Responsive Ad Slot

Latest

latest


 

Charcha Chaurahe Par : हवा-हवाई सर्वे और बन गई सरकार, सपनों का महल-उम्मीदों का ताज, राजनीति के व्यापारी का क्या होगा, करे कोई-भरे कोई-मरे कोई

 चर्चा चौराहे पर-10

# हवा-हवाई सर्वे और बन गई सरकार !


राजनीतिक गलियारों में इन दिनों 'भरोसे की सरकार' बन रही है। 'अउ नई सहिबो-बदल के रहिबो' वालों का दावा है, बदलाव की हवा बही है। इस बीच मोबाइल पर एक कॉल रोज आ रहा है। "कांग्रेस को वोट दिया तो 6 दबाएं, भाजपा को वोट दिया तो 7 दबाएं, अन्य के लिए 8 दबाएं।" 



 रोज-रोज के ऐसे हवा हवाई सर्वे से मतदाता दुखी हैं। एक 'टुन्न उस्ताद' को संध्या काल में ऐसा ही कॉल आया। तब तक वह दो पैग चढ़ा चुके थे। जोर-जोर से चिल्लाने लगे-"अरे हम क्यों दबाएं? उनसे दबवाओ न जो पूरा माल दबाए हैं। हमारा हिस्सा भी खाए हैं। पार्टी ने तो फंडिंग अच्छे से किया है। पूरा माल तो बीच के नेताजी दबाए हैं। हम क्यों अपने मोबाइल का बटन दबाएं?" पड़ोसी यह बकबक सुन रहा था। उसने चौराहे पर चर्चा छेड़ दी। ऐसे हवा-हवाई सर्वे के आधार पर ही रोज सरकार बनाई और गिराई जा रही है। अब जरा सोचिए-कोई भी सूझबूझ वाला व्यक्ति क्या इसका जवाब मोबाइल की बटन दबाकर देगा ? उन्होंने किसे वोट दिया, वह बताएगा क्या?

# सपनों का महल, उम्मीदों का ताज


छत्तीसगढ़ में अगली सरकार किसकी बन रही है? यह अभी सबसे ज्यादा पूछा जाने वाला सवाल है। इस बीच 'नेताजी' का महल बनकर तैयार है। सपनों का महल। कहने को तो लोकतंत्र है, हमारे चुने हुए 'राजकुमार' इन महलों में रहेंगे। नवा रायपुर में बनाए गए आलीशान 'हाऊस' किसी राजमहल से कम नहीं है। 'युवा छत्तीसगढ़' कर्ज के बोझ तले दबा जा रहा है। फिर भी सफेदपोश 'कर्ज लेकर घी पीने' में अपनी शान समझ रहे हैं। चाटुकारिता में माहिर नौकरशाह भी कम नहीं हैं। इनके लिए सर्वसुविधायुक्त हवेलियां बनाई गई है। सड़कें बदहाल रहे। बच्चों को पढ़ने के लिए छत भले ही मुहैया न हो। खेतों को पानी मिले-न मिले। इन 'कलयुगी अवतारों' को सत्ता सुख बराबर मिलनी चाहिए। दल कोई भी हो, छत्तीसगढ़ को कर्ज के दलदल में धकेलने से गुरेज नहीं कर रहे हैं। अब देखना होगा कि उम्मीदों का ताज किनके सिर पर सजता है। कौन सत्ता सुख के अधिकारी हैं? इसका जवाब 3 दिसंबर को ही मिल पाएगा।

