महासमुंद। विश्व विरासत सप्ताह के अंतर्गत भारतीय सांस्कृतिक निधि इन्टैक महासमुंद अध्याय द्वारा 25 नवंबर को 'तालाब हमारी विरासत है' विषय पर व्याख्यान का आयोजन स्थानीय बन्धवा तालाब के पार में किया गया। मुख्य वक्ता श्रीमती शिवी जोशी, विरासत संरक्षण विशेषज्ञ रायपुर थी। संयोजक छत्तीसगढ़ अध्याय अरविंद मिश्रा की अध्यक्षता में आयोजित इस अनूठे आयोजन के मुख्य अतिथि मंगलूराम धीवर अध्यक्ष मत्स्य सहकारी समिति महासमुंद थे।
अतिथियों ने पारंपरिक शैली में तालाब की पूजा
अर्चना, दीपदान व श्रीफल समर्पित कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया।प्रमुख वक्ता
श्रीमती जोशी ने तालाब के पारिस्थितिक तंत्र के बारे में सविस्तार प्रकाश डालते
हुए कहा कि हमारे पूर्वजों ने हमारी संस्कृति व परंपरा में तालाब को रचाया बसाया
है। जिसका मूल उद्देश्य जल संरक्षण के लिए लोगों को जोड़े रखना है। कलचुरी काल में
छःआगर छः कोरी यानी 126 तालाब बनाने का इतिहास मिलता है। रतनपुर,
सिरपुर
,खल्लारी के तालाब इसके उदाहरण हैं। कालांतर में यह तालाब अब
धीरे-धीरे पटकर समाप्त होते जा रहे हैं, जो चिंता का विषय है। तालाब का संबंध
हमारे जन्म से लेकर मृत्यु तक बना रहता है।
विशेष अतिथि सीईओ जिला पंचायत एस आलोक ने पैठू तालाब संस्कृति को जल संरक्षण
का अनूठा तकनीक निरूपित करते हुए कहा कि हमें हमारे बुजुर्गों के अनुभवों को
अनदेखा नहीं करना चाहिए। उनकी बातों को आत्मसात करना चाहिए। बतौर विशेष अतिथि
वरिष्ठ पत्रकार शशि शर्मा, पूर्व संयुक्त संचालक उद्योग सुनील
बघेल ने भी संबोधित किया। अध्यक्षीय उद्बोधन में अरविंद मिश्र ने इसे राष्ट्रीय
स्तर का आयोजन निरूपित करते हुए जल संरक्षण के महत्व पर आधारित लघु कथा का पाठ
किया।रुपेश तिवारी के संचालन में आयोजित इस कार्यक्रम में स्वागत भाषण संयोजक
दाऊलाल चंद्राकर व आभार वक्तव्य सहसंयोजक राजेश्वर खरे ने दिया।
कार्यक्रम में ऐतराम साहू, संतोष शर्मा, पत्रकार द्वय बाबूलाल साहू, सालिक राम कन्नौजे,अभियंता नुकेश चंद्राकर, काव्यांश परिवार से डी बसंत साव, जयराम पटेल, गायत्री परिवार से जगमोहन लाल साहू, उत्तम दुबे, शिव शक्ति महिला समूह से निरंजन चंद्राकर, धीवर समाज के अध्यक्ष डोमार सिंह व समाज जन,श्याम विद्या मंदिर शिक्षिका योगिता यादव व छात्र-छात्राएं, इन्टैक परिवार से मानक लाल चंद्राकार, प्रमोद कन्नौजे, रेवाराम ठाकुर, विजय ठाकुर,मानक नामदेव, सहित गणमान्य नागरिक शामिल हुए।