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जॉर्ज कुरियन ने ‘मरीन फिशरीज़ जनगणना 2025’ और व्यास ऐप्स का शुभारंभ किया — मत्स्य क्षेत्र में डिजिटल क्रांति की ओर ऐतिहासिक कदम

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कोच्चि में आज आयोजित कार्यक्रम में केंद्रीय राज्य मंत्री जॉर्ज कुरियन ने मरीन फिशरीज़ जनगणना (Marine Fisheries Census - MFC) 2025 के घरेलू सर्वेक्षण की शुरुआत की और VYAS–BHARAT तथा VYAS–SUTRA मोबाइल ऐप्स लॉन्च किए। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि एमएफसी 2025 का शुभारंभ भारत में मत्स्य क्षेत्र की गणना प्रक्रिया में एक ऐतिहासिक डिजिटल परिवर्तन का प्रतीक है। परंपरागत कागज-आधारित पद्धति से पूर्णत: डिजिटल रूप में परिवर्तन करते हुए, यह जनगणना अब तक का सबसे व्यापक, सूक्ष्म और भौगोलिक रूप से संदर्भित राष्ट्रीय डाटाबेस तैयार करेगी, जिससे साक्ष्य-आधारित योजना निर्माण को नई दिशा मिलेगी।

जॉर्ज कुरियन ने मत्स्यपालन समुदाय को संबोधित करते हुए कहा कि सरकार मत्स्यजनों के कल्याण के लिए ट्रांसपोंडर, टर्टल एक्सक्लूडर डिवाइस जैसी कई वैज्ञानिक तकनीकों को नि:शुल्क उपलब्ध करा रही है। उन्होंने मछुआरों और मछली किसानों से NFDP पोर्टल पर पंजीकरण कराने का आग्रह किया ताकि वे विभिन्न सरकारी योजनाओं का लाभ उठा सकें।

एमएफसी 2025: एक ऐतिहासिक डिजिटल पहल और प्रौद्योगिकी आधारित मत्स्य कल्याण

पूर्णत: डिजिटल और भू-संदर्भित जनगणना

एमएफसी 2025 अपने पूर्ववर्ती संस्करणों (2005, 2010, 2016) से एक बड़ा परिवर्तन है। यह लगभग 12 लाख मछुआरा परिवारों को कवर करेगी, जो 13 तटीय राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों (अंडमान-निकोबार और लक्षद्वीप सहित) के 5,000 गांवों में फैले हैं।

गणना अवधि

घरेलू सर्वेक्षण 3 नवंबर से 18 दिसंबर 2025 तक 45 दिनों तक चलेगा।

डिजिटल आर्किटेक्चर

यह प्रक्रिया ICAR–सेंट्रल मरीन फिशरीज़ रिसर्च इंस्टीट्यूट (CMFRI) द्वारा विकसित बहुभाषी एंड्रॉइड एप्स –

  • VYAS–NAV (गांवों और बंदरगाहों का सत्यापन),

  • VYAS–BHARAT (घरेलू और बुनियादी ढांचे की गणना),

  • VYAS–SUTRA (रीयल-टाइम निगरानी और पर्यवेक्षण)
    पर आधारित है।

सटीकता और दक्षता

रीयल-टाइम, भू-संदर्भित डाटा संग्रहण से मानवीय त्रुटियाँ समाप्त होंगी और डाटा प्रोसेसिंग तेज़ होगी।

निगरानी और नियंत्रण

पूरा अभियान बहु-स्तरीय वेब डैशबोर्ड्स और सुपरवाइजरी ऐप के माध्यम से मॉनिटर किया जाएगा, जिससे पारदर्शिता और जवाबदेही सुनिश्चित होगी।

प्रौद्योगिकी एकीकरण और ड्रोन सर्वेक्षण

ड्रोन तकनीक का उपयोग प्रमुख मछली बंदरगाहों पर नावों और मत्स्य उपकरणों की एरियल गणना के लिए किया जा रहा है।
पूर्वी तट पर – विशाखापट्टनम, काकीनाडा, तूतीकोरिन,
पश्चिमी तट पर – मंगलुरु, बेयपोर, पुथियप्पा जैसे केंद्र शामिल हैं।

सटीक और लक्षित कल्याण के लिए विस्तृत डाटा संग्रहण

एमएफसी 2025 में पहली बार विस्तृत सामाजिक-आर्थिक जानकारी शामिल की जा रही है, जैसे –

  • परिवार की कुल आय

  • गृहस्वामित्व

  • ऋण स्थिति और वित्तीय स्रोत

  • बीमा कवरेज

  • कोविड-19 के प्रभाव

  • पीएम–एमकेएसएसवाई जैसी योजनाओं से प्राप्त लाभ

इसके अलावा, फिश फार्मर प्रोड्यूसर ऑर्गनाइजेशन (FFPOs) और सेल्फ-हेल्प ग्रुप्स (SHGs) के लिए भी नए सर्वेक्षण फॉर्म तैयार किए गए हैं।

पृष्ठभूमि

यह राष्ट्रीय मरीन फिशरीज़ जनगणना 2025, भारत सरकार के मत्स्यपालन विभाग द्वारा पूर्ण वित्तपोषित है।
इसका संचालन ICAR–CMFRI (नोडल एजेंसी) और फिशरी सर्वे ऑफ इंडिया (FSI) के सहयोग से किया जा रहा है।
यह भारत में मत्स्य समुदाय का सबसे बड़ा और व्यापक “स्मार्ट जनगणना, स्मार्ट मत्स्य” अभियान है, जो महिला और युवाओं के सशक्तिकरण के साथ-साथ जलवायु-समर्थ, समावेशी विकास को प्रोत्साहित करेगा।

निष्कर्ष

एमएफसी 2025 भारत की मत्स्य नीति में एक नया युग लेकर आ रहा है — डिजिटल, पारदर्शी और सशक्तिकरण-उन्मुख। यह पहल न केवल डाटा आधारित नीति निर्माण को सक्षम करेगी, बल्कि मत्स्य समुदाय के कल्याण, आजीविका और सशक्तिकरण के लिए एक ठोस आधार भी तैयार करेगी।


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