# राजनीति के व्यापारी का क्या होगा?


एक व्यापारी राजनीति में आ गए। व्यापार तो रग- रग में समाया था। राजनीति को भी व्यापार ही समझ बैठे। चुने गए थे जनसेवा के लिए। पूरे पांच साल जमकर किया व्यापार। हर काम में मेरा क्या फायदा? कहने वाले व्यापारी नेता को 'एकांत वास' की सजा मिल गई है। चाटुकारों से हमेशा घिरे रहते थे। जब से एकांत वास की स्थिति बनी है बीपी और शुगर अनियंत्रित हो गया है। गम भुलाने रोज बीपी की बोतल का सहारा ले रहे हैं। इस बीच  शून्य से शिखर तक पहुंचने वाले सहाराश्री के नहीं रहने की दुखद खबर मिली। उनका इतिहास पढ़कर व्यापारी नेता की जमीन खिसक गई। काली कमाई से जमीन में जमकर इन्वेस्टमेंट करने वाले को अब ईडी का भूत सता रहा है। चौराहे पर चर्चा हो रही थी बस कुछ दिन और ....। आगे-आगे देखिए होता है क्या? व्यापारी नेता का क्या हश्र होने वाला है। यह अभी भविष्य के गर्भ में है। 

# करे कोई-भरे कोई-मरे कोई


जरा गौर फरमाइये जब से छत्तीसगढ़ में मतदान हुआ है, सड़क हादसे यकायक बढ़ गए हैं। दरअसल, 'चुनई तिहार' में कुछ लोग जमकर कमाए हैं। इससे रोज जाम छलकाने का क्रम चल रहा है। नशा करके वाहन चलाने वालों की संख्या बढ़ गई है। जिन्हें यातायात व्यवस्था दुरुस्त करना है वे 'वसूली अभियान' में व्यस्त हैं। बदहाल यातायात, रोज हो रही सड़क दुर्घटनाओं के बीच पुलिस को जनमानस के कोपभाजन का शिकार होना पड़ रहा है। कप्तान की घुड़की के बाद यातायात के जिम्मेदार सड़क में संकेतक बनाकर दुर्घटना रोकने की कोशिश कर रहे हैं। इनके हाथ में कोशिश से ज्यादा कुछ भी नहीं है। "करे कोई, भरे कोई और मरे कोई" ये कर भी क्या सकते हैं? चेतावनी बेअसर है। सख्ती करने पर नेतागिरी होती है। चालान काटने पर बचाव में फोन आते हैं। उगाही करने का आरोप लगाते हैं। कौन आ बैल मुझे मार करें। निरापद बनकर यातायात पुलिस का महासमुंद महकमा चौक चौराहे पर मोबाइल फोन पर व्यस्त नजर आते हैं। 

-: Disclaimer :- 

इस कालम का संपादन वरिष्ठ पत्रकार व 'श्रीपुर एक्सप्रेस' और 'मीडिया24मीडिया' समूह के प्रधान संपादक श्री आनंदराम पत्रकारश्री कर रहे हैं। इसमें उल्लेखित तथ्यों की जानकारी संचार के विभिन्न माध्यमों, जन चर्चा और कानाफूसी पर आधारित है। व्यंग्यात्मक शैली में प्रस्तुत आलेख से किसी की भी मानहानि नहीं होगी, इसका विशेष ध्यान रखा गया है। आलेख में किसी व्यक्ति विशेष, संस्था अथवा दल विशेष पर कटाक्ष नहीं है। किसी घटना अथवा कड़ी का आपस में जुड़ जाना महज एक संयोग होगा। इस संबंध में कोई दावा-आपत्ति स्वीकार्य नहीं है। 

( हमारा ध्येय स्वस्थ पत्रकारिता को प्रोत्साहित करना है। तथापि यदि संयोगवश किसी विषयवस्तु से किसी की भावना को ठेस पहुंचती है, तो अपनी अभिव्यक्ति सीधे प्रधान संपादक तक मोबाइल नंबर- 9669140004 पर व्हाट्सएप्प करके अथवा anand.media24media@gmail.com पर ई-मेल संदेश भेज सकते हैं। हम सुधि पाठकों के भावनाओं का विशेष ध्यान रखेंगे। )
नोट:- इस नियमित कॉलम का उपयोग विभिन्न समाचार पत्रों और वेबपोर्टल संपादकों द्वारा भी किया जा रहा है। कृपया कंटेंट से छेड़छाड़ कर प्रकाशित न करें। ऐसा करने पर स्वयं जिम्मेदार होंगे।




Don't Miss
© Media24Media | All Rights Reserved | Infowt Information Web Technologies.