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डीआरडीओ ने तीन उन्नत सामग्री प्रौद्योगिकियाँ उद्योग को हस्तांतरित कीं

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हैदराबाद, रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) के डिफेंस मेटालर्जिकल रिसर्च लेबोरेटरी (डीएमआरएल), हैदराबाद ने आज तीन उन्नत सामग्री प्रौद्योगिकियों का सफलतापूर्वक हस्तांतरण उद्योग भागीदारों को किया। इस अवसर पर रक्षा अनुसंधान एवं विकास विभाग के सचिव एवं डीआरडीओ के अध्यक्ष डॉ. समीर वी. कमात ने उद्योग भागीदारों को लाइसेंसिंग एग्रीमेंट फॉर ट्रांसफर ऑफ टेक्नोलॉजी (LAToT) दस्तावेज प्रदान किए।


हस्तांतरित प्रौद्योगिकियाँ इस प्रकार हैं:

1]उच्च शक्ति वाले रैडोम का निर्माण – बीएचईएल, जगदीशपुर को हस्तांतरित। यह प्रौद्योगिकी उच्च गुणवत्ता वाले रैडोम (मिसाइल सेंसर हेतु सुरक्षात्मक आवरण) के उत्पादन को सक्षम बनाएगी तथा प्रमुख रक्षा कार्यक्रमों को सहयोग प्रदान कर देश को मिसाइल प्रणालियों में आत्मनिर्भर बनाएगी।

2]डीएमआर-1700 स्टील शीट्स एवं प्लेट्स का निर्माण – जेएसपीएल, अंगुल को हस्तांतरित। यह सामग्री अल्ट्रा-हाई स्ट्रेंथ और उच्च फ्रैक्चर टफनेस का उत्कृष्ट संयोजन प्रदान करती है, जो रक्षा अनुप्रयोगों के लिए अत्यंत उपयुक्त है।

3]डीएमआर-249ए एचएसएलए स्टील प्लेट्स का निर्माण – बीएसपी, भिलाई (सेल) को हस्तांतरित। यह प्रौद्योगिकी नौसैनिक पोतों के निर्माण हेतु एक मजबूत एवं विश्वसनीय सामग्री उपलब्ध कराती है, जो कठोर आयामी, भौतिक एवं धातुकर्म संबंधी आवश्यकताओं को पूरा करती है।

अपने संबोधन में डीआरडीओ अध्यक्ष ने अनुसंधान एवं विकास गतिविधियों तथा तकनीकी हस्तांतरण को संभव बनाने में योगदान देने वाले सभी वैज्ञानिकों और कर्मियों के प्रयासों की सराहना की। उन्होंने उद्योग-शोध सहयोग को सशक्त बनाने और नवीन प्रौद्योगिकियों को प्रोत्साहित करने में डीएमआरएल की महत्वपूर्ण भूमिका की प्रशंसा की।

यह प्रौद्योगिकी हस्तांतरण रणनीतिक अनुप्रयोगों हेतु स्वदेशी सामग्रियों के क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है। विभिन्न अनुप्रयोगों को शामिल करने वाली ये प्रौद्योगिकियाँ डीएमआरएल की बहुविषयी विशेषज्ञता का परिचायक हैं। औद्योगिक भागीदारों के साथ सहयोग से यह सुनिश्चित होगा कि इन नवाचारों का शीघ्र उत्पादन, विस्तार और तैनाती संभव हो सके।

सहयोग को और सुदृढ़ करने हेतु इस अवसर पर डीएमआरएल और नागरिक उड्डयन मंत्रालय के एयरक्राफ्ट एक्सीडेंट इन्वेस्टिगेशन ब्यूरो (एएआईबी) के बीच एक समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर भी हस्ताक्षर किए गए। इस समझौते का उद्देश्य डीएमआरएल की विशेषज्ञता, सुविधाओं एवं क्षमताओं का उपयोग ब्यूरो की गतिविधियों को समर्थन देने में करना है।

इस कार्यक्रम में डॉ. आर.वी. हरा प्रसाद (महानिदेशक – नौसैनिक प्रणालियाँ एवं सामग्री), डॉ. मनु कोरुल्ला (महानिदेशक – संसाधन एवं प्रबंधन) तथा डॉ. आर. बालामुरलीकृष्णन (निदेशक, डीएमआरएल) सहित वरिष्ठ अधिकारी एवं वैज्ञानिक उपस्थित रहे।


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