रायपुर। आज जनजातीय गौरव दिवस है। भगवान बिरसा मुंडा की जयंती को केन्द्र सरकार ने जनजातीय गौरव दिवस के रूप में घोषित किया है। इस अवसर पर झारखंड के खूंटी जिले स्थित उलीहातू गांव में आयोजित कार्यक्रम में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने भगवान बिरसा मुंडा को श्रद्धाजंलि अर्पित की। अपने संबोधन में राष्ट्रपति ने कहा कि जनजातीय समुदायों ने अपनी कला, शिल्प और कड़ी मेहनत से राष्ट्र को समृद्ध किया है।
वहीं, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा है कि भगवान बिरसा मुंडा और करोड़ों आदिवासी शूरवीरों के सपनों को साकार करने के लिए देश अमृतकाल के पांच प्रण की ऊर्जा के साथ आगे बढ़ रहा है। इन पांच प्रणों में विकसित भारत का लक्ष्य, औपनिवेशिक मानसिकता को खत्म करना, अपनी विरासत पर गर्व करना, नागरिकों में एकता और कर्तव्यपराणता की भावना जागृत करना शामिल हैं।
इधर, छत्तीसगढ़ की राज्यपाल अनुसुईया उइके ने स्वतंत्रता संग्राम सेनानी लोकनायक बिरसा मुण्डा की जयंती पर उन्हें नमन किया है। राज्यपाल ने कहा कि बिरसा मुंडा ने महाविद्रोह ‘ऊलगुलान’ चलाकर तत्कालीन ब्रिटिश साम्राज्य को चुनौती दी थी और आदिवासियों के सामाजिक-आर्थिक अधिकारों के लिए लड़ाई भी लड़ी।
वहीं, मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने भी आज रायपुर स्थित अपने निवास कार्यालय में बिरसा मुण्डा की जयंती और गांधीवादी नेता आचार्य विनोबा भावे की पुण्यतिथि पर उनके चित्र पर श्रद्धासुमन अर्पित कर उन्हें नमन किया। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने कहा कि बिरसा मुण्डा ने आदिवासी समुदाय को जल, जंगल, जमीन के बारे में जागरूक किया और उन्हें अपने हक की लड़ाई लड़ने की प्रेरणा दी।