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विशेष-लेख : नक्सल प्रभावित गांव कुधुर में बही विकास की बयार

रायपुर। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की दूरदृष्टि सोच और जन हितैषी फैसलों का परिणाम है कि दशकों से नक्सल प्रभावित ग्राम कुधुर में निरंतर विकास की बयार बह रही है। ग्राम कुधुर कोण्डागांव जिले के अंतिम छोर पर मुख्यालय से 50 किलोमीटर की दूरी पर कोण्डागांव, बीजापुर, दंतेवाड़ा और नारायणपुर के सीमा पर पड़ने वाली अतिसंवदेनशील एवं पहुंचविहिन ग्राम है। गौरतलब है कि ग्राम कुधूर कई दशकों से नक्सली गतिविधियों एवं दुर्गम रास्तों के कारण विकास की मुख्यधारा से पिछड़ता चला गया था। यहां मूलभूत सुविधाओं के लिए भी लोगो को दुर्गम रास्तों से होते हुए नजदीकी तहसील मर्दापाल तक जाना पड़ता था। जिसके चलते यहां आजादी से अब तक बहुत कम विकास हो पाया है। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के नेतृत्व वाली सरकार बनते ही राज्य के दूरस्थ वनांचलों के लोगों को मुख्यधारा में जोड़ने के लिए बनाए गए नीतियों के कारण इन क्षेत्रों में लगातार विकास हो रहे हैं। 



धान बेचने हेतु 48 किसानों ने कराया पंजीयन

ग्राम कुधूर के सचिव ने बताया कि गांव के विकास हेतु सड़कांे के अभाव में यहां विकास थम सा गया था परंतु पुंगारपाल में कैंप की स्थापना के बाद तहसील मुख्यालय मर्दापाल से जोड़ने वाले दुर्गम क्षेत्र में सड़क निर्माण अब संभव हो सका है। वर्तमान में पुंगारपाल से कुधूर पंचायत भवन तक सड़क निर्माण पूर्ण हो गया है। मध्य में पड़ने वाली भंवरडीह नदी पर पुलिया निर्माण के लिए भी शासन द्वारा स्वीकृति प्रदान कर दी गई है। जिससे किसानों में हर्ष का माहौल है। जिसे देखते हुए कुधूर पंचायत के 48 ग्रामीणों ने धान विक्रय हेतु पंजीयन कराया है। जिसमें भंवरडीह नदी के दूसरे छोर पर बसे आश्रित ग्राम तुमड़ीवाल के भी 9 किसानों द्वारा पंजीयन कराया गया है।

प्रशासन ने धान परिवहन हेतु की व्यवस्था, समर्थन मूल्य पर पहली बार किसानों ने बेचा धा

कुधूर के दौरे पर 15 अक्टूबर 2022 को पहंुचे कलेक्टर श्री दीपक सोनी एवं पुलिस अधीक्षक श्री दिव्यांग पटेल द्वारा क्षेत्र के ग्रामीणों की मांग पर नजदीकी धान उपार्जन केन्द्र मर्दापाल तक धान परिवहन हेतु प्रशासन द्वारा सहायता उपलब्ध कराई गयी है। जिससे किसान अपनी फसल का उचित मूल्य प्राप्त करने के लिए उत्साहित हैं। लगातार कृषकों द्वारा पंजीयन कराया जा रहा है। इसके अतिरिक्त कलेक्टर ने नदी पार बसे ग्राम तुमड़ीवाल के किसानों की फसलों को भी उपार्जन केन्द्र तक लाने हेतु नदी में पानी कम होने के साथ बोरी बंधान के माध्यम से परिवहन की व्यवस्था हेतु निर्देशित किया गया है साथ ही ग्रामीणों की मांग पर कई वर्षो से मृत व्यक्तियों के नाम खाता होने से धान विक्रय से वचिंत किसानों को लाभ देने हेतु नामान्तरण कर पंजीयन की प्रक्रिया पूर्ण करने के निर्देश दिये थे। जिसपर कुधूर के 46 एवं तुमड़ीवाल के 15 खाताधारकों का नाम खारिज कर परिवार के मुखिया के नाम फौती-नामान्तरण कर पंजीयन किया गया। जिससे अब वे समिति को धान विक्रय कर सकेंगे। अब तक कुधूर के 9 किसान सोन सिंह कश्यप, घस्सूराम, अजम, भोसकू, सुशील, मणीशंकर, प्रेम, दुसेन, सुदन द्वारा 600 क्विटंल धान का विक्रय किया गया है। इन किसानों ने समर्थन मूल्य पर पहली बार धान बेचकर अपनी खुशी जाहिर करते हुए दूरस्थ ईलाके के किसानों के धान परिवहन हेतु प्रशासन की पहल को सराहनीय निरूपित किया। इन किसानों के अलावा क्षेत्र के अन्य कृषकों द्वारा भी अब धान विक्रय हेतु टोकन प्राप्त किया जा रहा है।

