महासमुन्द। "रक्षाबंधन भाई-बहन के पवित्र प्रेम के पर्व के साथ-साथ राष्ट्र रक्षा का पर्व है। सबसे श्रेष्ठ संबंध भातृत्व भाव का है, हम सब एक ही माता के पुत्र हैं। इस भाव से ही एकात्म भाव प्रकट होता है।
एक ओर समाज में बहनें अपने भाई को रक्षा सूत्र बांधकर अपनी रक्षा करने का वचन लेती है, वहीं दूसरी ओर संघ के स्वयंसेवक भगवा ध्वज को रक्षा सूत्र बांधकर राष्ट्र रक्षा का संकल्प लेते हैं। सेवा बस्ती में जाकर समाज में एकात्म भाव, समरसता, रक्षा भाव व राष्ट्र जागरण के भाव से रक्षा सूत्र बांधते हैं। इस प्रकार सामाजिक समरसता और एकात्म भाव का पर्व है रक्षाबंधन।" उक्त उद्गार सरस्वती शिशु मंदिर में आयोजित राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ आचार्य चाणक्य युवा व्यवसायी शाखा के रक्षाबंधन उत्सव में मुख्य अतिथि के आसंदी से सेवानिवृत शिक्षक खोरबाहरा राम साहू ने कहा।
उत्सव के मुख्य वक्ता खंड बौद्धिक शिक्षण प्रमुख उमेश भारती गोस्वामी ने कहा कि "रक्षाबंधन का पर्व प्राचीन काल से ही समाज द्वारा मनाया जाता है। पौराणिक मान्यता है कि लक्ष्मीजी ने राजा बलि को राखी बांधकर भगवान विष्णु को उनके बंधन से मुक्त कराया था। शिशुपाल वध के समय द्रौपती ने श्रीकृष्ण को अपनी साड़ी को फाड़कर बांधा था। देव-दानव युद्ध में देवताओं के लगातार पराजय होने पर इन्द्राणी ने इन्द्र को राखी बांधी। ऐतिहासिक परिदृश्य में देखें तो सिकंदर और पोरस युद्ध के दौरान सिकंदर की पत्नी ने पोरस को रक्षा सूत्र बांधकर अपने पति की रक्षा का वचन लिया था। चित्तौड़ की रानी कर्णावती ने बहादुर शाह से अपनी रक्षा हेतु हुमायूं को राखी भेजी थी। बंगाल विभाजन के समय 1905 में नोबेल पुरस्कार विजेता रवीन्द्रनाथ टैगोर द्वारा हिन्दू-मुस्लिम को एकजुट होने के लिए एक-दूसरे को रक्षा सूत्र बांधने का आग्रह किया गया था।" ज्ञात हो संघ के 6 प्रमुख उत्सव में एक रक्षाबंधन है।
उमेश ने बताया कि "राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ समाज को सबल और राष्ट्र को उन्नत बनाने का कार्य करता है। संघ राष्ट्र को परम वैभव के शिखर पर देखना चाहता है। 2025 में संघ के 100 साल पूरे होने वाले हैं। वर्तमान में संघ अपने 50 से अधिक समवैचारिक संगठनों के साथ मिलकर ग्राम विकास, गौपालन, जैविक कृषि, कुटुंब प्रबोधन, सामाजिक समरसता, धर्म जागरण, पर्यावरण जैसे समाज के विविध क्षेत्रों में कार्य कर रहा है।" कार्यक्रम का प्रारंभ अमृत वचन गीत व सुभाषित के साथ तथा समापन प्रार्थना के पश्चात् हुआ।
इस अवसर पर स्वयंसेवकों ने एक दूसरे को रक्षा सूत्र भी बांधा तथा समरसता व एकात्म भाव जागरण की दृष्टि से सेवा बस्ती में पहुंचकर रक्षासूत्र बांधकर राष्ट्र रक्षा का संकल्प लिया। कार्यक्रम में जिला प्रचारक आदित्य जी, विभाग धर्म जागरण के विपिन शर्मा, जिला व्यवस्था प्रमुख राकेश यादव, जिला सह बौद्धिक प्रमुख राधेश्याम जी , खंड कार्यवाह चंदन जी , सह नगर कार्यवाह रामेश्वर साहू सहित चाणक्य प्रभात शाखा के स्वयंसेवक व नगर के प्रतिष्ठित नागरिक उपस्थित थे। उक्ताशय की जानकारी शाखा कार्यवाह सुदेश जी ने दी।