रायपुर। पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के बेटे चैतन्य बघेल की रिमांड 15 सितंबर तक बढ़ा दी गई है। शनिवार को रायपुर की पीएमएलए स्पेशल कोर्ट में उनकी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए पेशी हुई।
चैतन्य बघेल को प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने शराब घोटाले और मनी लॉन्ड्रिंग केस में आरोपी बनाया है। आरोप है कि घोटाले की रकम से उन्हें 16.70 करोड़ रुपए मिले। पिछले दो महीने से वे जेल में बंद हैं।
रियल एस्टेट में इन्वेस्ट हुआ ब्लैक मनी
ED की जांच में सामने आया कि घोटाले की रकम को विट्ठल ग्रीन प्रोजेक्ट (बघेल डेवलपर्स) में निवेश किया गया। छापेमारी के दौरान अकाउंटेंट और प्रोजेक्ट से जुड़े रिकॉर्ड जब्त किए गए।
प्रोजेक्ट कंसल्टेंट राजेंद्र जैन ने बयान दिया कि वास्तविक खर्च 13–15 करोड़ रुपए था, जबकि रिकॉर्ड में सिर्फ 7.14 करोड़ रुपए दिखाया गया। जांच में यह भी पता चला कि बघेल की कंपनी ने एक ठेकेदार को 4.2 करोड़ रुपए कैश पेमेंट किया, जो हिसाब-किताब में दर्ज नहीं था।
सिंडिकेट से 1000 करोड़ की हेराफेरी
ED का दावा है कि इस सिंडिकेट ने करीब 1000 करोड़ रुपए की हेराफेरी की है। ब्लैक मनी को व्हाइट करने के लिए फर्जी निवेश दिखाए गए और रियल एस्टेट प्रोजेक्ट्स का इस्तेमाल किया गया।