Responsive Ad Slot

Latest

latest


 

Manipur Violence: महिलाओं को निर्वस्त्र करके घुमाने वाले आरोपी का मोबाइल जब्त

Manipur Violence : मणिपुर में दिन प्रतिदिन हालात बेकाबू होते जा रहे हैं। 4 मई को तीन महिलाओं को निर्वस्त्र करने और उनमें से एक के गैंगरेप और महिलाओं  के परिवार के दो पुरुष सदस्यों की हत्या के मामले की जांच के दौरान पुलिस को बड़ी सफलता मिली है। पुलिस अधिकारियों ने कहा कि उन्होंने गिरफ्तार  किए गए छह आरोपियों में से एक के पास से एक सेल फोन बरामद किया है, जिसके बारे में उनका मानना ​​है कि इसका इस्तेमाल वारदात का वीडियो रिकॉर्ड करने के लिए किया गया था। पुलिस ने अभी तक गिरफ्तार व्यक्ति की पहचान उजागर नहीं की है, जिसने वीडियो रिकॉर्ड किया है। लेकिन, पुलिस सेल फोन को जांच की कड़ी में अहम सबूत मानकर चल रही है।


रविवार रात मणिपुर पुलिस ने ट्वीट किया कि पांच गिरफ्तार आरोपियों को 11 दिन की पुलिस हिरासत में भेज दिया गया है। जबकि, अन्य संदिग्धों को गिरफ्तार करने के लिए पुलिस टीम विभिन्न संदिग्ध ठिकानों पर छापेमारी कर रही है। जांच विवरण से अवगत एक पुलिस अधिकारी ने नाम न छापने की शर्त पर कहा, “फोन जब्त कर लिए गए हैं और साइबर सेल को भेज दिए गए हैं। हमें विश्वास है कि हमारे पास वह फ़ोन है जिस पर वीडियो रिकॉर्ड किया गया था।”

अन्य आरोपियों की तलाश

इस बीच, पुलिस अन्य लोगों की भूमिका की पहचान करने के लिए छह लोगों से पूछताछ कर रही है, जिन पर महिलाओं को निर्वस्त्र करने और बाद में उनके परिवार के दो पुरुष सदस्यों की हत्या करने में शामिल होने का संदेह है। अधिकारी ने कहा, “यह संभव है कि इस मामले में शामिल कुछ लोग उस भीड़ का भी हिस्सा थे जिसने 4 मई की आधी रात के आसपास बी फीनोम गांव पर हमला किया था। उस रात नोंगपोक सेकमाई को पुलिस स्टेशन क्षेत्र के एक और गांव के बारे में जानकारी मिली थी जिस पर हमला किया गया था। इसकी जांच की जाएगी कि क्या वही भीड़ उस गांव में आगजनी में भी शामिल थी।”

ट्राइबल लीडर्स फोरम की रिपोर्ट से हड़कंप

इस बीच, रविवार को इंडिजिनस ट्राइबल लीडर्स फोरम ने एक रिपोर्ट जारी की, जिसमें कम से कम 13 अलग-अलग संगीन वारदातों का विवरण दिया गया है। इनमें 3 मई से शुरू होने वाली हिंसा के दौरान भीड़ द्वारा महिलाओं की हत्या, बलात्कार शामिल है। आईटीएलएफ की रिपोर्ट विभिन्न गवाहों और परिवार के सदस्यों के साक्षात्कार पर आधारित है। पुलिस या राज्य सरकार ने अभी तक मामलों की प्रामाणिकता की पुष्टि नहीं की है। रिपोर्ट में घटनाओं की पुष्टि के लिए एफआईआर या अन्य दस्तावेज शामिल नहीं हैं।

रिपोर्ट में ऐसा क्या है?

आईटीएलएफ की रिपोर्ट में उल्लिखित घटनाओं में से एक 57 वर्षीय नौकरशाह (मणिपुर सरकार में एक अवर सचिव) और उसके 27 वर्षीय बेटे की है। आईटीएलएफ की रिपोर्ट में कहा गया है कि 4 मई की सुबह, थौबल जिले के लांगोल इलाके में लगभग 200 लोगों की भीड़ ने महिला और उसके बेटे पर हमला किया, जिन्होंने उनकी कार जला दी और दोनों की हत्या कर दी। मणिपुर पुलिस ने रिपोर्ट पर कोई टिप्पणी नहीं की है।

गौरतलब है कि 3 मई के बाद से, पूर्वोत्तर राज्य मणिपुर जातीय झड़पों की चपेट में है। मुख्य रूप से विवाद आदिवासी कुकी-जुमी और मैतई समुदाय के बीच है। कुकी ज्यादातर पहाड़ी जिलों में रहते हैं और बहुसंख्यक मैतेई इम्फाल घाटी में प्रमुख समुदाय है। सबसे पहले 3 मई को चुराचांदपुर शहर में झड़पें हुईं, जब कुकी समूहों ने राज्य के आरक्षण मैट्रिक्स में प्रस्तावित बदलाव के खिलाफ विरोध प्रदर्शन का आह्वान किया, इसमें मैतेई समुदाय को अनुसूचित जनजाति (एसटी) का दर्जा दिया गया था। इस हिंसा ने तुरंत राज्य को अपनी चपेट में ले लिया और जगह-जगह दंगे शुरू हो गए।

Don't Miss
© Media24Media | All Rights Reserved | Infowt Information Web Technologies.