आरंग। देवालयों और मंदिरों की नगरी के नाम से सुविख्यात नगर है आरंग। जहां आज भी जगह-जगह श्रीगणेश की पाषाण से निर्मित प्राचीन प्रतिमाएं स्थापित है। नगर के बाबा बागेश्वरनाथ महादेव मंदिर, बरमबावा मंदिर, नारायण बन हनुमान मंदिर, महामाया मंदिर, नकटी तालाब किनारे स्थित जागेश्वर महादेव मंदिर, भुनेश्वर महादेव मंदिर,जवाहर चौक,सहित नगर के अन्य मंदिरों में भी श्रीगणेश की प्राचीन प्रतिमाएं सहज ही दर्शनीय हैं। खासकर शिव मंदिरों में श्रीगणेश की प्रतिमाएं स्थापित है।
वहां प्रतिदिन श्रद्धालु पहुंचकर पूजा आराधना करते हैं।वहीं कुछ प्रतिमाएं काफी जीर्ण शीर्ण अवस्था में होने के कारण स्पष्ट नही है।इन प्रतिमाओं से पता चलता है कि यहां सदियों से ही श्रीगणेश की पूजा आराधना होती रही है।आज भी यहां गणेशोत्सव को नगरवासी बहुत ही हर्षोल्लास से मनाते है। बड़े बड़े गणेश जी की पंडाल बनाकर ग्यारह दिनों तक पूजा आराधना करते है। यहां की भव्य गणेश जी की झांकी संपूर्ण नगर व क्षेत्र वासियों के लिए आकर्षण का केंद्र रहता है। वहीं नगर के स्वयंसेवी संस्था नगर में स्थित इन प्राचीन प्रतिमाओं की जानकारी संकलित कर पुराविदो से शोध अध्ययन कराने का प्रयास कर रहे हैं। जिससे कि इन प्रतिमाओं की जानकारी ज्यादा से ज्यादा लोगों तक पहुंच सके। फांऊडेशन के संयोजक महेन्द्र पटेल ने बताया श्रीगणेश जी की एक प्राचीन प्रतिमा नगर के लोधी पारा निवासी लक्ष्मीनारायण लोधी के निवास में स्थापित है।जो करीब ढाई फीट ऊंचा और डेढ़ फुट चौड़ा है।जिसकी पूजा आराधना वर्षों से लोधी परिवार द्वारा की जा रही है।वहीं महामाया तालाब किनारे स्थित गणेश की प्राचीन मूर्ति खंडित अवस्था में खुले में ही रखा है, जिसकी संरक्षण की विशेष आवश्यकता है।