आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने बुधवार को तीन दिवसीय एसपीसी बैठक में लिए गए फैसलों का ऐलान किया. बता दें एक्सपर्ट्स पहले से रेपो रेट में 25 बेसिस प्वाइंट की बढ़ोतरी किए जाने की संभावना जता रहे थे. गौरतलब है कि इससे पहले दिसंबर 2022 में हुई MPC बैठक में ब्याज दरों को 5.90% से बढ़कर 6.25% किया गया था. आरबीआई ने बीते साल से अब तक छह बार रेपो रेट में इजाफा करते हुए कुल 2.50% की बढ़ोतरी की है.
6 बार में 2.50% की बढ़ोतरी
मॉनेटरी पॉलिसी की मीटिंग हर दो महीने में होती है। इस वित्त वर्ष की पहली मीटिंग अप्रैल में हुई थी। तब RBI ने रेपो रेट को 4% पर स्थिर रखा था, लेकिन RBI ने 2 और 3 मई को इमरजेंसी मीटिंग बुलाकर रेपो रेट को 0.40% बढ़ाकर 4.40% कर दिया था।
22 मई 2020 के बाद रेपो रेट में ये बदलाव हुआ था। इसके बाद 6 से 8 जून को हुई मीटिंग में रेपो रेट में 0.50% इजाफा किया। इससे रेपो रेट 4.40% से बढ़कर 4.90% हो गई। फिर अगस्त में इसे 0.50% बढ़ाया गया, जिससे ये 5.40% पर पहुंच गई। सितंबर में ब्याज दरें 5.90% हो गई। फिर दिसंबर में ब्याज दरें 6.25% पर पहुंच गई। अब ब्याज दरें 6.50% पर पहुंच गई है।
एक साल में करीब 2988 रुपए बढ़ी EMI
ब्याज दरों के बढ़ने के बाद मई से पहले जो होम लोन आपको 5.65% रेट ऑफ इंटरेस्ट पर मिल रहा था वो अब 8.15% पर पहुंच गया है। यानी 20 साल के लिए 20 लाख के लोन पर आपको हर महीने करीब 2,988 ज्यादा की EMI देनी होगी।
0.25% रेट बढ़ने से कितना फर्क पड़ेगा
मान लीजिए रोहित नाम के एक व्यक्ति ने 7.90% के फिक्स्ड रेट पर 20 साल के लिए 30 लाख का लोन लिया है। उसकी EMI 24,907 रुपए है। 20 साल में उसे इस दर से 29.77 लाख रुपए का ब्याज देना होगा। यानी, उसे 30 लाख के बदले कुल 59.77 लाख रुपए चुकाने होंगे।
रोहित के लोन लेने के बाद RBI रेपो रेट में 0.25% का इजाफा कर देता है। इस कारण बैंक भी 0.25% ब्याज दर बढ़ा देते हैं। अब जब रोहित का एक दोस्त उसी बैंक में लोन लेने के लिए पहुंचता है तो बैंक उसे 7.90% की जगह 8.15% रेट ऑफ इंटरेस्ट बताता है।
रोहित का दोस्त भी 30 लाख का ही लोन 20 साल के लिए लेता है, लेकिन उसकी EMI 25,374 रुपए की बनती है। यानी रोहित की EMI से 467 रुपए ज्यादा। इस वजह से रोहित के दोस्त को 20 साल में कुल 60.90 लाख रुपए चुकाने होंगे। ये रोहित से 1.13 लाख ज्यादा है।