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भारत की समुद्री शक्ति: Maritime India Vision 2030 और Maritime Amrit Kaal Vision 2047 के तहत वैश्विक नेतृत्व की ओर

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भारत की समुद्री शक्ति: नेविगेटिंग इंडिया का मारिटाइम पथ

भारत की अर्थव्यवस्था की धारा समुद्र के रास्तों से बहती है। देश के व्यापार का लगभग 95% वॉल्यूम और 70% मूल्य अभी भी समुद्री मार्गों से गुजरता है, जो समुद्री क्षेत्र की राष्ट्रीय अर्थव्यवस्था और प्रतिस्पर्धात्मक क्षमता में केंद्रीय भूमिका को दर्शाता है। कच्चे तेल, कोयला, इलेक्ट्रॉनिक्स, वस्त्र और कृषि उत्पाद जैसी अधिकांश आयात और निर्यात वस्तुएं व्यस्त बंदरगाहों से होकर वैश्विक बाजारों तक पहुँचती हैं। वैश्वीकरण की बढ़ती आपूर्ति श्रृंखला निर्भरता और भारत के ऊर्जा व विनिर्माण क्षेत्र में महत्वपूर्ण उभरने के साथ, बंदरगाहों और शिपिंग की दक्षता सीधे राष्ट्रीय प्रतिस्पर्धा को प्रभावित करती है।

मारिटाइम इंडिया विजन 2030

भारत ने Maritime India Vision 2030 (MIV 2030) के तहत खुद को वैश्विक समुद्री शक्ति के रूप में स्थापित करने का साहसिक कदम उठाया है। 2021 में लॉन्च किए गए इस रोडमैप में 150+ रणनीतिक पहलों के माध्यम से बंदरगाहों के आधुनिकीकरण, शिपिंग क्षमता के विस्तार, और आंतरिक जलमार्गों को मजबूत करने का लक्ष्य रखा गया है। इसमें स्थिरता, कौशल विकास और नवाचार को भी मुख्य आधार बनाया गया है। यह केवल माल ढुलाई का ब्लूप्रिंट नहीं, बल्कि व्यापार, निवेश और रोजगार के लिए एक उत्प्रेरक है।

MIV 2030 के केंद्रीय विषय दस ऐसे पहलू हैं जो भारत को वैश्विक समुद्री शक्ति बनाने की दिशा में मार्गदर्शन करेंगे।

इंडिया मारिटाइम वीक 2025

India Maritime Week 2025 (IMW 2025) 27 से 31 अक्टूबर 2025 तक मुंबई के NESCO Exhibition Centre में आयोजित होगी। यह कार्यक्रम शिपिंग, पोर्ट और लॉजिस्टिक्स समुदाय के प्रमुख हितधारकों को एक मंच पर लाएगा। IMW 2025 में 100+ देशों से 1,00,000+ प्रतिनिधि, पोर्ट ऑपरेटर, निवेशक, नवाचारक और नीति निर्माता भाग लेंगे। पांच दिवसीय कार्यक्रम में 500 प्रदर्शक, तकनीकी प्रदर्शन और विभिन्न सत्र शामिल होंगे, जिनमें पोर्ट-निर्देशित विकास, शिपबिल्डिंग क्लस्टर और डिजिटल कॉरिडोर शामिल हैं।

2014–2025: एक दशक में मारिटाइम परिवर्तन

भारतीय बंदरगाहों की नई उपलब्धियाँ

  • बंदरगाह क्षमता: 1,400 MMTPA → 2,762 MMTPA

  • माल हैंडलिंग वॉल्यूम: 972 MMT → 1,594 MMT

  • FY 2024–25 में प्रमुख बंदरगाहों ने लगभग 855 MMT माल संभाला।

  • औसत जहाज टर्नअराउंड टाइम: 93 घंटे → 48 घंटे

  • वार्षिक शुद्ध अधिशेष: ₹1,026 करोड़ → ₹9,352 करोड़

  • ऑपरेटिंग रेशियो: 73% → 43%

भारतीय शिपिंग क्षमता और कार्यबल

  • भारतीय ध्वज वाले जहाज: 1,205 → 1,549

  • कुल टन भार: 10 MGT → 13.52 MGT

  • तटीय शिपिंग: 87 MMT → 165 MMT

  • समुद्री कर्मियों की संख्या: 1.25 लाख → 3 लाख (12% वैश्विक कार्यबल)

आंतरिक जलमार्गों का विकास

  • कार्गो मूवमेंट: 18 MMT → 146 MMT (710%)

  • परिचालित जलमार्गों की संख्या: 3 → 29

  • हaldia मल्टी-मॉडल टर्मिनल का PPP मॉडल के तहत विकास

  • फेरी और Ro-Pax: 7.5 करोड़ यात्री (2024–25)

वित्त पोषण और नवाचार

  • MIV 2030 में निवेश: ₹3–3.5 लाख करोड़, शिपबिल्डिंग पैकेज ₹69,725 करोड़

  • Maritime Development Fund (MDF): ₹25,000 करोड़

  • Shipbuilding Financial Assistance Scheme (SBFAS): ₹24,736 करोड़

  • Shipbuilding Development Scheme (SbDS): ₹19,989 करोड़

  • Indian Ship Technology Centre (ISTC), विशाखापत्तनम: ₹305 करोड़

  • उत्तर पूर्व भारत में आंतरिक जलमार्गों के विकास में ₹1,000 करोड़ निवेश

  • Luxury Cruise Ships: Hooghly, Howrah, Kolkata में ₹250 करोड़ का निवेश, 2027 में ब्रह्मपुत्र नदी पर संचालन

सागरमाला कार्यक्रम

  • 840 परियोजनाएं, ₹5.8 लाख करोड़ तक का निवेश, 2035 तक

  • पूर्ण परियोजनाएं: 272 परियोजनाएं, ₹1.41 लाख करोड़

  • प्रगति में परियोजनाएं: 217 परियोजनाएं, ₹1.65 लाख करोड़

भविष्य की दिशा

Maritime Amrit Kaal Vision 2047: Ports, Coastal Shipping, Inland Waterways, Shipbuilding, Green Shipping में लगभग ₹80 लाख करोड़ का निवेश।

  • Green corridors, Green Hydrogen bunkering, Methanol-fueled vessels

  • 300+ actionable initiatives

प्रमुख उपलब्धियाँ

  • Samudra Se Samriddhi (सितंबर 2025): 27 MoUs, ₹66,000 करोड़ निवेश, 1.5 लाख रोजगार

  • ग्रीनफील्ड पोर्ट (Bahuda, Odisha): 150 MTPA, ₹21,500 करोड़

  • Patna Water Metro Project: ₹908 करोड़, इलेक्ट्रिक फेरी

  • SCI और PSUs के बीच Vessel Owning Joint Venture

  • Shipbuilding MoUs across 5 states, ₹266 करोड़ Lighthouse Museum (Lothal, Gujarat)

New Mangalore Port Authority (NMPA)

  • Cruise Gate, 150-bed multi-speciality hospital (₹107 करोड़), अन्य परियोजनाएं

निष्कर्ष

Maritime India Vision 2030 और Maritime Amrit Kaal Vision 2047 के तहत भारत न केवल अपने व्यापार की मांग को पूरा कर रहा है, बल्कि वैश्विक समुद्री नेतृत्व की दिशा में भी अग्रसर है। हर पहल, हर निवेश और हर नवाचार भारत को आर्थिक वृद्धि, रोजगार, सतत विकास और वैश्विक प्रतिस्पर्धा में शीर्ष पर स्थापित करने की दिशा में काम कर रहा है।


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