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प्रधानमंत्री स्मृति चिन्ह ई-नीलामी 2025: कश्मीर और लद्दाख की सांस्कृतिक झलक

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प्रधानमंत्री स्मृति चिन्ह ई-नीलामी का 7वाँ संस्करण

संस्कृति मंत्रालय द्वारा राष्ट्रीय आधुनिक कला संग्रहालय, नई दिल्ली के माध्यम से आयोजित प्रधानमंत्री स्मृति चिन्ह ई-नीलामी के 7वें संस्करण में माननीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को उपहार में प्राप्त विविध स्मृति चिन्ह प्रदर्शित किए जा रहे हैं। इस वर्ष, जम्मू-कश्मीर से 71 और लद्दाख से 5 वस्तुएँ विशेष रूप से शामिल की गई हैं, जो इन क्षेत्रों की विशिष्ट सांस्कृतिक, कलात्मक और आध्यात्मिक परंपराओं का प्रतिनिधित्व करती हैं। यह ई-नीलामी ऑनलाइन www.pmmementos.gov.in पर 17 सितम्बर से 2 अक्टूबर, 2025 तक उपलब्ध है।

जम्मू-कश्मीर की प्रमुख झलकियाँ:

बहुरंगी सोज़नी कढ़ाई वाला हाथ से बुना पश्मीना शॉल (Ivory-Colored Pashmina Shawl with Sozni Embroidery):
यह शानदार हाथ से बुना हुआ पश्मीना शॉल कश्मीरी वस्त्र शिल्प का श्रेष्ठ उदाहरण है। इस पर की गई नाजुक सोज़नी कढ़ाई, जो सदियों पुरानी सुई-कला है, में बारीक रंगीन धागों से फूल और बेलों के सुंदर पैटर्न उकेरे जाते हैं। यह शॉल न केवल पश्मीना की स्वाभाविक गरमाहट और कोमलता को सुरक्षित रखता है, बल्कि पीढ़ियों से चली आ रही कलात्मक परंपरा की कहानी भी कहता है।

कानी पश्मीना शॉल (Kani Pashmina Shawl with Embroidery):
कश्मीरी बुनाई कला का सर्वोच्च प्रतीक, यह कानी शॉल हाथकरघे पर "कानी" कहलाने वाली छोटी लकड़ी की सुइयों से बुना जाता है। बुनकर जटिल कोडित डिज़ाइनों का अनुसरण करते हैं, जिनमें घाटी के प्राकृतिक दृश्यों से प्रेरित कलाकृतियाँ जीवंत होती हैं। महीनों की मेहनत से तैयार होने वाला प्रत्येक कानी शॉल कश्मीरी धरोहर का वैश्विक प्रतीक माना जाता है।

लद्दाख की प्रमुख झलकियाँ:

थंका पेंटिंग स्क्रॉल (Thangka Painting Scroll):
लद्दाख की ओर से प्रस्तुत यह अद्वितीय थंका पेंटिंग स्क्रॉल शाक्यमुनि बुद्ध का चित्रण करती है। ध्यानमग्न मुद्रा में बैठे बुद्ध का दाहिना हाथ "भूमिस्पर्श मुद्रा" में है, जो ज्ञानप्राप्ति का प्रतीक है। सूक्ष्म विवरणों और जीवंत रंगों से सुसज्जित यह थंका ध्यान, शिक्षण और भक्ति का साधन है तथा हिमालयी कलात्मक परंपरा और करुणा एवं ज्ञान जैसे सार्वभौमिक मूल्यों का संवाहक है।
जटिल पुष्पांकन वाला पीतल का सुराही (Brass Surai with Intricate Floral Designs):
प्रधानमंत्री को उपहार स्वरूप दी गई यह शानदार पीतल की सुराही अद्भुत शिल्पकला का परिचायक है। सुंदर पुष्प व अलंकरणीय डिज़ाइनों से सजी हुई यह उच्च गुणवत्ता वाली पीतल की कृति पारंपरिक सौंदर्य और धातु कला का उत्कृष्ट उदाहरण है। संग्रहकर्ताओं के लिए यह एक अनमोल धरोहर है, जो लद्दाख की कला और विरासत को जीवंत करती है।

प्रधानमंत्री स्मृति चिन्ह ई-नीलामी 2025 में कुल 1,300 से अधिक वस्तुएँ शामिल हैं, जिनमें विभिन्न क्षेत्रीय हस्तशिल्प, चित्रकला, मूर्तिकला तथा खेल से संबंधित स्मृति चिन्ह भी सम्मिलित हैं। इस नीलामी से प्राप्त सभी धनराशि सीधे नमामि गंगे परियोजना को समर्पित की जाएगी, जो भारत सरकार की पवित्र गंगा नदी के पुनर्जीवन हेतु प्रमुख पहल है।

विस्तृत जानकारी एवं सहभागिता हेतु www.pmmementos.gov.in पर जाएँ।


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