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वैश्विक जलवायु लक्ष्यों के लिए स्थानीय कार्रवाई का आह्वान: दिल्ली डिक्लेरेशन बना ARISE सिटीज फोरम 2025 का प्रमुख निष्कर्ष

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नई दिल्ली- आगामी यूएनएफसीसीसी जलवायु सम्मेलन (COP30) की दिशा तय करते हुए दिल्ली डिक्लेरेशन ऑन लोकल एक्शन फॉर ग्लोबल क्लाइमेट गोल्स को ARISE सिटीज फोरम 2025 का प्रमुख परिणाम घोषित किया गया। यह सम्मेलन 8–9 अक्टूबर को नई दिल्ली में आयोजित किया गया, जिसकी मेज़बानी ICLEI साउथ एशिया और नेशनल इंस्टिट्यूट ऑफ अर्बन अफेयर्स (NIUA) ने संयुक्त रूप से की।

यह घोषणा वैश्विक दक्षिण (Global South) के देशों की साझा आवाज़ के रूप में सामने आई, जिसमें स्थानीय, क्षेत्रीय और राष्ट्रीय स्तर पर बहुस्तरीय सहयोग को मजबूत करने और शहरी जलवायु कार्रवाई को गति देने का आह्वान किया गया।

इस फोरम में 25 देशों के 60 शहरों से आए 200 से अधिक प्रतिनिधियों ने भाग लिया, जिनमें स्थानीय सरकारें, निजी क्षेत्र, शैक्षणिक संस्थान और जलवायु नीति विशेषज्ञ शामिल थे। सभी ने मिलकर यह संकल्प लिया कि शहरों की आवाज़ वैश्विक जलवायु एजेंडे में प्रमुख रूप से गूंजे, और सततता, समानता और लचीलापन को प्राथमिकता दी जाए।

कार्यक्रम का उद्घाटन भारत सरकार के आवासन और शहरी कार्य मंत्रालय के राज्य मंत्री तोखन साहू ने किया। मुख्य वक्ताओं में ICLEI के महासचिव गिनो वैन बेगिन, NIUA की निदेशक डॉ. देबोलिना कुंडु, एशियाई विकास बैंक के निदेशक नोरियो सैतो, भारत में संयुक्त राष्ट्र के रेज़िडेंट कोऑर्डिनेटर शॉम्बी शार्प, और ICLEI साउथ एशिया के डिप्टी सेक्रेटरी जनरल श्री इमानी कुमार शामिल थे।

दो दिवसीय फोरम के समापन पर स्वीकृत दिल्ली डिक्लेरेशन को भारत के सांसद शंकर लालवानी, मेंटर, क्लाइमेट पार्लियामेंट, ने ICLEI साउथ अमेरिका के डिप्टी एग्जीक्यूटिव सेक्रेटरी रोड्रिगो डि सूजा कोरादी को सौंपा। यह घोषणा आगामी COP30 (बेलें, ब्राजील) में भारत और वैश्विक दक्षिण की ओर से एक सामूहिक शहरी प्रतिबद्धता के रूप में प्रस्तुत की जाएगी।

यह डिक्लेरेशन इस बात का प्रतीक है कि शहर और स्थानीय प्रशासन अब वैश्विक जलवायु शासन के केंद्र में हैं। इसमें यह स्पष्ट किया गया कि शहरी नेतृत्व पेरिस समझौते के लक्ष्यों को हासिल करने में निर्णायक भूमिका निभा सकता है। साथ ही, यह दस्तावेज़ NDCs 3.0, जलवायु वित्त की समान पहुंच और स्थानीय प्राथमिकताओं को वैश्विक नीतियों में शामिल करने की दिशा में ठोस कदमों को रेखांकित करता है।

दिल्ली डिक्लेरेशन के प्रमुख बिंदु:

  • स्थानीय और बहुस्तरीय NDCs के माध्यम से जलवायु कार्रवाई को बढ़ावा देना।

  • अनुकूलन, परिपत्रता और प्रकृति-आधारित समाधानों को शहरी लचीलापन में एकीकृत करना।

  • न्यायसंगत और सहभागी हरित परिवर्तन को प्रोत्साहित करना।

  • नागरिकों, महिलाओं, युवाओं और समुदायों को जलवायु प्रशासन में सशक्त बनाना।

  • बहुस्तरीय शासन और पारदर्शी डाटा सिस्टम को सुदृढ़ करना।

  • शहरों के लिए जलवायु वित्त की पहुंच और क्षमता बढ़ाना।

  • दक्षिण-दक्षिण सहयोग के माध्यम से वैश्विक दक्षिण के शहरी नेतृत्व को सशक्त बनाना।

राज्य मंत्री तोखन साहू ने अपने संबोधन में कहा, “शहर विकास के केंद्र हैं, लेकिन जनसंख्या वृद्धि, जल और वायु प्रदूषण जैसी चुनौतियों से जूझ रहे हैं। जहां चुनौतियाँ हैं, वहीं समाधान भी हैं। ARISE जैसे मंच समाधान खोजने का अवसर देते हैं।”

ICLEI साउथ एशिया के डिप्टी सेक्रेटरी जनरल इमानी कुमार ने कहा, “ARISE सामूहिक स्वामित्व और साझा कार्रवाई की भावना का प्रतीक है। यह भारत से बेलें तक विचारों को नवाचार में बदलने का प्रयास है।”

CDRI के महानिदेशक अमित प्रौढ़ी ने कहा, “तेज़ी से बढ़ते शहरीकरण के इस दौर में हमें यह समझना होगा कि जोखिम को कैसे पहचानें और बुनियादी ढांचे की नई कल्पना कैसे करें।”

NIUA की निदेशक डॉ. देबोलिना कुंडु ने कहा, “दिल्ली डिक्लेरेशन इस बात का प्रमाण है कि सहयोग और सामूहिक दृष्टिकोण से परिवर्तन संभव है। अब समय है कि हम ARISE की भावना को अपने शहरों तक पहुँचाएँ।”

ARISE सिटीज फोरम 2025 दक्षिण एशिया का प्रमुख मंच बनकर उभरा है, जो स्थानीय, समावेशी और बहुस्तरीय जलवायु कार्रवाई को नई दिशा दे रहा है।


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