IUCAA के प्रो. अनुपम भारद्वाज के नेतृत्व में अंतरराष्ट्रीय शोध, हबल स्थिरांक 3.7% सटीकता से निर्धारित
पुणे- इंटर-यूनिवर्सिटी सेंटर फॉर एस्ट्रोनॉमी एंड एस्ट्रोफिज़िक्स (IUCAA) के प्रोफेसर अनुपम भारद्वाज के नेतृत्व में वैज्ञानिकों की एक अंतरराष्ट्रीय टीम ने पहली बार आकाशगंगा के मीरा परिवर्ती तारों (Mira Variable Stars) का उपयोग कर ब्रह्मांडीय विस्तार दर यानी हबल स्थिरांक (Hubble Constant) को 3.7% की उल्लेखनीय सटीकता से निर्धारित किया है। यह उपलब्धि प्रतिष्ठित Astrophysical Journal में प्रकाशित हुई है।
मीरा तारे बने ब्रह्मांडीय "मानक मोमबत्ती"
शोध दल ने आकाशगंगा के 18 तारकीय समूहों में स्थित 40 मीरा तारों की औसत चमक और धड़कन अवधि का मापन किया। यूरोपीय अंतरिक्ष एजेंसी (ESA) के गैया मिशन से मिली सटीक दूरियों ने मीरा तारों की दीप्ति का अंशांकन संभव बनाया। इस तरह मीरा तारे सेफीड तारों के बाद ब्रह्मांडीय दूरी मापन के लिए एक नया और सटीक "स्टैंडर्ड कैंडल" बनकर उभरे हैं।
वैज्ञानिकों की प्रतिक्रिया
प्रो. अनुपम भारद्वाज ने कहा: “हमने पहली बार हमारी आकाशगंगा के मीरा तारों को एंकर के रूप में इस्तेमाल करके ब्रह्मांडीय प्रसार दर का सबसे सटीक मापन किया है। मीरा तारों की दीप्ति पर धातु-अबंडेंस का प्रभाव सेफीड तारों की तुलना में तीन गुना कम है, जिससे ये भविष्य में हबल स्थिरांक निर्धारण के लिए बेहतर विकल्प साबित होंगे।”
यूरोपीय सदर्न ऑब्ज़र्वेटरी की खगोलशास्त्री डॉ. मरीना रेज़कुबा ने इसे “तारकीय खगोलभौतिकी और ब्रह्मांड विज्ञान को जोड़ने वाला और दीर्घकालिक प्रभाव डालने वाला अध्ययन” बताया।