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राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (NHRC), भारत का 32वां स्थापना दिवस समारोह और कैदियों के मानवाधिकार पर राष्ट्रीय सम्मेलन

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राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (NHRC), भारत अपने 32वें स्थापना दिवस का समारोह 16 अक्टूबर 2025 को विज्ञान भवन में आयोजित कर रहा है।

इस अवसर पर मुख्य अतिथि, भारत के पूर्व राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद, उद्घाटन भाषण देंगे। इस कार्यक्रम में NHRC, भारत के अध्यक्ष, न्यायमूर्ति वी. रामासुब्रमण्यम, सदस्य न्यायमूर्ति (डॉ.) विद्युत रंजन सारंगी,विजया भारती सायनी, प्रियांक कानूंगो, महासचिव भरत लाल और आयोग के अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित होंगे। स्थापना दिवस समारोह आयोग की यात्रा पर विचार करने और मानवाधिकारों की सुरक्षा और संवर्धन के प्रति अपनी प्रतिबद्धता को नवीनीकृत करने का अवसर प्रदान करता है।

इसके साथ ही आयोग ‘कैदियों के मानवाधिकार’ पर एक दिवसीय राष्ट्रीय सम्मेलन का आयोजन करेगा। विभिन्न सत्रों में कैदियों के मानवाधिकार और कल्याण से जुड़े मुद्दों पर विचार-विमर्श किया जाएगा। इसमें संबंधित केंद्रीय मंत्रालयों, राज्य सरकारों, राजदूतों, शिक्षाविदों, शोधकर्ताओं, कानूनी विशेषज्ञों, नागरिक समाज और मानवाधिकार रक्षकों के प्रतिनिधि भाग लेंगे।

32 वर्षों की यात्रा (12 अक्टूबर 1993 से) के दौरान, NHRC ने नीति सुधार, जन-केंद्रित शासन और कानून प्रवर्तन, जांच और कल्याण योजनाओं/कार्यक्रमों में नियमित निगरानी के माध्यम से न्याय, पारदर्शिता और जवाबदेही सुनिश्चित करने का काम किया है। आयोग पुलिस जवाबदेही, जेल सुधार और आरोपियों एवं पीड़ितों के अधिकारों की सुरक्षा को बढ़ावा देता है। यह केंद्रीय और राज्य सरकारों, पैरास्टेटल संगठनों, शैक्षणिक संस्थानों, एनजीओ और मानवाधिकार रक्षकों के साथ मिलकर मानवाधिकारों की सुरक्षा और संवर्धन में योगदान देता है।

अब तक आयोग ने 31 सलाहकार निर्देश (Advisories) जारी किए हैं, जिनमें बाल यौन शोषण सामग्री (CSAM), विधवाओं के अधिकार, भिखारी वर्ग के अधिकार, भोजन का अधिकार, स्वास्थ्य और मानसिक स्वास्थ्य के अधिकार, अनौपचारिक श्रमिकों के अधिकार, मृतकों की गरिमा का सम्मान, ट्रक चालकों के अधिकार, पर्यावरण प्रदूषण और गिरावट, ट्रांसजेंडर व्यक्तियों के कल्याण, कैदियों द्वारा आत्म-हानि और आत्महत्या के प्रयास को कम करने के उपाय, नेत्र संबंधी चोटों को रोकने के उपाय शामिल हैं। इसके अलावा, आयोग ने हान्सन रोग से पीड़ित व्यक्तियों के खिलाफ भेदभाव करने वाले 97 कानूनों में संशोधन की सिफारिश भी की।

पिछले 32 वर्षों में, आयोग ने 23,79,043 मामले देखे, जिनमें से 2,981 सुओ मोटु (suo motu) मामले थे। इस दौरान, आयोग ने 8,924 मामलों में ₹263 करोड़ से अधिक का मौद्रिक राहत प्रदान करने की सिफारिश की। पिछले एक वर्ष (1 अक्टूबर 2024 से 30 सितंबर 2025) के दौरान, आयोग ने 73,849 शिकायतें और 108 सुो मोटु मामले निपटाए, 63 साइट जांचें कीं, 38,063 मामले निपटाए और 210 मामलों में पीड़ितों को ₹9 करोड़ से अधिक की राहत की सिफारिश की।

विशेष प्रतिनिधि और विशेष पर्यवेक्षक (Special Rapporteurs & Monitors) आयोग को विभिन्न क्षेत्रों में मानवाधिकार स्थिति का मूल्यांकन करने में मदद करते हैं। वे आश्रय गृहों, जेलों और पर्यवेक्षण गृहों का दौरा करते हैं और आयोग को अपनी रिपोर्ट प्रदान करते हैं।

आयोग ने राष्ट्रीय मानवाधिकार संस्थानों (NHRIs) के लिए क्षमता निर्माण, शोध अध्ययन, सहयोगात्मक कार्यशालाओं, ओपन हाउस चर्चा, इंटर्नशिप कार्यक्रम, संवेदीकरण और प्रशिक्षण जैसे अनेक कार्यक्रम आयोजित किए हैं। पिछले वर्ष आयोग ने 33 सहयोगात्मक कार्यशालाएं, 4 मूट कोर्ट प्रतियोगिताएं, 6 ऑनलाइन शॉर्ट टर्म इंटर्नशिप (OSTIs) और कॉलेज/विश्वविद्यालय के छात्रों के लिए ऑन-साइट इंटर्नशिप आयोजित की। OSTIs ने दूरदराज के क्षेत्रों के छात्रों को मानवाधिकार के दूत बनने का प्रशिक्षण दिया।

आयोग राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय मंचों पर सक्रिय रूप से मानवाधिकारों की रक्षा और संवर्धन में योगदान दे रहा है, जिसमें एशिया पैसिफिक फोरम, GANHRI, और संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद शामिल हैं।

आयोग ने मानवाधिकारों की जागरूकता बढ़ाने के लिए फोटोग्राफी और लघु फिल्म प्रतियोगिताएं, सार्वजनिक प्रकाशन, और HRCNet पोर्टल के माध्यम से ऑनलाइन शिकायत प्रणाली जैसी पहलें की हैं। पिछले वर्ष, मानवाधिकारों पर लघु फिल्म प्रतियोगिता में 303 प्रविष्टियां प्राप्त हुईं। आयोग ने चार नए प्रकाशन भी जारी किए।

स्थापना दिवस समारोह और राष्ट्रीय सम्मेलन का लाइव प्रसारण YouTube और Webcast पर उपलब्ध होगा।

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