रायपुर। छत्तीसगढ़ विधानसभा में आज महिला एवं बाल विकास तथा समाज कल्याण मंत्री श्रीमती अनिला भेंड़िया केे विभागों के लिए वित्तीय वर्ष 2022-23 हेतु 1251 करोड़ 98 लाख 10 हजार रूपए की अनुदान मांगे सर्व सम्मति से पारित की गई। इसमें महिला एवं बाल विकास के लिए 1136 करोड़ 34 लाख रूपए तथा समाज कल्याण विभाग के लिए 115 करोड़ 64 लाख 10 हजार रूपए की राशि शामिल हैं। अनुदान मांगों की चर्चा में सदस्यगण श्रीमती रंजना दीपेन्द्र साहू, डॉ. लक्ष्मी ध्रुव, श्रीमती इंदु बंजारे, श्रीमती अनिता योगेन्द्र शर्मा ने भाग लिया।
मंत्री श्रीमती भेंड़िया ने महिला एवं बाल विकास विभाग के सम्पूर्ण बजट को प्रदेश की नारी शक्ति, किशोरी बेटियों और नौनिहालों को समर्पित किया। सदन में चर्चा में उन्होंने कहा कि यह छत्तीसगढ़ ने कुपोषण से सुपोषण की ओर यात्रा में कई मील के पत्थर स्थापित किए है। राष्ट्रीय परिवार एवं स्वास्थ्य सर्वेक्षण के अनुसार छत्तीसगढ़ में 2015-16 में कुपोषण की दर 37.7 प्रतिशत थी, जो 2020-21 में घटकर 31.3 प्रतिशत रह गई। उन्होंने बताया कि वजन त्यौहार के अनुसार कुपोषण के स्तर में 2016 की तुलना में 10 प्रतिशत से अधिक की कमी आयी है। पिछले प्रयासों के साथ नई गतिविधियों को जोड़कर मुख्यमंत्री सुपोषण योजना लागू की गई।
गतवर्ष दो वर्षों में लक्ष्य के विरूद्ध 40 प्रतिशत बच्चों को कुपोषण से बाहर निकाला गया है। मंत्री श्रीमती भेंड़िया ने सदन में कहा कि बजट में महिला कोष के माध्यम से कम ब्याज पर महिलाओं को ऋण उपलब्ध कराकर उनके आर्थिक सशक्तिकरण हेतु 5 करोड़ 70 लाख रूपए का प्रावधान किया गया है। महिला स्व-सहायता समूहों के लिए आईसीडीएस सेवाओं के लिए 797.90 करोड़ रूपए का प्रावधान किया गया है। आंगनबाड़ी केन्द्रों के माध्यम से हितग्राहियों को पौष्टिक आहार उपलब्ध कराने के लिए 696.04 करोड़ रूपए का प्रावधान किया गया है। महिला एवं बच्चों को गुणवत्ता युक्त पोषण आहार मिले इसके लिए राज्य सरकार निरंतर प्रयासरत् है।
आंगनबाड़ी केन्द्रों को नर्सरी स्कूलों की तरह विकसित कर बच्चों को वहां अनौपचारिक शिक्षा के केन्द्र के रूप में विकसित करने का प्रयास किया जा रहा है। प्रारंभिक बाल्यावस्था देखभाल एवं शिक्षा और केन्द्रों के उन्नयन के लिए 21.87 करोड़ रूपए का प्रावधान बजट में किया गया है। शुचिता योजना के माध्यम से 1000 कन्या शालाओं तथा महाविद्यालयों में सेनेटरी नेपकीन वेडिंग मशीन और मासिक स्वच्छता के प्रति जागरूकता के लिए 10 करोड़ रूपए का प्रावधान किया गया है। प्रदेश में शुरू की गई कौशल्या मातृत्व योजना के माध्यम से द्वितीय बालिक संतान के लिए भी मातृत्व सहायता हेतु एकमुश्त 5 हजार रूपए की सहायता प्रदान करने हेतु 17 करोड़ रूपए का प्रावधान किया गया है।
कन्या विवाह योजना के लिए 19 करोड़ रूपए, महिला जागरूकता शिविरों के लिए 4.85 करोड़ रूपए का प्रावधान किया गया है। बजट में राज्य महिला आयोग के स्थापना व्यय और अन्य कार्यों के लिए 5 करोड़ 12 लाख 7 हजार रूपए का प्रावधान किया गया है। श्रीमती भेंड़िया ने कहा कि प्रदेश में वेदांता के सहयोग से 300 आंगनबाड़ी भवन और जिला स्तर पर उपलब्ध संसाधनों से 10 हजार आंगनबाड़ी भवनों को आकर्षक एवं सर्वसुविधायुक्त बनाने की कार्यवाही की जा रही है। उन्होंने बताया कि प्रदेश में ग्रामीण क्षेत्रों में मनरेगा अभिसरण से भवन निर्माण के लिए 8.34 करोड़ रूपए का प्रावधान बजट में किया गया है।
श्रीमती भेंड़िया ने समाज कल्याण विभाग की अनुदान मांगों पर चर्चा करते हुए कहा कि नशापान करने की प्रवृत्ति पर प्रभावी नियंत्रण और प्रचार-प्रसार के लिए ग्राम पंचायत स्तरों पर महिलाओं के 08 सदस्यों वाली भारत माता वाहिनी का गठन किया गया है। रायपुर, दुर्ग, राजनांदगांव, सरगुजा और धमतरी में नशामुक्ति केन्द्र संचालित हैं। निकट भविष्य में प्रत्येक जिले में एक नशामुक्ति केन्द्र संचालित करने का प्रयास किया जाएगा। इसके लिए बजट में 10 करोड़ रूपए का प्रावधान किया गया है।
उन्होंने बताया कि दिव्यांग व्यक्ति के समग्र पुनर्वास और उन्हें समाज की मुख्यधारा से जोड़ने के लिए कई योजनाएं संचालित की जा रही है। इसके लिए बजट में 81 करोड़ 98 लाख रूपए का प्रावधान किया गया है। वरिष्ठ नागरिकों के लिए वृद्धाश्रम के संचालन हेतु 4 करोड़ 40 लाख रूपए, प्रशामक देखरेख गृह के लिए 45 लाख रूपए, उभयलिंगी व्यक्ति के कल्याण के लिए 63 लाख 30 हजार रूपए का प्रावधान किया गया है। योग आयोग के लिए बजट में 3 करोड़ 15 लाख रूपए का प्रावधान किया गया है।