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दो दिवसीय राजा मोरध्वज महोत्सव सम्पन्न, सांस्कृतिक संध्या में उमड़ा जनसैलाब

आरंग‌। मोरध्वज नगरी के नाम से सुविख्यात नगर आरंग में नगर पालिका, दानदाताओं और पीपला फाउंडेशन आरंग के संयुक्त संयोजन में नगर में पहली बार राजा मोरध्वज महोत्सव का आयोजन किया गया। महोत्सव आयोजन को लेकर नागरिकों में भारी उत्साह दिखा। नगर के मुख्य मार्ग पर नगर के देवी देवताओं, शिवलिंगों की प्रतिमाएं व पुरातात्विक धरोहर राष्ट्रीय स्मारक भांडदेवल की प्रतिमाएं सहित जगह जगह स्वागत द्वारों से भव्य सजाया गया।

महोत्सव के प्रथम दिन बाबा बागेश्वरनाथ से महोत्सव स्थल तक भव्य कलश यात्रा निकाली गई। बागेश्वर पारा होते हुए श्याम बाजार सदर रोड होते हुए मां महामाया के प्राचीन कुंड से जल लेकर नगर के मध्य में स्थित राजा मोरध्वज की प्रतिमा की पूजा और परिक्रमा कर पुनः कार्यक्रम स्थल पहुंचा। कार्यक्रम का शुभारंभ शंख ध्वनि, स्वस्ति वाचन, बाबा बागेश्वर नाथ व माता गायत्री की पूजा अर्चना से हुई।

प्रथम दिवस सुआ,कर्मा, ददरिया और आरंग से जुड़ी लोरिक-चंदा की लोकगाथा का मंचन, डीजे डांसछत्तीसगढ़ी फिल्म स्टार अनुज शर्मा नाईट की रंगारंग प्रस्तुति विशेष आकर्षण का केन्द्र रहा। इसमें देर रात तक झुमते रहे नगर वासी। प्रथम दिवस महोत्सव के मुख्य अतिथि छग शासन के नगरीय प्रशासन श्रम एवं विकास मंत्री डॉ शिव कुमार डहरिया ने पीपला फाउंडेशन द्वारा वृहत आयोजन, संयोजन व्यवस्थापन की जमकर सराहना करते हुए आगामी वर्षों से हर साल मोरध्वज महोत्सव आयोजित करने दस लाख रुपए तथा इस वर्ष के आयोजन के लिए पांच लाख रुपए देने की घोषणा किए। वहीं नगर के प्राचीन इतिहास का शोध अध्ययन कराने की बात कही।

इस मौके पर संस्कृति के क्षेत्र में उल्लेखनीय योगदान के लिए रीवा निवासी परमानंद साहूकला के क्षेत्र में विशिष्ट योगदान हेतु आरंग निवासी रुपराम विश्राम देवांगन, चिकित्सा सेवा में डा के एस राय सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र आरंग, पत्रकारिता के क्षेत्र में विशिष्ट योगदान हेतु रोशन चंद्राकर, शिक्षा के क्षेत्र में विशिष्ट सेवा हेतु हाजी अमीर अली अहमद को मोरध्वज अलंकरण से सम्मानित किया गया। महोत्सव व अनुज शर्मा के कार्यक्रम में मंत्री डहरिया स्वयं देर रात तक लोगों के बीच बैठकर महोत्सव का आनंद उठाते रहे।

अध्यक्षता नगरपालिका अध्यक्ष चंद्रशेखर चंद्राकर ने किया। विशिष्ट अतिथि जनपद अध्यक्ष खिलेश देवांगन,व शिक्षाविद्, साहित्य, इतिहास, पर्यटनविद् रमेन्द्रनाथ मिश्र रहे। सभी ने सभा को संबोधित करते मोरध्वज महोत्सव मनाने की पहल की उन्मुक्त कंठ से सराहना किए। इस अवसर पर रक्तदान शिविर में 28 लोगों ने रक्तदान किया। जिसमें प्रथम रक्तदान आरंग थाना प्रभारी कमला पुंसाम ठाकुर ने किया। वहीं सुप्रसिद्ध रेत कलाकार हेमचंद साहू द्वारा रेत से निर्मित भगवान शिव की प्रतिमा विशेष आकर्षण का केंद्र रहा। महोत्सव स्थल पर राज्योत्सव के तर्ज पर गढ़ कलेवा व विभिन्न सामग्रियों का स्टाल लगाए गए थे। जहां लोगों ने जमकर खरीदारी की।

द्वितीय दिवस प्रातः 11 से 2 बजे तक 9 कुंडीय गायत्री यज्ञ हुआ। जिसमें करीब 30 दम्पत्तियों ने आहुतियां दी। शाम 4 बजे से शंख ध्वनि, स्वस्ती वाचन बाबा बागेश्वर की संगीतमय पूजा से कार्यक्रम का शुभारंभ हुआ। सांस्कृतिक संध्या राजा मोरध्वज पर जीवंत झांकी सबके लिए आकर्षण का केंद्र रहा। अकोली की पंथी व सुप्रसिद्ध कलाकारो द्वारा नाचा का मंचन व मीर अली मीर की कविता पाठ नंदा जा ही का रे...से शमा बांधा।इस बीच

आरंग थाना प्रभारी कमला पुसाम ठाकुर, एसडीएम अतुल विश्वकर्मा, पत्रकारिता में विशेष सेवा हेतु पवन साहू, बागेश्वर गौ सेवा धाम को विशेष सेवा के लिए प्रतीक चिन्ह भेंटकर सम्मानित किया गया। साथ ही पीपला ग्रुप के सभी सदस्यों को स्मृति चिन्ह भेंट किया गया। अंतिम प्रस्तुति के रूप में गंगा साहू की सांस्कृतिक संध्या आकर्षण का केंद्र रहेगा। कार्यक्रम के आयोजन संयोजन में पीपला फाउंडेशन के सभी सदस्यों की अहम् भूमिका रही।

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