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अंतर्राष्ट्रीय फिल्म महोत्सव में तीन फिल्मों की टीमों ने साझा किया अनुभव और दृष्टिकोण

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अंतर्राष्ट्रीय फिल्म महोत्सव भारत (IFFI) में आज एक अनूठा क्रॉस-सांस्कृतिक और क्रॉस-जॉनर संवाद देखने को मिला, जब तीन प्रमुख फिल्मों की टीमों ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में हिस्सा लिया। ‘निलगिरिस: ए शेयर्ड वाइल्डरनेस’, ‘मुक्काम पोस्ट बॉम्बिलवाडी’ और ‘सिकार’ की टीमों ने अपने-अपने अनुभव, चुनौतियाँ और प्रेरणाएँ साझा कीं।

‘सिकार’: असम की पहली अंतरराष्ट्रीय शूट की गई फिल्म

फिल्म ‘सिकार’ के निर्देशक देबांगकर बोरगोहैन ने भावपूर्ण अंदाज में फिल्म के मुख्य अभिनेता और संगीतकार जुबीन गर्ग को याद किया, जिनका हाल ही में निधन हो गया। उन्होंने बताया कि यह जुबीन का अंतिम रिलीज़ होने वाला फिल्म प्रोजेक्ट है। फिल्म का 70% हिस्सा लंदन में शूट किया गया और अधिकांश टीम को दूर से निर्देशन करना पड़ा। देबांगकर ने असम की असली ताकत और गरिमा को दर्शाने की अपनी कोशिशों पर भी प्रकाश डाला।

‘निलगिरिस: ए शेयर्ड वाइल्डरनेस’

इस फिल्म की टीम ने दर्शकों को प्रकृति और जीव-जंतुओं की दुनिया से परिचित कराया। एडलर्स एन.सी., एसोसिएट प्रोड्यूसर ने बताया कि 8K और 12K में शूट की गई यह डॉक्यूमेंट्री बेहद धैर्य और शोध की मांग करती है। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि यह फिल्म पूरी तरह से भारतीय निर्माण है और वैश्विक तकनीकी ज्ञान का उपयोग करके देशी दृष्टिकोण पेश करती है।

‘मुक्काम पोस्ट बॉम्बिलवाडी’: हास्य और ऐतिहासिक पृष्ठभूमि का संगम

निर्देशक परेश मोखाशी और निर्माता भरत शिटोले ने इस फिल्म की कहानी साझा की, जो 1942 के एक तटीय महाराष्ट्रीयन गांव में स्वतंत्रता संग्राम और द्वितीय विश्व युद्ध के बीच घटित होती है। उन्होंने बताया कि हास्य गंभीर विषयों को और अधिक प्रभावशाली ढंग से प्रस्तुत करने का माध्यम बन सकता है।

प्रेस कॉन्फ्रेंस ने भारतीय सिनेमा की विविधता को उजागर किया—निलगिरिस के प्राकृतिक सौंदर्य से लेकर बॉम्बिलवाडी की हास्यपूर्ण घटनाओं और असम के जीवन की भावनात्मक कहानियों तक। इस सत्र ने यह साबित किया कि IFFI हर क्षेत्र और कहानी को मंच प्रदान करता है और हर फिल्ममेकर अपनी अनूठी दृष्टि को साझा कर सकता है।

IFFI के बारे में

1952 में स्थापित अंतर्राष्ट्रीय फिल्म महोत्सव भारत दक्षिण एशिया का सबसे पुराना और बड़ा फिल्म उत्सव है। इसे राष्ट्रीय फिल्म विकास निगम (NFDC), सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय, भारत सरकार और गोवा सरकार द्वारा संयुक्त रूप से आयोजित किया जाता है। यह महोत्सव फिल्म उद्योग में नवाचार, विविधता और सहयोग को बढ़ावा देता है और 20–28 नवंबर 2025 तक गोवा के खूबसूरत तटीय दृश्य के बीच आयोजित किया गया।

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