Supreme Court: देश के नए संसद भवन के उद्घाटन की तराखी जैसे-जैसे नजदीक आ रही है। इसको लेकर रोज नए नए ट्वस्टि देखने को मिल रहे हैं। एक तरफ कांग्रेस समेत 21 विपक्षी दलों ने कार्यक्रम के बहिष्कार का ऐलान कर दिया है। वहीं मामाल देश की सर्वोच्च अदालत में भी दस्तक देता दिखा। अब सुप्रीम कोर्ट की तरफ से संसद भवन के उद्घाटन को लेकर दायर की गई याचिका खारिज कर दी है। सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को भारत की प्रथम नागरिक और संस्था के प्रमुख राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू द्वारा नए संसद भवन के उद्घाटन के लिए लोकसभा सचिवालय को निर्देश देने की याचिका खारिज कर दी। सुप्रीम कोर्ट की खंडपीठ ने कहा कि हम जानते हैं कि आप ऐसी याचिकाएं क्यों दायर करते हैं, हम इस पर विचार करने के इच्छुक नहीं हैं।
बता दें कि गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट में एक जनहित याचिका दायर की गई है, जिसमें यह निर्देश देने की मांग की गई है कि नए संसद भवन का उद्घाटन भारत के राष्ट्रपति द्वारा किया जाना चाहिए। याचिकाकर्ता ने कहा था कि लोकसभा सचिवालय ने राष्ट्रपति को उद्घाटन के लिए आमंत्रित नहीं करके संविधान का उल्लंघन किया गया। याचिका में कहा गया है कि राष्ट्र के मुखिया राष्ट्रपति को न बुलाना गलत है।
तमिलनाडु के एक वकील ने दाखिल की थी याचिका
याचिकाकर्ता का नाम सी आर जयासुकिन है. पेशे से वकील जयासुकिन तमिलनाडु से हैं. वह लगातार जनहित याचिकाएं दाखिल करते रहते हैं. उनकी इस याचिका में कहा गया था कि देश के संवैधानिक प्रमुख होने के नाते राष्ट्रपति ही प्रधानमंत्री की नियुक्ति करते हैं. सभी बड़े फैसले भी राष्ट्रपति के नाम पर लिए जाते हैं. राष्ट्रपति देश की प्रथम नागरिक हैं. संविधान के अनुच्छेद 79 के मुताबिक राष्ट्रपति संसद का भी अनिवार्य हिस्सा हैं. लोकसभा सचिवालय ने उनसे उद्घाटन न करवाने का जो फैसला लिया है, वह गलत .