महासमुंद। सार्वजनिक दुर्गाउत्सव समिति खरोरा द्वारा गुरुवार की रात आयोजित माता के जगराता कार्यक्रम में संसदीय सचिव व विधायक विनोद सेवनलाल चंद्राकर शामिल हुए। इस दौरान मेडिकल कॉलेज की सौगात मिलने पर ग्रामवासियों ने संसदीय सचिव चंद्राकर का स्मृति चिन्ह भेंटकर अभिनंदन किया। गुरूवार की रात सार्वजनिक दुर्गोत्सवस समिति खरोरा द्वारा माता का जगराता कार्यक्रम का आयोजन किया गया था। कार्यक्रम में कविता वासनिक एवं ग्रुप की शानदार प्रस्तुति दी।
दुर्गाेत्सव समिति खरोरा द्वारा आयोजित जगराता कार्यक्रम में हुए शामिल
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि संसदीय सचिव व विधायक विनोद सेवनलाल चंद्राकर थे। अध्यक्षता कृषि उपज मंडी के अध्यक्ष हीरा बंजारे ने की। विशेष अतिथि के रूप में सरपंच सुनीता चंद्राकर, देवव्रत चंद्राकर, दिलीप चंद्राकर मौजूद थे। संसदीय सचिव चंद्राकर ने ग्रामवासियों को नवरात्रि पर्व की शुभकामनाएं देते हुए कहा कि नवरात्र में पूरे नौ दिनों तक अनेक धार्मिक कार्यक्रम का आयोजन होता है। उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ की कला संस्कृति हमारी धरोहर है। ऐसे आयोजनों से कलाकारों को भी मंच मिलता है।
उन्होंने कहा कि जब से प्रदेश में भूपेश बघेल मुख्यमंत्री बने हैं तब से
प्रदेश में यहां की संस्कृति को आगे बढ़ाने का काम किया जा रहा है। देश में
छत्तीसगढ़ की संस्कृति की अलग पहचान बनी है। संसदीय सचिव चंद्राकर ने कहा कि खरोरा
में मेडिकल कॉलेज की सौगात मिली है। इससे निश्चित तौर पर गांव को पहचान मिलने के
साथ ही विकास होगा। उन्होंने बताया कि मेडिकल कॉलेज के लिए हरसंभव प्रयास किया गया
तब कहीं जाकर इसकी सौगात मिल सकी है।
कार्यक्रम के दौरान सरपंच व ग्रामवासियों द्वारा खरोरा में मेडिकल कॉलेज की
सौगात मिलने पर मुख्य अतिथि संसदीय सचिव चंद्राकर को स्मृति चिन्ह भेंट कर अभिनंदन
किया गया। कार्यक्रम में प्रमुख रूप से हेमेंद्र चंद्राकर, दुर्गेश चंद्राकर, भास्कर चंद्राकर, लक्की चंद्राकर,
महेंद्र सूर्यवंशी, रामाधर चंद्राकर, कोमल चंद्राकर, भीखम चंद्राकर,
लोकेश चंद्राकर, चंद्रशेखर चंद्राकर, संदीप चंद्राकर, विष्णु यादव, पोखन धीवर,
बद्री पटेल, भीखम धीवर, हेमलता चंद्राकर,
लता चंद्राकर, कंुती यादव, मनोज चंद्राकर,
संजय साहू, चिंताराम पटेला, पंचराम पटेला, कमला धीवर,
प्रेमिन बांदे, राहुल पटेला, तेजराम चंद्राकर, रामधन चंद्राकर,
हरिशंकर चंद्राकर, किशनलाल चंद्राकर, मयाराम चंद्राकर आदि मौजूद थे।