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भारत अंतर्राष्ट्रीय चावल सम्मेलन (BIRC) 2025: भारत मंडपम में 30-31 अक्टूबर को होगा आयोजन, वाणिज्य विभाग और एपीडा देंगे गैर-वित्तीय सहयोग

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भारत सरकार प्रत्येक आर्थिक क्षेत्र में सहभागी निर्णय लेने और व्यापार संवर्धन सुनिश्चित करने के लिए नियमित रूप से सभी हितधारकों के साथ संवाद करती है। चावल भारत का प्रमुख कृषि निर्यात उत्पाद है — वर्ष 2024-25 में भारत का चावल निर्यात लगभग 12.95 अरब अमेरिकी डॉलर रहा है, और भारत विश्व का सबसे बड़ा चावल उत्पादक देश बनने की दिशा में अग्रसर है। इस क्षेत्र के महत्व को ध्यान में रखते हुए, वाणिज्य विभाग अन्य संबंधित मंत्रालयों/विभागों के साथ मिलकर भारत अंतर्राष्ट्रीय चावल सम्मेलन (Bharat International Rice Conference - BIRC) 2025 को गैर-वित्तीय सहयोग प्रदान कर रहा है।

BIRC 2025 का आयोजन 30–31 अक्टूबर 2025 को भारत मंडपम, प्रगति मैदान, नई दिल्ली में किया जाएगा। इस सम्मेलन का आयोजन इंडियन राइस एक्सपोर्टर्स फेडरेशन (IREF) द्वारा किया जा रहा है, जो चावल क्षेत्र से संबंधित एक निजी व्यापारिक संस्था है। इसके सदस्य चावल निर्यातक एवं चावल पारिस्थितिकी तंत्र से जुड़े अन्य हितधारक हैं। वाणिज्य विभाग का IREF के अध्यक्ष या सदस्यों की नियुक्ति में कोई प्रत्यक्ष भूमिका नहीं है।

IREF के अलावा, भारत के अन्य प्रमुख चावल निर्यातक संगठन — द राइस एक्सपोर्टर्स एसोसिएशन, छत्तीसगढ़ (TREA-CG) और द राइस एक्सपोर्टर्स एसोसिएशन (TREA), काकीनाडा — भी इस कार्यक्रम में सह-भागीदार हैं।

एपीडा (APEDA), जो कृषि एवं प्रसंस्कृत खाद्य उत्पादों के निर्यात संवर्धन की जिम्मेदारी निभाती है, इस कार्यक्रम को सहयोग दे रही है। इसका उद्देश्य संबंधित मंत्रालयों/विभागों को एक मंच पर लाकर चावल निर्यात के विस्तार और संवर्धन के लिए समन्वित कार्रवाई सुनिश्चित करना है।

सम्मेलन के आयोजन में लगने वाले सभी व्यय — जैसे स्थल किराया, लॉजिस्टिक व्यवस्था, खरीदारों की मेजबानी (यात्रा, आवास आदि), प्रदर्शनी, खरीदार-विक्रेता बैठक, तकनीकी सत्र, वीडियो, बैनर, पोस्टर, प्रदर्शन सामग्री आदि — पूरी तरह IREF और उसके सह-भागीदारों द्वारा अपनी निधियों या निजी प्रायोजन से वहन किए जा रहे हैं।

जहां तक IREF के राष्ट्रीय अध्यक्ष या संस्थान के संचालन से संबंधित प्रेस में प्रकाशित विशिष्ट आरोपों का प्रश्न है, वाणिज्य विभाग ने स्पष्ट किया है कि यह एक निजी संस्था का आंतरिक मामला है और इस पर टिप्पणी करना विभाग के अधिकार क्षेत्र में नहीं आता।

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