पोषण माह 2025 के हिस्से के रूप में और सामुदायिक स्वास्थ्य एवं पोषण को बढ़ावा देने के लिए, मध्य प्रदेश के आदिवासी जिलों श्योपुर और मंडला में परामर्श और जागरूकता सत्र आयोजित किए गए।
श्योपुर में, खान-पान की आदतों और मोटापे पर एक सामुदायिक परामर्श सत्र आयोजित किया गया। इस सत्र में संतुलित पोषण के महत्व, मोटापे के खतरों और प्रसंस्कृत व उच्च वसा वाले खाद्य पदार्थों के सेवन को कम करने की आवश्यकता का उल्लेख किया गया गया। स्थानीय स्तर पर उपलब्ध, पारंपरिक और पोषक तत्वों से भरपूर खाद्य पदार्थों जैसे मोटे अनाज, हरी पत्तेदार सब्जियाँ और फलों के सेवन को बढ़ावा देने पर भी ज़ोर दिया गया। इस सत्र में समुदाय के सदस्यों, विशेषकर महिलाओं और किशोरों ने सक्रिय रूप से भाग लिया, जिससे यह सत्र संवादात्मक और प्रभावशाली रहा।
पोषण माह के अवसर पर मंडला के आंगनवाड़ी केंद्र (एडब्ल्यूसी) में किशोरों के लिए बॉडी मास इंडेक्स (बीएमआई) के बारे में एक जागरूकता सत्र का आयोजन किया गया। इस सत्र का उद्देश्य किशोरों को पोषण संबंधी स्थिति और संपूर्ण स्वास्थ्य के एक संकेतक के रूप में बीएमआई के महत्व के बारे में शिक्षित करना था। प्रतिभागियों को बीएमआई की गणना करने, परिणामों की व्याख्या करने और स्वस्थ आहार व नियमित शारीरिक गतिविधि के माध्यम से सुधारात्मक कदम उठाने के तरीके बताए गए। इस सत्र ने किशोरों को पोषण, शारीरिक छवि और दीर्घकालिक स्वास्थ्य परिणामों के बीच संबंध को बेहतर ढंग से समझने में मदद की।
पोषण माह के दौरान ये पहल जनजातीय समुदायों, विशेषकर किशोरों और महिलाओं जैसे कमजोर समूहों में पोषण जागरूकता और स्वास्थ्य शिक्षा के प्रति बढ़ती प्रतिबद्धता को दर्शाती है।