश में भारत की प्रतिबद्धता को दोहराते हुए कहा कि नवाचार और वैश्विक साझेदारियों को बढ़ावा देकर निर्यात प्रतिस्पर्धा को बढ़ाया जाएगा। उन्होंने हितधारकों से अनुरोध किया कि वे पैकेजिंग, प्रमाणन मानकों और मुक्त व्यापार समझौतों का लाभ उठाकर समुद्री उत्पादों के मूल्य श्रृंखला को मजबूत करें। उन्होंने ट्रेसबिलिटी, ब्रांडिंग और जैव-सुरक्षा को वैश्विक मानकों के अनुरूप बनाए रखने का महत्व भी रेखांकित किया।

जॉर्ज कुरियन ने भारत में मछली उत्पादन को पिछले दशक में 96 लाख टन से बढ़ाकर 195 लाख टन करने की उपलब्धि को उजागर किया और 2030 तक समुद्री उत्पादों के निर्यात को 1 लाख करोड़ रुपये तक बढ़ाने की महत्वाकांक्षा व्यक्त की, जिसमें 30% उच्च मूल्य वाले उत्पाद होंगे। प्रो. एस. पी. सिंह बघेल ने मत्स्य क्षेत्र के 3 करोड़ से अधिक लोगों की आजीविका में योगदान और निर्यात में वृद्धि के महत्व पर जोर दिया।

मत्स्य विभाग के सचिव डॉ. अभिलाक्ष लिक्खी ने कहा कि भारत का मत्स्य क्षेत्र 9% की वार्षिक दर से बढ़ रहा है और FY 2024–25 में समुद्री उत्पादों का निर्यात 16.85 लाख टन तक पहुँच गया है। उन्होंने मूल्य संवर्धन, विविधीकरण और नियामक अनुपालन पर केंद्रित सरकार की प्राथमिकताओं को रेखांकित किया।

FAO के भारत प्रतिनिधि ताकायुकी हगीवारा ने भी भारत के खाद्य सुरक्षा, स्थिरता और मत्स्य पालन में वैश्विक सहयोग की प्रतिबद्धता दोहराई।

इस अवसर पर 19 देशों के दूतावासों और विश्व बैंक, FAO, AFD, GIZ, JICA, BoBP, MSC जैसी अंतर्राष्ट्रीय संस्थाओं ने भाग लिया, जिससे मत्स्य और एक्वाकल्चर क्षेत्र में वैश्विक सहयोग को बढ़ावा मिला।

राष्ट्रीय मत्स्य और एक्वाकल्चर ट्रेसबिलिटी फ्रेमवर्क 2025 के तहत डिजिटल उपकरणों जैसे ब्लॉकचेन, IoT, QR कोड और GPS का उपयोग कर ‘फार्म टू प्लेट’ और ‘कैच टू कंज्यूमर’ तक समुद्री उत्पादों का ट्रैकिंग सुनिश्चित की जाएगी। यह छोटे मछुआरों और किसानों के लिए भी समावेशी रूप से लागू किया जाएगा।

मुख्य पहलें:

  • National Framework on Traceability in Fisheries and Aquaculture 2025

  • SOP for Mariculture

  • SOP on Development and Management of Smart and Integrated Fishing Harbours

  • SOP on Development of Minimum Basic Infrastructure at Notified Marine Fish Landing Centres

  • Guidelines for Reservoir Fisheries Management

  • Compendium of Coastal Aquaculture Guidelines

Don't Miss
© Media24Media | All Rights Reserved | Infowt Information Web Technologies.