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अब जीपीएम जिले की कोई भी शाला शिक्षकविहीन या एकल शिक्षकीय नहीं

रायपुर। शिक्षा व्यवस्था को मजबूत बनाने की दिशा में एक बड़ी उपलब्धि हासिल करते हुए गौरेला-पेंड्रा-मरवाही जिले में अब कोई भी शाला न तो शिक्षकविहीन है और न ही एकल शिक्षक के भरोसे संचालित हो रही है। यह सफलता शिक्षकों के प्रभावी युक्तियुक्तकरण के जरिए प्राप्त हुई है।

शिक्षा विभाग से प्राप्त जानकारी के अनुसार, युक्तियुक्तकरण से पहले जिले में 4 प्राथमिक शालाएं शिक्षकविहीन थीं, वहीं 130 प्राथमिक एवं 10 पूर्व माध्यमिक शालाएं एकल शिक्षकीय थीं। अब इन सभी विद्यालयों में शिक्षकों की नियुक्ति कर दी गई है। यह जिले की शिक्षा व्यवस्था के लिए एक ऐतिहासिक कदम है, जो विद्यार्थियों के हित में एक समर्पित प्रयास को दर्शाता है।

जिले में कुल 13 शालाओं का समायोजन किया गया, जबकि 844 में से 831 शालाएं पूर्ववत संचालित रहेंगी। जिन विद्यालयों में शिक्षकों की संख्या अपेक्षाकृत अधिक थी, वहाँ से अतिशेष शिक्षकों का स्थानांतरण कर उन्हें आवश्यकता वाले विद्यालयों में पदस्थ किया गया है।

जिला प्रशासन और शिक्षा विभाग की समन्वित पहल से यह सुनिश्चित किया गया है कि किसी भी विद्यार्थी की पढ़ाई बाधित न हो। युक्तियुक्तकरण के परिणामस्वरूप अब संसाधनों का बेहतर उपयोग संभव होगा — जैसे कि अच्छी भवन, पुस्तकालय, प्रयोगशाला और अन्य सुविधाओं को एकीकृत रूप से उपलब्ध कराया जा सकेगा।

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