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Chhattisgarh: उपमुख्यमंत्री शर्मा के प्रस्ताव पर वार्ता को तैयार हुए नक्सली, बताई शर्तें…

 रायपुर : विष्णुदेव साय की सरकार ने शपथ ग्रहण के तुरंत बाद सूबे में सक्रिय नक्सलियों से बातचीत की पेशकश की थी. राज्य के डिप्टी सीएम विजय शर्मा इसके लिए बेहद मुखर दिखाई देते हैं. जिसका असर अब दिखाई दे रहा है. ये पहली बार है कि राज्य में सक्रिय नक्सलियों ने दो महीने में दूसरी बार सरकार के साथ सशर्त वार्ता की पेशकश की है.


दंडकारण्य स्पेशल जोनल कमेटी के प्रवक्ता विकल्प ने पत्र जारी कर डिप्टी सीएम विजय शर्मा की ओर से की कई पेशकश पर प्रतिक्रिया दी है. उन्होंने कहा है कि हम सरकार से बातचीत को तैयार हैं लेकिन सरकार पहले हमारी शर्तों को माने. विकल्प ने अपने पत्र में डिप्टी CM पर भी निशाना साधा है. पत्र कहा गया है कि डिप्टी सीएम लगातार वार्ता की बात तो कर रहे हैं. लेकिन हमारी शर्तों पर वे सीधा जवाब नहीं दे रहे हैं. ऐसे में सवाल ये है कि क्या वाकई नक्सली वार्ता करना चाहते हैं या फिर सरकार और सुरक्षाबलों की कार्रवाई से ऐसा करने को मजबूर हुए हैं?

इस स्थिति में हम वार्ता के लिए आगे आएंगे

बता दें कि छत्तीसगढ़ में भाजपा की सरकार बनने के बाद नक्सलियों के खिलाफ लगातार अभियान चलाए जा रहे हैं. प्रदेश के डिप्टी सीएम विजय शर्मा ने भी नक्सलियों (Naxalites) से बातचीत के लिए तैयार होने की बात कही थी. इसके बाद नक्सलियों ने भी सरकार से बातचीत का प्रस्ताव रखा है. दो महीने में यह दूसरी बार है जब नक्सलियों ने कहा है कि वे सरकार से बातचीत के लिए तैयार हैं. हाल ही में उपमुख्यमंत्री विजय शर्मा ने बीजापुर (Bijapur) जिले के जांगला में भी बयान जारी किया था. लेकिन वार्ता पर दंडकारण्य स्पेशल जोनल कमेटी द्वारा पूर्व में दिए गए बयान का वे सीधा जवाब नहीं दे रहे हैं. तब नक्सलियों ने कहा था कि अनुकूल वातावरण बनने की स्थिति में ही हम वार्ता के लिए आगे आएंगे.

नक्सलियों ने शर्तें भी रखीं

बातचीत के लिए तैयार हुए नक्सलियों ने सरकार के सामने कई शर्तें भी रखी हैं. नक्सली प्रवक्ता द्वारा जारी प्रेस बयान में कहा कि, बस्तर में अनुकूल वातावरण के बिना कोई वार्ता संभव नहीं हो सकती है. नक्सलियों ने कहा है कि हमने सरकार से सिर्फ यह सुनिश्चित करने को कहा है कि मुठभेड़ों और क्रॉस फायरिंग (Cross firing) के नाम पर आदिवासियों की जघन्य बंद की जाए.

इसके अलावा तमाम सशस्त्र बलों  को 6 माह के लिए बैरकों तक सीमित किया जाए. इसके अलावा सुरक्षा बल नए कैंप स्थापित करना बंद करें. बता दें कि इससे पहले की भी सरकारों ने नक्सलियों से बातचीत की पेशकश की थी. लेकिन नक्सलियों की शर्तों के सामने यह सम्भव नहीं हो सका. अब नई सरकार बनने के बाद नक्सलियों ने एक बार फिर से बातचीत का प्रस्ताव रख दिया है. दरअसल छत्तीसगढ़ में नक्सलियों के खिलाफ लगातार अभियान चलाए जा रहे हैं. हालही में कई बड़े नक्सली लीडर्स को सुरक्षा बलों ने मार गिराया है. गिरफ्तारी और सरेंडर का भी सिलसिला चल रहा है. 

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