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भारत का पहला बंदरगाह-आधारित ग्रीन हाइड्रोजन पायलट प्रोजेक्ट वी.ओ.सी. बंदरगाह पर प्रारंभ

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तूतीकोरिन(तमिलनाडु)- बंदरगाह, नौवहन और जलमार्ग मंत्रालय (MoPSW) के केंद्रीय मंत्री श्री सर्बानंद सोनोवाल ने आज वी.ओ. चिदंबरनार (VOC) बंदरगाह में देश का पहला बंदरगाह-आधारित ग्रीन हाइड्रोजन पायलट प्रोजेक्ट राष्ट्र को समर्पित किया। ₹3.87 करोड़ की लागत से स्थापित यह 10 Nm³/घंटा सुविधा, बंदरगाह कॉलोनी में स्ट्रीट लाइट्स और ईवी चार्जिंग स्टेशन को स्वच्छ ऊर्जा प्रदान करेगी।

इस अवसर पर मंत्री ने ₹35.34 करोड़ की लागत से 750 m³ क्षमता वाली ग्रीन मेथनॉल बंकरिंग एवं रिफ्यूलिंग सुविधा की आधारशिला भी रखी। यह परियोजना कांडला-तूतीकोरिन ग्रीन शिपिंग कॉरिडोर से जुड़ी है और VOC बंदरगाह को दक्षिण भारत का प्रमुख ग्रीन बंकरिंग हब बनाएगी।

अन्य परियोजनाओं में शामिल हैं:

  • 400 KW रूफटॉप सोलर प्लांट (कुल क्षमता 1.04 MW, देश के सभी बंदरगाहों में सर्वाधिक)

  • ₹24.5 करोड़ की लागत से कोयला जेट्टी-I से स्टैक यार्ड तक लिंक कन्वेयर

  • 6 MW विंड फार्म, ₹90 करोड़ का मल्टी-कार्गो बर्थ

  • 3.37 किमी चार लेन सड़क एवं तमिलनाडु समुद्री विरासत संग्रहालय

सोनोवाल ने बताया कि तमिलनाडु के चेन्नई, कामराजार और VOC बंदरगाहों में सागरमाला के अंतर्गत 11 वर्षों में ₹93,715 करोड़ की 98 परियोजनाएँ शुरू की गईं, जिनमें से 50 पूरी हो चुकी हैं। इनमें ₹16,000 करोड़ से अधिक का निवेश केवल इन तीन बंदरगाहों में आधुनिकीकरण एवं क्षमता वृद्धि के लिए हुआ है।

स्वतंत्रता सेनानी वी.ओ. चिदंबरनार की 154वीं जयंती पर श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए मंत्री ने कहा कि मोदी सरकार हरित ऊर्जा, नवाचार और आत्मनिर्भरता के माध्यम से भारत को विश्व के शीर्ष शिपबिल्डिंग राष्ट्रों में शामिल करने की दिशा में निरंतर प्रयासरत है।

इस अवसर पर VOC पोर्ट और IPRCL के बीच रेल कनेक्टिविटी तथा NTPC के साथ हरित गतिशीलता पहलों पर समझौता ज्ञापन (MoU) भी हस्ताक्षरित हुए।


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