नई दिल्ली, कॉरपोरेट कार्य मंत्रालय (MCA) के तहत निवेशक शिक्षा एवं संरक्षण कोष प्राधिकरण (IEPFA) ने कम मूल्य के दावों की प्रक्रिया को सरल और पारदर्शी बनाने के उद्देश्य से एक समिति का गठन किया था। समिति का कार्य मौजूदा प्रक्रियाओं की समीक्षा कर आवश्यक सुधारों की सिफारिश करना था।
इस समिति में MCA, IEPFA, सेबी (SEBI), ICAI, ICMAI, ICSI, फिक्की (FICCI), पीएचडीसीसीआई (PHDCCI), सीआईआई (CII) और रजिस्ट्रार एसोसिएशन ऑफ इंडिया (RAIN) के प्रतिनिधि शामिल थे। समिति ने अपनी रिपोर्ट IEPFA को प्रस्तुत कर दी है।
सिफारिशों के लागू होने पर यह सरल प्रक्रिया ₹5 लाख तक के दावे (भौतिक प्रतिभूतियाँ), ₹15 लाख तक के दावे (डीमैट प्रतिभूतियाँ) और ₹10,000 तक के लाभांश पर लागू होगी। इससे समय-सीमा घटेगी, पारदर्शिता बढ़ेगी और निवेशकों को परेशानी-मुक्त सेवाएँ मिलेंगी।
IEPFA के बारे में
IEPFA का गठन 7 सितंबर 2016 को किया गया था। यह संस्था निवेशकों के हितों की रक्षा हेतु शेयरों की वापसी, अवितरित लाभांश और परिपक्व जमा/डेबेंचर की रिफंड प्रक्रिया का प्रबंधन करती है। साथ ही, यह देशभर में वित्तीय साक्षरता को बढ़ावा देने और निवेशकों के अधिकारों की सुरक्षा हेतु कार्यरत है।