कुधूर में ग्रामीणों हेतु सिंचाई व्यवस्था हेतु 30 एचपी के सोलर पंप की स्थापना कर तालाब भरकर फैंसिग कर बाड़ी विकास किया जा रहा है। जिसके अंतर्गत 25 एकड़ में सामुदायिक बाड़ी तथा 6 किसानों हेतु व्यक्तिगत 15 एकड़ में बाड़ी विकास किया गया है। जिसमें ग्रामीणों द्वारा नगदी फसलों एवं  साग-सब्जियों का उत्पादन कर अतिरिक्त आमदनी प्राप्त की जायेगी। इसके अतिरिक्त ग्राम के विद्युत विहिन चार पारे मोहल्लों में लाइन बिछाकर विद्युतिकरण करने हेतु निर्देश दिये थे। जिसपर विद्युत विभाग द्वारा सर्वे कराकर लाइन विस्तार का कार्य किया जा रहा है।

कलेक्टर द्वारा तुमड़ीवाल के ग्रामीणों की मांग अनुसार विद्युतीकरण के साथ पांच बोर की स्थापना नदी में जल स्तर के कम होने के साथ करने के निर्देश दिये थे, वर्तमान में विद्युतीकरण के लिए विद्युत खंभे नदी तट पर परिवहन कर लिया गया है और अतिशीघ्र विद्युत लाइन विस्तार आरंभ किया जायेगा। तुमड़ीवाल में 8 कृषकों हेतु 8 एकड़ में नदी किनारे फैंसिग कर बाड़ी विकास किया गया है। तुमड़ीवाल को कुधूर से जोड़ने के लिए आज्ञानाला में पुलिया सह चेक डेम निर्माण की भी स्वीकृति प्राप्त कर ली गई है। कुधूर को लोहंडीगुड़ा-जगदलपुर मार्ग से जोड़ने हेतु 6 पुलियों के निर्माण को भी स्वीकृति प्रदान की गई है, इन पुलिया निर्माण कार्यो को शीघ्र प्रारंभ किया जायेगा। कुधूर-बारसूर मार्ग में भंवरडीह नदी पर पुल निर्माण कर जिला मुख्यालय से दंतेवाड़ा एवं बारसुर की दूरी 70 किलोमीटर से कम होने तथा ग्रामीणों को लाभ को दृष्टिगत रखते हुए सड़क एवं पुल निर्माण हेतु निर्देशित किया गया था। ंजिसपर तीव्रगति से कार्य किया जा रहा है। कुधूर में विकास हेतु नवीन ग्राम पंचायत भवन, उपस्वास्थ्य केन्द्र, आंगनबाड़ी केन्द्र का भी निर्माण किया गया है। निर्माण कार्यो के साथ युवाओं को मनरेगा अंतर्गत कार्य प्रदान किया गया है जिससे युवा भटकाव छोड़ अब विकास की मुख्यधारा में शामिल हो रहे हैं। 

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