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विश्व मानक दिवस 2025:प्रल्हाद जोशी ने गुणवत्ता नियंत्रण और MSME विकास में संतुलन तथा भारत की वैश्विक नेतृत्व क्षमता को उजागर किया

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केंद्रीय मंत्री प्रह्लाद जोशी ने कहा कि सरकार गुणवत्ता नियंत्रण आदेशों (QCOs) के दायरे को इस तरह से समायोजित कर रही है, जिससे घटिया वस्तुओं के प्रसार पर रोक लगे, साथ ही घरेलू सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यमों (MSMEs) की आवश्यकताओं का भी ध्यान रखा जा सके।

उन्होंने यह बात आज भारतीय मानक ब्यूरो (BIS) द्वारा आयोजित विश्व मानक दिवस 2025 के अवसर पर कही। प्रह्लाद जोशी ने कहा कि BIS को इन दोनों उद्देश्यों के बीच सतत संतुलन बनाए रखना चाहिए।

मंत्री ने बताया कि पिछले 11 वर्षों में भारत की अर्थव्यवस्था 10वें स्थान से चौथे स्थान पर पहुंची है, जो सरकार की “सुधार, प्रदर्शन और परिवर्तन (Reform, Perform, Transform)” की नीति का परिणाम है। उन्होंने कहा कि भारत अब 2028 तक विश्व की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने की दिशा में आत्मविश्वास से आगे बढ़ रहा है और BIS ने इस दृष्टिकोण को साकार करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है, क्योंकि उसने राष्ट्रीय मानकों को वैश्विक मानकों के अनुरूप बनाया है।

प्रह्लाद जोशी ने कहा कि मानक किसी भी सुरक्षित और सुव्यवस्थित समाज की रीढ़ होते हैं। ये उत्पादों, सेवाओं और प्रणालियों की गुणवत्ता, सुरक्षा और विश्वसनीयता सुनिश्चित करते हैं, साथ ही घरेलू और अंतरराष्ट्रीय व्यापार को सुगम बनाते हैं तथा पर्यावरणीय स्थिरता और उपभोक्ता संरक्षण को भी बढ़ावा देते हैं।

उन्होंने कहा कि इस वर्ष का विषय “साझा दृष्टि एक बेहतर दुनिया के लिए” (Shared Vision for a Better World) है, जो सतत विकास लक्ष्य 17 (SDG-17) — लक्ष्यों के लिए भागीदारी (Partnership for the Goals) पर केंद्रित है। BIS ने राष्ट्रीय हित को केंद्र में रखकर वैश्विक सर्वोत्तम प्रथाओं को अपनाने में उल्लेखनीय प्रगति की है, विशेष रूप से नवीकरणीय ऊर्जा, विद्युत गतिशीलता, डिजिटल अवसंरचना और सतत सामग्रियों जैसे उभरते क्षेत्रों में।

प्रह्लाद जोशी ने BIS को विश्व मानक दिवस 2025 के आयोजन के लिए बधाई देते हुए कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारत सुरक्षित, विश्वसनीय और उच्च गुणवत्ता वाले उत्पादों व सेवाओं की दिशा में तेजी से आगे बढ़ रहा है।

उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री ने “Zero Defect, Zero Effect” का आह्वान करते हुए यह स्पष्ट दिशा दी है कि भारत के उत्पाद गुणवत्ता में निर्दोष और पर्यावरण के लिए हानिरहित होने चाहिए। “भारत को गुणवत्ता के लिए विश्व में पहचाना जाना चाहिए,” उन्होंने कहा, “और भारतीय मानक अंतरराष्ट्रीय मानकों के पर्याय बनें।”

मंत्री ने बताया कि वर्तमान में 22,300 से अधिक मानक प्रभावी हैं, जिनमें से 94 प्रतिशत भारतीय मानक ISO और IEC मानकों के अनुरूप हैं। 2014 में 407 नए मानकों से बढ़कर 2025 में 1,038 नए मानक बनाए गए हैं। इसी अवधि में अनिवार्य प्रमाणन वाले उत्पादों की संख्या 106 से बढ़कर 773 तक पहुंच गई है।

उन्होंने सोने के आभूषणों की हॉलमार्किंग में BIS के प्रयासों की भी सराहना की और कहा कि HUID-मार्क वाले आभूषणों ने उपभोक्ता संरक्षण और भरोसे के नए मानक स्थापित किए हैं।

इसके अलावा, उन्होंने BIS से आग्रह किया कि वह मानकीकरण की प्रक्रिया में उद्योग को अधिक सक्रिय रूप से शामिल करे, ताकि मानक व्यावहारिक, गतिशील और भविष्य के अनुकूल बन सकें।

उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि BIS गुणवत्ता, सुरक्षा और स्थिरता के क्षेत्र में विश्व की अग्रणी संस्थाओं में शामिल होगा और राष्ट्रीय प्राथमिकता वाले क्षेत्रों में मानकों के विकास को और तेज करेगा।

मंत्री ने BIS से उपभोक्ता जागरूकता और प्रचार-प्रसार को मजबूत करने का भी आग्रह किया, ताकि शहरी और ग्रामीण दोनों क्षेत्रों के नागरिक मानकों के महत्व को समझ सकें। उन्होंने कहा कि “गुणवत्ता पर ध्यान केंद्रित करना आत्मनिर्भर भारत और विकसित भारत के विज़न को साकार करने की कुंजी है।”

कार्यक्रम में राज्य मंत्री बी. एल. वर्मा ने भी संबोधित किया और कहा कि यह दिन उन विशेषज्ञों के प्रयासों का सम्मान करता है जो मानकीकरण आंदोलन को दिशा दे रहे हैं। उन्होंने “स्टैंडर्डाइजेशन हीरोज ऑफ इंडिया” की सराहना की और BIS की ISO और IEC में सक्रिय भूमिका की प्रशंसा की, जिससे भारत की वैश्विक स्थिति मजबूत हुई है।

इस अवसर पर कई प्रमुख पहलों की शुरुआत की गई —

  • राष्ट्रीय प्रकाश व्यवस्था संहिता (National Lighting Code – NLC) 2025 जारी की गई, जिसमें LED, स्मार्ट लाइटिंग, IoT आधारित प्रणालियों, सौर ऊर्जा आदि के नवीनतम प्रावधान शामिल हैं।

  • हॉलमार्क किए गए आभूषणों के वजन और तस्वीर रिकॉर्ड करने के पायलट प्रोजेक्ट की शुरुआत की गई, जिससे उपभोक्ता BIS Care मोबाइल ऐप पर वस्तु का फोटो और वजन देखकर प्रामाणिकता जांच सकेंगे।

  • प्रयोगशालाओं के उपकरणों को BIS के Laboratory Information Management System (LIMS) से जोड़ा गया, जिससे परीक्षण प्रक्रियाओं की गति, सटीकता और पारदर्शिता बढ़ेगी।

  • Learning Management System (LMS) लॉन्च किया गया, जो ऑनलाइन प्रमाणपत्र पाठ्यक्रमों के माध्यम से उद्योग और गुणवत्ता पेशेवरों को प्रशिक्षण प्रदान करेगा।

इन पहलों से BIS ने डिजिटल परिवर्तन, पारदर्शिता और गुणवत्ता सुधार की दिशा में एक बड़ा कदम बढ़ाया है।


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