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अंतर्राष्ट्रीय पर्पल फेस्ट में दिव्यांगों के लिए शिक्षा और कौशल विकास में तीन नई पहलें लॉन्च

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गोवा- अंतर्राष्ट्रीय पर्पल फेस्ट के दूसरे दिन, सुनने, पढ़ने और लिखने में दिव्यांग व्यक्तियों की पहुंच बढ़ाने के लिए तीन महत्वपूर्ण पहलों की शुरुआत की गई, जो समावेशी शिक्षा और कौशल विकास की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।

राजेश अग्रवाल, सचिव, दिव्यांगजन सशक्तिकरण विभाग, भारत सरकार, ने इन पहलों का उद्घाटन किया। कार्यक्रम में ताहा हाज़िक, सचिव, SCPD गोवा; ऋचा शंकर, DDG; प्रवीण कुमार, CMD, ALIMCO; कुमार राजू, निदेशक, भारतीय सांकेतिक भाषा अनुसंधान और प्रशिक्षण केंद्र (ISLRTC); जसबीर सिंह, उप सचिव;अनुपम शुक्ला,देबला भट्टाचार्य, उप सचिव; और एस.के. महतो, सेवानिवृत्त उप सचिव उपस्थित रहे।

इन पहलों से सरकार की यह प्रतिबद्धता झलकती है कि दिव्यांगों के लिए बाधा-मुक्त शिक्षा प्रणाली तैयार की जाए और उन्हें वैश्विक शिक्षा एवं पेशेवर अवसरों में पूरी भागीदारी का अवसर मिले।

पहली पहल: IELTS प्रशिक्षण हैंडबुक

पहली प्रमुख पहल “IELTS Training Handbook for Persons with Disabilities” की लॉन्चिंग थी। इसे Believe in the Invisible (BITI) ने दिव्यांगजन सशक्तिकरण विभाग (DEPwD) के समर्थन से विकसित किया है।

  • इस हैंडबुक की लेखिका अंजली व्यास, BITI की सह-संस्थापक और ब्रिटिश काउंसिल–सर्टिफ़ाइड IELTS ट्रेनर हैं।

  • यह दिव्यांग व्यक्तियों के लिए समावेशी, संरचित और लर्नर-फ्रेंडली पहला संसाधन है।

  • यह हैंडबुक स्व-अध्ययन गाइड और प्रशिक्षकों के लिए प्रशिक्षण मैनुअल दोनों के रूप में कार्य करती है।

  • यह सुनने, पढ़ने, लिखने और बोलने के चारों IELTS मॉड्यूल के लिए अनुकूलित रणनीतियाँ, व्यावहारिक उपकरण, समय प्रबंधन मार्गदर्शन, व्याकरण और शब्दावली निर्माण सहायता, और ISL (भारतीय सांकेतिक भाषा) वीडियो लिंक प्रदान करती है।

यह प्रकाशन समावेशी शिक्षा और वैश्विक भाषा कौशल प्रशिक्षण में समान अवसर सुनिश्चित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।

दूसरी पहल: ISLRTC प्रशिक्षण और प्रमाणन

भारतीय सांकेतिक भाषा अनुसंधान और प्रशिक्षण केंद्र (ISLRTC), नई दिल्ली, ने DEPwD की कौशल प्रशिक्षण पहल के तहत ISL इंटरप्रिटेशन (CISLI) / SODA (Siblings of Deaf Adults) और CODA (Children of Deaf Adults) के लिए Recognition of Prior Learning (RPL) – Certification Course का आयोजन किया।

  • यह कोर्स 11 अगस्त से 29 अगस्त 2025 तक ऑफ़लाइन मोड में ISLRTC, नई दिल्ली में संपन्न हुआ।

  • 17 प्रतिभागियों ने इस कोर्स को सफलतापूर्वक पूरा किया।

  • ग्रेडिंग उनके प्रदर्शन के आधार पर की गई और प्रमाणपत्र वितरण समारोह 3 दिसंबर 2025, अंतर्राष्ट्रीय दिव्यांग दिवस पर आयोजित किया जाएगा।

तीसरी पहल: ASL और BSL में विशेषज्ञ प्रशिक्षण कार्यक्रम

ISLRTC ने अमेरिकन साइन लैंग्वेज (ASL) और ब्रिटिश साइन लैंग्वेज (BSL) में विशेषीकृत बेसिक ट्रेनिंग प्रोग्राम की भी घोषणा की।

  • यह चार सप्ताह (1 माह) का प्रशिक्षण कार्यक्रम ISLRTC, नई दिल्ली में 3 दिसंबर 2025 से शुरू होगा।

  • इसका उद्देश्य ISL पेशेवरों को ASL और BSL के मूल तत्व, व्याकरण, वाक्य रचना और शब्दावली से परिचित कराना और अंतरराष्ट्रीय मंचों में उनके पेशेवर अवसरों को मजबूत करना है।

  • इस पहल से ISLRTC की भूमिका बढ़ेगी और अंतरराष्ट्रीय श्रवण-असक्षम आगंतुकों को भारतीय संस्कृति और विरासत का अनुभव प्राप्त होगा।

सारांश

ये तीन पहलों एक समान दृष्टिकोण को दर्शाती हैं: दिव्यांग व्यक्तियों के लिए सुलभ, समावेशी और सशक्त मार्ग तैयार करना ताकि वे राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय मंचों पर सीख सकें, संवाद कर सकें और प्रगति कर सकें।


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