रायपुर। छत्तीसगढ़ विधानसभा का विशेष सत्र आगामी एक और दो दिसंबर को आयोजित किया जाएगा। राज्यपाल अनुसुईया उइके ने विधानसभा का पंद्रहवां सत्र आहूत करने के संबंध में प्राप्त प्रस्ताव पर हस्ताक्षर कर दिए हैं। इस बीच, मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा है कि राज्य में आदिवासीजनों को बत्तीस प्रतिशत आरक्षण का लाभ दिलाने के लिए हरसंभव प्रयास किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र, तमिलनाडु और कर्नाटक में आरक्षण की विधिक स्थिति का अध्ययन करने के लिए छत्तीसगढ़ शासन की ओर से वरिष्ठ अधिकारियों और सामाजिक कार्यकर्ताओं का दल जल्द ही वहां जाएगा।
दूसरी ओर, विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष नारायण चंदेल ने आदिवासियों को बत्तीस प्रतिशत आरक्षण देने के लिए राज्य सरकार से अध्यादेश लाने की मांग की है। उन्होंने कहा कि शीतकालीन सत्र दस दिनों का होना चाहिए, जिसमें प्रदेश की जनता के हित में विस्तृत चर्चा हो सके। आदिवासी आरक्षण के संबंध में श्री चंदेल ने कहा कि भाजपा का इस बारे में स्पष्ट मत है कि आदिवासीजनों को जो बत्तीस प्रतिशत आरक्षण मिल रहा था, वह बरकरार रहना चाहिए।
इधर, प्रदेश कांग्रेस कमेटी ने आदिवासी समाज के आरक्षण के लिए विधानसभा का विशेष सत्र बुलाए जाने के राज्य सरकार के निर्णय का स्वागत किया है। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष मोहन मरकाम ने आरोप लगाया है कि पूर्ववर्ती राज्य सरकार की गलत नीतियों की वजह से प्रदेश में आदिवासियों का आरक्षण कम हुआ है।