रायपुर। छत्तीसगढ़ विधानसभा के दो दिवसीय विशेष सत्र के अंतिम दिन आज सदन में वित्तीय वर्ष दो हजार बाईस-तेईस के लिए चार हजार तीन सौ सैंतीस करोड़ रूपये से अधिक का द्वितीय अनुपूरक बजट ध्वनिमत से पारित कर दिया गया। चालू वित्तीय वर्ष का मुख्य बजट एक लाख चार हजार करोड़ रूपए है। प्रथम और द्वितीय अनुपूरक को मिलाकर अब राज्य का बजट बढ़कर एक लाख ग्यारह हजार दो सौ बयालीस करोड़ रूपए हो गया है।
द्वितीय अनुपूरक बजट पेश करते हुए मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि बेहतर वित्तीय प्रबंधन और कड़े वित्तीय अनुशासन से राज्य की वित्तीय स्थिति सुदृढ़ हुई है। उन्होंने कहा कि इस वर्ष अक्टूबर माह तक आठ सौ अंठानवे करोड़ रूपए का राजस्व आधिक्य बना हुआ है। उन्होंने कहा कि चालू वित्तीय वर्ष के पहले आठ महीनों में सरकार ने अब तक बाजार से कोई ऋण नही लिया है, जबकि नवंबर माह तक छह हजार करोड़ रूपये से अधिक का पूंजीगत व्यय राज्य के संसाधनों से किया जा चुका है।
विधानसभा में आज छत्तीसगढ़ लोक सेवा, अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति और अन्य पिछड़ा वर्ग के लिए आरक्षण से संबंधित संशोधन विधेयक पर चर्चा चल रही है। अब तक भाजपा विधायक अजय चंद्राकर और कांग्रेस विधायक मोहन मरकार सहित सत्तापक्ष और विपक्ष के विभिन्न सदस्यों ने अपने-अपने विचार रखे।
इससे पहले, सदन में आज उस समय तनावपूर्ण स्थिति बन गई, जब भाजपा विधायक अजय चंद्राकर द्वारा आरक्षण विधेयक को लेरक अपनी बात रखे जाने के दौरान मंत्री शिवकुमार डहरिया ने एक टिप्पणी की। हंगामे के बीच विधानसभा अध्यक्ष ने सदन की कार्यवाही दस मिनट के लिए स्थगित कर दी थी।