रायपुर। छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश रमेश सिन्हा आज प्रदेश के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल से पहुना गेस्ट हाउस में मिले। मुलाकात के दौरान शासन स्तर पर लंबित छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय एवं अधीनस्थ न्यायालयों के विभिन्न विषयों पर औपचारिक चर्चा हुई। बैठक के पश्चात मुख्य न्यायाधीश औचक निरीक्षण हेतु केंद्रीय जेल रायपुर पहुंचे। यहां उन्होंने पुरूष बंदीगृह के सभी बैरकों का निरीक्षण किया तथा महिला बंदीगृह का भी निरीक्षण किया।
उन्होंने जेल के अस्पताल का भी निरीक्षण किया। जेल में स्थायी रूप से चिकित्सक की नियुक्ति के बारे में जानकारी ली और इसकी पुष्टि की। चिकित्सक से उन्होंने बंदियों को दी जा रही चिकित्सा सुविधा व दवाईयों की जानकारी ली तथा बंदियों से भी इस संबंध में पूछताछ की। उन्होंने जेल में वीडियो कान्फ्रेसिंग रूम, विधिक प्रकोष्ठ का निरीक्षण कर जानकारी प्राप्त की। जेल में केन्टिन, बंदियों द्वारा संचालित प्रिंटिंग प्रेस, सिलाई-बुनाई कक्ष, शिक्षा केन्द्र इत्यादि का भी निरीक्षण किया। बंदियों से बातचीत करते हुए जानकारी प्राप्त की कि उन्हें जेल मेन्युअल के अनुरूप सुविधाएँ मिल रही है या नहीं।
बच्चों के साथ रहने वाले महिला बंदियों के बारे में उन्होंने जेल अधीक्षक से महिला बंदियों के बच्चों को मिलने वाली सुविधाएँ जैसे कि स्वास्थ्य, शिक्षा और उनके सर्वांगीण विकास हेतु व्यवस्था की जानकारी ली। जेल अधीक्षक के द्वारा बताया गया कि जेल में पहली कक्षा से लेकर बारहवीं कक्षा तक की पढ़ाई हेतु शासन से मान्यता प्राप्त स्कूल संचालित है जिसमें संस्कृत की शिक्षा भी दी जा रही है। मुख्य न्यायाधीश द्वारा स्कूल का भी निरीक्षण किया गया। जेल में शिक्षा, स्वास्थ्य व साफ-सफाई की सुविधा पर उन्होंने संतोष व्यक्त किया। निरीक्षण के समय वहां जेल अदालत चल रही थी। भूपेन्द्र कुमार वासनीकर, मु. न्या. मजिस्ट्रेट, रायपुर द्वारा प्रकरणों में सुनवाई की जा रही थी।
उन्होने जेल अधिकारियों को निर्देशित किया कि यदि किसी बंदी की अपील न्यायालय
के समक्ष दो बार प्रस्तुत की गई है तो उस विषय की जानकारी त्वरित रूप से संबंधित
न्यायालय को अवगत कराये। साथ ही उनके द्वारा यह भी जानकारी ली गयी कि कितनी
बंदियों को विधिक सेवा प्रदान की जा रही है। वर्तमान में जेल की क्षमता कुल 1586
बंदियों
की है जबकि जेल में बंदियों की कुल संख्या 3267 है जिसमें से
पुरूष बंदियों की संख्या 3117 तथा महिला बंदियों की संख्या 150
है।
निरीक्षण के समय संभागायुक्त डॉ. संजय कुमार अलंग, आईजी रतनलाल डांगी, डीआईजी जेल सह केन्द्रीय जेल अधीक्षक एस. एस. तिग्गा, एसएसपी प्रशांत अग्रवाल, जेलर एमएन प्रधान मौजूद रहे। निरीक्षण के दौरान उच्च न्यायालय के रजिस्ट्रार जनरल अरविन्द कुमार वर्मा, विधि विभाग, रायपुर के प्रमुख सचिव रजनीश श्रीवास्तव एवं एडिशनल रजिस्ट्रार सह पीपीएस एम. वी. एल.एन. सुब्रहमन्यम भी उपस्थित थे। ज्ञात हो कि मुख्य न्यायाधिपति रमेश सिन्हा मात्र 03 माह के कार्यकाल में ही अनेक न्यायालयों व जेलों का औचक निरीक्षण करते हुए व्यवस्था में सुधार हेतु आवश्यक निर्देश जारी कर चुके हैं जिसके सकारात्मक परिणाम भी मिलने शुरू हो गये हैं।