बेमेतरा। प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) सरकार की एक महत्वाकांक्षी योजना है, जिसका उद्देश्य ग्रामीण क्षेत्रों में रहने वाले गरीब परिवारों को पक्के मकान उपलब्ध कराना है। इस योजना का मुख्य लक्ष्य हर गरीब परिवार को पक्का मकान उपलब्ध कराना था, लेकिन यह कार्यक्रम अभी भी जारी है और अधिकाधिक पात्र लोगों तक इसका लाभ पहुंचाने के प्रयास किए जा रहे हैं। योजना के अंतर्गत लाभार्थियों को आवास निर्माण के लिए वित्तीय सहायता प्रदान की जाती है ताकि वे सुरक्षित और स्थायी घर बना सकें।
हाल ही में बेमेतरा जिले में प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) के अंतर्गत हितग्राहियों को आवास की स्वीकृति प्रक्रिया ग्राम सभा द्वारा पारित प्रस्ताव और भौतिक सत्यापन के पश्चात की जा रही है। यह प्रक्रिया पूरी तरह से पारदर्शी और स्वचालित है, जिसमें स्थायी प्रतीक्षा सूची और पूर्व में किए गए सर्वेक्षण के आधार पर ही पात्र हितग्राहियों का चयन किया जा रहा है। इन हितग्राहियों का नाम अंतिम रूप से स्वीकृत कर लिया गया है, और इसमें किसी प्रकार का बदलाव संभव नहीं है।
बेमेतरा ज़िले में प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) के तहत वर्ष 16-17 से लेकर 22-23 तक 32,424 स्वीकृत आवासों में 30,940 आवास पूर्ण हो चुके है। वही वर्ष 24-25 में 25087 प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) लक्ष्य के विरुद्ध पात्र हितग्राहियों को 14545 स्वीकृत किए जा चुके है। पहली किश्त 40 हज़ार रुपये के मान से अब तक कुल 53 करोड़ 83 लाख 20 हज़ार रुपये जारी किए गए है।
योजना के अनुसार, पात्र
हितग्राहियों को किसी भी प्रकार की स्वीकृति के लिए अधिकारियों या कर्मचारियों से
संपर्क करने की आवश्यकता नहीं है। योजना की पूरी प्रक्रिया इस प्रकार से डिजाइन की
गई है कि पात्र व्यक्ति स्वतरू ही आवास की स्वीकृति प्राप्त कर लेते हैं। साथ ही,
उनके
बैंक खातों में योजना के तहत दी जाने वाली वित्तीय सहायता की राशि भी सीधे जमा हो
जाती है। यह योजना पूरी तरह से डिजिटल और पारदर्शी प्रक्रिया पर आधारित है,
जिसमें
भ्रष्टाचार या धांधली की कोई गुंजाइश नहीं है।
हालांकि, हाल के दिनों में यह देखने में आया है कि कुछ अनैतिक लोग इस योजना का गलत फायदा उठाने की कोशिश कर रहे हैं। वे हितग्राहियों को झूठे दावे करके यह बताने की कोशिश कर रहे हैं कि वे उनका नाम सूची में जुड़वा सकते हैं या उनकी स्वीकृति प्रक्रिया को तेज कर सकते हैं। ऐसे व्यक्तियों से सावधान रहना अत्यंत आवश्यक है, क्योंकि यह पूरी तरह से फर्जी दावा है। योजना की स्वीकृति प्रक्रिया में किसी भी अधिकारी, कर्मचारी या व्यक्ति द्वारा किसी प्रकार का बदलाव करना संभव नहीं है। इसलिए, यदि कोई व्यक्ति या अधिकारी यह दावा करता है कि वह किसी का नाम प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) में जोड़ सकता है, तो वह पूरी तरह से झूठ बोल रहा है।
अक्सर देखा जाता है कि कुछ लोग योजना के बारे में कम जानकारी होने के कारण धोखेबाजों के झांसे में आ जाते हैं। कई बार अज्ञात व्यक्तियों द्वारा फोन कॉल करके हितग्राहियों को यह बताया जाता है कि वे उनका नाम योजना में जुड़वा सकते हैं, बशर्ते कि वे कुछ धनराशि प्रदान करें। ऐसी स्थितियों में हितग्राहियों को अत्यधिक सावधानी बरतनी चाहिए और ऐसे किसी भी कॉल या संदेश का जवाब नहीं देना चाहिए। किसी भी अनजान व्यक्ति से योजना से संबंधित कोई जानकारी साझा न करें, क्योंकि यह धोखाधड़ी हो सकती है।
अगर किसी हितग्राही को इस प्रकार की कोई कॉल या संदेश प्राप्त होता है, तो उसे तुरंत पुलिस थाने में इसकी शिकायत दर्ज करानी चाहिए। इसके अलावा, हितग्राही जिला पंचायत के दूरभाष नंबर +91-07824-222609 पर कार्यालयीन समय में संपर्क कर सकते हैं और इस प्रकार के मामलों की जानकारी दे सकते हैं। प्रशासन भी इस प्रकार की धोखाधड़ी के मामलों पर सख्त नजर रखे हुए है और दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जा रही है।
यहां यह भी उल्लेखनीय है कि प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) की स्वीकृति प्रक्रिया पूरी तरह से ऑटोमेटेड और डेटा-आधारित है। किसी भी प्रकार का मैनुअल हस्तक्षेप इसमें संभव नहीं है। हितग्राही के चयन में पारदर्शिता और निष्पक्षता सुनिश्चित करने के लिए ग्राम सभा द्वारा पारित प्रस्ताव और भौतिक सत्यापन के आधार पर ही नामों की अंतिम सूची तैयार की जाती है। इससे यह सुनिश्चित किया जाता है कि केवल वही लोग योजना का लाभ उठाएं जो वास्तव में इसके पात्र हैं।
सरकार ने इस योजना को सफलतापूर्वक लागू करने के लिए विभिन्न स्तरों पर निगरानी और जांच की मजबूत व्यवस्था की है। इसका उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि कोई भी पात्र हितग्राही योजना के लाभ से वंचित न रहे और अपात्र लोग इसका अनुचित लाभ न उठा सकें। इसके साथ ही, आम जनता को भी जागरूक होना आवश्यक है ताकि वे किसी भी प्रकार की धोखाधड़ी से बच सकें और योजना के वास्तविक लाभार्थी बन सकें।
’प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) के अंतर्गत पात्र हितग्राहियों को आवास की स्वीकृति पूरी तरह से पारदर्शी और निष्पक्ष प्रक्रिया द्वारा दी जाती है। इसमें किसी भी अधिकारी, कर्मचारी या बाहरी व्यक्ति द्वारा कोई बदलाव नहीं किया जा सकता। यदि कोई व्यक्ति या अधिकारी यह दावा करता है कि वह किसी का नाम सूची में जोड़ सकता है, तो वह झूठ बोल रहा है। हितग्राहियों को चाहिए कि वे ऐसे किसी भी झांसे में न आएं और किसी भी अनजान व्यक्ति से कॉल या संदेश प्राप्त होने पर उसकी तुरंत शिकायत करें।
सरकार इस प्रकार की धोखाधड़ी के मामलों पर सख्त कार्रवाई कर रही है और यह सुनिश्चित कर रही है कि योजना के लाभार्थियों तक योजना का पूरा लाभ पहुंचे। जनता को भी अपनी जागरूकता बढ़ानी चाहिए और किसी भी प्रकार की गलत सूचना या धोखाधड़ी से बचने के लिए सतर्क रहना चाहिए।