नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा है कि जी-ट्वेंटी समूह की अध्यक्षता भारत के लिए विश्व कल्याण का एक बड़ा अवसर है। आकाशवाणी से ‘‘मन की बात’’ कार्यक्रम में उन्होंने कहा कि इस अवसर का उपयोग विश्व की भलाई के लिए करना है और भारत इसके लिए प्रतिबद्ध है। प्रधानमंत्री ने कहा कि जी-ट्वेंटी की विश्व जनसंख्या में दो-तिहाई, विश्व व्यापार में तीन-चौथाई और विश्व सकल घरेलू उत्पाद में पचयासी प्रतिशत की भागीदारी है। मोदी ने विद्यालयों, महाविद्यालयों और विश्वविद्यालयों से अपील की कि वे जी-ट्वेंटी से जुड़ी चर्चाओं और प्रतियोगिताओं के अवसर सृजित करें।
प्रधानमंत्री ने अट्ठारह नवंबर को एक
ऐतिहासिक दिन बताया, जब
निजी क्षेत्र के पहले रॉकेट विक्रम-एस को अंतरिक्ष में भेजने में सफलता मिली। उन्होंने बताया
कि भारत अंतरिक्ष के क्षेत्र में अपनी सफलता को पड़ोसी देशों के साथ भी साझा कर रहा
है। भारत ने कल ही एक उपग्रह का प्रक्षेपण किया है, जिसे भूटान के साथ मिलकर विकसित किया है। प्रधानमंत्री ने
प्रौद्योगिकी से जुड़े नवाचार के बारे में कहा कि भारत, ड्रोन के क्षेत्र में तेजी से आगे बढ़
रहा है। कुछ ही दिन पहले हिमाचल प्रदेश के किन्नौर जिले में ड्रोन की मदद से सेब
की खेप लाई गई।