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कांग्रेस को संविधान, संवैधानिक व्यवस्थाओं व संवैधानिक संस्थाओं को नष्ट-भ्रष्ट करने के लिए प्रायश्चित करना चाहिए - किरण सिंह देव

 रायपुर। भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष किरण सिंह देव ने कहा है कि संविधान और संवैधानिक व्यवस्थाओं का लगातार मखौल उड़ाने वाली कांग्रेस को संविधान रक्षक अभियान के नाम पर पाखंड करने के बजाय संविधान दिवस पर आत्म मंथन करना चाहिए और संविधान, संवैधानिक व्यवस्थाओं व संवैधानिक संस्थाओं को नष्ट-भ्रष्ट करने के लिए प्रायश्चित करना चाहिए। देव ने कहा कि सत्ता-पिपासा के चलते कांग्रेस ने संविधान की आत्मा पर लगातार प्रहार किया है और अब नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी समेत कांग्रेस के लोग संविधान की किताब लहराते देशभर में संविधान को लेकर झूठ फैला रहे हैं। यह पाखंड कांग्रेस की वैचारिक दरिद्रता और दोहरे राजनीतिक चरित्र का परिचायक है।


भाजपा प्रदेश अध्यक्ष देव ने कहा कि आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में संविधान और संवैधानिक संस्थाओं का पूरा सम्मान हो रहा है, तब कदम-कदम पर संविधान का चीरहरण करने वाली कांग्रेस विदेशी ताकतों और वामपंथियों के हाथों कठपुतली बनकर संविधान रक्षा का सियासी स्वांग रच रही है। अपने शासनकाल में राजनीतिक हितों और साम्प्रदायिक तुष्टीकरण के लिए कांग्रेस ने संविधान में मनमाने संशोधन किए।

संविधान बचाने के नाम पर आज मिथ्या प्रलाप कर रही कांग्रेस को जरा अपने गिरेबाँ में झाँककर देखना चाहिए कि कैसे इलाहाबाद (वर्तमान में प्रयागराज) हाई कोर्ट के फैसले के खिलाफ जाकर 25 जून, 1975 की मध्यरात्रि में देश पर आपातकाल थोपकर और देशभर में लाखों निरपराध लोगों को मीसा के तहत जेलों में ठूँसा गया था और मीसाबंदियों को अमानवीय यंत्रणाएँ दी गई थीं। कांग्रेस ने न केवल पूरे देश को जेल बनाकर रख दिया था अपितु संसदीय लोकतंत्र और समूची संवैधानिक व्यवस्था को नष्ट-भ्रष्ट किया था।

देव ने कहा कि इतना ही नहीं, आपातकाल में विपक्षविहीन संसद में कांग्रेस की तत्कालीन इंदिरा-सरकार ने न केवल अपने राजनीतिक हितों के अनुकूल संविधान में मनमाने संशोधन किए, बल्कि संविधान की प्रस्तावना तक को बदलने का राजनीतिक पाप किया था। इसी प्रकार कांग्रेस ने संविधान की धारा 356 का मनमाना दुरुपयोग कर गैर कांग्रेसी राज्य सरकारों को बर्खास्त करने का शर्मनाक सिलसिला चलाया जो सन 1992 में कथित बाबरी ढाँचा ढहने के बाद भाजपा की मध्यप्रदेश, उत्तरप्रदेश, राजस्थान और हिमाचल प्रदेश की चार राज्य सरकारों की बर्खास्तगी तक बदस्तूर चला।

भाजपा प्रदेश अध्यक्ष देव ने कहा कि कांग्रेस को केवल सत्ता से ही मतलब है। संविधान, संवैधानिक व्यवस्थाओं और संवैधानिक संस्थाओं का मखौल उड़ाना तो कांग्रेस के डीएनए में है, चाहे वह सत्ता में रहे या सत्ता से बाहर। आज संविधान रक्षक अभियान निकाल रही कांग्रेस पहले इस सवाल का जवाब दे कि जब 2018 में छत्तीसगढ़ में कांग्रेस सरकार ने सत्ता सम्हाली तो उसके तत्कालीन मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने प्रदेश में सीबीआई के प्रवेश पाबंदी क्यों लगाई थी? संविधान के संघीय ढाँचे की व्यवस्था को इस प्रकार चुनौती देकर कांग्रेस ने क्या अपने संविधान-विरोधी चरित्र का शर्मनाक प्रदर्शन नहीं किया था?

 देव ने कहा कि आज सत्ता से बाहर होकर संविधान के नाम पर झूठ फैला रही कांग्रेस तमाम संवैधानिक संस्थाओं को सरेआम अपमानित कर रही है। आज केंद्रीय जाँच एजेंसी प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) समेत जाँच एजेंसियों पर सवाल उठा रही है। ईवीएम पर सवाल उठा रही है। कांग्रेस 2018 में राजस्थान व छत्तीसगढ़, राजस्थान और बाद के वर्षों में हिमाचल, तेलंगाना, झारखंड विधानसभा समेत वायनाड आदि उपचुनावों में इसी ईवीएम के जरिए सत्ता पर पहुँचती है तब कांग्रेस को ईवीएम से कोई दिक्कत नहीं होती, लेकिन 2023 में विभिन्न राज्यों में करारी शिकस्त और बाद में हरियाणा और महाराष्ट्र में मुँह की खाने के बाद उसे ईवीएम में तमाम खामियाँ नजर आ रही हैं। कांग्रेस के इसी दोहरे चरित्र ने कांग्रेस को न केवल राजनीतिक तौर पर, अपितु वैचारिक स्तर पर भी कंगाल बना दिया है, अप्रासंगिक बना दिया है। श्री देव ने कहा कि अगर कांग्रेस ने आत्म मंथन नहीं किया और इसी तरह के पाखंड करती रही तो एक दिन वह खुद को इतिहास के कूड़ेदान में देखने के लिए तैयार रहे।

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