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गुवाहाटी में 8वें कोडेक्स कमिटी ऑन स्पाइसेस और क्यूलिनरी हर्ब्स का सत्र शुरू, भारत की मसाला उद्योग में वैश्विक भूमिका पर जोर

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गुवाहाटी- को गुवाहाटी में 8वां कोडेक्स कमिटी ऑन स्पाइसेस और क्यूलिनरी हर्ब्स (CCSCH) सत्र शुरू हुआ। कार्यक्रम का आयोजन स्पाइसेस बोर्ड, वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय के तहत किया गया, जिसमें 27 देशों से 81 प्रतिनिधि शामिल हुए। सत्र का उद्देश्य मसालों और क्यूलिनरी हर्ब्स के अंतरराष्ट्रीय मानकों को संगठित करना और वैश्विक मसाला व्यापार में पारदर्शिता तथा सततता बढ़ाना है।

उद्घाटन के अवसर पर असम के राज्यपाल लक्ष्मण प्रसाद आचार्य ने अंतरराष्ट्रीय प्रतिनिधियों का स्वागत किया और उत्तर-पूर्व क्षेत्र की समृद्ध जैव विविधता और कृषि विरासत पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि सत्र गुणवत्ता मानकों को सुधारने और खाद्य प्रणाली को सुरक्षित व सतत बनाने में नए अवसर खोलेगा।

स्पाइसेस बोर्ड की सचिव पी. हेमलथा ने मसालों के वैश्विक सांस्कृतिक और व्यापारिक महत्व को रेखांकित किया। उन्होंने कहा कि संगठित और विज्ञान-आधारित मानक सुरक्षा, व्यापार में निष्पक्षता और उपभोक्ताओं का विश्वास सुनिश्चित करते हैं।

FSSAI के CEO, रजित पुनहानी ने वैश्विक मसाला उद्योग की आर्थिक और सांस्कृतिक भूमिका पर जोर देते हुए कहा कि यह उद्योग 2024 में USD 28.5 बिलियन का है और 2033 तक USD 41.9 बिलियन तक पहुंचने का अनुमान है।

सत्र में 16 मसालों के मानक पहले ही तय किए जा चुके हैं और इस बार बड़ी इलायची, स्वीट मार्जोरम, दालचीनी और सूखी धनिया के बीज के लिए नए मानक विकसित किए जाएंगे। सत्र सप्ताह भर जारी रहेगा और इसका फोकस वैश्विक मानकों के संरेखण, पारदर्शिता और सतत व्यापार प्रथाओं को बढ़ावा देने पर रहेगा।


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